Vyakaran kise kehte hain

  1. वाक्य (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  2. Hindi Grammar
  3. वर्तनी शब्द: अर्थ और शुद्ध
  4. व्याकरण (Vyakaran) किसे कहते है ?
  5. Kaal or Kaal ke bhed
  6. व्याकरण किसे कहते हैं?


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वाक्य (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • वाक्य किसे कहते हैं (Vakya Kise Kahate Hain) वाक्य की परिभाषा: शब्दों का दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह जिसका पूरा अर्थ निकलता हो, उन्हें वाक्य कहा जाता है। उदाहरण के रूप में हम “बालक सोता रहता है” वाक्य लेते है। यहां पर शब्दों को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित किया गया है जो एक साथ मिलकर आपस में सार्थक समूह का निर्माण करते हैं। प्रयुक्त उदाहरण में यदि शब्दों का क्रम निश्चित नहीं होता है तो अर्थ नहीं निकल कर उसका गलत अर्थ निकल जाता है। वाक्यों के दो अंग होते हैं, जो निम्न है: • उद्देश्य • विधेय उद्देश्य जिस विषय के बारे में जानकारी दी जा रही है, उन्हें उद्देश्य कहा जाता है। • राधिका नाचती है। यहां पर राधिका के बारे में जानकारी दी जा रही है, इसलिए यहां पर उद्देश्य राधिका है। विधेय उद्देश्य की जो भी जानकारी दी जाती है, उसे विधेय कहा जाता है। • राधिका नाचती है। यहां पर राधिका नाच रही है, इसलिए इस वाक्य में नाचना विधेय है। वाक्य के भेद कितने होते हैं (Vakya ke Kitne Bhed Hote Hain) वाक्य का विभाजन दो आधार पर किया गया है, जो निम्न है: • रचना के आधार पर • अर्थ के आधार पर नीचे हम वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के बारे में विस्तार से उदाहरण के साथ जानेंगे। रचना के आधार पर • सरल वाक्य • मिश्र वाक्य • संयुक्त वाक्य सरल वाक्य ऐसा वाक्य जिसमें एक ही सरल वाक्य को दूसरी भाषा में साधारण वाक्य के नाम से भी जाना जाता है, वाक्य में एक उद्देश्य होता है। सरल वाक्य के उदाहरण • रामकिताब पढ़ता है। • राधा दौड़ती है। • गंगा पढ़ाई करती है। • पारस खाना खाता है। सरल वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें मिश्र वाक्य ऐसे वाक्य जिनमें मिश्र वाक्य में मुख्य उद्द...

Hindi Grammar

Hindi Grammar (हिन्दी व्याकरण): Hindi Grammar is the most important part to learn the Hindi language fluently. So, every student should have proper Hindi Vyakaran skills to express their views, feelings, and to understand other’s thoughts parallel. However, Grammar is also necessary to write and speak any language properly. So, improving your Hindi grammar skills right from your schooling is a must. To make it possible, all you require is the best resource for mastering in the हिन्दी व्याकरण. Plenty of resources are available out there in the market but it is tough to find out the best books for learning Hindi Grammar. In order to help you out, we have compiled some of the best books for Hindi Grammar suggested by subject experts. Use our topic-wise list of Hindi Grammar Pdf links for Class 6 to 12 and prepare accordingly to improve your Hindi Vyakaran Skills and master in the Hindi language. Hindi Grammar – हिन्दी व्याकरण (Vyakaran) • • • • • • • • • • Ekarthak Shabd (एकार्थक शब्द) • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Best Hindi Grammar Books & Notes Pdf for Class 6th to 12th Language is the set of words and sentences etc. that are spoken by the mouth. Well, Grammar is a set of rules used to make correct and meaningful sentences. However, Hindi Grammar is a bit unusual from English grammar. To know what is the difference between both languages then look at the below modules and refer to the available topics wise Hindi Grammar links. It is very important to have a k...

वर्तनी शब्द: अर्थ और शुद्ध

वर्तनी किसे कहते हैं? – Vartani kise kehte hain दूसरी ओर, व्याकरण के नियमों की जानकारी ना होने पर अक्सर लोग हिंदी के शब्दों की वर्तनी को उच्चारण के आधार पर गलत कर देते हैं। जबकि व्याकरण में उन शब्दों को अलग प्रकार से लिखा जाता है। इस प्रकार, ऐसे शब्द निम्न है, जिनकी शुद्ध और अशुद्ध वर्तनी मौजूद हैं। अ और आ संबंधी वर्तनी अशुद्ध – शुद्ध अकाश – आकाश अगामी – आगामी अजमाइश – आजमाइश अन्त्यक्षरी – अन्त्याक्षरी अर्यावर्त – आर्यावर्त अलपीन – आलपीन अवाज – आवाज अहार – आहार भगीरथी – भागीरथी नदान – नादान इ और ई संबंधी अशुद्धियां अशुद्ध– शुद्ध आशिर्वाद – आशीर्वाद इद–ईद इश्वर – ईश्वर इसाई – ईसाई महाबलि – महाबली सूचिपत्र – सूचीपत्र हिंग – हींग यानि – यानी प्राणि – प्राणी महिना – महीना उ और ऊ संबंधी अशुद्धियां अशुद्ध – शुद्ध अनुदित – अनूदित उधम – ऊधम उष्मा – ऊष्मा दुसरा – दूसरा सुई – सूई रूपया – रुपया गुरू – गुरु ऊत्थान – उत्थान साधू – साधु दूबारा – दुबारा ऋ संबधी अशुद्धियां रिगवेद – ऋग्वेद रिषि – ऋषि पैत्रिक – पैतृक संग्रहीत – संगृहीत अनुग्रहित – अनुगृहित तृकोण – त्रिकोण रितु – ऋतु रिणी – ऋणी त्रितीय – तृतीय रिधि – ऋद्धि ए और ऐ संबंधी अशुद्धियां अशुद्ध – शुद्ध एक्ट – ऐक्ट केंटीन – कैंटीन केबिनेट – कैबिनेट जेसा – जैसा टेक्स – टैक्स पेसा – पैसा वेश्य – वैश्य वेसा – वैसा मेसूर – मैसूर देहिक – दैहिक ओ और औ संबंधी अशुद्धियां अशुद्ध – शुद्ध अलोकिक – अलौकिक गोरव – गौरव पारलोकिक – पारलौकिक प्रोढ़ – प्रौढ़ झौंपड़ी – झोपड़ी ओरत– औरत पोरुष – पौरुष गोतम – गौतम न्यौछावर – न्योछावर त्यौहार – त्योहार विसर्ग (:)संबंधी अशुद्धियां अशुद्ध – शुद्ध दुश्शील – दु:शील दुख – दुःख निशुल्क – नि:शुल्क निस्वार्थ – नि:...

व्याकरण (Vyakaran) किसे कहते है ?

(Vyakaran kise kahate hain ?) हिंदी व्याकरण क्या है?|| Hindi Vyakran kya hai? || vyakaran ki paribhasha ( व्याकरण की परिभाषा ) – Full information in Hindi vyakaran ki paribhasha हिंदी पढ़ते समय व्याकरण का बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। बिना व्याकरण के हिंदी का कोई महत्व नहीं है। जिस तरह से महिलाएं बिना साज-सज्जा के फिकी लगती है ठीक उसी तरीके से हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) के बिना हिंदी फीका लगता है। Advertisement भाषा जो हम आमतौर पर बोलते हैं। जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, गुजराती इत्यादि। हर भाषा का अपना एक व्याकरण होता है जिसके आधार पर उस भाषा की बोली निर्धारित होती है और हम उस भाषा को सही बोल रहे हैं या गलत वह निम्न भाषा के व्याकरण से ही पता लग जाता है। जैसे- • जाता है राम। (गलत वाक्य) • राम जाता है। (सही वाक्य) ऊपर दिए के उदाहरण में जाता है राम Sentence का कोई Meaning नहीं है। लेकिन राम जाता है इस वाक्य का मतलब साफ़ पता चल रहा है। आज हम आपको हिंदी व्याकरण की पूरी जानकारी देने वाले हैं कि Hindi Vyakaran kise kahate hain, Vyakaran ki Paribhasha आइए Hindi Vyakaran विस्तार से जानते हैं। अलंकार– हिंदी व्याकरण में अलंकार का बहुत ज्यादा महत्व है। एक नारी की सुंदरता की पहचान उसके गहनों से होती है। व्याकरण में यदि अलंकार ना हो तो आपको कभी भी व्याकरण समझ में नहीं आएगा। अलंकार मुख्य रूप से दो भागों में बटा हुआ है। जैसे • शब्दालंकार और • अर्थालंकार अलंकार के ही 2 भाग शब्दालंकार एवं अर्थ अलंकार के अलग-अलग भाग हैं। 1. शब्दालंकार- शब्दालंकार तीन तरह के होते है • अनुप्रास अलंकार, • यमक अलंकार एवं • श्लेश अलंकार। 2. अर्थालंकार- अर्थालंकार के आठ मुख्य अलंकार है- • उपमा अलंकार, • रू...

Kaal or Kaal ke bhed

Kaal or Kaal ke bhed– काल किसे कहते हैं (Kaal kise kehte hain), भूतकाल – भूतकाल के भेद (Bhoot Kaal – Bhoot Kaal ke bhed), वर्तमान काल – वर्तमान काल के भेद (Vartaman Kaal – Vartaman Kaal ke bhed), भविष्यत काल – भविष्यत काल के भेद (Bhavishyat Kaal – Bhavishyat Kaal ke bhed). काल किसे कहते हैं ? (Kaal kise kehte hain) क्रिया के जिस रुप से उनके होने के समय का पता चलता है, उसे काल कहते हैं। – तरुण दून एक्सप्रेस से जाएगा। – बढ़ई कुर्सी बना रहा है। – चाचाजी साइकिल से जाते थे। काल के भेद ( Kaal ke bhed ) 1. भूतकाल 2. वर्तमान काल 3. भविष्य काल भूतकाल क्रिया के जिस रुप से कार्य के हो जाने का पता चलता है, उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- राम ने रावण को तीर से मारा। सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की यात्रा पर गई । भूतकाल के भेद (Bhoot Kaal ke bhed) • सामान्य भूतकाल • आसन्न भूतकाल • पूर्ण भूत काल • अपूर्ण भूत काल • संदिग्ध भूत काल • हेतु हेतु मद भूत काल सामान्य भूतकाल जैसे- कुली ने सामान उठाया। नानी ने कहानी सुनाई। आसन्न भूतकाल जैसे- शालू अभी विद्यालय से आई है। मैं नहा कर आया हूं। पूर्ण भूतकाल गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया था। वहां वर्षा हुई थी। अपूर्ण भूतकाल जैसे- माताजी खाना बना रही थी। परीक्षा चल रही थी। संदिग्ध भूतकाल रेखा ने पढ़ा होगा। छात्रावास में सभी छात्र सो गए होंगे। हेतु हेतु मद भूतकाल यदि रुपए होते तो मैं कंप्यूटर खरीद लेती। यदि वहां आती तो मैं जाती । वर्तमान काल क्रिया के जिस रुप से उसके वर्तमान में होने का पता चलता है, उसे वर्तमान काल कहते हैं । जैसे- पिताजी अखबार पढ़ रहे हैं। मोहन खेल रहा है । वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री है। वर्तमान काल के भेद (Vartaman Kaal ke bhed) • ...

व्याकरण किसे कहते हैं?

व्याकरण किसे कहते हैं? | What is Grammar in Hindi | Vyakaran Kise Kahate Hain (व्याकरण) Vyakaran - व्याकरण - Hindi Vyakaran - Hindi Grammar व्याकरण क्या है ? | What is Grammar in Hindi | Vyakaran Kise Kahate Hain व्याकरण उस शास्त्र को कहते है जिसके पढ़ने से मनुष्य किसी भी भाषा को शुद्ध तरीके से बोलना एवं लिखना सीखता हैं। सरल भाषा में हम यह कह सकते है की, व्याकरण वह विद्या है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित कर उसे बोलते समय और लिखते समय प्रयोग किया जाता हैं। दूसरे शब्दों में - व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा को शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना सीखते है। भाषा की संरचना के ये नियम सीमित होते हैं और भाषा की अभिव्यक्तियाँ असीमित होते हैं। एक-एक नियम असंख्य अभिव्यक्तियों को नियंत्रित करता है। भाषा के इन नियमों को एक साथ जिस शास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है उस शास्त्र को व्याकरण कहते हैं। असल में व्याकरण भाषा के नियमों का संकलन और विश्लेषण करता है और इन नियमों को स्थिर करता है। व्याकरण के ये नियम भाषा को मानक एवं परिनिष्ठित बनते हैं। व्याकरण स्वयं भाषा के नियम नहीं बनाता। इसीलिए यह कह सकते है कि व्याकरण वह शास्त्र है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित किया जाता है।