2022 में दशहरा कब का है

  1. dussehra 2022 4th or 5th october know date time shubh muhurt and importance
  2. Dussehra 2022: इस साल कब है दशहरा? जानें विजयदशमी पर्व का शुभ मुहूर्त, तिथि ....
  3. Dussehra 2022 date: dussehra 2022 mein kab hai, vijayadashami 2022 shubh muhurat and puja vidhi
  4. 2022 में दशहरा कब है New Delhi, India में
  5. Dussehra 2022: दशहरा कब है, दशहरा पूजा का दिन और समय !
  6. Dussehra 2022 Date:दशहरा कब है? जानिए विजयादशमी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


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dussehra 2022 4th or 5th october know date time shubh muhurt and importance

Vijaydashmi 2022: शास्त्रों में दशहरा पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। यह त्योहार अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने माता सीता को रावण के चंगुल से मुक्त कराया था और रावण का वध किया था। इस दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है। साथ ही इस दिन अस्त्र- शस्त्र की पूजा का का विशेष महत्व होता है। इस त्योहार को विजयदशमी नाम से भी जाना जाता है आइए जानते हैं दशहरा की सही तिथि और महत्व… दशहरा की सही तिथि और मुहूर्त वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि मंगलवार 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी बुधवार, 05, अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि को आधार मानकर दशहरा 05 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। वहीं इस दिन विजय, अमृत काल और दुर्हुमूर्त जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं। जिनका ज्योतिष में विशेष महत्व बताया गया है। इन योगों में उपाय सिद्ध हो जाता है।

Dussehra 2022: इस साल कब है दशहरा? जानें विजयदशमी पर्व का शुभ मुहूर्त, तिथि ....

Dussehra Shubh Muhurat 2022: हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व मनाया जाता है. इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. दशहरा पर्व देशभर में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. बुराई पर अच्छाई का प्रतीक ये पर्व सभी प्राणियों को एक सीख देता है. आज के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध करके धरती को उसके प्रकोप से बचाया था. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम की पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है. यही नहीं, इस दिन रावण का पुतला जलाने का भी विधान है. साल 2022 में कब है दशहरा दशहरा पर्व हर साल दिवाली से 20 दिन पहले मनाया जाता है. इस साल दशहरा 5 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा. इससे पहले नौ दिनों तक मां दुर्गा के नवरात्रि रखे जाते हैं. विजय दशमी पूजा मुहूर्त 2022 अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि का आरंभ – 4 अक्टूबर 2022 दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर होगा अश्विन मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त – 5 अक्टूबर 2022 दोहपर 12 बजे तक है. पूजन का शुभ मुहूर्त – 5 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से लेकर 03 बजे तक है. दशहरा का महत्व दशहरा के दिन भगवान श्री राम ने अंहकारी रावण का वध किया था. इसी खुशी में भगवान श्री राम की आराधना की जाती है. इस दिन भगवान राम का नाम जपने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन हथियारों की पूजा का भी विधान है. इतना ही नहीं, योद्धा भी इस दिन हथियारों की पूजा करते हैं और जीत का जश्न मनाते हैं. हिंदू धर्म में दशहरे (Dussehra) का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने लंका के अहंकारी राजा रावण का वध किया था. हर साल अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को यह त्योहार मनाया जाता है. इसे विजयदशमी (Vijaydashmi) के ना...

Dussehra 2022 date: dussehra 2022 mein kab hai, vijayadashami 2022 shubh muhurat and puja vidhi

Dussehra 2022 Date Shubh Muhurat And Puja Vidhi: दशहरे का त्योहार धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने पत्नी सीता को लंकेशपति रावण के चंगुल से छुड़ाकर अहंकारी रावण का वध किया था तभी से ही दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता आ रहा है। हर साल दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाकर धूमधाम से दशहरा मनाते हैं। पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े हर्षोल्लास के साथ ये पर्व मनाया जाता है। वहीं इस वर्ष 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

2022 में दशहरा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में दशहरा कब है व दशहरा 2022 की तारीख व मुहूर्त। दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसी दिन पुरूषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध किया था। कुछ स्थानों पर यह त्यौहार विजयादशमी,के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार यह उत्सव माता विजया के जीवन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा(शस्त्र पूजा) के रूप में मनाते हैं। दशहरा मुहूर्त 1. दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक की होती। 2.यदि दशमी दो दिन हो और केवल दूसरे ही दिन अपराह्नकाल को व्याप्त करे तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी। 3.यदि दशमी दो दिन के अपराह्न काल में हो तो दशहरा त्यौहार पहले दिन मनाया जाएगा। 4.यदि दशमी दोनों दिन पड़ रही है, परंतु अपराह्न काल में नहीं, उस समय में भी यह पर्व पहले दिन ही मनाया जाएगा। श्रवण नक्षत्र भी दशहरा के मुहूर्त को प्रभावित करता है जिसके तथ्य नीचे दिए जा रहे हैं: 1.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्ण काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र पहले दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयदशमी का त्यौहार प्रथम दिन में मनाया जाएगा। 2.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्न काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयादशमी का त्यौहार दूसरे दिन मनाया जाएगा। 3.यदि दशमी तिथि दोनों दिन पड़े, लेकिन अपराह्ण काल केवल पहले दिन हो तो उस स्थिति में दूसरे दिन दशमी तिथि पहले तीन मुहूर्त तक विद्यमान रहेगी और श्रवण नक्ष...

Dussehra 2022: दशहरा कब है, दशहरा पूजा का दिन और समय !

Rate this post हिंदू समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक के रूप में जाना जाता है, दशहरा पूजा राक्षसी शासक रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है, जिसने राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था। विजयादशमी भी कहा जाता है, इस दिन को नवरात्रि के नौ दिनों तक चलने वाले त्योहार के समापन के बाद मनाया जाता है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • Dussehra 2022: दशहरा कब है! दशहरा 2022 तिथि: दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो नवरात्रि के अंत का प्रतीक है। साल 2022 में दशहरा पूजा 15 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। दशमी तिथि 14 अक्टूबर 2022 को शाम 6:52 बजे शुरू होगी और 15 अक्टूबर 2022 को शाम 6:02 बजे समाप्त होगी। दशहरा पूजा इतिहास और महत्व दशहरा इतिहास और महत्व किंवदंतियों के अनुसार, रावण ने भगवान राम की पत्नी का अपहरण किया था, जिसके कारण उनके बीच एक घातक युद्ध हुआ था। राक्षस राजा रावण को भगवान ब्रह्मा ने अविनाशी होने का वरदान दिया था। कई घटनाओं के बाद, राम अपने पेट-बटन के माध्यम से एक तीर चलाकर रावण को मारने में कामयाब रहे। इसलिए, हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने के 10 वें दिन को हर साल दशहरा पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार के पीछे एक और किंवदंती है। महाभारत के अनुसार, यह दिन अर्जुन की जीत की याद दिलाता है जिसने अकेले ही पूरी कौरव सेना को हरा दिया था। अर्जुन को विजया के नाम से भी जाना जाता है और इसलिए, जिस दिन उसने सेना को नष्ट किया उसे ‘विजय दशमी’ कहा जाता है। पूरे देश में कई लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के सम्मान में मनाते हैं। भारत के पूर्वी हिस्सों में भक्त इस दिन को दुर्गा पूजा के अंत के रूप में मनाते हैं जो नवरात्रि के त्य...

Dussehra 2022 Date:दशहरा कब है? जानिए विजयादशमी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Vijayadashami 2022 Puja Vidhi Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है। हर साल अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था। तभी से हर साल दशहरा यानी विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं। हर साल ये पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके अलावा इसी दिन शारदीय नवरात्रि के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाएगा। तो चलिए जानते हैं दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि... दशहरा की पूजा विधि और महत्व दशहरा या दशहरे के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की पूजा करें। कई जगहों पर इस दिन गाय के गोबर से 10 गोले बनाए जाते हैं और इन गोलों के ऊपर जौ के बीज लगाए जाते हैं। इसके बाद भगवान को धूप और दीप दिखाकर पूजा करें और इन गोलों को जला दें। कहा जाता है कि रावण के 10 सिर की तरह ये गोले अहंकार, लोभ, लालच का प्रतीक होते हैं। अपने अंदर से इन बुराइयों को खत्म करने की भावना के साथ ये गोले जलाए जाते हैं। दशहरा पूजा का महत्व विजयादशमी यानी दशहरा के दिन मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम की पूजा की जाती है। एक तरफ मां दुर्गा जहां शक्ति की प्रतीक हैं, वहीं भगवान राम मर्यादा, धर्म और आदर्श व्यक्तित्व के प्रतीक हैं। कहा जाता है कि जीवन में शक्ति, मर्यादा, धर्म और आदर्श का विशेष महत्व है, जिस व्यक्ति के भीतर ये गुण होते हैं वह सफलता को प्राप्त करता है। इसलिए दशहरा प...