2022 का रक्षाबंधन कब है

  1. 2022 में रक्षाबंधन कब है New Delhi, India में
  2. रक्षाबंधन 2022
  3. 2023 में रक्षाबंधन कब है New Delhi, India में
  4. रक्षाबंधन 11 अगस्त को या कि 12 अगस्त को, कब मनाएं?
  5. Rakshabandhan 2022: रक्षाबंधन 11 अगस्त या 12 अगस्त को, कब मनाना है सही? ज्योतिषाचार्य से जानें
  6. Raksha Bandhan 2022: कब है रक्षाबंधन?...
  7. Raksha Bandhan 2022: कब है रक्षाबंधन? जानें तारीख और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त


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2022 में रक्षाबंधन कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में रक्षाबंधन कब है व रक्षाबंधन 2022 की तारीख व मुहूर्त। रक्षाबंधन का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाते हैं; इसलिए इसे राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है। इस दिन बहनें भाइयों की समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियाँ बांधती हैं, वहीं भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को राखरी भी कहते हैं। यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है। रक्षाबंधन मुहूर्त रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है जिस दिन पूर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ रही हो। हालाँकि आगे दिए इन नियमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है– 1.यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्ण काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्ण काल में करने चाहिए। 2.लेकिन यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं। यद्यपि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्ण काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, इसलिए वहाँ आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो। ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है। राखी पूर्णिमा की पूजा-विधि रक्षा बंधन के दिन बहने भाईयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र या राखी बांधती हैं। साथ ही वे भाईयों की दीर्घायु, समृद्धि व ख़ुशी आदि की कामना करती...

रक्षाबंधन 2022

रक्षाबंधन 2022 | रक्षाबंधन कब है 2022 | रक्षा बंधन 2022 | रक्षा बंधन कब है 2022: रक्षाबंधन का पावन पर्व सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रक्षा सूत्र बांधती हैं, जिसे राखी कहते हैं। साथ ही बहन अपने भाई की आरती करती है, माथे पर तिलक करती है और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करती है। कुछ ही दिनों में रक्षा बंधन 2022 का त्योहार आने वाला है। भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक यह पर्व भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रक्षा बंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र, सफलता और समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व हिंदूओं का त्योहार है। यह बहन और भाई के आपसी स्नेह का पर्व है। यह दिन उत्सव का दिन होता है, इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों के हाथों में विभिन्न प्रकार के धागे (राखी) बांधती हैं और उनकी सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। रक्षा बंधन का पर्व साल में एक बार आता है। वर्ष 2022 में रक्षा बंधन का पर्व 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। यह दिन गुरुवार है। अच्छे मुहूर्त या भद्रा रहित काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई को सफलता और विजय प्राप्त होती है। लेकिन रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कई मान्यताएं और पौराणिक कथाएं हैं, इन्हीं मान्यताओं के आधार पर राखी का त्योहार मनाया जाता है। कब है रक्षा बंधन 2022 रक्षा बंधन (रक्षा बंधन 2022) का पवित्र पत्र पर्व भद्रा रहित काल में ही मनाया जाना चाहिए। रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन आता है। इस बार 2021 में रक्षा बंधन 11 अगस्त, दिन गुरुवा...

2023 में रक्षाबंधन कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में रक्षाबंधन कब है व रक्षाबंधन 2023 की तारीख व मुहूर्त। रक्षाबंधन का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाते हैं; इसलिए इसे राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है। इस दिन बहनें भाइयों की समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियाँ बांधती हैं, वहीं भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को राखरी भी कहते हैं। यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है। रक्षाबंधन मुहूर्त रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है जिस दिन पूर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ रही हो। हालाँकि आगे दिए इन नियमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है– 1.यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्ण काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्ण काल में करने चाहिए। 2.लेकिन यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं। यद्यपि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्ण काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, इसलिए वहाँ आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो। ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है। राखी पूर्णिमा की पूजा-विधि रक्षा बंधन के दिन बहने भाईयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र या राखी बांधती हैं। साथ ही वे भाईयों की दीर्घायु, समृद्धि व ख़ुशी आदि की कामना करती...

रक्षाबंधन 11 अगस्त को या कि 12 अगस्त को, कब मनाएं?

दरअसल, रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन श्रावण नक्षत्र में ही मनाया जाता है। 11 अगस्त को सुबह 10.38 से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होकर अगले दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी यानी 12 अगस्त को सुबह तक ही पूर्णिमा तिथि रहेगी, उसके बाद नहीं। तो फिर रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाने का कोई मतलब नहीं। 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा रक्षाबंधन : चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। चंद्रमा जब मेष, वृषभ, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है। शास्त्र अनुसार जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होगी तब वह शुभ फलदायी होती है। अत: स्पष्ट है कि रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त 2022, गुरुवार को ही मनाया जाना चाहिए।

Rakshabandhan 2022: रक्षाबंधन 11 अगस्त या 12 अगस्त को, कब मनाना है सही? ज्योतिषाचार्य से जानें

11 अगस्त को ही श्रावण पूर्णिमा तिथि है, इस दिन ही रक्षाबंधन मनाना उत्तम है. रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ है. शाम 04:26 बजे भद्रा समाप्त हो रही है. इस बार रक्षाबंधन (Rakshabandhan) की तारीख और राखी बांधने के समय (Rakhi Muhurat) को लेकर पेंच फंस गया है. हर साल किसी न किसी त्योहार के दिन या पूजा मुहूर्त को लेकर ऐसा पेंच फंसता है. अब इस साल रक्षाबंधन को हो ले लीजिए. कहीं पर 11 अगस्त को रक्षाबंधन है तो कहीं पर 12 अगस्त को मनाने की तैयारी है. ऐसे में आम आदमी के लिए समस्या यह हो जाती है कि वह किस दिन रक्षाबंधन मनाए? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं रक्षाबंधन की सही तारीख और क्यों फंस जाता है दिन या तारीख पर पेंच? कैसे तय होता है व्रत और त्योहार का दिन? ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि हिंदू धर्म के सभी व्रत और त्योहार पंचांग की तिथियों के आधार पर मनाए जाते हैं. व्रत या त्योहार जिस तिथि को मनाई जाती है, वह तिथि वर्तमान साल में कब है, यह देखकर उसका तारीख और दिन तय होता है. अधिकतर व्रत और त्योहारों में उदयातिथि की मान्यता होती है, उस आधार पर ही व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. कई बार तिथि के साथ पूजा का मुहूर्त, चंद्रमा की उपस्थिति, प्रदोष काल आदि भी देखना होता है. यह भी पढ़ेंः रक्षाबंधन पर राखी बांधने के समय को लेकर है दुविधा तो जानें मुहूर्त रक्षाबंधन 11 अगस्त या 12 अगस्त को? रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा की तिथि को मनाते हैं. अब हमें यह देखना है कि सावन पूर्णिमा तिथि कब है. काशी विश्वनाथ ऋषिकेष पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर समाप्त...

Raksha Bandhan 2022: कब है रक्षाबंधन?...

Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा 2 दिन यानी 11 और 12 अगस्त को पड़ रही है जिसकी वजह से लोगों के मन में रक्षाबंधन के तारीख को लेकर थोड़ी सी शंका है। रक्षाबंधन भाई-बहनों के रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार है। सभी बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें राखी बांधती हैं और भाई भी जीवनभर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। Raksha Bandhan 2022: राखी की तारीख और शुभ मुहूर्त सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त की सुबह 10.38 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह 7.05 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि 12 अगस्त को है तो इस लिहाज से रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाई जानी चाहिए लेकिन वहीं, माना जा रहा है कि 11 अगस्त को पूरे दिन पूर्णिमा रहेगी तो रक्षाबंधन उसी दिन मनाना शुभ होगा। 11 अगस्त को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 10.38 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा जिसमें दोपहर 12.06 मिनट से 12.57 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। ज्येतिषों के मतानुसार इस मुहूर्त में भद्रा पाताल लोक में रहेगी जिसका व्यापक तौर से रक्षाबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। Raksha Bandhan 2022: जान लें कब है भद्रकाल मुहूर्त रक्षाबंधन पर बहनों को गलती से भी भद्रकाल मुहूर्त में अपने भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रकाल में राखी बांधना बेहद अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार रावण की बहन ने Raksha Bandhan 2022: ऐसी राखी खरीदने से बचें रक्षाबंधन भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक होती है। इस दिन बहनों को अपने भाइयों के लिए राखी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। बहनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो बड़े आकार की राखी न खरीदें क्य...

Raksha Bandhan 2022: कब है रक्षाबंधन? जानें तारीख और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan 2022 Shubh Muhurat: 14 जुलाई से सावन महीना शुरू हो रहा है और इसके साथ ही शुरू हो जाएगा 4 महीने तक चलने वाले ढेर सारे व्रत-त्‍योहार का सिलसिला. इस दौरान रक्षाबंधन का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार भी पड़ेगा. भाई-बहन के पवित्र रिश्‍ते को मजबूत करने वाला यह पर्व इस साल 11 अगस्‍त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाते हैं और हिंदू पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा तिथ‍ि 11 अगस्‍त की सुबह 10:38 बजे से शुरू होगी और 12 अगस्त की सुबह 07:05 पर समाप्‍त होगी. लिहाजा रक्षाबंधन 11 अगस्‍त को मनाया जाएगा लेकिन सावन महीने का आखिरी दिन 12 अगस्‍त को माना जाएगा. इस साल राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त 11 अगस्‍त की सुबह 09:28 बजे से रात 09:14 तक रहेगा. लेकिन इस बीच शाम 05:17 से रात 08:00 बजे तक भद्राकाल रहेगा. इस दौरान भाई को राखी न बांधें. भद्राकाल में क्‍यों नहीं बांधते राखी? रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई को राखी बांधने से बहन और भाई दोनों को शुभ फल मिलता है. लेकिन शुभ मुहूर्त में राखी न भी बांध पाएं तो भद्राकाल और राहुकाल में राखी बांधने की सख्‍त मनाही की गई है. इसके पीछे एक पौराणिक कहानी है, जिसके मुताबिक लंकापति रावण को उसकी बहन ने भद्राकाल में ही राखी बांधी थी और रावण का प्रभु श्रीराम के हाथों वध हुआ था. इसके अलावा यह भी मान्‍यता है कि भद्राकाल में शिव जी तांडव करते हैं. इन दोनों कारणों से भद्राकाल में राखी बांधने या अन्‍य कोई शुभ काम करने की मनाही की जाती है.