Yushmad shabd roop in sanskrit

  1. युष्मद् शब्द रूप Yushmad Shabd Roop
  2. Yushmad Shabd Roop
  3. युष्मद् शब्द रूप
  4. Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit
  5. Yushmad Shabd Roop in Sanskrit
  6. (अस्मद्) ASMAD Shabd Roop
  7. Yushmad Shabd Roop
  8. युष्मद् शब्द रूप Yushmad Shabd Roop
  9. (अस्मद्) ASMAD Shabd Roop
  10. Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit


Download: Yushmad shabd roop in sanskrit
Size: 2.12 MB

युष्मद् शब्द रूप Yushmad Shabd Roop

युष्मद सर्वनाम,(तुम) :- युष्मद के रूप अस्मद् युष्मद् ,इदम, अदस आदि सर्वनाम शब्दों के तीनों लिंगों में रूप एक समान ही चलते हैं । किसी भी सर्वनाम शब्द का संबोधन नहीं होता है अतः जितने भी सर्वनाम शब्द हैं उनमें केवल प्रथमा से लेकर सप्तमी विभक्ति तक ही रूप लिखे जाते है इनमें संबोधन के रूप नहीं लिखे जाते हैं । यहां पर हमने युष्मद् के रूप किस प्रकार बदलते हैं इस बारे में समझाया है और शब्दों का हिंदी अनुवाद भी किया है विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् (तुम) युवाम् (तुम दो) यूयम् (तुम सब) द्वितीया त्वाम् (तुझ को) युवाम् (तुम दोनों को) युष्मान् (तुम सब को) तृतीया त्वया (तुझे/ तेरे द्वारा) युवाभ्याम् (तुम दोनों ने) युस्माभि: (तुम सब ने) चतुर्थी तुभ्यं (तेरे लिए) युवाभ्याम् (तुम दोनों के लिए) युष्मभ्यम् (तुम सब के लिए) पंचमी त्वत् (तुझ से) युवाभ्याम् (तुम दोनों से) युष्मत् (तुम सब से) षष्ठी तव (तेरा) युवयो: (तुम दोनों का) युष्माकम् (तुम सब का) सप्तमी त्वयि (तुझ में/ पर) युवयो: (तुम दोनों से / पर) युष्माषु (तुम सब / पर) युष्मद् शब्द के किन विभक्तियों में दो-दो रूप होते है? द्वितीया, चतुर्थी, और षष्ठी में विभक्तियों में दो-दो रूप होते है यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Yushmad Shabd Roop आपको पसंद आये होगे। अगर यह शब्द के रूप आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Yushmad Shabd Roop

Table of Contents • • Yushmad Shabd Roop In Sanskrit युष्मद् शब्द रूप सर्वनाम शब्द है जिसका अर्थ ‘ तुम‘ होता है। युष्मद् के रूप सर्वनाम शब्दों के तीनों लिंगों में रूप एक समान ही होते हैं। जबकि अस्मद्, इदम्, अदस आदि के रूप में भेद होने के कारण इनको तीनों लिंगों में अलग-अलग लिखा जाता है। सर्वनाम शब्दों में संबोधन नहीं होता है। इसलिए सर्वनाम शब्द के शब्द रूप में सप्तमी विभक्ति तक ही लिखा जाता है संबोधन रुप नहीं लिखा जाता हैं। विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् युवाम् यूयम् द्वितीया त्वाम् युवाम् युष्मान् तृतीया त्वया युवाभ्याम् युस्माभि: चतुर्थी तुभ्यं युवाभ्याम् युष्मभ्यम् पंचमी त्वत् युवाभ्याम् युष्मत् षष्ठी तव युवयो: युष्माकम् सप्तमी त्वयि युवयो: युष्माषु Yushmad Table युष्मद् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में, हिंदी अर्थ के साथ नीचे दिये गये हैं: विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् (तुम) युवाम् (तुम दो) यूयम् (तुम सब) द्वितीया त्वाम् (तुझ को) युवाम् (तुम दोनों को) युष्मान् (तुम सब को) तृतीया त्वया (तुझे/ तेरे द्वारा) युवाभ्याम् (तुम दोनों ने) युस्माभि: (तुम सब ने) चतुर्थी तुभ्यं (तेरे लिए) युवाभ्याम् (तुम दोनों के लिए) युष्मभ्यम् (तुम सब के लिए) पंचमी त्वत् (तुझ से) युवाभ्याम् (तुम दोनों से) युष्मत् (तुम सब से) षष्ठी तव (तेरा) युवयो: (तुम दोनों का) युष्माकम् (तुम सब का) सप्तमी त्वयि (तुझ में/ पर) युवयो: (तुम दोनों से / पर) युष्माषु (तुम सब / पर) युष्मद् शब्द का अर्थ क्या है? युष्मद् शब्द रूप सर्वनाम शब्द है जिसका अर्थ ‘ तुम‘ होता है। यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Yushmad Shabd Roop In Sanskritआपको पसंद आयी होगा। अगर यह ...

युष्मद् शब्द रूप

अगर आप हमारे ब्लॉग पर युष्मद् शब्द का शब्द रूप जानने के लिए आये हैं , तो मैं आपको बता दूँ की यह उतना कठिन भी नहीं है जितना आप उसको समझते है या मानते हैं। हाँ एक बात यहाँ है की यह हाँ अगर आपने अस्मद शब्द का शब्द रूप पहले हमारे ब्लॉग पर पढ़ा है तो आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी , क्योकि यह बिलकुल उसी के जैसा मिलता जुलता है। दरअसल मैं आपको बताऊ तोयुष्मद् का शब्द रूप इसके संरचना के आधार पर नहीं बनता , बल्कि यहत्वम् का रूप है , हालाँकि त्वम् का धातुयुष्मद् है , इसलिए इसका संरचनायुष्मद् के आधार पर न बनकर त्वम के आधार पर बनता है। युष्मद् शब्द का शब्द रूप

Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit

हरि शब्द के रूप – Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit हरि इकारान्त पुंल्लिग ‘हरि’ शब्द – Ikaaraant Punllig Hari Shabd विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा हरिः हरी हरयः द्वितीया हरिं हरी हरीन् तृतीया हरिणा हरिभ्याम् हरिभिः चतुर्थी हरये हरिभ्याम् हरिभ्यः पंचमी हरेः हरिभ्याम् हरिभ्यः षष्ठी हरेः हर्योः हरीणां सप्तमी हरौ हर्योः हरिषु सम्बोधन हे हरे! हे हरी! हे हरयः! हरि शब्द रूप के: नोट-इसी प्रकार इकारान्त पुल्लिग शब्दमुनि, कपि, गिरि, रवि, ऋषि, कवि अदि के रूप भी चलेंगे। Filed Under:

Yushmad Shabd Roop in Sanskrit

दोस्तों आज हमने आप सभी के लिए युष्मद् शब्द के रूप संस्कृत में पोस्ट किये है जैसा की आप सभी जानते है की संस्कृत में एक ही शब्द के अनेक रूप होते है जिसके माध्यम से अन्य शब्दों का निर्माण होता है। युष्मद अस्मद, युशमद, इदाम, अदा आदि के प्रकार। सर्वनाम की तीन यौन अभिविन्यासों में से प्रत्येक में समान संरचना होती है। तो आइये अब चलते है हमारी पोस्ट की और वैसे इससे पहले हमने आप सभी के लिए भानु शब्द के रूप पर वे अन्य संस्कृत शब्द रूप पर भी आर्टिकल पोस्ट कर रखे है जिन्हे आप देख सकते है। मुझे उम्मीद है की आपको हमारी पोस्ट Yushmad Shabd Roop पसंद आएगी।

(अस्मद्) ASMAD Shabd Roop

What is Shabd Roop of Asmad? Know below (शब्द रूप) shabd roop of asmad in sanskrit grammar. अस्मद् (Asmad) ke shabd roop kya Hain. विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा अहम् आवाम् वयम् द्वितीया माम् आवाम् अस्मान् तृतीया मया आवाभ्याम् अस्माभिः चर्तुथी मह्यम् आवाभ्याम् अस्मभ्यम् पन्चमी मत् आवाभ्याम् अस्मत् षष्ठी मम आवयोः अस्माकम् सप्तमी मयि आवयोः अस्मासु

Yushmad Shabd Roop

Table of Contents • • Yushmad Shabd Roop In Sanskrit युष्मद् शब्द रूप सर्वनाम शब्द है जिसका अर्थ ‘ तुम‘ होता है। युष्मद् के रूप सर्वनाम शब्दों के तीनों लिंगों में रूप एक समान ही होते हैं। जबकि अस्मद्, इदम्, अदस आदि के रूप में भेद होने के कारण इनको तीनों लिंगों में अलग-अलग लिखा जाता है। सर्वनाम शब्दों में संबोधन नहीं होता है। इसलिए सर्वनाम शब्द के शब्द रूप में सप्तमी विभक्ति तक ही लिखा जाता है संबोधन रुप नहीं लिखा जाता हैं। विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् युवाम् यूयम् द्वितीया त्वाम् युवाम् युष्मान् तृतीया त्वया युवाभ्याम् युस्माभि: चतुर्थी तुभ्यं युवाभ्याम् युष्मभ्यम् पंचमी त्वत् युवाभ्याम् युष्मत् षष्ठी तव युवयो: युष्माकम् सप्तमी त्वयि युवयो: युष्माषु Yushmad Table युष्मद् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में, हिंदी अर्थ के साथ नीचे दिये गये हैं: विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् (तुम) युवाम् (तुम दो) यूयम् (तुम सब) द्वितीया त्वाम् (तुझ को) युवाम् (तुम दोनों को) युष्मान् (तुम सब को) तृतीया त्वया (तुझे/ तेरे द्वारा) युवाभ्याम् (तुम दोनों ने) युस्माभि: (तुम सब ने) चतुर्थी तुभ्यं (तेरे लिए) युवाभ्याम् (तुम दोनों के लिए) युष्मभ्यम् (तुम सब के लिए) पंचमी त्वत् (तुझ से) युवाभ्याम् (तुम दोनों से) युष्मत् (तुम सब से) षष्ठी तव (तेरा) युवयो: (तुम दोनों का) युष्माकम् (तुम सब का) सप्तमी त्वयि (तुझ में/ पर) युवयो: (तुम दोनों से / पर) युष्माषु (तुम सब / पर) युष्मद् शब्द का अर्थ क्या है? युष्मद् शब्द रूप सर्वनाम शब्द है जिसका अर्थ ‘ तुम‘ होता है। यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Yushmad Shabd Roop In Sanskritआपको पसंद आयी होगा। अगर यह ...

युष्मद् शब्द रूप Yushmad Shabd Roop

युष्मद सर्वनाम,(तुम) :- युष्मद के रूप अस्मद् युष्मद् ,इदम, अदस आदि सर्वनाम शब्दों के तीनों लिंगों में रूप एक समान ही चलते हैं । किसी भी सर्वनाम शब्द का संबोधन नहीं होता है अतः जितने भी सर्वनाम शब्द हैं उनमें केवल प्रथमा से लेकर सप्तमी विभक्ति तक ही रूप लिखे जाते है इनमें संबोधन के रूप नहीं लिखे जाते हैं । यहां पर हमने युष्मद् के रूप किस प्रकार बदलते हैं इस बारे में समझाया है और शब्दों का हिंदी अनुवाद भी किया है विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा त्वम् (तुम) युवाम् (तुम दो) यूयम् (तुम सब) द्वितीया त्वाम् (तुझ को) युवाम् (तुम दोनों को) युष्मान् (तुम सब को) तृतीया त्वया (तुझे/ तेरे द्वारा) युवाभ्याम् (तुम दोनों ने) युस्माभि: (तुम सब ने) चतुर्थी तुभ्यं (तेरे लिए) युवाभ्याम् (तुम दोनों के लिए) युष्मभ्यम् (तुम सब के लिए) पंचमी त्वत् (तुझ से) युवाभ्याम् (तुम दोनों से) युष्मत् (तुम सब से) षष्ठी तव (तेरा) युवयो: (तुम दोनों का) युष्माकम् (तुम सब का) सप्तमी त्वयि (तुझ में/ पर) युवयो: (तुम दोनों से / पर) युष्माषु (तुम सब / पर) युष्मद् शब्द के किन विभक्तियों में दो-दो रूप होते है? द्वितीया, चतुर्थी, और षष्ठी में विभक्तियों में दो-दो रूप होते है यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Yushmad Shabd Roop आपको पसंद आये होगे। अगर यह शब्द के रूप आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

(अस्मद्) ASMAD Shabd Roop

What is Shabd Roop of Asmad? Know below (शब्द रूप) shabd roop of asmad in sanskrit grammar. अस्मद् (Asmad) ke shabd roop kya Hain. विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा अहम् आवाम् वयम् द्वितीया माम् आवाम् अस्मान् तृतीया मया आवाभ्याम् अस्माभिः चर्तुथी मह्यम् आवाभ्याम् अस्मभ्यम् पन्चमी मत् आवाभ्याम् अस्मत् षष्ठी मम आवयोः अस्माकम् सप्तमी मयि आवयोः अस्मासु

Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit

हरि शब्द के रूप – Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit हरि इकारान्त पुंल्लिग ‘हरि’ शब्द – Ikaaraant Punllig Hari Shabd विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा हरिः हरी हरयः द्वितीया हरिं हरी हरीन् तृतीया हरिणा हरिभ्याम् हरिभिः चतुर्थी हरये हरिभ्याम् हरिभ्यः पंचमी हरेः हरिभ्याम् हरिभ्यः षष्ठी हरेः हर्योः हरीणां सप्तमी हरौ हर्योः हरिषु सम्बोधन हे हरे! हे हरी! हे हरयः! हरि शब्द रूप के: नोट-इसी प्रकार इकारान्त पुल्लिग शब्दमुनि, कपि, गिरि, रवि, ऋषि, कवि अदि के रूप भी चलेंगे। Filed Under: