व्रत की पूर्णिमा कब है 2022

  1. शरद पूर्णिमा 2022 में कब हैं
  2. Purnima December 2022 Margashirsha Purnima 2022 Date Timings Rituals Significance
  3. ज्येष्ठ पूर्णिमा 2022 व्रत दिनांक व मुहूर्त New Delhi, India
  4. Margashirsha Purnima Vrat 2022 date When is Marshish Purnima fast Know puja vidhi and importance
  5. Jyeshtha Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Moonrise Time And Maa Lakshmi Puja Vidhi Vat Purnima 2022
  6. When is Bhadrapada Purnima 2022 know importance date time and puja vidhi vrat katha


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शरद पूर्णिमा 2022 में कब हैं

Sharad Purnima 2022 Mein Kab Hai date: गुलाबी सर्दी की अनुभूति शरद पूर्णिमा के दिन से होती है. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के समापन के पांचवे दिन आने वाली पूर्णिमा को ही ‘शरद पूर्णिमा’ कहा जाता है. शरद पूर्णिमा सनातन कैंलेडर के अनुसार आश्विन माह में आती है. इसे ‘कोजागरी पूर्णिमा’ या ‘रास पूर्णिमा’ भी कहा हैं. इस दिन किए जाने वाले व्रत को कोजागर व्रत या कौमुदी व्रत भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. प्राचीन पुराणों में उल्लेखित है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता हैं. उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी की रोशनी में रखने की परंपरा है. पूरे वर्ष में केवल इस दिन चन्दमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि में भ्रमण और चंद्रकिरणों का शरीर पर पड़ना बेहद ही शुभ माना जाता है. चलिए इस पोस्ट में हम जानते है की 2022 में शरद पूर्णिमा कब है (Sharad Purnima 2022 Mein Kab Hai date) और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ? Table of Contents • • • • 2022 mein Sharad Purnima Kab Hai- शरद पूर्णिमा की शुरुआत आश्विन शुक्ला में 09 अक्टूबर 2022, रविवार को आएगी. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. प्राचीन मान्यताओं की मानें तो इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. रिति रिवाजों के अनुसार शरद पूर्णिमा को कोजागौरी लोक्खी (देवी लक्ष्मी) का पूजन किए जाने की मान्यता है. शरद पूर्णिमा के दिन पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में कुवांरी बालिकाएं सुबह स्नान करके सूर्य और चन्द्रमा की पूजा करती हैं. किदवंति है कि, इस दिन सच्ची श्रद्धा से पूजन करने पर मनचाहा वर की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि इस दिन शिव पार्वती के प...

Purnima December 2022 Margashirsha Purnima 2022 Date Timings Rituals Significance

Purnima December 2022 Date: हिंदू धर्म के अनुसार, पूर्णिमा या पूर्णिमा पर उपवास करने से शरीर और मन दोनों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं. पूर्णिमा व्रत के कई फायदे हैं, जिनमें शरीर के चयापचय को संतुलित करना, इसके अम्ल स्तर को प्रबंधित करना, सहनशक्ति में सुधार करना और पाचन तंत्र को शुद्ध करना शामिल है. आइए जानते हैं कि दिसंबर माह में पूर्णिमा कब है, इसके लिए शुभ मुहूर्त क्या है और पूर्णिमा का महत्व क्या है. हर महीने, पूरनमाशी के दिन, चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. भक्त इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन उपवास करने से अधिक फल मिलता है. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और उसके बाद दान करने की परंपरा है. हर महीने, पूर्णिमा के रूप में जानी जाने वाली पूर्णिमा होती है और जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें मोक्ष प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलता है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति पिछले जन्म में किए गए पाप कर्म धुल जाते हैं. चंद्रमा के चार मुख्य चरणों में से तीसरा चरण पूर्णिमा है. जब चंद्रमा और सूर्य 180 डिग्री दूर होते हैं, तो चंद्रमा पूर्ण होता है. पूर्णिमा चंद्र ग्रहण के साथ मेल खा सकती है और सौ फीसदी बिजली प्रदर्शित करती है. इस पावन दिन पर ऊर्जा थोड़ी अधिक तीव्र होती है. पूर्णिमा दिसंबर 2022 का महत्व | Purnima December 2022 Importance ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा दिसंबर 2022 तिथि में की गई पूजा देखने वालों को महत्वपूर्ण लाभ देती है. इसलिए इस दिन सत्यनारायण पूजा जैसी अनोखी पूजा की जाती है. पूर्णिमा के दिन, सुब्रह्मण्य...

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2022 व्रत दिनांक व मुहूर्त New Delhi, India

ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। धार्मिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने का विधान है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। माना गया है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस दिन ख़ास तौर पर महिलाओं को व्रत करने की सलाह दी जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व और पूजा विधि तथा उपाय ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिन युवक और युवतियों का विवाह होते होते रुक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है। ऐसे लोग यदि आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके शिवाभिषेक करें और भगवान शिव की पूजा करें तो उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कोई भी कुछ खास उपाय करके इस शुभ तिथि से शुभ लाभ उठा सकता है, आइये जानें ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय:- ●इस विशेष दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग माँ लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्‍त होगा और उसे बिज़नेस में भी लाभ मिलेगा। ●इस दिन दंपत्ति को चंद्र देव को दूध से अर्ध्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है। यह काम पति या पत्‍नी किसी के भी द्वार...

Margashirsha Purnima Vrat 2022 date When is Marshish Purnima fast Know puja vidhi and importance

Margashirsha Purnima Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह 8 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। इस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ रही है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष महीने में दान और भगवान कृष्ण की पूजा का बहुत महत्व है। इस माह को अगहन मास भी कहा जाता है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा कि माह में मैं सबसे पवित्र मार्गशीर्ष माह हूं। इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशिर्वाद भी प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा महत्व मान्यता के अनुसार गंगा या किसी पवित्र नदीं में तुलसी के जड़ की मिट्टी से स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन किए गए दान का महत्व अन्य पूर्णिमा पर किए गए दान से 32 गुना अधिक होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा सुनना भी शुभ होता है। मार्गशीर्ष माह में जरूर करें ये काम, भगवान कृष्ण की कृपा मिलने की है मान्यता भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय महीनों में से एक मार्गशीर्ष माह में भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। इस माह में यमुना नदी में स्नान करने से भी सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। इस माह में गीता का पाठ करना भी लाभप्रद बताया गया है। अगहन यानि की मार्गीशीर्ष माह 9 नवंबर 2022 से शुरू है।

Jyeshtha Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Moonrise Time And Maa Lakshmi Puja Vidhi Vat Purnima 2022

Jyeshtha Purnima 2022: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है. ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) के नाम से जाना जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन (Married Life) में खुशहाली के लिए वट पूर्णिमा (Vat Purnima 2022) का व्रत रखती हैं. हालांकि उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने की परंपरा है. इसके अलावा इस दिन लोग व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान (Satyanarayan Bhagwan) की पूजा भी करते हैं. मान्यता है कि पूर्णिमा (Purnima) की रात मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi Puja) करने से सुख-संवृद्धि में बढ़ोतरी होती है. कहा जाता है कि इस दिन पूर्णिमा की चांद की पूजा करने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून मंगलवार को है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय. ज्येष्ठ पूर्णमा 2022 तिथि | Jyeshtha Purnima 2022 Date ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त | Jyeshtha Purnima 2022 Shubh Muhurat पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस बार साध्य और शुभ योग का संयोग बन रहा है. साध्य योग सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक है. उसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. साथ ही इस दिन शुभ मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. ऐसे में 14 जून को सुबह में पूर्णिमा व्रत की पूजा की जा सकती है. वहीं रात के वक्त चंद्रमा की पूजा का विधान है. ज्येष्ठ पूर्णिमा चंद्रोदय समय Jyeshtha Purnima 2022 Moonrise Time पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 29 मिनट है. ऐसे में चंद्रदेव की पूजा के लिए बहु...

When is Bhadrapada Purnima 2022 know importance date time and puja vidhi vrat katha

पूर्णिमा की तिथि हिंदुओं के बीच पुण्यकारी और फलदायी तिथि मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से देखें तो इस दिन बहुत ही खास माना जाता है। हर माह एक पूर्णिमा तिथि पड़ती है लेकिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। चूंकि इस पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष शुरू होता है जो अश्विन की अमावस्या तक चलता है। इस पूर्णिमा पर स्नान दान का भी विशेष महत्व माना जाता है। आइए जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व और व्रत विधि के बारे में- भाद्रपद पूर्णिमा 2022 तिथि व मुहूर्त हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 सितंबर शुक्रवार को सायं 06:07 बजे से प्रारंभ होगी। भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर, शनिवार को अपराह्न 03:28 बजे समाप्त होगी, इसलिए इस वर्ष 10 सितंबर को कैसे करें भाद्रपद पूर्णिमा व्रत • भाद्रपद पूर्णिमा व्रत में व्रत करने वाले को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से साफ करना चाहिए, स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। • पूजा स्थल को साफ करें और उसमें भगवान सत्यनारायण की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद पूजा के लिए पंचामृत बनाएं। प्रसाद के लिए चूरमा बना लें। • इसके बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुनिए। • कथा के बाद भगवान सत्यनारायण, माता लक्ष्मी, भगवान शिव, माता पार्वती आदि की आरती करें। इसके बाद प्रसाद बांटें।