वज्रासन कैसे करते हैं

  1. सुप्त वज्रासन करने की विधि ,फायदे और नुकसान Method , Advantages And Disadvantages Of Doing Supta Vajrasana In Hindi – Sanatan Group
  2. Vajrasana Yoga
  3. वज्रासन करने का तरीका, 10 फायदे व सावधानियां
  4. वज्रासन करने का तरीका और फायदे
  5. वज्रासन कैसे करें और इसके फायदे
  6. सुप्त वज्रासन करने की विधि ,फायदे और नुकसान
  7. वक्रासन कैसे करते हैं? Vakrasana Benefits in Hindi


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सुप्त वज्रासन करने की विधि ,फायदे और नुकसान Method , Advantages And Disadvantages Of Doing Supta Vajrasana In Hindi – Sanatan Group

दोस्तों नमस्कार इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सुप्त वज्रासन क्या है।कैसे किया जाता है और उससे कौन-कौन से लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं। सुप्त वज्रासन क्या है-What Is Supta Vajrasana In Hindi सुप्त वज्रासन यह तीन शब्दों से मिलकर बना है सुप्त अर्थात सोया हुआ। वज्र अर्थात नाड़ी। आसन अर्थात मुद्रा। इस आसन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इसलिए इसे सुप्त वज्रासन कहते हैं। सुप्त वज्रासन, वज्रासन का विस्तृत रूप है। सुप्त वज्रासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से बहुत से लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं इस आसन को करने की विधि। सुप्त वज्रासन विधि |कैसे करें –Steps Of Supta Vajrasana In Hindi 1- वज्रासन में बैठकर हाथों को पीछे भाग में रखकर उनकी सहायता से शरीर को पीछे झुकाते हुए भूमि पर सिर को टिका दीजिए। 2- घुटने मिले हुए हो तथा भूमि पर टिके हुए हों। 3- अब धीरे-धीरे कंधों , गर्दन एवं पीठ को भी भूमि पर टिकाने का प्रयत्न करें। 4- हाथों को जंघाओं पर सीधा रखें। 5- आसन को छोड़ते समय कोहनिया एवं हाथों का सहारा लेते हुए वज्रासन में बैठ जाइए। 6- यह तो हो गई सुप्त वज्रासन करने की विधि अब आइए जानते हैं इससे मिलने वाले लाभ। सुप्त वज्रासन के लाभ फायदे – Benefits Of Supta Vajrasana In Hindi 1- इस आसन को करने से पेट के नीचे वाले भाग में खिंचाव पैदा होता है जिससे बड़ी आत सक्रिय हो जाती है और पाचन संबंधित समस्त प्रकार के विकार दूर हो जाते हैं। जैसे अपच, कब्ज , गैस आदि पेट से संबंधित समस्त प्रकार के विकार दूर होते हैं। 2- जिनका पेट अधिक ढीला ढाला होता है वह यदि नियमित रूप से सुप्त वज्रासन का अभ्यास करते हैं तो उनके पेट में कसाव पैदा हो जाता है। पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है। 3- इस आसन का अभ्यास करने से ...

Vajrasana Yoga

वज्र का अर्थ होता है कठोर और दूसरा यह कि इंद्र के एक शस्त्र का नाम वज्र था। इसस े पैरो ं क ी जँघे ं मजबू त होत ी है । शरी र मे ं रक् त संचा र बढ़त ा है । पाच न क्रिय ा क े लि ए य ह बहु त लाभदाय क है । भोज न पश्चात् य इस ी आस न मे ं कु छ दे र बैठन ा चाहिए। यह टाँगों की माँसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। घुटनों में दर्द होने की स्थिति में यह आसन न करें। विधि : वज्रासन की तीन स्थितियाँ होती हैं। जब कोई वज्रासन की स्थिति में नहीं बैठ पाता, उसके वै‍कल्पिक रूप में अर्धवज्रासन है। इस अर्धवज्रासन में टाँगें मोड़कर एड़ियों के ऊपर बैठा जाता है तथा हाथ को घुटनों कर रखा जाता है। इसे कुछ योगाचार वज्रासन ही मानते हैं। दूसरी स्थिति में पैरों की एड़ी-पंजे को दूर कर पुट्ठे फर्श पर टेक दिए जाते हैं, किंतु दोनों घुटने मिले हुए होना चाहिए, इस स्थिति को भी वज्रासन कहा जाता है। WD तीसरी इसी स्थिति में पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों की हथेलियों को सिर के नीचे एक-दूसरे से क्रास करती हुई कंधे पर रखने को ही हम- सुप्तवज्रासन कहते हैं। वज्रासन में बैठने से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है, इसलिए इसका नाम वज्रासन है। इसके ला भ : इस आसन से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। इससे रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। इससे शरीर में रक्त-संचार समरस होता है और इस प्रकार शिरा के रक्त को धमनी के रक्त में बदलने का रोग नहीं हो पाता। यही एकमात्र ऐसा आसन है जिसे आप खाना खाकर भी कर सकते हैं। इससे भोजन आसानी से पचता है। यह टाँगों की माँसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। सावधान ी : घुटनों में दर्द होने की स्थिति में यह आसन न करें। पिता के महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए हर साल विश्वभर में फादर्स डे (father's day) मनाया जाता है। इस साल ...

वज्रासन करने का तरीका, 10 फायदे व सावधानियां

Vajrasana benefits in hindi : वज्रासन योग के कुछ बेहतरीन आसनों में से एक है। इसका अभ्यास काफी सरल है जिस वजह से इसे बिगनर्स के लिए बेहद काफी उपयोगी माना जाता है। बहुत से लोग तो अपने योग की जर्नी की शुरुआत ही वज्रासन से करते हैं। वज्रासन पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभकारी होता है और यह बॉडी पोस्चर में भी सुधार करता है। साथ ही यह अकेला ऐसा आसन है जिसका अभ्यास भोजन के तुरंत बाद भी किया जा सकता है। भोजन के बाद वज्रासन में बैठने से भोजन को जल्दी पचाने में मदद मिलती है। पाचन को दुरुस्त करने के अलावा वज्रासन मोटपा व कमर दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है। साथ ही यह तनाव व चिंता को भी कम करता है। इजी लाइफ हिंदी के इस आर्टिकल में हम वज्रासन के फायदे (vajrasana benefits in hindi), वज्रासन की विधि व सावधानियों के बारे में जानेंगे। साथ ही वज्रासन (vajrasana in hindi) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको देंगे। इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। • • • • • • • • • • वज्रासन योग क्या है – Vajrasana in Hindi वज्रासन बैठकर किया जाने वाला एक योगासन है। वज्रासन संस्कृत भाषा के दो शब्द वज्र और आसन से मिलकर बना हैं जिसमें “वज्र ” का अर्थ आकाश में चमकने वाली बिजली और “आसन” का अर्थ बैठने की मुद्रा है। इंग्लिश में इस आसन को डायमंड पोज के नाम से भी जाना जाता है। वज्रासन में बैठकर ध्यान व प्राणायाम भी किया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ व फिट रखने के लिए यह एक बेतरीन योगासन है। आगे हम वज्रासन के फायदे के बारे में जानेंगे। वज्रासन करने के फायदे – Vajrasana Benefits in Hindi 1. पाचन तंत्र के लिए वज्रासन के लाभ पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वज्रासन बेहद लाभकारी (vajrasana ke labh) ...

वज्रासन करने का तरीका और फायदे

Vajrasana in Hindi वज्रासन संस्कृत के दो शब्दों वज्र और आसन से मिलकर बना है। जहां वज्र का मतलब डॉयमंड या thunderbolt होता है जबकि आसन का मतलब मुद्रा या pose होता है। इसलिए वज्रासन का अर्थ योगिक मुद्रा से है जो शरीर को हीरे के समान मजबूत बनाता है। वज्रासन को डायमंड पोज (Diamond Pose) या थंडरबोल्ट पोज (Thunderbolt pose) भी कहते हैं। वज्रासन करने से शरीर निरोगी और मजबूत बनता है। वज्रासन पाचन कार्य को सुधारने में सहयोग करता है और पैरों को भी मजबूती प्रदान करता है। यह आसन करने से डाइजेशन की समस्या जड़ से दूर हो जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको वज्रासन करने का तरीका, वज्रासन के फायदे एवं वज्रासन करते समय बरतें सावधानियां के विषय में बताएंगे। वज्रासन में अनुलोग-विलोम, प्राणायाम और सांस लेने एवं छोड़ने से संबंधित अन्य कई योग व्यायाम भी किया जाता है। यह आसन करने से व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत रहती हैं। यह आसन करने के लिए जब व्यक्ति दोनों पैरों को पीछे की ओर मोड़कर बैठता है तो यह पैरों के आसपास खून के बहाव को कम करके पाचन क्षेत्र की तरफ ब्लड के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे कि पेट और पाचन दोनों ठीक रहता है। वज्रासन जितनी आसान मुद्रा लगती है उतनी है नहीं क्योंकि इस आसन को करने में शुरू में हल्का दर्द और दिमाग में बेचैनी होती है लेकिन लगातार अभ्यास से यह परेशानी दूर हो जाती है 1. 2. 3. वज्रासन करने का तरीका – Steps of Vajrasana (Thunderbolt Pose) in Hindi • जमीन पर शरीर को एकदम सीधा करके बैठ जाएं। • अब अपने पैरों के घुटनों पीछे की ओर मोड़ते हुए इस तरह बैठें कि आपके दोनों पैर आपके नितंबों को छू जाएं। • इसके बाद अपने एक हाथ को पहले जंघे पर और दूसरे हाथ को दूसरी ओर के जंघे पर रखें...

वज्रासन कैसे करें और इसके फायदे

दोस्तों आज हम वज्रासन कैसे करें और इसके फायदे इसके बारे में जानने वाले हैं। अगर हम नियमित रूप से फल और सब्जियों का सेवन करते हैं तथा इसके साथ ही साथ अगर आप हेल्दी जूस लेते हैं, तो इससे हमारी सेहत अच्छी रहती है। हमारे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ने लगती है। और मजबूत भी रहती है। दोस्तों अगर हमारे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता यह अच्छी मात्रा में हो, तो कई प्रकार की बीमारियों से हम दूर रहते हैं। रोगों से हमारा बचाव होता है। हमारा शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद होती है। इसके साथ ही साथ हमें योगा का अभ्यास भी करना चाहिए। नियमित रूप से अगर आप योगा करते हैं तो आप हेल्दी रहेंगे। योगा करने से हमारे शरीर का पाचन तंत्र मजबूत रहने में मदद होती है। तथा इससे हमें वजन घटने में मदद होती है। सवेरे जल्दी उठकर हमें मॉर्निंग वॉक करना चाहिए। चलने का योगा करने से हमारे सारे स्नायु मजबूत होते हैं। हमारे शरीर में ऊर्जा बढ़ने में मदद होती है। दोस्तों, वैसे तो योगा के कई प्रकार है। योगा के प्रकार करने से हमारा शरीर तंदुरुस्त रहता है। हमारे शरीर की मांसपेशियां अच्छी रहने में मदद होती है। तो चलिए जानते हैं वज्रासन कैसे करें और इसके फायदे आसन को करने से हमारे शरीर के लिए कौन से कौन से फायदे हो सकते हैं। See also केले का सेवन करने की वजह से हमारे शरीर को कौन-कौन से फायदे और नुकसान हो सकते हैं वज्रासन कैसे करें? : Vajrasan Kaise Karen ? वज्रासन करने से हमारे शरीर के लिए कई प्रकार के फायदे हो सकते हैं। वज्रासन यह खाने से पहले भी किया जा सकता है और खाने के बाद भी वज्रासन किया जा सकता है। तो सबसे पहले जान लेते हैं कि वज्रासन कैसे करते हैं? • वज्रासन करने के लिए एक चादर या फिर मैंट डाल लें और उस पर...

सुप्त वज्रासन करने की विधि ,फायदे और नुकसान

सुप्त वज्रासन करने की विधि ,फायदे और नुकसान- Method , Advantages And Disadvantages Of Doing Supta Vajrasana In Hindi दोस्तों नमस्कार इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सुप्त वज्रासन क्या है।कैसे किया जाता है और उससे कौन-कौन से लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं। सुप्त वज्रासन क्या है-What Is Supta Vajrasana In Hindi सुप्त वज्रासन यह तीन शब्दों से मिलकर बना है सुप्त अर्थात सोया हुआ। वज्र अर्थात नाड़ी। आसन अर्थात मुद्रा। इस आसन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इसलिए इसे सुप्त वज्रासन कहते हैं। सुप्त वज्रासन , वज्रासन का विस्तृत रूप है। सुप्त वज्रासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से बहुत से लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं इस आसन को करने की विधि। सुप्त वज्रासन विधि |कैसे करें– Steps Of Supta Vajrasana In Hindi 1- वज्रासन में बैठकर हाथों को पीछे भाग में रखकर उनकी सहायता से शरीर को पीछे झुकाते हुए भूमि पर सिर को टिका दीजिए। 2- घुटने मिले हुए हो तथा भूमि पर टिके हुए हों। 3- अब धीरे-धीरे कंधों, गर्दन एवं पीठ को भी भूमि पर टिकाने का प्रयत्न करें। 4- हाथों को जंघाओं पर सीधा रखें। 5- आसन को छोड़ते समय कोहनिया एवं हाथों का सहारा लेते हुए वज्रासन में बैठ जाइए। 6- यह तो हो गई सुप्त वज्रासन करने की विधि अब आइए जानते हैं इससे मिलने वाले लाभ। सुप्त वज्रासन के लाभ फायदे – Benefits Of Supta Vajrasana In Hindi 1- इस आसन को करने से पेट के नीचे वाले भाग में खिंचाव पैदा होता है जिससे बड़ी आत सक्रिय हो जाती है और पाचन संबंधित समस्त प्रकार के विकार दूर हो जाते हैं। जैसे अपच, कब्ज , गैस आदि पेट से संबंधित समस्त प्रकार के विकार दूर होते हैं। 2- जिनका पेट अधिक ढीला ढाला होता है वह यदि नियमित रूप से सुप्त वज्रासन का...

वक्रासन कैसे करते हैं? Vakrasana Benefits in Hindi

क्याआपकोपताहैकि Vakrasana Kaise Karte Hai?आजकेसमयमेंबहुतसेलोगमोटापेवपेटसेजुडीसमस्याओंसेपरेशानहैं. इसकाप्रमुखकारणहै, ख़राबजीवनशैली, अमर्यादितखानपान, देरराततकजागना, देरीसेउठना, व्यायामवयोगसेदूरी, असमयभोजन, असंतुलितआहारऔरतेलियपदार्थोंकाअधिकसेवन. इन्हींकारणोंसेपाचनतंत्रसहीनहींरहपाताहैऔरशरीरकोकईतरहकीबिमारियोंकासामनाकरनापड़ताहै. पाचनक्रियाठीकनहोनेपरहमजोभीखानाखातेहैं, वहऊर्जामेंरूपांतरितहोनेकेबजाय, fat मेंबदलजाताहै. इससेमोटापा, कब्ज, तनावसहितकईअसाध्यरोगपैदाहोतेहैं. इनसभीरोगोंसेबचनेकेलिएहमेंवक्रासनकरनाचाहिए. वक्रासनहमारेशरीरकीभौतिक,मानसिक, भावनात्मकएवंआध्यात्मिकशक्तियोंकासंतुलितरखतीहै. वक्रासनसेशरीरपूरीतरहलचीलाएवंनिरोगहोताहै. इसआसनकोप्रतिदिनकरनेसेपेटसेसम्बंधितसमस्याएंदूरहोतीहै. कमरदर्द, गैसआदिरोगोंकोभीदूरकरताहै. यहआसनपाचनकोसुचारूरखनेऔरमोटापाकोकमकरनेकेलिएभीबेहतरआसनमानागयाहै. इसआसनकोप्रतिदिन 3 से 4 बारकरनाचाहिए.इसेहरउम्रकेव्यक्तिकरसकतेहै. वक्रासनजमीनपरबैठकरआरामसेकियाजानेवालाआसनहै. वक्रासनकैसेकरतेहैं? • सबसेपहलेदण्डासनमेंबैठें,फिरदायाँपैरमोड़करबायींजांघकेपासघुटनेसेसटाकररखें (अथवाघुटनेकेऊपरसेदूसरीऔरभीरखसकतेहैं) बायाँपैरसीधारहेगा. • फिरबाएंहाथकोदायेंपैरएवंउदारकेबीचसेलाकरदायेंपैरकेपंजेकेपासरखेंगे. • उसकेबाददाहिनेहाथकोकमरकेपीछेजमीनपरसीधारखकरगर्दनकोघुमाकरदाहिनीऔरकंधेकेऊपरसेमोड़करपीछेकीऔरदेखें. • इसीतरहसेदूसरीतरफभीअभ्यासकरनाहै. • वक्रासनआसनकोप्रतिदिनकमसेकम 4 से 6 बारअभ्यासकरनाचाहिए. इसआसनकोकरनेसेपेटऔर Liver सेसम्बंधितसमस्यादूरहोतीहै. • सुबहकेसमयजबसूर्योदयहोनेकेबादजबमौसमसुहानारहताहै, उससमयकरनाचाहिए. वक्रासनखुलीऔरहवादारकमरेमेंकरें. • वक्रासनधीमीगतिसे, आरामदायकढीलेकपडेपहनकर, वआनंदपूर्वककरनाचाहिए....