वन्य प्राणी संरक्षण क्यों आवश्यक है

  1. वन्य प्राणियों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?
  2. पर्यावरण संरक्षण के लिये वन्य जीव संरक्षण आवश्यक
  3. वन्य जीव संरक्षण क्यों आवश्यक है?
  4. पौधों और जानवरों का संरक्षण क्यों जरूरी है? – ElegantAnswer.com
  5. 5 वन्य प्राणी संरक्षण कानून क्या है? – ElegantAnswer.com


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वन्य प्राणियों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

Table of Contents • • • • • प्राकृतिक सन्तुलन वन्य जीव प्राकृतिक सन्तुलन स्थापित करते हैं। ये विभिन्न तरीके से पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखते है। एक भी जीव की जाति नष्ट होने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाता है। प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने से मानव जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसलिए इनका संरक्षण करना बहुत जरुरी है। वैज्ञानिक शोधकार्य बहुत सी बीमारियों के शोध के लिए वन्य जोवो का उपयोग वैज्ञानिक अपने कार्यों में करते है। आर्थिक महत्व वन्य जीवो से कई आर्थिक महत्व के उत्पाद जैसे-दाँत, त्वचा, सींग आदि प्राप्त होते हैं, जिनसे अनेक उपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं। जो मानव उपयोग में लाता है। मनोरंजन वन्य जीवो के आवास के लिए नेशनल पार्क तथा चिड़ियाघर बनाये जाते है वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने से आनन्द की प्राप्ति होती है। धार्मिक तथा सांस्कृतिक मूल्य अनेक देशो में विशेष प्रकार के जानवरो को पूजा जाता है इनके साथ धार्मिक भावनाएँ तथा सांस्कृतिक भावनाएँ भी जुड़ी हैं। कई देश वन्य जीवो को अपना राष्ट्रिय प्रतिक मानते है।

पर्यावरण संरक्षण के लिये वन्य जीव संरक्षण आवश्यक

विकास की दौड़ में इंसान इतनी तेजी से आगे निकल चुका है, कि कई अहम चीजों को नजरअंदाज कर चुका है, वो ये भूल चुका है कि अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिये, उसको उन सभी का संतुलन बनाए रखना होगा, जो उसे प्राकृतिक रूप से मिलता है, जिसे हम पारिस्थितिकी तंत्र या इकोसिस्टम कहते हैं। आज मानवजाति का अस्तित्व इसीलिये भी खतरे में है क्योंकि इंसान ने पारिस्थितिकी तंत्र को ही बिगाड़ दिया है। बढ़ती आबादी और जंगलों में होते शहरीकरण ने मानव जाति को पतन की ओर धकेल दिया है। इंसान स्वार्थी बन खुद से इतना प्रेम करने लगा है कि वह उन साधनों के स्रोत को ही भूल चुका है, जिसके बिना उसका जीवन असम्भव है। जंगलों को काटना शुरू किया, तो वन्य जीवों को भूल गया। मानव-जाति की ये दखल अंदाजी वन्य जीवों को बेघर करती चली गई। अतिक्रमण से परेशान वन्य जीव आबादी वाले इलाके में जाने लगे, वन्य जीवों का भटकना भी इंसान को नापसंद आया और धीरे-धीरे हालात इतने खराब हो गए कि वन्य जीवों की कुछ जातियाँ तो हमारा शिकार हुईं, कुछ प्राकृतिक आवास पर अतिक्रमण की वजह से लुप्त हो गईं, तो कई पारिस्थितिकी तंत्र में आए बदलाव की वजह से विलुप्त हो गईं, तो कुछ लुप्त होने की कगार पर हैं। वन्य जीवों के लुप्त होने के दो कारण हैं एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय फिर भी प्राकृतिक कारण, मानवीय कारणों की तुलना में कम हानिकारक सिद्ध हुए। वो इसलिये क्योंकि प्राकृतिक कारक एक धीमी प्रक्रिया है। जैसे डायनासोर का लुप्त होना, ये करीब 7 करोड़ वर्ष पहले हुआ और सत्रहवीं शताब्दी से आज तक 120 पक्षी प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। इसीलिए वन्य जीवन को ज्यादा नुकसान पहुँचाने वाले हम इंसान ही हैं। वन्यजीवों की असंख्य प्रजाति या तो लुप्त हो चुकी है या लुप्त होने की कगार प...

वन्य जीव संरक्षण क्यों आवश्यक है?

वन्य जीव संरक्षण जंगल में जंगली जानवर पारिस्थितिक तन्त्र के जैविक घटक (biotic factors) होते हैं। ये जंगल में विभिन्न जीवों की संख्या को सीमित रखने में सहायक होते हैं। यदि इन्हें नष्ट कर दिया जायेगा तो जंगल में अन्य जीवों की संख्या में अचानक परिवर्तन आ जायेगा, जिससे वहाँ पारिस्थितिक तन्त्र में असन्तुलन की स्थिति आ जायेगी। जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम निम्नवत् हैं – • ZSI (Zoological Survey of India) – जुलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया का प्रमुख उद्देश्य जन्तुओं का सर्वेक्षण, अनुसंधान तथा पर्यवेक्षण है। • IBWL (Indian Board for Wildlife) – वन्य जीवन भारतीय परिषद् का गठन भी वन्य जीवों के संरक्षण के लिये ही किया गया। इसका प्रमुख कार्य राष्ट्रीय उद्यानों, जन्तु विहारों तथा चिड़ियाघरों द्वारा जन्तुओं का संरक्षण करना है। • भारतीय संविधान में जंगली जीवों के शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। • अनाधिकृत रूप से जंगलों को काटने पर रोक लगायी गयी है। • वृक्षारोपण का कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। • भारतीय जन्तु सर्वेक्षण विभाग द्वारा संकटग्रस्त जातियों का अध्ययन किया जा रहा है जिसे लाल आँकड़े की किताब (Red Data Book) में सूचीबद्ध किया जा रहा है।

पौधों और जानवरों का संरक्षण क्यों जरूरी है? – ElegantAnswer.com

पौधों और जानवरों का संरक्षण क्यों जरूरी है? इसे सुनेंरोकेंवन्यजीव उन जानवरों का प्रतिनिधित्व करता है जो पालतू या समझदार नहीं हैं। वे सिर्फ जंगली जानवर हैं और पूरी तरह से जंगल के माहौल में रहते हैं। ऐसे जानवरों और पौधों की प्रजातियों का संरक्षण जरूरी है ताकि वे विलुप्त होने के खतरे से बाहर हो सकें, और इस पूरी क्रिया को ही वन्यजीव संरक्षण कहा जाता है। किसी अंचल के जीव वैचित्र्य का संरक्षण करना क्यों उचित है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: Explanation: संरक्षण जीव विज्ञान प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता का प्रबंधन है जिसका उद्देश्य प्रजातियों, उनके आवासों और पारिस्थितिक तंत्रों को विलुप्त होने की अत्यधिक दरों और जैविक बातचीत के क्षरण से बचाने के उद्देश्य से है। पौधों और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित एवं सुरक्षित स्थान कौन कौन से हैं? इसे सुनेंरोकेंपौधे और जीव-जन्तू निसर्ग के अभिन्न अंग है। पौधे और वन्यजीवों के लिए अत्यंत सुरक्षित स्थान है वन्य-जीव अभ्यारण जहाँ पशु-पक्षी, पेड़-पौधे सुरक्षित रह सकते हैं। और जहाँ इन्हें संरक्षित किया जा सकता है वो जगह है चिडियाघर। वन्य प्राणी संरक्षण क्यों आवश्यक है वन्य प्राणी संरक्षण के उपाय बताइए? इसे सुनेंरोकेंवन्य प्राणियों को बचाने के लिए नेशनल पार्क गए है और उनके अस्तित्व को बचाने के लिए लोगों को सजक रहना चाहिए। अगर किसी भी तरह के पशु या पक्षी विलुप्त होते है तो इसकी हानि जंगल में लगभग हर जीव को महसूस होती है। (1) वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों को बिना नुकसान पहुंचाये नियंत्रित करना। ख संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं क्यों? इसे सुनेंरोकेंसंरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि इनके आस-...

5 वन्य प्राणी संरक्षण कानून क्या है? – ElegantAnswer.com

5 वन्य प्राणी संरक्षण कानून क्या है? इसे सुनेंरोकेंवन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत जंगल के पेड़-पौधों को तोड़ना या काटना मना है. इसके साथ ही वन्यजीवों के शरीर, अंग और चमड़ों का व्यापार करना, सजावट के तौर पर इस्तेमाल करना पूरी तरह प्रतिबंधित है. Schedule 1 में आने वाले जानवरों को highly endangered माना जाता है. बाघ, चिंकारा, ब्लैक बक आदि इसी श्रेणी में आते हैं धारा 9 51 क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 6 साल की सज़ा का प्रावधान है। उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9/51 के तहत दोषी पाया गया। वैसे काले हिरण के शिकार के मामले में इस अधिनियम की धारा 149 के तहत सात साल अधिकतम सज़ा का प्रावधान है। वन्यजीव संवर्धन कितना आवश्यक और क्यों? इसे सुनेंरोकेंअब उन सभी के जीवन को बचाए रखना आवश्यक है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत वन्यजीवों के शिकार के खिलाफ कानूनी संरक्षण प्रदान किया गया है जिसमें उनके शोषण और वाणिज्यिक शोषण शामिल हैं। सुरक्षा और खतरे की स्थिति के अनुसार जंगली जानवरों को कानून के विभिन्न कार्यक्रमों में रखा गया है भारतीय वन्य जीवन अधिनियम सर्वप्रथम कब लागू किया गया? इसे सुनेंरोकेंसरकार ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 को देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया था। जनवरी 2003 में अधिनियम में संशोधन किया गया था और सजा और अधिनियम के तहत अपराधों के लिए जुर्माना और अधिक कठोर बना दिया है। भारत में शिकार पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया? इसे सुनेंरोकेंअवैध शिकार के कारण जीवों की कई जातियाँ या तो लुप्त हो गई हैं या संकटापन्न है। प्राचीन-काल क...