वट सावित्री व्रत 2023 in up

  1. Vat Savitri Vrat 2023: दो संयोग के कारण बेहद खास है वट सावित्री व्रत, काशी के ज्‍योतिषी से जानें शुभ मुहूर्त
  2. Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री के व्रत में महिलाएं भूलकर भी ना करें यह कार्य, वरना पति को...
  3. वट सावित्री व्रत 2023? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, और कथा
  4. वट सावित्री व्रत 2023, जानें बरगद पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, और कथा
  5. वट सावित्री व्रत 2023 : विवाहित महिलांसाठी वट सावित्री व्रताचे उपाय
  6. Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date kab hai Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat Pooja Vidhi Importance katha


Download: वट सावित्री व्रत 2023 in up
Size: 1.37 MB

Vat Savitri Vrat 2023: दो संयोग के कारण बेहद खास है वट सावित्री व्रत, काशी के ज्‍योतिषी से जानें शुभ मुहूर्त

अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री का पूजन और व्रत विशेष होता है. पति की लम्बी आयु की कामना के लिए इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. व्रत के साथ ही महिलाएं इस दिन वट वृक्ष के नीचे पूजा के साथ कथा सुनती हैं. पंचाग के मुताबिक, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को व्रत सावित्री व्रत रखा जाता है. इस बार 19 मई को सुहागिन महिलाएं इस व्रत को रखेंगी. मान्यता है कि व्रत सावित्री व्रत से करवा चौथ के व्रत के बराबर फल मिलता है. काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट पर अमावस्या की तिथि लगेगी, जो कि 19 मई रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 19 मई के दिन ही इस पूजन और व्रत को महिलाएं रखेंगी. साथ ही बताया कि19 मई को इस बार गज केसरी योग के साथ शश राजयोग भी लग रहा है. ऐसे करें पूजन और व्रत ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि वट सावित्री पूजन के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सुहागिन महिलाओं को स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. फिर वट वृक्ष (बरगद) के नीचे बैठ कर पूजा के साथ सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुननी चाहिए. इस दौरान श्रृंगार का सामान, ऋतु फल और कच्चे सूत के धागे को वट वृक्ष के तने में बांधकर कम से कम 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए. पूजन के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद भी जरूर लें. पति की आयु होती है दीर्घायु ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत और पूजन से पति की आयु लम्बी होती है. इसके साथ ही घर में सुख शांति के साथ वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है. इसके अ...

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री के व्रत में महिलाएं भूलकर भी ना करें यह कार्य, वरना पति को...

अयोध्या: पति की लंबी आयु उत्तम स्वास्थ्य सुख समृद्धि के लिए सनातन धर्म को मानने वाली सुहागिन महिलाएं आज वट सावित्री का व्रत रख रही हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार साल के प्रत्येक वर्ष जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को बट सावित्री का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक वट सावित्री व्रत का महत्व करवा चौथ के व्रत के समान होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती है. माना जाता है कि इसी दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाने के लिए वट सावित्री का व्रत रखा था. तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की कामना के लिए इस व्रत को धारण करती हैं. इस दिन विधि विधान पूर्वक वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा आराधना की जाती है. पेड़ की परिक्रमा की जाती है. तेल के चारों तरफ कलावा बांधा जाता है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को किन-किन बातों को ध्यान देना चाहिए. किन-किन सावधानियों को बरतना चाहिए .ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि वट सावित्री का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को कई सावधानियां बरतनी चाहिए. सावधानी पूर्वक वट सावित्री का व्रत रखें अपने पति की लंबी दीर्घायु के लिए कामना करें. सुहागिन महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान वट सावित्री का व्रत धारण करने वाली महिलाओं को सोने से बचना चाहिए. इस दिन एक ही समय सोना चाहिए व्रत के दिन भजन और कीर्तन करना चाहिए. व्रत करने वाली महिलाओं को खास करके इस दिन काले और नीले तथा सफेद वस्त्र को नहीं धारण करना चाहिए. काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है काले रंगों से परहेज करना चाहिए. वट सावित्री की पूजा विधि में बरगद के पेड़ पर कच्चा सूत बांधा जा...

वट सावित्री व्रत 2023? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, और कथा

Table of Contents • • • • • • • वट सावित्री व्रत 2023 • शुक्रवार, 19 मई 2023 • अमावस्या तिथि शुरू: 18 मई 2023 को रात 09:42 बजे • अमावस्या तिथि समाप्त: 19 मई 2023 अपराह्न 09:22 बजे वट सावित्री व्रत 2023 (Vat Savitri Vrat 2023 ) ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को किया जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलायें अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति के लिए रखती है. हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. पौराणिक हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलायें अपने पति की दीघु आयु की कामना के लिए रखती हैं. इतना ही नहीं महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य एवं संतान प्राप्ति के लिए रखती है. वट सावित्री व्रत, हर साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है. इस साल वट सावित्री का व्रत 19 मई 2023 को पड़ रहा है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्भामा के प्राण यमराज से वापस ले आई थी. प्राचीन किवदंति है कि इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के वृक्ष के चारों ओर घूमकर इस पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. वट सावित्रि शुभ मुहूर्त : Vat Savitri Vrat 2023 इस साल वट सावित्री व्रत 19 मई 2023 को रखा जाएगा. इस दिन ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पड़ रही है. • वट सावित्री व्रत 2023 • शुक्रवार, 19 मई, 2023 • अमावस्या तिथि शुरू: 18 मई 2023 को रात 09:42 बजे • अमावस्या तिथि समाप्त: 19 मई 2023 अपराह्न 09:22 बजे वट साव...

वट सावित्री व्रत 2023, जानें बरगद पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, और कथा

वट सावित्री व्रत, वट सावित्री व्रत कैसे मानते हैं, वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, वट सावित्री व्रत कथा और महत्त्व, व्रत और त्यौहार, यमराज, सावित्री-सत्यवान, बरगद का पेड़, Vat Savitri Vrat 2023, Vat Savitri Vrat, Vat Savitri Vrat Kab Hai, Vat Savitri Vrat Kyo Manaya Jata Hai, Vat Savitri Vrat Katha, Vat Savitri Vrat 2023 Date, Vrat Savitri 2023 Pujan Vidhi, Banyan Tree in Hindi, Vat Savitri Vrat in Hindi, Vat Savitri Vrat Mahatva दोस्तों हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat Katha) रखा जाता है। व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ख़ास स्थान रखता है। पुराणों में वट सावित्री के व्रत का महत्व करवा चौथ जितना ही बताया गया है। वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा और सावित्री-सत्यवान की कथा के विधान की वजह से यह वट सावित्री के नाम से जाना जाता है। हर साल ये व्रत ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत 19 मई 2023, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। यह भी पढ़ें – वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में बहुत खास महत्व है क्योंकि इसी दिन सावित्री ने अपने पति सत्भामा के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थी। तभी से इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु और लक्ष्मी का पूजन करती हैं और वृक्ष के चारों और परिक्रमा करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। तो आइए जानते हैं सावित्री व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में… • • • • • • • • वट सावित्री शुभ मुहूर्त Vat Savitri Vrat Shubh Muhurt इस वर्ष वट सावित्री व्रत 30 मई को ...

वट सावित्री व्रत 2023 : विवाहित महिलांसाठी वट सावित्री व्रताचे उपाय

मुंबई, 12 मे: वट सावित्रीचा सण या दिवशी विवाहित स्त्रिया आपल्या पतीच्या दीर्घायुष्यासाठी सूर्योदयापासून सूर्यास्तापर्यंत उपवास करतात. वट सावित्रीचा उपवास करवा चौथाइतकाच फलदायी आहे असे म्हणतात. यंदा वट सावित्री व्रताचे शुभ योग आणि उपाय जाणून घ्या वट सावित्री पूजेचा मुहूर्त पंचांगानुसार 3 जून रोजी ज्येष्ठ पौर्णिमेला वट सावित्रीचे व्रत पाळले जाणार आहे. सकाळी 11 वाजून 17 मिनीटाने पैर्णिमा प्रारंभ होईल व दुसऱ्या दिवशी 4 जूनला सकाळी 9.11 वाजता पौर्णिमा समाप्ती होईल. या काळात वड पूजा करता येईल. गजकेसरी योग वट सावित्री अमावस्येच्या दिवशी चंद्र गुरूसह मेष राशीत असेल, त्यामुळे गजकेसरी योग तयार होईल, या योगात पूजा आणि शुभ कार्य केल्याने हत्तीसारखे बल आणि लक्ष्मीचा आशीर्वाद मिळतो. वट सावित्री व्रताचे उपाय जो व्यक्ती वट सावित्री व्रताच्या दिवशी वटवृक्ष लावतो, त्याचे वैवाहिक जीवन कधीही तणावात राहत नाही. आर्थिक अडचणी संपतात आणि पतीला दीर्घायुष्याचे वरदान मिळते. वट सावित्री व्रत हा विवाहित महिलांचा सण असून सौभाग्यातील पदार्थांचे दान केल्याने पतीचे आयुष्य वाढते, असे म्हटले जाते. अशा स्थितीत विवाहित महिलांना बांगडी, बिंदी, मेंदी, कुंकुम, हळद दान करा आणि वटवृक्षाची एक छोटीशी मुळी पिवळ्या कपड्यात बांधून ठेवा, त्यामुळे धन नक्कीच मिळेल, कौटुंबिक जीवनात कधी-कधी संकटे येतील. येणार नाही. (सूचना : येथे दिलेली माहिती धार्मिक श्रद्धेवर आधारित आहे. याला कोणताही शास्त्रीय पुरावा नाही. न्यूज 18 लोकमत त्याची हमी देत नाही.)

Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date kab hai Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat Pooja Vidhi Importance katha

Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date kab hai Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat Pooja Vidhi Importance katha | Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date: 18 या 19 मई कब है वट सावित्री व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि | Hindi News, Uttar Pradesh Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date: 18 या 19 मई कब है वट सावित्री व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date: पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं हर साल वट सावित्री व्रत रखती हैं. यह व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है. मान्यता है कि वट सावित्री व्रत करवाचौथ के बराबर ही फलदायी होता है, इस दिन महिलाएं व्रत रखकर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करना करती हैं. जानिए इस साल वट सावित्री व्रत कब है, इसका महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है. कब है वट सावित्री व्रत 2023 (Vat Savitri Vrat 2023 Confirm Date) ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस साल 18 मई 2023 को रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 19 मई 2023 को रात 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार वट सावित्री व्रत 2023 19 मई शुक्रवार को रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत 2023 का शुभ मुहूर्त (Vat Savitri Vrat 2023 Shubh Muhurat) वट सावित्री व्रत 2023 के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 19 मई शुक्रवार को सुबह सात बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. वट सावित्री व्रत 2023 पूजा विधि (Vat Savitri Vrat 2023 Pooja Vidhi) वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं उपवास रखती हैं. साथ ही बरगद के वृक्ष की परिक्रमा और कलावा बांधने के साथ पूजा करती हैं. बरगद के वृक्ष पर जल, फूल, अक्षत, मिठाई अर्पित करें. साथ ही ...