Bal kya hai

  1. बाल विवाह
  2. Force Definition in Hindi
  3. 26 आयुर्वेदिक उपाय, जो बालों को झड़ने से रोकें
  4. बाल मजदूरी पर निबंध
  5. बल का मात्रक क्या हैं


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बाल विवाह

बाल विवाह वह विवाह होता है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन दोनों की उम्र एक बताई गई उम्र से नीचे हो, भारत में शादी के लिए दुल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की उम्र 18 या उससे ज्यादा होनी चाहिए। UNICEF ने शादी के लिए दुल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की उम्र 18 साल से पहले को गलत बताया है और यदि किसी का विवाह इस आयु के पूर्व ही कराया जाता है, तो इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। भारत में बाल विवाह लम्बे समय से चला आर हा एक मुद्दा है। इसकी जड़ें पारंपरिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से समाज में व्याप्त हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 1 मिलियन लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले करा दी है। बाल विवाह का इतिहास बाल विवाह का भारत में लम्बा इतिहास रहा है। यह प्रथा भारत में अंग्रजों के ज़माने से चली आर ही है। विदेशी शासकों द्वारा बलात्कार और अपहरण से लड़कियों को बचाने के लिए भारतीयों ने बाल विवाह का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया। बाल विवाह का एक अन्य सामाजिक कारण यह भी है, कि घर के बड़े-बुजुर्ग जीवित रहते ही अपने परनाती-परपोते का चेहरा देख लेना चाहते हैं, इसलिए बच्चों का बचपन में ही विवाह करा दिया जाता है। कारण बाल विवाह की सबसे बड़ी वजह परिवर का गरीब होना है। इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी बातें हैं, जिसकी वजह से लोग अपने बच्चों का बचपन में ही बाल विवाह करा देते हैं। पैसों की समस्या और लोगों का कम पढ़ा-लिखा होना इसका कारण है, आज कल के लोग लड़कियों को बोझ समझते हैं। प्रभाव • बाल विवाह की वजह से लड़कियाँ छोटी उम्र में ही गर्भवती हो जाति है, जो उनके लिए अच्छा नहीं है। इससे उनको जान का खतरा हो सकता है। • बाल विवाह की वजह से लोगों को पढ़ने का मौका नहीं मिलता और वो गरीबी की चपेट में फंस जाते हैं। • लोगो...

Force Definition in Hindi

Contents • • • • • • • • • • Force Definition in Hindi – बल किसे कहते है परिभाषा:“बल वह कारक है जो किसी भी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन ला देता है” जैसे कोई वस्तु किसी स्थान पर रुकी हुई है हम उसपे बल लगा के उसे गति में ला देते है और किसी गति करती हुई वस्तु को बल लगा के उसे विरामावस्था में ला देते है अर्थात बल वह कारण है जो किसी वस्तु की स्थिति, अवस्था तथा आकार आदि में परिवर्तन ला देता है। Force Formula – बल का सूत्र बल एक वस्तु का द्रव्यमान है, जो इसके त्वरण से गुणा होता है। F = M * A ( M = Mass, A = Acceleration ) Mass ( द्रव्यमान ) किसी चीज़ में मौजूद पदार्थ की मात्रा को उस चीज़ का द्रव्यमान कहते है अर्थात वस्तु में विद्यमान द्रव्य की मात्रा द्रव्यमान कहलाती है किसी वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता है इसका मात्रक किलो-ग्राम होता है। Acceleration ( त्वरण ) किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को उस वस्तु का त्वरण कहते है। इसका मात्रक मी./से 2 होता है। त्वरण (a) = वेग में परिवर्तन / समयान्तराल a = v / t • • • • • बल कितने प्रकार के होते है बल दो प्रकार के होते है • सम्पर्क बल • असम्पर्क बल सम्पर्क बल जो किसी वस्तु के संपर्क में आने पर कार्य करता है सम्पर्क बल कहलाता है। जैसे – घर्षण बल और पेशीय बल। घर्षण बल • घर्षण बल एक सम्पर्क बल है, जो हमेशा इसके सम्पर्क में आई सतहों के बीच गति की विपरीत दिशा में लगता है। • घर्षण का कारण गुरुत्व, विद्युत-चुम्बकत्व, अणु तथा आवेशित कण है। • घर्षण बल वह विरोधी बल है, जो दो सतहों के बीच होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है। • घर्षण बल सम्पर्क में स्थित सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है तथा घर्षण बल सम्पर्क में स्थित सतहों के क्षेत...

बाल

• कृपया उपयुक्त स्थानों पर • व्याकरण संबंधित त्रुटियों को सुधारें। • विकिलिंक जोड़ें। उचित स्थानों पर शब्दों के दोनो ओर [[ और ]] डालकर अन्य लेखों की कड़ियाँ जोड़ें। ऐसे शब्दों की कड़ियाँ न जोड़ें जो अधिकतर पाठक जानते हों, जैसे आम व्यवसायों के नाम और रोज़मर्रा की वस्तुएँ। अधिक जानकारी के लिये • भूमिका बाँधें लेख की • भागों को व्यवस्थित रूप से लगाएँ। • यदि उपयुक्त हो तो लेख में • इस सब के पश्चात यह टैग हटाएँ। अनुक्रम • 1 समीक्षा • 2 बच्चों के अधिकार • 3 बाल श्रम के खिलाफ • 4 बाल श्रम पर कानून समीक्षा [ ] वेश्यावृत्ति या उत्खनन, कृषि, माता पिता के व्यापार में मदद, अपना स्वयं का लघु व्यवसाय (जैसे खाने पीने की चीजे बेचना), या अन्य छोटे मोटे काम हो सकते हैं कुछ बच्चे के गाइड के रूप में काम करते हैं, कभी-कभी उन्हें दुकान और रेस्तरां (जहाँ वे वेटर के रूप में भी काम करते हैं) के काम में लगा दिया जाता है। अन्य बच्चों से बलपूर्वक परिश्रम-साध्य और दोहराव वाले काम लेते हैं जैसे :बक्से को बनाना, जूते पॉलिश,धनिया बेचना,स्टोर के उत्पादों को भंडारण करना और साफ-सफाई करना। हालांकि, कारखानों और बच्चों के अधिकार [ ] यह अनुचित या शोषित माना जाता है यदि निश्चित उम्र से कम में कोई बच्चा घर के काम या स्कूल के काम को छोड़कर कोई अन्य काम करता है। किसी भी नियोक्ता को एक निश्चित आयु से कम के बच्चे को किराए पर रखने की अनुमति नहीं है। न्यूनतम आयु देश पर निर्भर करता किसी प्रतिष्ठान में बिना माता पिता की सहमति के न्यूनतम उम्र १६ वर्ष निर्धारित किया है।| अंग्रेजी श्रमिक वर्ग का बनना , (पेंगुइन, १६८), पीपी. अब अमीर देशों ने मज़दूरों के रूप में बच्चों के इस्तेमाल को समझा है और इस आधार पर इसे १९९० के दशक में ...

26 आयुर्वेदिक उपाय, जो बालों को झड़ने से रोकें

जब कंघी करते समय बाल टूटकर कंघी पर आ जाये तो अथवा स्नान करते समय हाथों से बालों को रगड़ने पर बाल टूटकर हाथों में आ जाये तब लोग समझने लगते हैं कि बालों का झड़ना प्रारम्भ हो गया है। दो-चार बालों का टूटना तो स्वाभाविक है पर अधिक मात्रा में जब बाल टूटने लगते हैं तब यह चिंता का विषय बन जाता है क्योंकि बालों का घनापन कम होने लगता है। तब यह चिंता सताने लगती है कि कहीं गंजापन (BALDNESS) न आ जाए। 4 बालों को झड़ने से रोकने के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine for Hair Loss in Hindi) बाल क्या है ? (What is Hair in Hindi) bal kya hote hai – वस्तुतः बाल हमारी त्वचा का ही एक अंग है जो कि ऊपरी चमड़ी से निकलते हैं और हमारे सौन्दर्य में अभिवृद्धि करते हैं। प्रत्येक बाल की जड़ में एक ग्रंथि होती है जिसे तैलीयग्रन्थि कहते हैं। इससे एक प्रकार का स्राव निकलता है जिससे बालों को पोषण मिलता है और बाल मुलायम बने रहते हैं तथा इन ग्रंथियों को रक्त से पोषण मिलता है। क्यों झड़ते हैं बाल ? कारण (Causes of Hair Loss in Hindi) sar ke bal kyu girte hain – बाल झड़ने के निम्लीखित कारण हो सकते है। • आंत्रिक ज्वर (TYPHOID) में देर तक विष प्रभाव के कारण आंत्रिक ज्वर होने के बाद बाल झड़ जाते हैं अथवा झड़ने लगते हैं। • क्लारोमाइस्टीन आदि अनेक आधुनिक एंटीबायोटिक औषधियों के दुष्परिणाम के फलस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं। • कैंसर के किमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से भी बाल झड़ने लगते हैं। कई बार तो रोगी • कालाजार से पीड़ित होने पर भी बाल झड़ने लगते हैं तथा उसमें प्रयुक्त एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्परिणाम स्वरूप भी बाल झड़ने लगते हैं। • शरीर में रक्तसंचालन धीमा पड़ जाने, पोषण का अभाव, रक्ताल्पता तथा पाचन तंत्र की खराबी के क...

बाल मजदूरी पर निबंध

किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। इसे गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिये मालिकों द्वारा जबरजस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिये जरुरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते है। हमारे देश के साथ ही विदेशों में भी बाल मजदूरी एक बड़ा मुद्दा है जिसके बारे में हर एक को जागरुक होना चाहिए। बाल मजदूरी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Child Labour in Hindi, Bal Majduri par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (250 – 300 शब्द) प्रस्तावना बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजबूर करते है। बाल मजदूरी का कारण बाल मजदूरी के कई कारण है जिनमे अनाथ होना , माँ बाप या परिवार का गरीब होना , शिक्षा का अभाव आदि प्रमुख कारण है।बाल मजदूरी के लिए सरकार और अन्य सामाजिक तंत्र भी जिम्मेदार है। कानून व्यवस्था की गैरजिम्मेदारी भी इसका एक प्रमुख कारण है। बाल मजदूरी का प्रभाव बाल मजदूरीके कारण बच्चों के जीवन में कई सारी जरुरी चीजों की कमी हो जाती है जैसे- उचित शारीरिक वृद्धि और विकास, दिमाग काअल्प विकास, सामाजिक और बौद्धिक रुप सेकमजोरी आदि।इसकी वजह से बच्चे बचपन के प्यारे लम्हों से दूर हो जाते है, जो हर एक के जीवन का सबसे यादगार और खुशनुमा पल होता है। बाल मजद...

बल का मात्रक क्या हैं

bal ka SI matrak kya hai – बल किसे कहते हैं – bal kise kahate hain -बल की परिभाषा – what is force in hindi –भौतिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पाठ बल हैं. बल को हम पुरे दिन छोटे से छोटे कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रयोग करते हैं. जब हम दरवाजा खोलते हैं या मोबाइल के बटन को दबाते हैं. तब हम बल का प्रयोग करते हैं. जब कोई वस्तु किसी सीधे पथ पर आगे बढ़ती हैं तो उसे रोकने के लिए गति की विपरीत दिशा में गतिशील वस्तु से अधिक बल लगाना पड़ता हैं. जिससे वह वस्तू फिर से स्थिर अवस्था में आ जाती हैं. जैसे कोई गाड़ी रोड पर 40 किमी/घंटा के हिसाब से भाग रही है. तो उस गाड़ी को रोकने के लिए गाड़ी के पहिये पर को 40 किमी/घंटा के हिसाब से चलाने वाले बल से अधिक बल का ब्रेक लगाना होता हैं. जिससे गाड़ी अपनी स्थिर अवस्था में आ जाती हैं. बल एक सदिश राशि हैं. अर्थात बल किसी विशेष दिशा में एक मात्र में कार्य करता हैं. इसलिए बल की दिशा और द्रव्यमान दोनों होता हैं. बल का विमीय सूत्र क्या हैं? (bal ka vimiy sutra) बल का विमीय सूत्र = [M 1L 1T -2] बल कितने प्रकार के होते हैं? बल चार प्रकार का होते हैं: • घर्षण बल • अभिकेन्द्रीय बल • चुम्बकीय बल • गुरुत्वाकर्षण बल घर्षण बल घर्षण बल वह बल होता हैं जो किसी गतिशील वस्तु के विपरीत दिशा में कार्य करता हैं. घर्षण बल दो सतहों के बिच में उत्पन्न होता हैं. घर्षण बल दो प्रकार के होते हैं: • स्थैतिक घर्षण • गतिज घर्षण स्थैतिक घर्षण दो पृष्ठ के बिच में समान्तर दिशा में कार्य करने वाले घर्षण बल को स्थैतिक बल कहा जाता हैं. अर्थात बाह्य बल लगाने के बावजूद भी वस्तु गति नहीं करती हैं. तो जो बल दोनों प्रष्ठ के बिच में बाह्य बल के विपरीत दिशा में लगता हैं. उसे स्थैतिक बल कहा जाता हैं. ...