वियना कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य क्या था

  1. वियना संधि या वियना कांग्रेस क्या है ?
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  3. वियना कांग्रेस


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वियना संधि या वियना कांग्रेस क्या है ?

नेपोलियन की हार के बाद 30 मई 1814 को पेरिस की संधि से फ्रांस से वे सभी प्रदेश वापस ले लिये गये जो नेपोलियन और उससे पहले फ्रांस ने यूरोपीय देशों से जीते थे। इन प्रदेशों को दुबारा नए ढंग से विभाजित करने और यूरोप के अन्य देशों की पुनव्र्यवस्था करने के लिये ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, रूस, प्रशा आदि देशों के प्रतिनिधि और राजनीतिज्ञ आस्ट्रिया की राजधानी वियाना में इकठठे हुए। इनका पहला अधिवेशन नवंबर 1814 में हुआ। पर पुनव्र्यवस्था के विषय में इनमें गहरे मतभेद उभर गये। इन मतभेदों की सूचना नेपोलियन को मिली तब वह एल्बा द्वीप से पलायन करके पेरिस लौटा और दुबारा फ्रांस का सम्राट बन गया। पर मित्र राष्ट्रों ने उसे 18 जून 1815 को वाटरलू के युद्ध में दुबारा हरा कर दिया और उसे सेन्ट हेलना द्वीप में भेज दिया गया। इस घटना के बाद ही वियना में एकत्रित राजनीतिज्ञों का कार्य प्रारंभ हुआ । इस राजनीतिज्ञों के सम्मेलन को वियना कांग्रेस कहते है और उन्होंने जो संधि-समझौता किया उसे वियना की संधि कहते है। वियना कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य • 23 वर्षों के लगातार युद्धों के बाद यूरोप में पूरी तरह और स्थायी शांति स्थापित करना। • फ्रांस के चारों ओर ऐसे शक्तिशाली राज्यों का घेरा बनाना जिससे भविष्य में फ्रांस नई क्रांतिकारी विचारों के प्रभाव में आकर अन्य देशों पर पुनः आक्रमण करें तो शक्तिशाली देशों से घिरे होने पर वह ऐसा करने में असमर्थ हो जाये। इससे यूरोप की शांति व्यवस्था और संतुलन बना रहेगा। • नेपोलियन ने कई राज्यों का अंत करके उनको पडौसी राज्यों में मिला दिया था। इन राज्यों और उनके राजवंशों को दुबारा स्थापित करना था।. • यूरोप के देशों को स्वतंत्रता ,समानता, बंधुत्व और लोकतंत्रीय सिद्धांतों से जो क्रांति की देन थे, ...

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

31/245 प्रकाशन काँग्रेस सन्देश रंग आसमानी नीला विद्यार्थी शाखा युवा शाखा महिला शाखा श्रमिक शाखा जालस्थल Election symbol भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, (संक्षिप्त में, भा॰रा॰कां॰) अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, 1947 में स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी से लेकर 2014 तक, 16 आम चुनावों में से, कांग्रेस ने 6 में पूर्ण बहुमत जीता है और 4 में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल 49 वर्षों तक वह केंद्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात अनुक्रम • 1 इतिहास • 1.1 कांग्रेस की स्थापना के पूर्व स्थापित राजनीतिक संगठन • 1.2 स्वतन्त्रता संग्राम • 1.3 स्वतन्त्र भारत • 1.3.1 वर्तमान संरचना तथा परिवारवाद • 2 कांग्रेस के अधिवेशन • 3 अवधारणाएँ और नीतियाँ • 3.1 स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा • 3.2 सुरक्षा और घरेलू मामले • 3.3 विदेश नीति • 4 काँग्रेस की नीतियों का विरोध • 4.1 लोहिया का 'काँग्रेस हटाओ' आन्दोलन • 4.2 जेपी आन्दोलन • 4.3 भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन • 5 प्रधानमन्त्रियों की सूची • 6 राष्ट्रपतियों की सूची • 7 उपराष्ट्रपतियो की सूची • 8 उपप्रधानमंत्रियो की सूची • 9 लोकसभा अध्यक्षो की सूची • 10 विपक्ष के नेता • 11 इन्हेंभीदेखें • 12 सन्दर्भ • 13 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] कांग्रेस की स्थापना के पूर्व स्थापित राजनीतिक संगठन [ ] संगठन संस्थापक वर्ष स्थान लैंडहोल्डर्स सोसाइटी (ज़मींदारी एसोसिएशन) द्वारकानाथ ठाकुर 1838 कलकत्ता बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी जॉर्ज थॉमसन 1843 कलकत्ता ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन द्वारकानाथ ठाकुर 1851 कलकत्ता मद्रास नेटिव एसोसिएशन गज़ुलु लक्ष्मीनारसु चेट्टी 1849 मद्रास बॉम्बे एसोसिएशन जगन्नाथ शंकशेत 1852 बॉम्बे ईस्ट इं...

वियना कांग्रेस

अनुक्रम • 1 वियना कांग्रेस के समक्ष समस्याएं • 2 वियना कांग्रेस के उद्देश्य एवं कार्यों की समीक्षा करें। • 3 वियना कांग्रेस के सिद्धान्त • 4 वियना कांग्रेस के कार्य • 4.1 नई प्रादेशिक व्यवस्था • 4.2 दास प्रथा का विरोध • 4.3 अंतर्राष्ट्रीय संस्था का निर्माण • 4.4 अंतर्राष्ट्रीय संविधान • 5 वियना कांग्रेस की आलोचना • 6 सबल पक्ष • 7 सन्दर्भ • 8 इन्हेंभीदेखें वियना कांग्रेस के समक्ष समस्याएं [ ] • (१) नेपोलियन ने • (२) नेपोलियन द्वारा विजित क्षेत्रों के साथ किस प्रकार की नीति अपनाई जाए। • (३) कुछ राष्ट्रों ने स्वेच्छा से तो कुछ ने डरकर नेपोलियन का साथ दिया था। इनके साथ कैसा सुलूक किया जाए? • (४) वियना कांग्रेस में मेटरनिक और जार प्रतिक्रियावादी थे, तो कैसलरे एवं तैलरा उदारवादी। ऐसी स्थिति में फ्रांस के साथ किए जाने वाले बर्ताव को लेकर मतभेद भी कायम था। वियना कांग्रेस के उद्देश्य एवं कार्यों की समीक्षा करें। [ ] नेपोलियन के पराजय के पश्चात अस्त व्यस्त यूरोप की पुर्णव्यवस्था तथा परस्पर विभिन्न विरोधि सिद्धान्तों ने समझौता करने के उद्देश्य से 1815 में आस्ट्रिया की राजधानी वियना में एक सम्मेलन का आयोजन किया इसे ही वियना कांग्रेस के नाम से जाना जाता है। नेपोलियन ने अपनी विध्वंस कारी युद्धों से संपूर्ण यूरोप को ध्वस्त कर दिया। अत: उसकी शक्ती को कुचलने के उद्देश्य से इस कांग्रेस का आयोजन किया गया था। वाटरलू के विजेता क्रांति विरोधी थे जो विनिष्ट हो चुका था। उसका वे पुर्णस्थापना करने तथा पुर्णस्थापना व्यवस्थाओं को सुरक्षित रखने के लिए वे कटिबाध्य थे। इसी उद्देश्य से वियना कांग्रेस प्रारंभ हुआ था। जिसमें 19वीं शताब्दी के यूरोपीय राजव्यवस्था की आधार शिला रखी गई थी। नेपोलियन को पारजित कर...