वन रैंक वन पेंशन ताजा अपडेट

  1. उलझी वन रैंक
  2. सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 'वन रैंक वन पेंशन' पर केंद्र का फैसला, कही ये बात
  3. ‘वन रैंक वन पेंशन' मामले में SC से केंद्र सरकार को मिली बड़ी राहत/Big relief to the central government from SC in the case of 'One Rank One Pension'
  4. Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed
  5. सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 'वन रैंक वन पेंशन' पर केंद्र का फैसला, कही ये बात
  6. Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed
  7. उलझी वन रैंक
  8. ‘वन रैंक वन पेंशन' मामले में SC से केंद्र सरकार को मिली बड़ी राहत/Big relief to the central government from SC in the case of 'One Rank One Pension'
  9. Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed
  10. उलझी वन रैंक


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उलझी वन रैंक

बता दें कि 'एक रैंक- एक पेंशन' योजना लागू होने से देश में करीब 22 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को लाभ होगा। ये सैनिकों की पुरानी मांग है। इसके तहत एक रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद रिटायर होने वाले सैनिकों कोएकसमान पेंशन मिले। चाहे उनकी रिटायरमेंट की तिथि कोई भी हो। पर अब नए हालातों में मामला लटक सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 'वन रैंक वन पेंशन' पर केंद्र का फैसला, कही ये बात

नई दिल्ली, 16 मार्च: वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) पर केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराते हुए बरकरार रखा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओआरओपी पर नवंबर, 2015 को जारी की गई सरकार की अधिसूचना में हमें संवैधानिक तौर पर कोई कमी नजर नहीं आती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नीति में पांच साल में पेंशन की समीक्षा का प्रावधान है, ऐसे में सरकार एक जुलाई 2019 की तारीख से पेंशन की समीक्षा करे। साथ ही सरकार तीन महीने में बकाया राशि का भुगतान करे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि वन रैंक-वन पेंशन पर सरकार का नोटिफिकेशन मनमाना या किसी संवैधानिक नियम के परे नही हैं। बता दें कि पूर्व सैनिकों की एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में वन रैंक वन पेंशन नीति से नाखुशी जताई थी। संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस नीति से वन रैंक वन पेंशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। अलग-अलग समय पर रिटायर हुए लोगों को अलग पेंशन मिल रही है। ऐसे में हर साल समीक्षा होनी चाहिए ना कि पांच साल में समीक्षा की जाए।

‘वन रैंक वन पेंशन' मामले में SC से केंद्र सरकार को मिली बड़ी राहत/Big relief to the central government from SC in the case of 'One Rank One Pension'

• Kurukshetra: क्या मांझी ने 2024 चुनाव से पहले Nitish Kumar का पूरा खेल बिगाड़ दिया ? • Muqabla: तूफान से कितना नुकसान, राहत का क्या है एक्शन प्लान? • Ghaziabad Online Conversion: गाजियाबाद आनलाइन केस में हो गया बड़ा खुलासा • Cyclone Biparjoy Update: चक्रवात का 'आपात'...गुजरात-महाराष्ट्र में रेड अलर्ट • Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में आज हरियाणा बंद, जानें अपडेट्स • • 8वें फ्लोर से गिरकर 4 साल के मासूम की मौत, घर में सोते रहे मां-बाप, आधे घंटे बाद हुई खबर • कर्नाटक के सभी मंत्रियों की 21 जून को दिल्ली में होगी परेड, आखिर क्या है वजह? • ट्विटर पर भिड़े जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे? नेहरू म्यूजियम को लेकर शुरू हुआ था विवाद • जैश ए मोहम्मद के 5 आतंकियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मजदूर की हत्या में थे शामिल • जेल में बंद महाठग सुकेश की रेलमंत्री से अपील- ओडिशा रेल हादसे के पीड़ितों के लिए 10 करोड़ का दान स्वीकार करें • • चीन करवा रहा दुनिया भर में साइबर हमले, अमेरिका की रिपोर्ट ने मचाई कई देशों में खलबली • रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान ढूंढ़ने यूक्रेन पहुंचा था अफ्रीकी प्रतिनिधि मंडल, इसी दौरान रूस ने कर दिया हमला • "अमेरिका के साथ आ जाए हिंदुस्तान...तो मिलकर जीत लेंगे धरती और आसमान", अंतरिक्ष में होने वाला है नया सबेरा • "एक लाख करोड़ के पार पहुंचा आत्मनिर्भर भारत का रक्षा उत्पादन, मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतें भी हो रही पूरी" • बिपरजॉय से बर्बाद होने वाला था पाकिस्तान, मगर बचाने आ गया हिंदुस्तान! • • Bigg Boss OTT 2: ग्रैंड लॉन्च के मौके पर सलमान खान ने मारी ग्रैंड एंट्री, छा गए 'भाईजान' • शिव भक्तों के लिए बॉलीवुड का बड़ा सरप्राइज, जानिए कब रिलीज होगी 'लव यू श...

Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि इस फैसले में न तो कोई संवैधानिक कमी है और न ही यह मनमाना है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा, खुली अदालत में समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के आग्रह को खारिज कर दिया गया है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से देखा है। समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं दिखा। कोर्ट ने केंद्र द्वारा अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन सिद्धांत को 16 मार्च को फैसले में बरकरार रखा था। न्यायालय ने कहा था कि भगत सिंह कोश्यारी समिति की रिपोर्ट 10 दिसंबर, 2011 को राज्यसभा में पेश की गई थी। यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मांग का कारण, संसदीय समिति के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। समिति की रिपोर्ट में सशस्त्र बलों से संबंधित कर्मियों के लिए ओआरओपी को अपनाने का प्रस्ताव किया गया था। न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट को सरकारी नीति के एक बयान के रूप में नहीं माना जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 'वन रैंक वन पेंशन' पर केंद्र का फैसला, कही ये बात

नई दिल्ली, 16 मार्च: वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) पर केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराते हुए बरकरार रखा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओआरओपी पर नवंबर, 2015 को जारी की गई सरकार की अधिसूचना में हमें संवैधानिक तौर पर कोई कमी नजर नहीं आती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नीति में पांच साल में पेंशन की समीक्षा का प्रावधान है, ऐसे में सरकार एक जुलाई 2019 की तारीख से पेंशन की समीक्षा करे। साथ ही सरकार तीन महीने में बकाया राशि का भुगतान करे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि वन रैंक-वन पेंशन पर सरकार का नोटिफिकेशन मनमाना या किसी संवैधानिक नियम के परे नही हैं। बता दें कि पूर्व सैनिकों की एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में वन रैंक वन पेंशन नीति से नाखुशी जताई थी। संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस नीति से वन रैंक वन पेंशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। अलग-अलग समय पर रिटायर हुए लोगों को अलग पेंशन मिल रही है। ऐसे में हर साल समीक्षा होनी चाहिए ना कि पांच साल में समीक्षा की जाए।

Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि इस फैसले में न तो कोई संवैधानिक कमी है और न ही यह मनमाना है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा, खुली अदालत में समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के आग्रह को खारिज कर दिया गया है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से देखा है। समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं दिखा। कोर्ट ने केंद्र द्वारा अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन सिद्धांत को 16 मार्च को फैसले में बरकरार रखा था। न्यायालय ने कहा था कि भगत सिंह कोश्यारी समिति की रिपोर्ट 10 दिसंबर, 2011 को राज्यसभा में पेश की गई थी। यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मांग का कारण, संसदीय समिति के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। समिति की रिपोर्ट में सशस्त्र बलों से संबंधित कर्मियों के लिए ओआरओपी को अपनाने का प्रस्ताव किया गया था। न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट को सरकारी नीति के एक बयान के रूप में नहीं माना जा सकता।

उलझी वन रैंक

बता दें कि 'एक रैंक- एक पेंशन' योजना लागू होने से देश में करीब 22 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को लाभ होगा। ये सैनिकों की पुरानी मांग है। इसके तहत एक रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद रिटायर होने वाले सैनिकों कोएकसमान पेंशन मिले। चाहे उनकी रिटायरमेंट की तिथि कोई भी हो। पर अब नए हालातों में मामला लटक सकता है।

‘वन रैंक वन पेंशन' मामले में SC से केंद्र सरकार को मिली बड़ी राहत/Big relief to the central government from SC in the case of 'One Rank One Pension'

• Kurukshetra: क्या मांझी ने 2024 चुनाव से पहले Nitish Kumar का पूरा खेल बिगाड़ दिया ? • Muqabla: तूफान से कितना नुकसान, राहत का क्या है एक्शन प्लान? • Ghaziabad Online Conversion: गाजियाबाद आनलाइन केस में हो गया बड़ा खुलासा • Cyclone Biparjoy Update: चक्रवात का 'आपात'...गुजरात-महाराष्ट्र में रेड अलर्ट • Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में आज हरियाणा बंद, जानें अपडेट्स • • 8वें फ्लोर से गिरकर 4 साल के मासूम की मौत, घर में सोते रहे मां-बाप, आधे घंटे बाद हुई खबर • कर्नाटक के सभी मंत्रियों की 21 जून को दिल्ली में होगी परेड, आखिर क्या है वजह? • ट्विटर पर भिड़े जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे? नेहरू म्यूजियम को लेकर शुरू हुआ था विवाद • जैश ए मोहम्मद के 5 आतंकियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मजदूर की हत्या में थे शामिल • जेल में बंद महाठग सुकेश की रेलमंत्री से अपील- ओडिशा रेल हादसे के पीड़ितों के लिए 10 करोड़ का दान स्वीकार करें • • चीन करवा रहा दुनिया भर में साइबर हमले, अमेरिका की रिपोर्ट ने मचाई कई देशों में खलबली • रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान ढूंढ़ने यूक्रेन पहुंचा था अफ्रीकी प्रतिनिधि मंडल, इसी दौरान रूस ने कर दिया हमला • "अमेरिका के साथ आ जाए हिंदुस्तान...तो मिलकर जीत लेंगे धरती और आसमान", अंतरिक्ष में होने वाला है नया सबेरा • "एक लाख करोड़ के पार पहुंचा आत्मनिर्भर भारत का रक्षा उत्पादन, मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतें भी हो रही पूरी" • बिपरजॉय से बर्बाद होने वाला था पाकिस्तान, मगर बचाने आ गया हिंदुस्तान! • • 'द फ्लैश' में बैरी के कमरे में दिखा हनुमान जी का पोस्टर, फिल्म देख भूल जाएंगे Adipurush का VFX • Bigg Boss OTT 2: ग्रैंड लॉन्च के मौके पर सलमान खान ने मारी ग्रैंड ...

Update Review petition against One Rank One Pension decision dismissed

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि इस फैसले में न तो कोई संवैधानिक कमी है और न ही यह मनमाना है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा, खुली अदालत में समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के आग्रह को खारिज कर दिया गया है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से देखा है। समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं दिखा। कोर्ट ने केंद्र द्वारा अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन सिद्धांत को 16 मार्च को फैसले में बरकरार रखा था। न्यायालय ने कहा था कि भगत सिंह कोश्यारी समिति की रिपोर्ट 10 दिसंबर, 2011 को राज्यसभा में पेश की गई थी। यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मांग का कारण, संसदीय समिति के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। समिति की रिपोर्ट में सशस्त्र बलों से संबंधित कर्मियों के लिए ओआरओपी को अपनाने का प्रस्ताव किया गया था। न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट को सरकारी नीति के एक बयान के रूप में नहीं माना जा सकता।

उलझी वन रैंक

बता दें कि 'एक रैंक- एक पेंशन' योजना लागू होने से देश में करीब 22 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को लाभ होगा। ये सैनिकों की पुरानी मांग है। इसके तहत एक रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद रिटायर होने वाले सैनिकों कोएकसमान पेंशन मिले। चाहे उनकी रिटायरमेंट की तिथि कोई भी हो। पर अब नए हालातों में मामला लटक सकता है।