वर्ण एवं मात्रा पर टिप्पणी लिखिए।

  1. वर्ण विभाग – वर्णमाला की परिभाषा एवं उनके भेद हिन्दी व्याकरण – Varna In Hindi
  2. एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ
  3. वर्ण विचार एवं उच्चारण स्थान, Studymaterial: ICSE Class 6 SANSKRIT, संस्कृत व्याकरण
  4. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  5. वर्ण विभाग
  6. Varn Vichchhed in Hindi
  7. वर्ण विच्छेद क्या होता है? उदाहरण एवं स्वर एवं व्यंजन शब्दों के विच्छेद
  8. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  9. एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ
  10. वर्ण विभाग


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वर्ण विभाग – वर्णमाला की परिभाषा एवं उनके भेद हिन्दी व्याकरण – Varna In Hindi

वर्ण विभाग – वर्णमाला की परिभाषा एवं उनके भेद हिन्दी व्याकरण – Varna In Hindi वर्ण विभाग – वर्णमाला की परिभाषा एवं उनके भेद हिन्दी व्याकरण – Varna In Hindi Varna In Hindi: भाषा के द्वारा मनुष्य अपने भावों-विचारों को दूसरों के समक्ष प्रकट करता है तथा दूसरों के भावों-विचारों को समझता है। अपनी भाषा को सुरक्षित रखने और काल की सीमा से निकालकर अमर बनाने की ओर मनीषियों का ध्यान गया। वर्षों बाद मनीषियों ने यह अनुभव किया कि उनकी भाषा में जो ध्वनियाँ प्रयुक्त हो रही हैं , उनकी संख्या निश्चित है और इन ध्वनियों के योग से शब्दों का निर्माण हो सकता है। बाद में इन्हीं उच्चारित ध्वनियों के लिए लिपि में अलग-अलग चिह्न बना लिए गए , जिन्हें वर्ण कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला – Varna Mala In Hindi वर्गों के समूह या समुदाय को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में वर्गों की संख्या 45 है। संस्कृत वर्णमाला में एक और स्वर ऋ है। इसे भी सम्मिलित कर लेने पर वर्णों की संख्या 46 हो जाती है। इसके अतिरिक्त , हिन्दी में अँ , ड , ढ़ और अंग्रेज़ी से आगत ऑ ध्वनियाँ प्रचलित हैं। अँ अं से भिन्न है , ड ड से , ढ ढ से भिन्न है , इसी प्रकार ऑ आ से भिन्न ध्वनि है। वास्तव में इन ध्वनियों (अँ , ड , ढ , ऑ) को भी हिन्दी वर्णमाला में सम्मिलित किया जाना चाहिए। इनको भी सम्मिलित कर लेने पर हिन्दी में वर्गों की संख्या 50 हो जाती है। हिन्दी वर्णमाला दो भागों में विभक्त है- स्वर और व्यंजन। स्वर वर्ण – Swar Varna In Hindi जिन ध्वनियों के उच्चारण में हवा मुख-विवंर से अबाध गति से निकलती है , उन्हें स्वर कहते हैं। स्वर तीन प्रकार के होते हैं , जो निम्न हैं- 1. मूल स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में कम-से-कम समय लगता है , अर्थात् जिनके उच्चारण में...

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ से संबंधित प्रश्न उत्तर और अभ्यास प्रश्न सीबीएसई सत्र 2023-2024 के लिए यहाँ दिए गए हैं। वर्ण और मात्राएँ हिंदी लिखने व पढ़ने दोनों में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मात्राओं का अच्छा ज्ञान हिंदी भाषा में विद्यार्थियों की अच्छी पकड़ बनाने में मददगार सिद्ध होती है। मात्राओं और वर्णों के अधिक अभ्यास के लिए पाठ के अंत में दिए गए प्रश्नों को अवश्य करें।

वर्ण विचार एवं उच्चारण स्थान, Studymaterial: ICSE Class 6 SANSKRIT, संस्कृत व्याकरण

वर्ण विचार एवं उच्चारण स्थान स्वर इसअध्यायमेंहमवर्णविचारकेबारेमेंचर्चाकरेगें।वर्णक्याहैं, इसकेकितनेभेदहैंआदि। वर्ण मुखसेनिकलनेवालीवहछोटी- से- छोटीइकाईजिसकेटुकड़ेनकिएजासकें अक्षर कहलातीहै। " नक्षरन्तिइतिअक्षर:" जिसकाक्षरण( नष्ट) नहोसकेवहहैअक्षर।तथाइसकेलिखितरुपकोवर्णकहतेहैं। जैसे : अ, इ, आ, ई, उ, ऊ, क, ख, आदि। वर्णकोहमतीनप्रकारसेवर्गीकृतकरसकतेहैं। 1. स्वर 2. व्यञ्जन 3. अयोगवाह संस्कृतमें13 स्वर, 33 व्यञ्जनतथा3 अयोगवाहहोतेहैं। स्वर ऐसेवर्णजिनकाउच्चारणस्वतंत्ररुपसेकियाजासके, स्वरकहलातेहैं। जैसे : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आपसभीस्वरोंकाउच्चारणकरेगेंतोमहसूसकरेगेंकिस्वरको( उच्चारणकेआधारपर) तीनरुपोंमेंवर्गीकृतकियाजासकताहै। स्वरोंकेभेद 1. हृस्व 2. दीर्घ 3. प्लुत 1. हृस्वस्वर वेस्वरजिनकेउच्चारणमें एकमात्रा कासमयलगताहै, हृस्वस्वरकहलातेहैं। जैसे : अ, इ, उ, ऋ, लृ होसकताहै' मात्रा' शब्दसेआपकापरिचयनहो। मात्रा − वर्णोंकेउच्चारणमेंलगनेवालेसमयकोमात्राकहतेहैं।अथवा, स्वरोंकेप्रतीककोभीमात्राकहतेहैं। 2. दीर्घस्वर वेस्वरजिनकेउच्चारणमें दोमात्रा कासमयलगताहै, दीर्घस्वरकहलातेहैं। जैसे : आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ आपहृस्वतथादीर्घस्वरोंकोखुदबोलकरभीइनकेबीचकाअन्तरसमझपाएंगे। 3. प्लुतस्वर वेस्वरजिनकेउच्चारणमें तीनमात्रा कासमयलगे, प्लुतस्वरकहलातेहैं। जैसे : ओउम् प्लुतस्वरको' ऊँ' सेचिन्हितकियाजाताहै। स्वर हृस्व- अ, इ, उ, ऋ, लृ= 5 दीर्घ- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ= 8 इसअध्यायमेंहमवर्णविचारकेबारेमेंचर्चाकरेगें।वर्णक्याहैं, इसकेकितनेभेदहैंआदि। वर्ण मुखसेनिकलनेवालीवहछोटी- से- छोटीइकाईजिसकेटुकड़ेनकिएजासकें अक्षर कहलातीहै। " नक्षरन्तिइतिअक्षर:" जिसकाक्षरण( नष्ट) नहोसकेवहहैअक्षर।तथाइसकेलिखितरुपकोवर्णकहतेहैं। जैसे : अ, इ, आ, ई, उ, ऊ, क,...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो भाषा की सबसे लघुतम इकाई वर्ण है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इस के टुकड़े नहीं किए जा सकते जैसे – क् ,प् , ख् , च ,आदि वर्णमाला (Alphabet ) किसी भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं। जिसमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लिखने के आधार पर 52 प्रकार के वर्ण माने गए हैं। 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन है। वर्ण के भेद वर्ण के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं – १ स्वर , २ व्यंजन। 1 स्वर – वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्णों की सहायता नहीं पड़ती उन्हें वर्ण कहते हैं। हिंदी वर्णमाला के अनुसार स्वर की संख्या 13 है। • ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उसे हर स्वर्ग कहते हैं जैसे – अ ,इ ,उ ,। • दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व व स्वर से दुगना समय या अ...

वर्ण विभाग

अनुक्रम • 1 वर्णमाला • 2 मात्राएँ • 3 व्यंजन • 3.1 स्पर्श • 3.2 अंतःस्थ • 3.3 ऊष्म वर्ण • 4 सयुंक्त व्यंजन • 5 अनुस्वार • 6 विसर्ग • 7 चंद्रबिंदु • 8 हलंत • 9 वर्णों के उच्चारण-स्थान • 10 उच्चारण स्थान तालिका • 11 पाश्रविक वर्ण वर्णमाला [ ] वर्णों के समुदाय को ही वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 52 वर्ण हैं। उच्चारण और प्रयोग के आधार पर हिन्दी वर्णमाला के दो भेद किए गए हैं: (क) स्वर (ख) व्यंजन उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के चार भेद किए गए हैं: • हृस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। • दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ दीर्घ स्वर के उदाहरण है। • संयुक्त स्वर - दो भिन्न प्रकृति (विजातीय) स्वरों के मिलने से जो स्वर बनते है, उन्हें संयुक्त स्वर कहते है। • प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है। मात्राएँ [ ] स्वरों के बदले हुए स्वरूप को मात्रा कहते हैं स्वरों की मात्राएँ निम्नलिखित हैं: स्वर मात्राएँ शब्द अ × कम आ ा काम इ ि किसान ई ी खीर उ ु गुलाब ऊ ू भूल ऋ ृ तृण ए े केश ऐ ै है ओ ो चोर औ ौ चौखट अ वर्ण (स्वर) की कोई मात्रा नहीं होती। व्यंजनों का अपना स्वरूप निम्नलिखित हैं: क् च् छ् ज् झ् त् थ् ध् आदि। अ लगने पर व्यंजनों के नीचे का (हल) चिह्न हट जाता है। तब ये इस प्रकार लिखे जाते हैं: क च छ ज झ त थ ध आदि। व्यंजन [ ] जिन वर्णों के पूर्ण उच्चारण के लिए स्वरों की सहायता ल...

Varn Vichchhed in Hindi

हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘ वर्ण विच्छेद की परिभाषा और उदाहरण – Varn Vichchhed in Hindi Examples वर्ण विच्छेद – (Letter-disjoint) वर्ण विच्छेद की परिभाषा वर्ण-विच्छेद से तात्पर्य है-किसी भी शब्द या ध्वनि समूह के वर्णों को पृथक्-पृथक् कर लिखना। जैसे-निम्नलिखित शब्दों के वर्ण-विच्छेद पर ध्यान दें : वर्ण विच्छेद की उदाहरण कमल = क् + अ + म् + अ + ल् + अ महाराज = म् + अ + ह् + आ + र् + आ + ज् + अ मेहमान = म् + ए + ह् + अ + म् + आ + न् + अ पर्यावरण = प् + अ + र् + य् + आ + व् + अ + र् + अ + ण् + अ मक्खन = म् + अ + क् + ख् + अ + न् + अ प्रधानाध्यापक = प् + र् + अ + ध् + आ + न् + आ + ध् + य् + आ + प् + अ + क् + अ संस्कृति = स् + अं + स् + क् + ऋ + त् + इ शीतलता = श् + ई + त् + अ + ल् + अ + त् + आ न्योछावर = न् + य् + ओ + छ् + आ + व् + अ + र् + अ प्रकृति = प् + र् + अ + क् + ऋ + त् + इ सर्वाधिक = स् + अ + र् + व् + आ + ध् + इ + क् + अ अर्जुन = अ + र् + ज् + उ + न् + अ क्षत्रिय = क् + ष् + अ + त् + र् + इ + य् + अ ज्ञानी = ज् + ञ् + आ + न् + ई वर्ण-विच्छेद करने से पूर्व निम्नलिखित तथ्यों को जानना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है : सभी व्यंजनों की संरचना का ज्ञान होना। सभी स्वरों की मात्राओं का ज्ञान होना। प्रायः ‘इ’ की मात्रा का वर्ण-विच्छेद करने में त्रुटि की संभावना देखी जाती है। यह मात्रा लिखी पहले जाती है, किंतु बोली बाद में जाती है। अतः ध्यान रहे कि हमेशा वर्ण-विच्छेद उच्चारण के अनुसार होना चाहिए न कि लिखित स्वरूप के अनुसार; जैसे-‘किनारा’ शब्द में ‘इ’ की मात्रा (f)...

वर्ण विच्छेद क्या होता है? उदाहरण एवं स्वर एवं व्यंजन शब्दों के विच्छेद

वर्ण कितने प्रकार के होते हैं ? वर्ण दो तरह के होते हैं – 1) स्वर 2) व्यञ्जन स्वर या व्यञ्जन को अलग करना ही वर्ण-विच्छेद कहलाता है । इसके लिए हमें स्वरों की मात्राओं की जानकारी होना बहुत जरुरी है। उस मात्रा के स्थान पर उस स्वर (अ, आ, इ, ई आदि) को प्रयोग में लाया जाता है जिसकी वह मात्रा होती है। उदाहरण – निधि शब्द का मात्रा विच्छेद होगा – न् + ि + ध् + ि निधि शब्द का वर्ण विच्छेद होगा – न् + इ + ध् + इ स्वर अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ इसकी कोई मात्रा नहीं होती। ा ि ी ु ू ृ े ै ो ौ उदाहरण अनार आम इमली लकड़ी पुल फूल ऋषि देश पैसा लोटा मौत ‘ अ ’ स्वर के कुछ उदाहरण कथन = क् + अ + थ् + अ + न् + अ कमल = क् +अ + म् + अ + ल् + अ ‘ आ ’ स्वर के उदाहरण मामा = म् + आ + म् + आ आज्ञा=आ + ज् + ञ् + आ ‘ इ ’ स्वर के उदाहरण किला = क् + इ + ल् + आ किसान = क् + इ + स् + आ + न् + अ ‘ ई ’ स्वर के उदाहरण मीठा = म् + ई + ठ् + आ पीला = प् + ई + ल् + आ ‘ उ ’ स्वर के उदाहरण चुनाव = च् + उ + न् + आ + व् + अ गुलाब = ग् + उ + ल् + आ + ब् + अ ‘ ऊ ’ स्वर के उदाहरण फूल = फ् + ऊ + ल् + अ झूला = झ् + ऊ + ल् + आ ‘ ऋ ’ स्वर के उदाहरण गृह = ग् + ऋ + ह् + अ नृत्य = न् + ऋ + त् + य् + अ ‘ ए ’ स्वर के उदाहरण देश = द् + ए + श् + अ ठेला = ठ् + ए + ल् + आ ‘ ऎ ’ स्वर के उदाहरण मैदान = म् + ऐ + द् + आ + न् + अ फैशन = फ् + ऐ + श् + अ + न्‌ + अ ‘ ओ ’ स्वर के उदाहरण गोल = ग् + ओ + ल् + अ ओखली =ओ + ख् + अ + ल् + ई ‘ औ ’ स्वर के उदाहरण औरत = औ+ र् + अ + त् + अ नौकर= न् + औ + क् + अ + र् +अ उदाहरण • उद्धार = उ + द् + ध् + आ + र्+ अ • ऋषि = ऋ + ष् + इ • ऐनक = ऐ + न् + अ +क्+ अ • औरत = औ+ र् + अ + त् + अ • ध्रुव =ध् +र् +उ+व्+ अ • भं...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो भाषा की सबसे लघुतम इकाई वर्ण है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इस के टुकड़े नहीं किए जा सकते जैसे – क् ,प् , ख् , च ,आदि वर्णमाला (Alphabet ) किसी भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं। जिसमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लिखने के आधार पर 52 प्रकार के वर्ण माने गए हैं। 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन है। वर्ण के भेद वर्ण के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं – १ स्वर , २ व्यंजन। 1 स्वर – वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्णों की सहायता नहीं पड़ती उन्हें वर्ण कहते हैं। हिंदी वर्णमाला के अनुसार स्वर की संख्या 13 है। • ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उसे हर स्वर्ग कहते हैं जैसे – अ ,इ ,उ ,। • दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व व स्वर से दुगना समय या अ...

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 2 वर्ण एवं मात्राएँ से संबंधित प्रश्न उत्तर और अभ्यास प्रश्न सीबीएसई सत्र 2023-2024 के लिए यहाँ दिए गए हैं। वर्ण और मात्राएँ हिंदी लिखने व पढ़ने दोनों में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मात्राओं का अच्छा ज्ञान हिंदी भाषा में विद्यार्थियों की अच्छी पकड़ बनाने में मददगार सिद्ध होती है। मात्राओं और वर्णों के अधिक अभ्यास के लिए पाठ के अंत में दिए गए प्रश्नों को अवश्य करें।

वर्ण विभाग

अनुक्रम • 1 वर्णमाला • 2 मात्राएँ • 3 व्यंजन • 3.1 स्पर्श • 3.2 अंतःस्थ • 3.3 ऊष्म वर्ण • 4 सयुंक्त व्यंजन • 5 अनुस्वार • 6 विसर्ग • 7 चंद्रबिंदु • 8 हलंत • 9 वर्णों के उच्चारण-स्थान • 10 उच्चारण स्थान तालिका • 11 पाश्रविक वर्ण वर्णमाला [ ] वर्णों के समुदाय को ही वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 52 वर्ण हैं। उच्चारण और प्रयोग के आधार पर हिन्दी वर्णमाला के दो भेद किए गए हैं: (क) स्वर (ख) व्यंजन उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के चार भेद किए गए हैं: • हृस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। • दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ दीर्घ स्वर के उदाहरण है। • संयुक्त स्वर - दो भिन्न प्रकृति (विजातीय) स्वरों के मिलने से जो स्वर बनते है, उन्हें संयुक्त स्वर कहते है। • प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है। मात्राएँ [ ] स्वरों के बदले हुए स्वरूप को मात्रा कहते हैं स्वरों की मात्राएँ निम्नलिखित हैं: स्वर मात्राएँ शब्द अ × कम आ ा काम इ ि किसान ई ी खीर उ ु गुलाब ऊ ू भूल ऋ ृ तृण ए े केश ऐ ै है ओ ो चोर औ ौ चौखट अ वर्ण (स्वर) की कोई मात्रा नहीं होती। व्यंजनों का अपना स्वरूप निम्नलिखित हैं: क् च् छ् ज् झ् त् थ् ध् आदि। अ लगने पर व्यंजनों के नीचे का (हल) चिह्न हट जाता है। तब ये इस प्रकार लिखे जाते हैं: क च छ ज झ त थ ध आदि। व्यंजन [ ] जिन वर्णों के पूर्ण उच्चारण के लिए स्वरों की सहायता ल...