12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग कौन सा है

  1. Nageshwar Jyotirling : कौन सा है असली नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ? – DHARMWANI.COM
  2. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
  3. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो
  4. जानिए इस धरती पर सबसे पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है और क्या है इसकी महिमा। ~ Bhole Shankar® ☑
  5. 12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? – ElegantAnswer.com
  6. भारत का अंतिम ज्योतिर्लिंग है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, जानिए इससे जुड़े फैक्ट्स
  7. 12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
  8. 12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? – ElegantAnswer.com
  9. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
  10. जानिए इस धरती पर सबसे पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है और क्या है इसकी महिमा। ~ Bhole Shankar® ☑


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Nageshwar Jyotirling : कौन सा है असली नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ? – DHARMWANI.COM

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 10 वां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर, यानी नागों के ईश्वर का है। शिव महापुराण के अनुसार नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirling) दारुक वन में स्थित है और दारुक वन का वर्णन हमें कई महाकाव्यों जैसे दंदकावना, दैत्यवाना और कम्यकावना में मिलता है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पाठ में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का उल्लेख नागेश दारूकावने के नाम से मिलता है। लेकिन, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirling) के नाम से इस मंदिर के अलावा भी ऐसे दो अन्य प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनको लेकर विवाद है। इसमें पहला मंदिर गुजरात के द्वारका में है जो द्वारका से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। दूसरा मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर (Jageshwar Jyotirling)के नाम से जाना जाता है। और तीसरा महारष्ट्र के हिंगोली जिले में स्थित औंढा नागनाथ (Aundha Nagnath Hingoli) नामक जगह पर है। इन तीनों ही मंदिरों को लेकर धर्म के जानकारों और इतिहासकारों में कई मतभेद हैं। इसीलिए कुछ धर्माचार्य इसे एक विवादास्पद ज्योतिर्लिंग मंदिर मानते हैं। औंढा नागनाथ शिव मंदिर, जिला हिंगोली (महारष्ट्र) अल्मोड़ा उत्तराखंड में स्थित जागेश्वर धाम मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पाठ में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirling) का उल्लेख नागेश दारूकावने के नाम से मिलता है। जबकि, अल्मोड़ा के समीप स्थित शिवलिंग मंदिर जागेश्वर के नाम से जाना जाता है। हालांकि इतिहासकारों और जानकारों ने इसके नाम को लेकर भी कुछ ऐसे तर्क दिए हैं जिनके अनुसार यह माना जा सकता है कि जागेश्वर का यह मंदिर भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग हो सकता है। लेकिन, कुछ अन्य धर्माचार्यों और जानकारों का मानना है कि इस तर्क से भी स्पष्ट नहीं होता कि कौन...

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान

4/5 - (4 votes) 12 Jyotirlinga In Hindi, क्या आप जानतें हैं 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर है। हिंदू धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्व है। देश के 12 विभिन्न स्थानों पर स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग अपनी देश की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार जो व्यक्ति पूरे 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर ले, उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी संकट और बाधाएं दूर हो जाती है। हालांकि जीवन में इन सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन हर कोई नहीं कर पाता, सिर्फ किस्मत वाले लोगों को ही इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। हिन्यू मान्यता में 12 ज्योतिर्लिंग कहानी के अनुसार भगवान शिव शंकर ने जिन 12 स्थानों पर अवतार लेकर अपने भक्तों को दर्शन दिए उन जगहों पर इन ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई। अगर आप भी इन ज्योतिर्लिंग की आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने की योजना बना हैं तो हमारे इस आर्टिकल में आप भगवान शिव के पूरे 12 ज्योतिर्लिंग से जुड़ी जानकारी आपको मिल जाएगी। तो चलिए जानते हैं १२ ज्योतिर्लिंग कहां कहां है और क्या है इनका महत्व । • • • • • • • • • • • • ज्योतिर्लिंग क्या है और ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई- What Is Jyotirling In Hindi जब आप ज्योतिर्लिंग शब्द को तोड़ते हैं तो पहले शब्द “ज्योति” बन जाता है जिसका अर्थ है “चमक” और “लिंग” भगवान शंकर के स्वरूप को प्रकट करता है। ज्योतिर्लिंग का सीधा अर्थ भगवान शिव के प्रकाशवान दिव्य रूप से ही है। इन ज्योतिर्लिंग को शिव का अलग रूप माना जाता है। अब आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि आखिर ये ज्योतिर्लिंग होते क्या हैं और इन ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई। तो चलिए हम आपको ब...

12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो

Lord shiva 12 jyotirlinga places in hindi /शिव भगवान् देवों के देव अर्थात् महादेव हैं। भोलेनाथ अर्थात शिव जी से प्रत्येक कण की उत्पत्ति हुई है तथा उन्ही मे प्रत्येक कण की समाप्ति होती है। इन्हें महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। आज हम यहाँ भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) और भगवान शिव के “द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” के बारें में जानेंगे.. ज्योतिर्लिंग क्या हैं – अथार्त ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में क्या अंतर है? (12 Jyotirlinga Details in Hindi) ‘ज्योतिर्लिंग’ शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों, ‘ज्योति’ और ‘लिंगम्’ से हुई है। ज्योति का अर्थ है, ‘प्रकाश’ और ‘लिंगम्’ का तात्पर्य भगवान् शिव की छवि या उनके चिन्ह से है। अतः ज्योतिर्लिंग का अर्थ है – सर्वशक्तिमान शिव का एक प्रकाशमान चिन्ह। ज्योतिर्लिंग की कथा – Jyotirlingas Story in Hindi शिव महापुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में सर्वोच्चता (सर्वश्रेष्ठता) को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद का अंत करने के लिए, भगवान् शिव ने उन्हें एक कार्य सौंपा और स्वयं एक ज्योतिर्लिंग, प्रकाश का एक विशाल और अनंत स्तम्भ, के रूप में तीनों लोकों में प्रसारित हो गए। अब ब्रह्मा और विष्णु को अपने मार्ग पृथक कर इस प्रकाशमान स्तम्भ के ऊपरी और निचले सिरों का अंत खोजना था। दोनों इस खोज में लग गए। ब्रह्मा जी ने आकर कहा कि उन्हें अंत मिल गया, लेकिन विष्णु जी ने यह कहते हुए अपनी पराजय स्वीकार ली कि उन्हें इस प्रकाशमान स्तम्भ का...

जानिए इस धरती पर सबसे पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है और क्या है इसकी महिमा। ~ Bhole Shankar® ☑

देश में शिव के जो बारह ज्योतिर्लिंग है उनके बारे में मान्यता है कि अगर सुबह उठकर सिर्फ एक बार भी बारहों ज्योतिर्लिंगों का नाम ले लिया जाए तो सारा काम हो जाता है। सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग इस धरती का पहला ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा बड़ी विचित्र है। शिव पुराण की कथा के हिसाब से प्राचीन काल में राजा दक्ष ने अश्विनी समेत अपनी सत्ताईस कन्याओं की शादी चंद्रमा से की थी। खैर, शिव एक रास्ता निकालते हैं। चंद्रमा से कहते हैं कि मैं तुम्हारे लिए ये कर सकता हूं एक माह में जो दो पक्ष होते हैं, उसमें से एक पक्ष में तुम निखरते जाओगे। लेकिन दूसरे पक्ष में तुम क्षीण भी होओगे। ये पौराणिक राज है चंद्रमा के शुक्ल और कृष्ण पक्ष का जिसमें एक पक्ष में वो बढ़ते हैं और दूसरे में वो घटते जाते हैं। भगवान शिव के इस वर से भी चंद्रमा काफी खुश हो गए। उन्होंने भगवान शिव का आभार प्रकट किया उनकी स्तुति की। यहां पर एक बड़ा अच्छा रहस्य है। अगर आप साकार और निराकर शिव का रहस्य जानते हैं तो आप इसे समझ जाएंगे, क्योंकि चंद्रमा की स्तुति के बाद इसी जगह पर भगवान शिव निराकार से साकार हो गए थे। और साकार होते ही देवताओं ने उन्हें यहां सोमेश्वर भगवान के रूप में मान लिया। यहां से भगवान शिव तीनों लोकों में सोमनाथ के नाम से विख्यात हुए। समय गुजरा। इस जगह की पवित्रता बढ़ती गई। शिव पुराण में कथा है कि जब शिव सोमनाथ के रूप में यहां निवास करने लगे तो देवताओं ने यहां एक कुंड की स्थापना की। उस कुंड का नाम रखा गया सोमनाथ कुंड। कहते हैं कि कुंड में भगवान शिव और ब्रह्मा का साक्षात निवास है। इसलिए जो भी उस कुंड में स्नान करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। उसे हर तरह के रोगों से निजात मिल जाता है। ये है इस धरती के सबसे ...

12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? – ElegantAnswer.com

12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? देशभर में कहां-कहां पर हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग यहां पढ़ें. • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश • ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश • केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र • विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश 12 ज्योतिर्लिंग किधर किधर है? इसे सुनेंरोकेंआइए, आज जानते हैं देश में कहां-कहां पर स्थित हैं भगवान शिव के ये 12 ज्योतिर्लिंग… गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक-तीर्थ कहते हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्रीशैलम कहाँ है? इसे सुनेंरोकेंमल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में स्थित है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह मंदिर देवी पार्वती के 18 शक्तिपीठों में से एक है। लिंगम द्वारा भगवान शिव की पूजा की जाती है। पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंपहला स्थान: सोमनाथ यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। दूसरा स्थान: श्री शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है। तीसरा स्थान: ये महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग। कहते हैं यहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था। 12 ज्योतिर्लिंग का रहस्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंपुराणों में कहा गया है कि जब तक महादेव के इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर लेते, आपका आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता. हिंदू मान्यता के अनुसार ज्योतिर्...

भारत का अंतिम ज्योतिर्लिंग है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, जानिए इससे जुड़े फैक्ट्स

भारत में भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी अलग पौराणिक मान्यता है। देश दुनिया से श्रद्धालु इन मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं। लेकिन भारत के मशहूर भगवान शिव के इन 12 ज्योतिर्लिंग का अपना अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इन 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव ने खुद प्रकट होकर अपने दर्शन दिए थे। जिसके बाद इन सभी जगहों पर 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई। इन सभी ज्योतिर्लिंगों की अपनी अलग विशेषताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति अपनी लाइफ में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप माफ हो जाते हैं। इन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। जो सभी ज्योतिर्लिंग में सबसे अंतिम और छोटा ज्योतिर्लिंग है। तो आइए जानते हैं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में... 6. पौराणिक कथाओं के मुताबिक घुश्मा नाम की महिला की भक्ति से खुश होकर भगवान शिव ने इस स्थान पर उन्हें अपने दर्शन दिए थे। जिसके बाद घुश्मा को भगवान शिव ने संतान सुख का आशीर्वाद भी दिया था। इस ज्योतिर्लिंग को लेकर ये मान्याता है कि जिन जोड़ों को संतान नहीं होती, अगर वो एक साथ यहां आकर संतान प्राप्ति की मनोकामना मांगे तो वो जरूर पूरी होती है। Disclaimer: The information is based on assumptions and information available on the internet and the accuracy or reliability is not guaranteed. Boldsky does not confirm any inputs or information related to the article and our only purpose is to deliver information. Kindly consult the concerned expert before practising or implementing any information and assumption.

12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग कौन सा है?

नई दिल्ली: हिंदी पंचांग के आखिरी महीने फाल्गुन की शुरुआत हो चुकी है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान हर एक श्रद्धालु की यही कोशिश रहती है कि वे भोलेनाथ भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें. वैसे तो देशभर में शिव जी के कई प्रसिद्ध मंदिर और शिवालय हैं लेकिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग ही महत्व है. पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन 12 स्थानों पर जो शिवलिंग मौजूद हैं उनमें ज्योति के रूप में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं. यही कारण है कि इन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इन ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlinga) के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं के सभी पाप दूर हो जाते हैं. देशभर में कहां-कहां पर हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग यहां पढ़ें. विषयसूची Show • • • • 1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है देश का पहला ज्योतिर्लिंग जिसे सोमनाथ के नाम से जाना जाता है. शिव पुराण के अनुसार जब चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने क्षय रोग का श्राप दिया था तब इसी स्थान पर शिव जी की पूजा और तप करके चंद्रमा ने श्राप से मुक्ति पाई थी. ऐसी मान्यता है कि स्वयं चंद्र देव ने इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी. ये भी पढ़ें- जानिए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास और रहस्य 2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग. इसे दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. 3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश मध...

12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? – ElegantAnswer.com

12 ज्योतिर्लिंग का नाम क्या क्या है? देशभर में कहां-कहां पर हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग यहां पढ़ें. • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश • ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश • केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र • विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश 12 ज्योतिर्लिंग किधर किधर है? इसे सुनेंरोकेंआइए, आज जानते हैं देश में कहां-कहां पर स्थित हैं भगवान शिव के ये 12 ज्योतिर्लिंग… गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक-तीर्थ कहते हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्रीशैलम कहाँ है? इसे सुनेंरोकेंमल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में स्थित है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह मंदिर देवी पार्वती के 18 शक्तिपीठों में से एक है। लिंगम द्वारा भगवान शिव की पूजा की जाती है। पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंपहला स्थान: सोमनाथ यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। दूसरा स्थान: श्री शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है। तीसरा स्थान: ये महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग। कहते हैं यहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था। 12 ज्योतिर्लिंग का रहस्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंपुराणों में कहा गया है कि जब तक महादेव के इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर लेते, आपका आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता. हिंदू मान्यता के अनुसार ज्योतिर्...

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi: हिंदू धर्म में भगवान शिव को मोक्ष देवता और शीघ्र प्रसन्न होकर वरदान देने वाले भगवान माना जाता है। हमारे देश में भगवान शिव के अलग-अलग जगहों पर शिवालय मौजूद है और वहां पर रोजाना भगवान शिव के भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का अपना बहुत महत्व है। यदि आप लोगों को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में जानकारी नहीं है और आप भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम जानना चाहते हो तो आज आप बिल्कुल सही लेख को पढ़ रहे हो। ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति के पीछे अलग-अलग मत हैं और अलग-अलग कहानियां भी है जिसके बारे में आपको नीचे हम एक संक्षिप्त जानकारी देंगे। जिससे आपको पता चलेगा कि ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति किस प्रकार से हुई? ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? भारत में मौजूद अलग-अलग 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, महत्व एवं उनके स्थान के बारे में जानने से पहले चलिए जानते हैं कि आखिर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? वैसे तो हिंदू धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों को लेकर अलग-अलग मान्यता है। इतना ही नहीं भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति के पीछे भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के बीच के विवाद को निपटाने का एक जरिया भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार ब्रह्मा और विष्णु जी के बीच कौन सबसे श्रेष्ठ है? इस चीज को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया और इतना ही नहीं जब उनका विवाद बहुत अधिक बढ़ गया। तब अग्नि की ज्वालाओं के लिपटा हुआ लिंग भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के बीच आकर अचानक से स्थापित हो गया था और दोनों देवता उठा उस लिंग का रहस्य नहीं समझ पाए। इस रहस्यमय ज्योतिर पिंड के बारे में उन्होंने अध्ययन करने के ल...

जानिए इस धरती पर सबसे पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है और क्या है इसकी महिमा। ~ Bhole Shankar® ☑

देश में शिव के जो बारह ज्योतिर्लिंग है उनके बारे में मान्यता है कि अगर सुबह उठकर सिर्फ एक बार भी बारहों ज्योतिर्लिंगों का नाम ले लिया जाए तो सारा काम हो जाता है। सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग इस धरती का पहला ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा बड़ी विचित्र है। शिव पुराण की कथा के हिसाब से प्राचीन काल में राजा दक्ष ने अश्विनी समेत अपनी सत्ताईस कन्याओं की शादी चंद्रमा से की थी। खैर, शिव एक रास्ता निकालते हैं। चंद्रमा से कहते हैं कि मैं तुम्हारे लिए ये कर सकता हूं एक माह में जो दो पक्ष होते हैं, उसमें से एक पक्ष में तुम निखरते जाओगे। लेकिन दूसरे पक्ष में तुम क्षीण भी होओगे। ये पौराणिक राज है चंद्रमा के शुक्ल और कृष्ण पक्ष का जिसमें एक पक्ष में वो बढ़ते हैं और दूसरे में वो घटते जाते हैं। भगवान शिव के इस वर से भी चंद्रमा काफी खुश हो गए। उन्होंने भगवान शिव का आभार प्रकट किया उनकी स्तुति की। यहां पर एक बड़ा अच्छा रहस्य है। अगर आप साकार और निराकर शिव का रहस्य जानते हैं तो आप इसे समझ जाएंगे, क्योंकि चंद्रमा की स्तुति के बाद इसी जगह पर भगवान शिव निराकार से साकार हो गए थे। और साकार होते ही देवताओं ने उन्हें यहां सोमेश्वर भगवान के रूप में मान लिया। यहां से भगवान शिव तीनों लोकों में सोमनाथ के नाम से विख्यात हुए। समय गुजरा। इस जगह की पवित्रता बढ़ती गई। शिव पुराण में कथा है कि जब शिव सोमनाथ के रूप में यहां निवास करने लगे तो देवताओं ने यहां एक कुंड की स्थापना की। उस कुंड का नाम रखा गया सोमनाथ कुंड। कहते हैं कि कुंड में भगवान शिव और ब्रह्मा का साक्षात निवास है। इसलिए जो भी उस कुंड में स्नान करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। उसे हर तरह के रोगों से निजात मिल जाता है। ये है इस धरती के सबसे ...