वुड्स डिस्पैच

  1. हंटर कमीशन,वुड का घोषणापत्र,रैले कमीशन 1902
  2. वुड्स डिस्पैच की दो मुख्य अनुशंसाएं
  3. बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास
  4. मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? – ElegantAnswer.com
  5. [Solved] निम्नलिखित में से किसने पहली बार यह माना था कि
  6. चार्टर अधिनियम 1813 [यूपीएससी के लिए भारत का आधुनिक इतिहास नोट्स]
  7. हंटर कमीशन,वुड का घोषणापत्र,रैले कमीशन 1902
  8. चार्टर अधिनियम 1813 [यूपीएससी के लिए भारत का आधुनिक इतिहास नोट्स]
  9. बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास
  10. मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? – ElegantAnswer.com


Download: वुड्स डिस्पैच
Size: 49.8 MB

हंटर कमीशन,वुड का घोषणापत्र,रैले कमीशन 1902

लार्ड रिपन ( 1880-1884 ई.) ने 1882 में डब्ल्यू.हंटर( विलियम विलसन हन्टर) की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया , जिसका उद्देश चार्ल्स वुड के घोषणा पत्र द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा करना था। इस आयोग में आठ भारतीय सदस्य भी थे। 1854 ई. के बाद शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रगति का मूल्यांकन हंटर आयोग द्वारा किया गया था।इस आयोग को प्राथमिक शिक्षा के प्रसार के लिए भी उपाय सुझाने थे। हंटर शिक्षा आयोग की सिफारिशें · प्राथमिक शिक्षा को महत्त्व देते हुए कहा गया कि यह शिक्षा स्थानीय भाषा और उपयोगी विषयों में हो , इसका नियंत्रण जिला और नगर बोर्डों को सौंपा गया। · उच्च शिक्षा संस्थाओं के संचालन से सरकार को हट जाना चाहिए , इसकी जगह पर सरकार को कॉलेजों के लिए वित्तीय सहायता तथा विशेष अनुदान निर्धारित करना चाहिए। · हाई स्कूलों में प्रवेशिका परीक्षाओं के अतिरिक्त व्यापारिक एवं व्यावसायिक शिक्षा की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। · आयोग ने प्रेसीडेंसी नगरों के अलावा अन्य संथानों पर महिला शिक्षा हेतु पर्याप्त प्रबंध न होने पर खेद प्रकट किया और इसे बढावा देने को कहा। · शिक्षा के क्षेत्र में निजी प्रयत्नों को प्रोत्साहन दिया गया। हंटर कमीशन की संस्तुतियों पर सामान्यतया प्रांतीय सरकारों द्वारा कार्य किया गया था। वुड का घोषणापत्र शिक्षा के प्रसार का दूसरा चरण लार्ड डलहौजी के समय में शुरु हुआ। 1853 के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास की जांच के लिए एक समिति के गठन का प्रावधान किया गया। चार्ल्स वुड की अध्यक्षता में गठित समिति ने 1854 में भारत में भावी शिक्षा के लिए वृहत योजना तैयार की जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर शिक्षा की नियामक पद्धति का गठन किया गया। वुड का आदेश पत्र या वुड ...

वुड्स डिस्पैच की दो मुख्य अनुशंसाएं

सर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ‘बोर्ड ऑफ कंट्रोल’ के अध्यक्ष थे। उन्होंने भारत की भावी शिक्षा के लिये एक विस्तृत योजना बनाई और भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी को 1854 में अपना सुझाव-पत्र भेजा, जिसे ‘वुड का घोषणापत्र’ या ‘वुड्स डिस्पैच’ कहा गया। इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह पहला इतना व्यवस्थित, संतुलित, विस्तृत व बहुआयामी शिक्षा प्रस्ताव था जिसने ब्रिटिश शासन की शिक्षा नीति को दिशा दी। इस ‘डिस्पैच’ की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित थी- • इसमें सरकार से कहा गया कि वह जनसाधारण की शिक्षा का उत्तरदायित्व स्वयं वहन करें। • इसमें उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी तथा स्कूल स्तर की शिक्षा का माध्यम देशी भाषाओं को बनाये जाने का सुझाव दिया गया। • प्रत्येक प्रांत में एक ‘लोक शिक्षा विभाग’ की स्थापना की जाये। • गाँवों में देशी-भाषाई पाठशालायें स्थापित की जायें, उनसे ऊपर जिला स्तर पर आंग्ल-देशी भाषाई हाई स्कूल तथा लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर तीनों प्रेसीडेंसी शहरों- बंबई, कलकत्ता और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित किये जायें। • इसमें स्त्री शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया तथा तकनीकी विद्यालयों एवं अध्यापक प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना की सिफारिशें की गई। • इसमें इस बात पर बल दिया गया कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में दी जाने वाली शिक्षा धर्मनिरपेक्ष हो। • शिक्षा क्षेत्र में निजी प्रयत्नों का प्रोत्साहित करने के लिये अनुदान सहायता (Grant-in-aid) की पद्धति चलाने की सिफारिश भी इसमें की गई। ‘वुड्स डिस्पैच’ में दिये गए सुझावों को काफी हद तक लागू किया गया। 1857 में कलकत्ता, बंबई व मद्रास में विश्वविद्यालय खोले गए ...

बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास

इस पोस्‍ट में आप बिहार में पाश्‍चात्‍य शिक्षा के विकास से संबंधित लेख को पढ़ सकते हैं जो बिहार लोक सेवा आयोगी की परीक्षा हेतु उपयोगी है। इसी प्रकार के अन्‍य लेख को आप नीचे दिए गए लिंक के माध्‍यम से पढ़ सकते हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली का इतिहास देखा जाए तो बिहार का नाम ऐसे राज्यों में शुमार होता है जहां के नालंदा , विक्रमशिला, ओदंतपुरी प्राचीन काल में तथा पटना, बिहार शरीफ, भागलपुर आदि में मध्यकाल में शैक्षणिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केन्द्र रहे।हांलाकि समय के साथ-साथ शैक्षणिक केन्द्र के रूप में धीरे-धीरे इनका अवसान होता गया और जब आधुनिक काल में जब भारत में औपनिवेशिक शासन का आगमन हुआ । बिहार एवं पाश्चात्य शिक्षा औपनिवैशिक शासन के आरंभ होने के बाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव आए और पाश्चात्य शिक्षा का एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ । इस क्रम में बिहार में अनेक शैक्षणिक संस्थाओं का गठन किया गया जिसने न केवल बिहार की जनता में बौद्धिक जागरूकता का प्रसार हुआ बल्कि इसके माध्यम से राजनीतिक चेतना भी आयी। भारत में औपनिवैशिक शासन का एक लम्बा दौर चला और इस दौर में बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास अनेक चरणों में हुआ जिसे निम्न तथ्यों से समझा जा सकता है- पाश्चात्य शिक्षा का विकास- प्रथम चरण बिहार में पाश्चात्य शिक्षा के विकास में 1835 का वर्ष एक महत्वपूर्ण बिन्दु माना जाता जब लार्ड विलियम बैंटिक के प्रयास से1835 में अंग्रेजी शिक्षा हेतु कोष आवंटन किया गया तथा मैकाले प्रस्ताव के अनुरूप पटना, पूर्णिया, बिहार शरीफ, भागलपुर, आरा, छपरा आदि में जिला स्कूल तथा सरकारी सहायता प्राप्त उच्च विद्यालय स्थापित स्थापित किया गया। इसी क्रम में 1863 में देवधर, हजारीबाग, मोतिहारी, चाईबासा में भ...

मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? – ElegantAnswer.com

मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? इसे सुनेंरोकेंमैग्ना कार्टा (Magna Carta) या मैग्ना कार्टा लिबरटैटम् (Great Charter of Freedoms या आजादी का महान चार्टर) इंग्लैण्ड का एक कानूनी परिपत्र है जो सबसे पहले सन् १२१५ ई में जारी हुआ था। यह लैटिन भाषा में लिखा गया था। जार्ज द्वितीय का राज्याभिषेक कब हुआ A B C D 1729 ई 1737 ई 1727 ई 1730 ई? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर वुड्स डिस्पैच ऑन एजुकेशन, 1854 है। वुड्स डिस्पैच को भारत में अंग्रेजी शिक्षा का ‘मैग्ना-कार्टा’ माना जाता है। चार्ल्स वुड ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड ऑफ कंट्रोल के अध्यक्ष थे। वुड घोषणा पत्र क्या है? इसे सुनेंरोकेंसर चार्ल्स वुड ने अंग्रेजी शिक्षा का प्रचार और महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने के लिए 1854 ईसवी में तत्काल गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी को एक पत्र लिखा, जिसे वुड का घोषणा पत्र कहा जाता है इसमें यह कहां गया कि प्राथमिक विद्यालयों की मातृभाषा होनी चाहिए उच्च शिक्षा यानी कि विश्वविद्यालय की शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होनी … भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जनक कौन है? इसे सुनेंरोकेंआधुनिक विद्यालयों के विपरीत उस समय छोटी-छोटी पाठशालाएँ होती थीं जहाँ स्थानीय शिक्षक या गुरु द्वारा बच्चों को संस्कृत, व्याकरण, प्रायोगिक गणित, महाजनी खाता आदि के बारे में पढ़ाया जाता था। भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जनक “लार्ड मैकाले” को माना जाता है. भारतीय संविधान में मैग्नाकार्टा क्या है? इसे सुनेंरोकेंमौलिक अधिकारों के बारे में: संविधान के भाग III को ‘भारत का मैग्नाकार्टा’ की संज्ञा दी गई है। ‘मैग्नाकार्टा’ अधिकारों का वह प्रपत्र है, जिसे इंग्लैंड के किंग जॉन द्वारा 1215 में सामंतों के दबाव में जारी किया गया था। यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों से स...

[Solved] निम्नलिखित में से किसने पहली बार यह माना था कि

वैदिक और बौद्ध काल से लेकर इस्लामी और ब्रिटिश काल तक, कोई भी भारतीय शिक्षा प्रणाली में विकास की स्पष्ट पहचान कर सकता है। Key Points • भारत में व्यापक शिक्षा की परिकल्पना करने का पहला प्रयास वुड्स डिस्पैच में किया गया था। • इसे भारत में ब्रिटिश शिक्षा का मैग्ना कार्टाभी कहा जाता है। वुड्स डिस्पैच द्वारा की गई सिफारिशें इस प्रकार हैं: • इसने सभी स्तरों पर शैक्षिक प्रणालियोंअर्थात प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय के माध्यम सेनियमितीकरण का आह्वान किया। • महिलाओं के लिए शिक्षा जरूरी है। • सरकार को महिला शिक्षा को 'स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण समर्थन' देना चाहिए और इसके विस्तार के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। • 1857 में, बंबई, कलकत्ता और मद्रास विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई। • वुड्स डिस्पैच के अनुसार, यह अनुरोध किया गया था कि सरकार नागरिकों की शिक्षा की जांच करे। इस प्रकार, वुड्स डिस्पैच ने पहली बार मान्यता दी कि सरकार द्वारा महिला शिक्षा को 'स्पष्ट एवं हार्दिक समर्थन' देना चाहिए और इसके विस्तार के लिए प्रभावी उपाय करने चाहिए। Additional Information • 1813 के चार्टर एक्ट ने मिशनरियों को भारत आने और ज्ञान वितरण की अनुमति दी। • कंपनी ने भारत में शिक्षा की कुछ जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी।

चार्टर अधिनियम 1813 [यूपीएससी के लिए भारत का आधुनिक इतिहास नोट्स]

एनसीईआरटी नोट्स: 1813 का चार्टर अधिनियम - विशेषताएं और महत्व [आधुनिक भारतीय इतिहास नोट्स यूपीएससी] ब्रिटिश संसद द्वारा पारित 1813 के चार्टर अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के चार्टर को और 20 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम, 1813 भी कहा जाता है। यह अधिनियम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इसने पहली बार ब्रिटिश भारतीय क्षेत्रों की संवैधानिक स्थिति को परिभाषित किया। 1813 के चार्टर अधिनियम का अवलोकन लॉन्ग टाइटल - ईस्ट इंडिया कंपनी में जारी रहने के लिए एक अधिनियम, एक और अवधि के लिए, भारत में ब्रिटिश क्षेत्रों का कब्जा, कुछ विशेष विशेषाधिकारों के साथ; उक्त क्षेत्रों की सरकार के लिए और विनियम स्थापित करने के लिए, और उसी के भीतर न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए; और उक्त कंपनी के चार्टर की सीमाओं के भीतर और स्थानों से व्यापार को विनियमित करने के लिए सीमा क्षेत्र - प्रत्यक्ष ब्रिटिश नियंत्रण के अधीन क्षेत्रीय अधिनियमित - यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा रॉयल एसेंट - 21 जुलाई 1813 स्थिति - भारत सरकार अधिनियम, 1915 द्वारा निरसित चार्टर अधिनियम 1813 की पृष्ठभूमि • यूरोप में नेपोलियन बोनापार्ट की महाद्वीपीय प्रणाली (जिसने यूरोप में फ्रांसीसी सहयोगियों में ब्रिटिश माल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया) के कारण, ब्रिटिश व्यापारियों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ा। • इसलिए उन्होंने मांग की कि उन्हें एशिया में ब्रिटिश व्यापार में हिस्सा दिया जाए और ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार को समाप्त किया जाए। • कंपनी ने इसका विरोध किया। • अंत में, ब्रिटिश व्यापारियों को 1813 के चार्टर अधिनियम के तहत एक सख्त लाइसेंस प्रणाली के तहत भारत में व्यापार करने की अनुमति दी गई। • लेकिन चीन के साथ ...

हंटर कमीशन,वुड का घोषणापत्र,रैले कमीशन 1902

लार्ड रिपन ( 1880-1884 ई.) ने 1882 में डब्ल्यू.हंटर( विलियम विलसन हन्टर) की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया , जिसका उद्देश चार्ल्स वुड के घोषणा पत्र द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा करना था। इस आयोग में आठ भारतीय सदस्य भी थे। 1854 ई. के बाद शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रगति का मूल्यांकन हंटर आयोग द्वारा किया गया था।इस आयोग को प्राथमिक शिक्षा के प्रसार के लिए भी उपाय सुझाने थे। हंटर शिक्षा आयोग की सिफारिशें · प्राथमिक शिक्षा को महत्त्व देते हुए कहा गया कि यह शिक्षा स्थानीय भाषा और उपयोगी विषयों में हो , इसका नियंत्रण जिला और नगर बोर्डों को सौंपा गया। · उच्च शिक्षा संस्थाओं के संचालन से सरकार को हट जाना चाहिए , इसकी जगह पर सरकार को कॉलेजों के लिए वित्तीय सहायता तथा विशेष अनुदान निर्धारित करना चाहिए। · हाई स्कूलों में प्रवेशिका परीक्षाओं के अतिरिक्त व्यापारिक एवं व्यावसायिक शिक्षा की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। · आयोग ने प्रेसीडेंसी नगरों के अलावा अन्य संथानों पर महिला शिक्षा हेतु पर्याप्त प्रबंध न होने पर खेद प्रकट किया और इसे बढावा देने को कहा। · शिक्षा के क्षेत्र में निजी प्रयत्नों को प्रोत्साहन दिया गया। हंटर कमीशन की संस्तुतियों पर सामान्यतया प्रांतीय सरकारों द्वारा कार्य किया गया था। वुड का घोषणापत्र शिक्षा के प्रसार का दूसरा चरण लार्ड डलहौजी के समय में शुरु हुआ। 1853 के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास की जांच के लिए एक समिति के गठन का प्रावधान किया गया। चार्ल्स वुड की अध्यक्षता में गठित समिति ने 1854 में भारत में भावी शिक्षा के लिए वृहत योजना तैयार की जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर शिक्षा की नियामक पद्धति का गठन किया गया। वुड का आदेश पत्र या वुड ...

चार्टर अधिनियम 1813 [यूपीएससी के लिए भारत का आधुनिक इतिहास नोट्स]

एनसीईआरटी नोट्स: 1813 का चार्टर अधिनियम - विशेषताएं और महत्व [आधुनिक भारतीय इतिहास नोट्स यूपीएससी] ब्रिटिश संसद द्वारा पारित 1813 के चार्टर अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के चार्टर को और 20 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम, 1813 भी कहा जाता है। यह अधिनियम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इसने पहली बार ब्रिटिश भारतीय क्षेत्रों की संवैधानिक स्थिति को परिभाषित किया। 1813 के चार्टर अधिनियम का अवलोकन लॉन्ग टाइटल - ईस्ट इंडिया कंपनी में जारी रहने के लिए एक अधिनियम, एक और अवधि के लिए, भारत में ब्रिटिश क्षेत्रों का कब्जा, कुछ विशेष विशेषाधिकारों के साथ; उक्त क्षेत्रों की सरकार के लिए और विनियम स्थापित करने के लिए, और उसी के भीतर न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए; और उक्त कंपनी के चार्टर की सीमाओं के भीतर और स्थानों से व्यापार को विनियमित करने के लिए सीमा क्षेत्र - प्रत्यक्ष ब्रिटिश नियंत्रण के अधीन क्षेत्रीय अधिनियमित - यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा रॉयल एसेंट - 21 जुलाई 1813 स्थिति - भारत सरकार अधिनियम, 1915 द्वारा निरसित चार्टर अधिनियम 1813 की पृष्ठभूमि • यूरोप में नेपोलियन बोनापार्ट की महाद्वीपीय प्रणाली (जिसने यूरोप में फ्रांसीसी सहयोगियों में ब्रिटिश माल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया) के कारण, ब्रिटिश व्यापारियों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ा। • इसलिए उन्होंने मांग की कि उन्हें एशिया में ब्रिटिश व्यापार में हिस्सा दिया जाए और ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार को समाप्त किया जाए। • कंपनी ने इसका विरोध किया। • अंत में, ब्रिटिश व्यापारियों को 1813 के चार्टर अधिनियम के तहत एक सख्त लाइसेंस प्रणाली के तहत भारत में व्यापार करने की अनुमति दी गई। • लेकिन चीन के साथ ...

बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास

इस पोस्‍ट में आप बिहार में पाश्‍चात्‍य शिक्षा के विकास से संबंधित लेख को पढ़ सकते हैं जो बिहार लोक सेवा आयोगी की परीक्षा हेतु उपयोगी है। इसी प्रकार के अन्‍य लेख को आप नीचे दिए गए लिंक के माध्‍यम से पढ़ सकते हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली का इतिहास देखा जाए तो बिहार का नाम ऐसे राज्यों में शुमार होता है जहां के नालंदा , विक्रमशिला, ओदंतपुरी प्राचीन काल में तथा पटना, बिहार शरीफ, भागलपुर आदि में मध्यकाल में शैक्षणिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केन्द्र रहे।हांलाकि समय के साथ-साथ शैक्षणिक केन्द्र के रूप में धीरे-धीरे इनका अवसान होता गया और जब आधुनिक काल में जब भारत में औपनिवेशिक शासन का आगमन हुआ । बिहार एवं पाश्चात्य शिक्षा औपनिवैशिक शासन के आरंभ होने के बाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव आए और पाश्चात्य शिक्षा का एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ । इस क्रम में बिहार में अनेक शैक्षणिक संस्थाओं का गठन किया गया जिसने न केवल बिहार की जनता में बौद्धिक जागरूकता का प्रसार हुआ बल्कि इसके माध्यम से राजनीतिक चेतना भी आयी। भारत में औपनिवैशिक शासन का एक लम्बा दौर चला और इस दौर में बिहार में पाश्चात्य शिक्षा का विकास अनेक चरणों में हुआ जिसे निम्न तथ्यों से समझा जा सकता है- पाश्चात्य शिक्षा का विकास- प्रथम चरण बिहार में पाश्चात्य शिक्षा के विकास में 1835 का वर्ष एक महत्वपूर्ण बिन्दु माना जाता जब लार्ड विलियम बैंटिक के प्रयास से1835 में अंग्रेजी शिक्षा हेतु कोष आवंटन किया गया तथा मैकाले प्रस्ताव के अनुरूप पटना, पूर्णिया, बिहार शरीफ, भागलपुर, आरा, छपरा आदि में जिला स्कूल तथा सरकारी सहायता प्राप्त उच्च विद्यालय स्थापित स्थापित किया गया। इसी क्रम में 1863 में देवधर, हजारीबाग, मोतिहारी, चाईबासा में भ...

मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? – ElegantAnswer.com

मैग्नाकार्टा कब प्रकाशित हुआ? इसे सुनेंरोकेंमैग्ना कार्टा (Magna Carta) या मैग्ना कार्टा लिबरटैटम् (Great Charter of Freedoms या आजादी का महान चार्टर) इंग्लैण्ड का एक कानूनी परिपत्र है जो सबसे पहले सन् १२१५ ई में जारी हुआ था। यह लैटिन भाषा में लिखा गया था। जार्ज द्वितीय का राज्याभिषेक कब हुआ A B C D 1729 ई 1737 ई 1727 ई 1730 ई? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर वुड्स डिस्पैच ऑन एजुकेशन, 1854 है। वुड्स डिस्पैच को भारत में अंग्रेजी शिक्षा का ‘मैग्ना-कार्टा’ माना जाता है। चार्ल्स वुड ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड ऑफ कंट्रोल के अध्यक्ष थे। वुड घोषणा पत्र क्या है? इसे सुनेंरोकेंसर चार्ल्स वुड ने अंग्रेजी शिक्षा का प्रचार और महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने के लिए 1854 ईसवी में तत्काल गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी को एक पत्र लिखा, जिसे वुड का घोषणा पत्र कहा जाता है इसमें यह कहां गया कि प्राथमिक विद्यालयों की मातृभाषा होनी चाहिए उच्च शिक्षा यानी कि विश्वविद्यालय की शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होनी … भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जनक कौन है? इसे सुनेंरोकेंआधुनिक विद्यालयों के विपरीत उस समय छोटी-छोटी पाठशालाएँ होती थीं जहाँ स्थानीय शिक्षक या गुरु द्वारा बच्चों को संस्कृत, व्याकरण, प्रायोगिक गणित, महाजनी खाता आदि के बारे में पढ़ाया जाता था। भारत में अंग्रेजी शिक्षा का जनक “लार्ड मैकाले” को माना जाता है. भारतीय संविधान में मैग्नाकार्टा क्या है? इसे सुनेंरोकेंमौलिक अधिकारों के बारे में: संविधान के भाग III को ‘भारत का मैग्नाकार्टा’ की संज्ञा दी गई है। ‘मैग्नाकार्टा’ अधिकारों का वह प्रपत्र है, जिसे इंग्लैंड के किंग जॉन द्वारा 1215 में सामंतों के दबाव में जारी किया गया था। यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों से स...