वर्ण किसे कहते हैं उदाहरण सहित

  1. छन्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित, चरण, मात्रा, लघु, गुरु के नियम » BasicStudy
  2. वर्ण किसे कहते हैं वर्ण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण सम्पूर्ण जानकारी!
  3. भाषा और वर्ण किसे कहते है
  4. आ से ज्ञा तक A Se Gya Tak अ से ज्ञ तक वर्णमाला Hindi Mein
  5. वर्ण किसे कहते है
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छन्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित, चरण, मात्रा, लघु, गुरु के नियम » BasicStudy

छन्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित, सवैया छंद किसे कहते हैं. छंद कितने प्रकार के होते हैं, चरण, मात्रा, लघु, गुरु के नियम. इस आर्टिकल में छंद की पूरी जानकारी दी गई है. छन्द किसे कहते हैं छन्द की परिभाषा –वाक्य रचना में जब वर्णों अथवा मात्राओं की संख्या, चरण, क्रम, गति, यति, विराम और तुक आदि का नियम माना जाता है, तो वह रचना छन्द कहलाती है। छन्द एक प्रकार से वह साँचा है जिसमें कवि अपने शब्दों को ढाल कर कविता का रूप देता है। पिंगल (छन्द शास्त्र) में छन्दों के भेद, मात्रा, वर्ण, यति, गति, चरण, गण, छन्द का रस, भाव आदि से सम्बन्धित विषयों का विवेचन किया जाता है। छन्द शास्त्र की उत्पत्ति एवं विकास हिन्दुओं के आदिग्रन्थ ‘ऋग्वेद’ के पुरुष सूक्त के नवम् मंत्र में छन्द की उत्पत्ति ईश्वर से बताई गई है। अतः छन्द अपौरुषमेय है। ‘ सामवेद‘ तो एक प्रकार से ‘छन्दशास्त्र’ ही है। उसमें अनेक छन्दों का विस्तृत वर्णन है। वेद के छ: अंगों में छन्द भी एक है। छन्द को वेद-पुरुष का चरण भी माना गया है-“छन्द पादौतु वेदस्य।” लौकिक साहित्य के आदि कवि वाल्मीकि माने गए हैं। अतः वेदों के अतिरिक्त छन्दों का आविर्भाव वाल्मीकि के पश्चात् हुआ होगा क्योंकि उन्होंने अपने ‘पिंगल’ नामक ग्रन्थ में वैदिक तथा लौकिक दोनों प्रकार के छन्दों का व्यापक एवं शास्त्रीय विवेचन किया है। महर्षि पिंगल को संस्कृत साहित्य में छन्दशास्त्र का सर्वप्रथम आचार्य माना जाता है। उनका पिंगल शास्त्र इतना प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हुआ कि परवर्ती आचार्यों ने पिंगल को छन्द का पर्याय मान लिया। हिन्दी साहित्य के आचार्यों ने भी छन्दशास्त्र को ही पिंगल का नाम दिया। छन्द का महत्व छन्द और कविता का गहरा सम्बन्ध है। कविता किसी न किसी छन्द में लिखी जाती है। छन्द ...

वर्ण किसे कहते हैं वर्ण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण सम्पूर्ण जानकारी!

Rate this post अगर हम बात करते हैं वर्ण की तो वर्ण हिंदी व्याकरण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तो इसलिए आज हम वर्ण के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं कि “ वर्ण किसे कहते हैं वर्ण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण सम्पूर्ण जानकारी!” ध्वनि संकेतों को (वायु) ध्वनि कहा जाता है। जहाँ लिखित ध्वनि संकेतों को देवनागरी लिपि के अनुसार वर्ण कहा जाता है, वहीं देवनागरी लिपि में प्रत्येक ध्वनि के लिए एक निश्चित संकेत (वर्ण) होता है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं Read Also – वर्ण किसे कहते हैं – भाषा की सबसे छोटी इकाई एक वर्ण या ध्वनि है, जबकि भाषा की सबसे छोटी सार्थक इकाई को वाक्य माना जाता है। ‘भाषा’ शब्द की उत्पत्ति ‘संस्कृत’ शब्द से हुई है। वर्ण किसे कहते हैं वर्ण की परिभाषा और प्रकार हिंदी भाषा की उत्पत्ति निम्नलिखित तरीके से हुई। संस्कृति – पाली – प्राकृत – अपभ्रंश – अपहटटय – आधुनिक – हिंदी हिंदी में उच्चारण के संदर्भ में वर्णो की संख्या 45 (35 व्यंजन + 10 स्वर) है जबकि लेखन की दृष्टि से कुल वर्ण 52 (39 व्यंजन + 13 स्वर) हैं। हिंदी भाषा में प्रयुक्त सबसे छोटी ध्वनि को वर्ण कहते हैं। यह एक मूल ध्वनि है, इसमें और अधिक खंड नहीं हो सकते। जैसे : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, क्, ख् आदि। वर्णमाला: (वर्ण किसे कहते हैं) वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं कि किसी भाषा के सभी वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। प्रत्येक भाषा की अपनी वर्णमाला होती है। हिंदी- अ, आ, क, ख, ग….. अंग्रेजी- A, B, C, D, E…. वर्णों के प्रकार वर्णों के समुदाय को वर्णमाला हिंदी कहा जाता है वर्णमाला में 44 वर्ण हैं। हिंदी वर्...

भाषा और वर्ण किसे कहते है

भाषा और वर्ण किसे कहते है इस पोस्ट में हम बात करने वाले है की वर्ण किसे कहते है इस के भेद, वर्ण विचार वर्णों का उच्चारण स्थान वर्ण किसे कहते है, संयुक्त वर्ण हिंदी, वर्णमाला में कितने वर्ण हैं, वर्ण कितने प्रकार के होते हैं. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. सामाज में रहते हुए वह अपनी बात दुसरो तक पहुँचाना चाहता है. और दुसरो की बात आप भी समझना चाहता है.उसे भाषा कहते है अर्थात मनुष्य के मुँह से निकली ध्वनियों को भाषा कहते है यह जो दूसरो तक अपनी बात को पहुँचाने का कार्य करती है भाषा के दो प्रकार है 1. मौखिक भाषा 2. लिखित भाषा मौखिक भाषा किसे कहते है मौखिक का अर्थ है. मुख से बोलना यह भाषा का मूल रूप है. जब हम अपने विचारो को मुख के द्वारा बोलकर प्रकट करते है. वह मौखिक भाषा कहलाती है. लिखित भाषा किसे कहते है लिखित भाषा का अर्थ है. लिखा हुआ जब हम अपने भाव और विचारो को लिखकर प्रकट करते है. तो उसे लिखित भाषा कहा जाता है. भाषा के अंग ध्वनि:- मुख से निकलने वाला प्रत्येक स्वतंत्र स्वर ध्वनि कहलाता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ मौखिक भाषा में किया जाता है. वर्ण:- वह छोटी से छोटी इकाई जिसके और टुकड़े न हो सके वह वर्ण कहलाती है. जैसे:- अ,आ,क्,ख् आदि शब्द :- वर्णो के सार्थक और सुव्यवस्थित मेल को शब्द कहते है. जिसे पानी, अनाज ,विकास आदि. पद :- वाक्य मी प्रयुक्त शब्द को पद कहा जाता है. शब्द और पद में सिर्फ यही अंतर है. की शब्द शब्दकोस में मिलते है. और पद वाक्य में मिलते है. वाक्य :- एक विचार को पूर्णता से अभिव्यक्त करने वाले शब्द के समूह को वाक्य कहा जाता है. जैसे मै पढ़ रहा हु., राम खाना खा रहा है आदि. वर्ण किसे कहते है भाषा की वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े न किया जा सके उन्हें वर्ण कहते है | जब ह...

आ से ज्ञा तक A Se Gya Tak अ से ज्ञ तक वर्णमाला Hindi Mein

अ से अनार, आ से ज्ञा तक how many letters in hindi | hindi total letters, hindi varnamala in english pdf english varnmala swarnamahal, hindi vyanjan, hindi alphabet hindi varnamala hindi varnamala words. हिंदी वर्णमाला के आ से ज्ञा तक सीखें, और अपने प्यारे बच्चों को आसानी से सिखाएं। इस पोस्ट को तैयार करने के लिए हमारी टीम ने कई पुस्तकों का अध्ययन किया है। अ से ज्ञ (A Se Gya Tak) अथवा आ से ज्ञा तक वर्णमाला (Aa Se Gya Tak) और क से ज्ञ तक ( हमें पूरी उम्मीद हैं की, इस आर्टिकल के बाद आप बड़ी ही आसानी से A Se Gya Tak का जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। हम आपके लिए अ से ज्ञ तक वर्णमाला के पत्र और हस्ताक्षर लाए हैं जिसमें आप या कोई छोटा बच्चा सुविधा के लिए पढ़ और याद कर सकता है। यहां आपको प्रत्येक 52 वर्ण शामिल होते हैं। इनमें से वर्णो में 11 स्वर, 4 संयुक्त व्यंजन, 4 अन्तस्थ व्यंजन, 1 अनुस्वार, 4 ऊष्म व्यंजन, 25 स्पर्श व्यंजन, 2 द्विगुण व्यंजन और 1 विसर्ग शामिल हैं। बच्चों की वर्णमाला पुस्तक में 49 वर्ण (अक्षर) हैं। लेकिन उच्च कक्षाओं की व्याकरण की किताब में वर्णमाला के 52 अक्षर होते हैं। 3 अतिरिक्त वर्ण अंत में लिखे गए हैं। • 1 आ से ज्ञा तक | Aa Se Gya Tak • 2 Hindi Varnamala Aa Se Gya Tak • 3 वर्ण किसे कहते हैं? आ से ज्ञा तक | Aa Se Gya Tak अब हम आपको अ से ज्ञ तक के हिंदी वर्णमाला में शामिल सभी वर्णों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो की इस प्रकार हैं। आ से ज्ञ तक के वर्ण अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, क, ख, ग, घ, ड़, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ,म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ। अ से अ: तक वर्णमाला अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं, अ: क से ज्ञ तक वर...

वर्ण किसे कहते है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • दोस्तो अगर आसान तरीके से समझें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसका खंड न हो; जैसे- क् ,प् , ख् , च इत्यादि। ’रानी ’ शब्द की दो ध्वनियाँ है- ’रा ’ और ’नी’। इनके भी चार खंड है- र्+आ, न्+ई। अब आप यह समझें कि हम इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकङे नहीं कर सकते। इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण का अक्षर होती है। वर्ण वह छोटी-सी ध्वनि है, जिसके टुकङे नहीं किए जा सकते। वर्ण हमारी वाणी की सबसे छोटी इकाई है। मूलतः हिन्दी में 52 वर्ण होते है। वर्णों के उच्चारण समूह को ’वर्णमाला’ कहते है। वर्ण और उच्चारण का बङा ही गहरा सम्बन्ध होता है। इनको एक को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ व्यंजन क्या होते है – Vyanjan Kya Hote Hain Varn Kise Kahate Hain वर्ण कितने प्रकार के होते है – Varn kitne prakar ke hote hain आइए इसके बारे में चर्चा करतें है हिंदी के वर्ण- स्वर और व्यंजन वर्ण के दो प्रमुख तत्व है- स्वर और व्यंजन। इन दोनों के योग से ही वर्णों का अस्तित्व होता है। स्वर – Swar स्वर का उच्चारण बिना अवरोध अथवा विघ्न-बाधा के होता है। इनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता नहीं ली जाती। ये सभी स्वतंत्र है। इनके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख से निर्बाध रूप/बिना बाधा से निकलती है। सामान्यतः इसके उच्चारण में कंठ, तालु का प्रयोग होता है। उ, ऊ के उच्चारण में होठों का प्रयोग होता है। हिंदी में स्वर की संख्या ग्यारह है। • ह्रस्व स्वर- अ, इ, उ, ऋ • दीर्घ स्वर- आ, ई, ऊ • संयुक्त स्वर- ए, ऐ, ओ, औ संस्कृत में ’ऋ’ का प्रयोग होता है। वर्तमान में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इसका व्यवहार नाममात्र ही रह गया है है। फ...

वर्ण किसे कहते हैं वर्ण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण सम्पूर्ण जानकारी!

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भाषा और वर्ण किसे कहते है

भाषा और वर्ण किसे कहते है इस पोस्ट में हम बात करने वाले है की वर्ण किसे कहते है इस के भेद, वर्ण विचार वर्णों का उच्चारण स्थान वर्ण किसे कहते है, संयुक्त वर्ण हिंदी, वर्णमाला में कितने वर्ण हैं, वर्ण कितने प्रकार के होते हैं. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. सामाज में रहते हुए वह अपनी बात दुसरो तक पहुँचाना चाहता है. और दुसरो की बात आप भी समझना चाहता है.उसे भाषा कहते है अर्थात मनुष्य के मुँह से निकली ध्वनियों को भाषा कहते है यह जो दूसरो तक अपनी बात को पहुँचाने का कार्य करती है भाषा के दो प्रकार है 1. मौखिक भाषा 2. लिखित भाषा मौखिक भाषा किसे कहते है मौखिक का अर्थ है. मुख से बोलना यह भाषा का मूल रूप है. जब हम अपने विचारो को मुख के द्वारा बोलकर प्रकट करते है. वह मौखिक भाषा कहलाती है. लिखित भाषा किसे कहते है लिखित भाषा का अर्थ है. लिखा हुआ जब हम अपने भाव और विचारो को लिखकर प्रकट करते है. तो उसे लिखित भाषा कहा जाता है. भाषा के अंग ध्वनि:- मुख से निकलने वाला प्रत्येक स्वतंत्र स्वर ध्वनि कहलाता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ मौखिक भाषा में किया जाता है. वर्ण:- वह छोटी से छोटी इकाई जिसके और टुकड़े न हो सके वह वर्ण कहलाती है. जैसे:- अ,आ,क्,ख् आदि शब्द :- वर्णो के सार्थक और सुव्यवस्थित मेल को शब्द कहते है. जिसे पानी, अनाज ,विकास आदि. पद :- वाक्य मी प्रयुक्त शब्द को पद कहा जाता है. शब्द और पद में सिर्फ यही अंतर है. की शब्द शब्दकोस में मिलते है. और पद वाक्य में मिलते है. वाक्य :- एक विचार को पूर्णता से अभिव्यक्त करने वाले शब्द के समूह को वाक्य कहा जाता है. जैसे मै पढ़ रहा हु., राम खाना खा रहा है आदि. वर्ण किसे कहते है भाषा की वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े न किया जा सके उन्हें वर्ण कहते है | जब ह...

वर्ण किसे कहते है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • दोस्तो अगर आसान तरीके से समझें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसका खंड न हो; जैसे- क् ,प् , ख् , च इत्यादि। ’रानी ’ शब्द की दो ध्वनियाँ है- ’रा ’ और ’नी’। इनके भी चार खंड है- र्+आ, न्+ई। अब आप यह समझें कि हम इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकङे नहीं कर सकते। इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण का अक्षर होती है। वर्ण वह छोटी-सी ध्वनि है, जिसके टुकङे नहीं किए जा सकते। वर्ण हमारी वाणी की सबसे छोटी इकाई है। मूलतः हिन्दी में 52 वर्ण होते है। वर्णों के उच्चारण समूह को ’वर्णमाला’ कहते है। वर्ण और उच्चारण का बङा ही गहरा सम्बन्ध होता है। इनको एक को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ व्यंजन क्या होते है – Vyanjan Kya Hote Hain Varn Kise Kahate Hain वर्ण कितने प्रकार के होते है – Varn kitne prakar ke hote hain आइए इसके बारे में चर्चा करतें है हिंदी के वर्ण- स्वर और व्यंजन वर्ण के दो प्रमुख तत्व है- स्वर और व्यंजन। इन दोनों के योग से ही वर्णों का अस्तित्व होता है। स्वर – Swar स्वर का उच्चारण बिना अवरोध अथवा विघ्न-बाधा के होता है। इनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता नहीं ली जाती। ये सभी स्वतंत्र है। इनके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख से निर्बाध रूप/बिना बाधा से निकलती है। सामान्यतः इसके उच्चारण में कंठ, तालु का प्रयोग होता है। उ, ऊ के उच्चारण में होठों का प्रयोग होता है। हिंदी में स्वर की संख्या ग्यारह है। • ह्रस्व स्वर- अ, इ, उ, ऋ • दीर्घ स्वर- आ, ई, ऊ • संयुक्त स्वर- ए, ऐ, ओ, औ संस्कृत में ’ऋ’ का प्रयोग होता है। वर्तमान में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इसका व्यवहार नाममात्र ही रह गया है है। फ...

आ से ज्ञा तक A Se Gya Tak अ से ज्ञ तक वर्णमाला Hindi Mein

अ से अनार, आ से ज्ञा तक how many letters in hindi | hindi total letters, hindi varnamala in english pdf english varnmala swarnamahal, hindi vyanjan, hindi alphabet hindi varnamala hindi varnamala words. हिंदी वर्णमाला के आ से ज्ञा तक सीखें, और अपने प्यारे बच्चों को आसानी से सिखाएं। इस पोस्ट को तैयार करने के लिए हमारी टीम ने कई पुस्तकों का अध्ययन किया है। अ से ज्ञ (A Se Gya Tak) अथवा आ से ज्ञा तक वर्णमाला (Aa Se Gya Tak) और क से ज्ञ तक ( हमें पूरी उम्मीद हैं की, इस आर्टिकल के बाद आप बड़ी ही आसानी से A Se Gya Tak का जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। हम आपके लिए अ से ज्ञ तक वर्णमाला के पत्र और हस्ताक्षर लाए हैं जिसमें आप या कोई छोटा बच्चा सुविधा के लिए पढ़ और याद कर सकता है। यहां आपको प्रत्येक 52 वर्ण शामिल होते हैं। इनमें से वर्णो में 11 स्वर, 4 संयुक्त व्यंजन, 4 अन्तस्थ व्यंजन, 1 अनुस्वार, 4 ऊष्म व्यंजन, 25 स्पर्श व्यंजन, 2 द्विगुण व्यंजन और 1 विसर्ग शामिल हैं। बच्चों की वर्णमाला पुस्तक में 49 वर्ण (अक्षर) हैं। लेकिन उच्च कक्षाओं की व्याकरण की किताब में वर्णमाला के 52 अक्षर होते हैं। 3 अतिरिक्त वर्ण अंत में लिखे गए हैं। • 1 आ से ज्ञा तक | Aa Se Gya Tak • 2 Hindi Varnamala Aa Se Gya Tak • 3 वर्ण किसे कहते हैं? आ से ज्ञा तक | Aa Se Gya Tak अब हम आपको अ से ज्ञ तक के हिंदी वर्णमाला में शामिल सभी वर्णों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो की इस प्रकार हैं। आ से ज्ञ तक के वर्ण अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, क, ख, ग, घ, ड़, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ,म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ। अ से अ: तक वर्णमाला अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं, अ: क से ज्ञ तक वर...

छन्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित, चरण, मात्रा, लघु, गुरु के नियम » BasicStudy

छन्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित, सवैया छंद किसे कहते हैं. छंद कितने प्रकार के होते हैं, चरण, मात्रा, लघु, गुरु के नियम. इस आर्टिकल में छंद की पूरी जानकारी दी गई है. छन्द किसे कहते हैं छन्द की परिभाषा –वाक्य रचना में जब वर्णों अथवा मात्राओं की संख्या, चरण, क्रम, गति, यति, विराम और तुक आदि का नियम माना जाता है, तो वह रचना छन्द कहलाती है। छन्द एक प्रकार से वह साँचा है जिसमें कवि अपने शब्दों को ढाल कर कविता का रूप देता है। पिंगल (छन्द शास्त्र) में छन्दों के भेद, मात्रा, वर्ण, यति, गति, चरण, गण, छन्द का रस, भाव आदि से सम्बन्धित विषयों का विवेचन किया जाता है। छन्द शास्त्र की उत्पत्ति एवं विकास हिन्दुओं के आदिग्रन्थ ‘ऋग्वेद’ के पुरुष सूक्त के नवम् मंत्र में छन्द की उत्पत्ति ईश्वर से बताई गई है। अतः छन्द अपौरुषमेय है। ‘ सामवेद‘ तो एक प्रकार से ‘छन्दशास्त्र’ ही है। उसमें अनेक छन्दों का विस्तृत वर्णन है। वेद के छ: अंगों में छन्द भी एक है। छन्द को वेद-पुरुष का चरण भी माना गया है-“छन्द पादौतु वेदस्य।” लौकिक साहित्य के आदि कवि वाल्मीकि माने गए हैं। अतः वेदों के अतिरिक्त छन्दों का आविर्भाव वाल्मीकि के पश्चात् हुआ होगा क्योंकि उन्होंने अपने ‘पिंगल’ नामक ग्रन्थ में वैदिक तथा लौकिक दोनों प्रकार के छन्दों का व्यापक एवं शास्त्रीय विवेचन किया है। महर्षि पिंगल को संस्कृत साहित्य में छन्दशास्त्र का सर्वप्रथम आचार्य माना जाता है। उनका पिंगल शास्त्र इतना प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हुआ कि परवर्ती आचार्यों ने पिंगल को छन्द का पर्याय मान लिया। हिन्दी साहित्य के आचार्यों ने भी छन्दशास्त्र को ही पिंगल का नाम दिया। छन्द का महत्व छन्द और कविता का गहरा सम्बन्ध है। कविता किसी न किसी छन्द में लिखी जाती है। छन्द ...