वर्ष 1926 में पंजाब नौजवान भारत सभा की स्थापना में किसने मदद की?

  1. समाजवाद ज़िंदाबाद का नारा लगाने वाले भगत सिंह की विरासत का दावेदार कौन?
  2. भारतीय स्वाधीनता आंदोलन संबंधित प्रश्न उत्तर
  3. व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (28
  4. नौजवान भारत सभा
  5. भगत सिंह की जीवनी और भगत सिंह का वैवाहिक जीवन
  6. 6. एकलेख और एक पत्र : भगत सिंह !! Hindi 100 Marks 6th Chapter Objective Questions » Education Galaxy
  7. Naujawan Bharat Sabha Lahore ka Ghoshanapatra, Bhagat Singh 1928
  8. [Solved] नौजवान भारत सभा की स्थापना किसने की?


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समाजवाद ज़िंदाबाद का नारा लगाने वाले भगत सिंह की विरासत का दावेदार कौन?

“भगत सिंह को सब अपनाना चाहते हैं लेकिन भगत सिंह की वैचारिक विरासत का संवाहक एवं दावेदार वामपंथ है। उनमें अपनी उम्र के लिहाज से अधिक परिपक्वता थी जो लगातार पढ़ने-लिखने और मज़दूर आंदोलन के संपर्क में आने से उन्होंने अर्जित की थी। भारत के वामपंथी आंदोलन को भगत सिंह के विचारों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए और पहचान की राजनीति के ऊपर वर्गीय समझ को जगह देनी चाहिए।” भगत सिंह के बारे में तथ्यपरक जानकारी एकत्र करने वाले और जाने माने विद्वान प्रोफेसर चमनलाल ने ‘भारत के वामपंथी आंदोलन में भगत सिंह का महत्व’ विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए ये बात कही थी। प्रोफेसर चमनलाल ने कहा कि ‘भगत सिंह के बाल मन पर परिवार से मिले क्रांतिकारी संस्कारों का असर था। उनके दादा अर्जुन सिंह और चाचा अजीत सिंह भारत की आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय थे। उन्होंने लाला लाजपत राय के साथ काम किया था।’ ‘अजीत सिंह 38 वर्षों तक विदेश में ही रहकर भारत की आज़ादी के लिए लड़ते रहे थे। सन 1946 में जवाहरलाल नेहरू उन्हें भारत लाए। भगत सिंह के बचपन का प्रसिद्ध वाक़या है जिसमें वे अपने चाचा को छुड़ाने के लिए बंदूकों की फसल उगाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। सन 1919 में जब भगत सिंह 12 वर्ष के थे, जलियांवाला बाग कांड के बाद वहां की मिट्टी लेकर आने की घटना ने ही उनके भावी जीवन की नींव रख दी थी।’ प्रो. चमनलाल के अनुसार, उन दिनों में पंजाब का किसान कर्ज में डूबा हुआ था, और लाला बाँके लाल द्वारा लिखे गीत “पगड़ी संभाल जट्टा, तेरा लुट गया माल जट्टा” पर आधारित किसान आंदोलन चल रहा था। आज उसी तरह के आंदोलन की झलक वर्तमान किसान आंदोलन में भी दिखाई दे रही है। पंजाब में महिलाएं भगत सिंह का चित्र लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। सोलह वर्ष की आयु में भगत स...

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन संबंधित प्रश्न उत्तर

नमस्कार दोस्तों, Exams Tips Hindi वेबसाइट में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में भारतीय स्वाधीनता आंदोलन (Indian independence movement) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए है। यह आर्टिकल उन उम्मीदवारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो आईएएस, पीसीएस, एसएससी, रेलवे इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। इस आर्टिकल में भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को वन लाइनर प्रारूप में दिया गया है। अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से संबंधित प्रश्न पूछें जाते है। तो आइए जानते है भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से संबंधित प्रश्न उत्तर- भारतीय स्वाधीनता आंदोलन संबंधित प्रश्न उत्तर | Indian independence movement Related Question Answer प्रश्न- संगठित राष्ट्रवादी आंदोलन का औपचारिक श्रीगणेश किससे हुआ? उत्तर➔भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रश्न- राष्ट्रवाद के उदय का प्रमुख कारण क्या था? उत्तर➔ब्रिटिश साम्राज्यवाद प्रश्न- 'भारत भारतीयों का है' के नारे को किसने बुलंद किया? उत्तर➔दयानंद सरस्वती प्रश्न- भारत के नवयुवकों को आत्मविश्वास करने की शिक्षा किसने दी? उत्तर➔ विवेकानंद प्रश्न- नवीन शिक्षा पद्धति के प्रचलन में किसका प्रमुख योगदान था? उत्तर➔लॉर्ड मैकाले प्रश्न- भारतीयों के विचार अभिव्यक्त करने का अखिल भारतीय माध्यम कौन बना? उत्तर➔अंग्रेजी प्रश्न- एशियाटिक सोसायटी से संबंधित प्रमुख विद्वान कौन हैं? उत्तर➔विलियम जोन्स प्रश्न- बंगाल में राष्ट्रवाद की ज्वाला को किसने प्रदीप्त किया? उत्तर➔बंकिम चंद्र प्रश्न- आनन्दमठ में वर्णित कौन-सा गीत भारत का राष्ट्रगीत बना? उत्तर➔ वन्देमातरम् प्रश्न- राष्ट्रीयता को सबल सहायता तथा प्रोत्साहन किससे मिला? उत्तर➔ भारतीय प्रेस प्रश्न- किस परीक्ष...

व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (28

व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (28-September-2021)^भगत सिंह ^(Bhagat Singh) Posted on September 28th, 2021 28 सितंबर, 2021 को शहीद भगत सिंह की 114वीं जयंती के अवसर पर देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर ज़िले में हुआ था, जो कि वर्तमान में पाकिस्तान में है। असहयोग आंदोलन को वापस लिये जाने के बाद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी आंदोलन’ में शामिल हो गए और भारत से ब्रिटिश सरकार को हिंसक तरीके से हटाने की वकालत करने लगे। भगत सिंह, करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे। जो गदर पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वर्ष 1926 में उन्होंने भारतीय समाजवादी युवा संगठन ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की। भगत सिंह ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में भी शामिल हुए जिसके प्रमुख नेताओं में चंद्रशेखर आज़ाद और राम प्रसाद बिस्मिल आदि शामिल थे। वर्ष 1928 में चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्त्व में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का नाम बदलकर ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HSRA) कर दिया गया। HSRA के दो सदस्यों भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली में केंद्रीय विधानसभा में बम फेंका, दोनों को गिरफ्तार कर केंद्रीय असेंबली बम कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया और 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी दे दी गई। व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1 (28-September-2021) भगत सिंह (Bhagat Singh) Posted on September 28th, 2021 | Create PDF File 28 सितंबर, 2021 को शहीद भगत सिंह की 114वीं जयंती के अवसर पर देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्...

नौजवान भारत सभा

कड़वी सच्चाई यही है कि जतिन दास, भगतसिंह और उनके तमाम साथी आज होते तो जेलों में होते, और जेल के भीतर वैसे ही लड़ रहे होते। फ़र्क़ बस इतना होता कि टीवी चैनलों और अख़बारों के दफ़्तरों में बैठे दल्ले उन्हें अपराधी, ख़ून के प्यासे और देशद्रोही साबित कर चुके होते। जैसे आज भी देश की जेलों में क़ैद हज़ारों नागरिकों के साथ किया जा रहा है, जिनका गुनाह सिर्फ़ यह है कि उन्होंने चन्द लुटेरों के हक़ में करोड़ों-करोड़ आम लोगों की लूट और बर्बादी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठायी है, करोड़ों-करोड़ लोगों को धर्म और जाति के आधार पर दोयम दर्जे के नागरिक बना देने की साज़िशों का विरोध किया है, और हर ज़ोरो-ज़ुल्म के सामने डटकर खड़े होते रहे हैं। जतिन दास की शहादत को आज याद करने का तभी कोई मतलब है जब आप इस “निज़ामे कोहना” के ख़िलाफ़ बोलने का हौसला रखते हों, वरना हर क्रान्तिकारी के शहादत दिवस पर ट्वीट करने वाले पाखण्डी नेताओं और हममें कोई फ़र्क़ नहीं रह जायेगा। सिमरनजीत मान जैसों की राजनीति का मूल एजेण्डा मज़हबी फिरकापरस्ती है। ये प्रमुख तौर पर सिख धर्म की पहचान की राजनीति के झण्डाबरदार हैं और खालिस्तान के समर्थक हैं। इनका बस यह कहना है कि खालिस्तान “कानूनी” तरीके से बनना चाहिए। भगतसिंह के बारे में सिमरनजीत मान का मुँह खोलना था कि हरियाणा में मज़हबी पहचान की प्रतिक्रियावादी राजनीति करने वाले मनोज दूहन जैसे लोग भी बल्लियों उछल पड़े और भगतसिंह के प्रति दुष्प्रचार में जुट गये। जिस तरह से पागलों को बीच-बीच में पागलपन के दौरे पड़ते हैं वैसे ही मज़हबी फ़िरकापरस्ती में विक्षिप्त दिमाग भी सुर्ख़ियों में बने रहने और अपने चेले-चपाटों के बीच सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए समय-समय पर अपने एजेण्डे के तहत ऐसी ओछी हरक़तें करते...

भगत सिंह की जीवनी और भगत सिंह का वैवाहिक जीवन

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, शहीद भगत सिंह, भारत के एक महान व्यक्तित्व हैं, उन्होंने 23 साल की भगत सिंह उम्र में अपने देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भगत सिंह सभी युवाओं के लिए एक युवा प्रतीक थे, जिन्होंने उन्हें देश के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था, कम उम्र से ही उन्होंने अपने आस-पास के अंग्रेजों को भारतीयों पर अत्याचार करते देखा, जिसने उन्हें कम उम्र में ही देश के लिए कुछ करने के बारे में सोचा। उन्होंने सोचा कि देश के युवा देश की देह को बदल सकते हैं, इसलिए उन्होंने सभी युवाओं को एक नई दिशा दिखाने की कोशिश की। भगत सिंह का पूरा जीवन संघर्षों से भरा रहा, आज के युवा भी उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। भगत सिंह की जीवनी भगत सिंह की बात करें तो भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा, लायलपुर जिले में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। अमर शहीदों में सरदार भगत सिंह का नाम सबसे आगे आता है। उनका पैतृक गांव भारत के पंजाब में खटकर कलां है। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह सिंधु और माता का नाम श्रीमती विद्यावतीकौर था। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों के शहीद भगत सिंह, भारत की महान शक्ति हैं, जिन्होंने हमें अपने देश पर मरने की शक्ति दी है और देशभक्ति क्या है। भगत सिंह जी को कभी भुलाया नहीं जा सकता, उनके द्वारा किए गए बलिदान को कोई नहीं माप सकता। 23 साल की उम्र में, उन्होंने अपने देश के लिए अपने जीवन और भगत सिंह का परिवार की खुशी और अपनी जवानी को बलिदान कर दिया ताकि हम आज शांति से रह सकें। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था और उन्होंने गर्व से सिख समुदाय का...

6. एकलेख और एक पत्र : भगत सिंह !! Hindi 100 Marks 6th Chapter Objective Questions » Education Galaxy

(A) 10 वर्ष (B) 12 वर्ष (C) 15 वर्ष (D) 20 वर्ष Answer ⇒ B 6. भगत सिंह को काँग्रेस तथा महात्मा गाँधी से मोहभंग कब हुआ ? (A) 1920 ई० में (B) 1921 ई० में (C) 1922 ई० में (D) 1923 ई० में Answer ⇒ B 7. 1914 ई० में भगत सिंह किस पार्टी की ओर आकर्षित हुए ? (A) नेशनल पार्टी (B) राष्ट्रवादी पार्टी (C) स्वतंत्र पार्टी (D) गदर पार्टी Answer ⇒ D 8. चौरीचौरा कांड कब हुआ ? (A) 1920 ई० में (B) 1921 ई० में (C) 1922 ई० में (D) 1924 ई० में Answer ⇒ C 9. कौन-सा निबन्ध भगत सिंह का लिखा हुआ नहीं है ? (A) बम का दर्शन (B) युवक (C) परिवेश (D) विद्यार्थी और राजनीति Answer ⇒ C 10. भगत सिंह, गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा निकाली जानेवाली किस पत्रिका से जुड़े ? (A) प्रताप (B) दिनमान (C) संघर्ष (D) इनमें से कोई नहीं Answer ⇒ A 11. भगत सिंह के हृदय में किस भावना का कोई स्थान नहीं था ? (A) लोभ (B) प्रेम (C) क्रोध (D) अहंकार Answer ⇒ B 12. भगत सिंह किसे घृणित तथा कायरतापूर्ण मानते थे ? (A) देश की सेवा (B) देश से भागना (C) आत्महत्या (D) इनमें से कोई नहीं Answer ⇒ C 13. सन् 1926 में भगत सिंह ने किस दल का गठन किया ? (A) नवयुवक संघ (B) नौजवान भारत सभा (C) नवयुवक भारत सभा (D) नौजवान दल Answer ⇒ B 14 भगत सिंह ने अपने लिए सजा के सम्बन्ध में क्या विश्वास था ? (A) क्षमा का (B) नम्र व्यवहार का (C) मृत्युदण्ड का (D) आजीवन कारावास का Answer ⇒ C 15. प्रिंस क्रोमोटकिन कौन था ? (A) अर्थशास्त्र का विद्वान (B) राजनीतिशास्त्र का विद्वान (C) समाजशास्त्र का विद्वान (D) इतिहास का विद्वान Answer ⇒ A 16. भगत सिंहको फाँसी दी गई – (A) 23 मार्च 1931 को (B) 24 मार्च 1931 को (C) 25 मार्च 1932 को (D) 22 मार्च 1931 को Answer ⇒ A 17. एक ...

Naujawan Bharat Sabha Lahore ka Ghoshanapatra, Bhagat Singh 1928

Naujawan Bharat Sabha Lahore ka Ghoshanapatra, Bhagat Singh 1928 भगतसिंह (1928) नौजवान भारत सभा, लाहौर का घोषणापत्र शहीद भगतसिंह और भगवतीचरण वोहरा ने नौजवानों और विद्यार्थियों को संगठित करने के प्रयास 1926 से ही शुरू कर दिए थे। अमृतसर में 11, 12, 13 अप्रैल, 1928 को हुए नौजवान भारत सभा के सम्मेलन के लिए सभा का घोषणापत्र तैयार किया गया, जिसे नीचे दिया जा रहा है। भगतसिंह इस सभा के महासचिव और भगवतीचरण वोहरा प्रचार-सचिव बने –सं.। नौजवान साथियो, हमारा देश एक अव्यवस्था की स्थिति से गुजर रहा है। चारों तरफ एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और हताशा का साम्राज्य है। देश के बड़े नेताओं ने अपने आदर्श के प्रति आस्था खो दी है और उसमें से अधिकांश को जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है। भारत की आजादी के पैरोकारों के पास कोई कार्यक्रम नहीं है, और उनमें उत्साह का अभाव है। चारों तरफ अराजकता है। लेकिन किसी राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया में अराजकता एक अनिवार्य तथा आवश्यक दौर है। ऐसी ही नाजुक घड़ियों में कार्यकर्ताओं की ईमानदारी की परख होती है, उनके चरित्र का निर्माण होता है, वास्तविक कार्यक्रम बनता है, और तब नये उत्साह, नयी आशाओं, नये विश्वास और नये जोशो-खरोश के साथ काम आरम्भ होता है। इसलिए इसमें मन ओछा करने की कोई बात नहीं है। हम अपने-आपको एक नये युग के द्वार पर खड़ा पाकर बड़े भाग्यशाली हैं। अंग्रेज नौकरशाही के बड़े पैमाने पर गुणगान करने वाले गीत अब सुनायी नहीं देते। अंग्रेज का हमसे एक ऐतिहासिक प्रश्न है कि ‘'तुम तलवार से प्रशासित होगे या कलम से?'’ अब ऐसा नहीं रहा कि उसका उत्तर न दिया जाता हो। लार्ड बर्केनहेड के शब्दों में, ‘'हमने भारत को तलवार के सहारे जीता और तलवार के बल से ही हम उसे अपने हाथ में रखेंगे।...

[Solved] नौजवान भारत सभा की स्थापना किसने की?

सही उत्तर विकल्प 2 है अर्थात भगत सिंह। नौजवान भारत सभा की स्थापना 1926 में भगत सिंह ने की थी। • यह एक वामपंथी संगठन था जिसने मज़दूर और किसान युवाओं को एक साथ इकट्ठा करके आज़ादी मांगी। • यह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का हिस्सा था। • ब्रिटिश सरकार ने 1929 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। • जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या और मेरठ के षड्यंत्र में सदस्य जिम्मेदार थे, जहाँ संगठन के सदस्यों ने रेलकर्मियों के बीच हमले की कोशिश की। • बाद में समूह का अखिल भारतीय युवा लीग में विलय हो गया।