2023 में वट सावित्री पूजा कब है

  1. वट सावित्री व्रत 2023 कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, संयोग और सरल पूजा विधि
  2. vat savitri puja 2023 kab hai know date shubh muhurat puja samagri vidhi niyam mahatv in hindi tvi
  3. वट सावित्री पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  4. vat savitri vrat 2023 date auspicious time and significance vat savitrai vrat puja katha bml
  5. 2023 में वट सावित्री व्रत कब है? पूजा विधि, कथा एवं महत्व जाने


Download: 2023 में वट सावित्री पूजा कब है
Size: 46.53 MB

वट सावित्री व्रत 2023 कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, संयोग और सरल पूजा विधि

वर्ष 2023 में दिन शुक्रवार, 19 मई 2023 को वट सावित्री अमावस्या (Vat Savitri Amavasya 2023) है। यह तिथि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सुहागिन महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य पाने के लिए करती है।इस बार वट सावित्री अमावस्या शोभन योग में मनाई जाएगी, जो कि शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ योग माना जाता है। इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। पुराणों के अनुसार पीपल की तरह ही वट या बरगद वृक्ष का भी विशेष महत्व है। वट सावित्री व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का खास महत्व माना गया है। वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश इन तीनों देवताओं का वास है। इस व्रत में बरगद वृक्ष के चारों ओर घूमकर सौभाग्यवती स्त्रियां रक्षा सूत्र बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग हों...

vat savitri puja 2023 kab hai know date shubh muhurat puja samagri vidhi niyam mahatv in hindi tvi

Vat Savitri Puja 2023 Date: वट सावित्री पूजा कब है ? जानें सही तारीख शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन का महत्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंंगार करके, मेहंदी लगा के, नये कपड़े पहन कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए बरगद वृक्ष की पूजा करती हैं. Vat savitri puja 2023 kab hai Date: वट सावित्री पूजा विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है. इस वर्ष वट सावित्री व्रत 19 मई, शुक्रवार (Vat Savitri Puja 2023 Date) को है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyestha month Amavasya 2023 Date) को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. सनातन धर्म में इस व्रत का महत्व कई गुना अधिक बताया गया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की लंबी उम्र के लिए बरगद वृक्ष की पूजा करती हैं. जानें साल 2023 की वट सावित्री व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा सामग्री समेत पूरी डिटेल जानें. वट सावित्री अमावस्या शुक्रवार, 19 मई 2023 को अमावस्या तिथि प्रारंभ - मई 18, 2023 को 09:42 अपराह्न अमावस्या तिथि समाप्त - 19 मई 2023 को रात्रि 09:22 बजे वट सावित्री व्रत पारण, शनिवार, 20 मई 2023 तिथि के मुताबिक : प्रातः 05:21 बजे से पूरे दिन गुली काल मुहूर्त : सुबह 06:44 बजे से 08:25 बजे तक अमृत काल मुहूर्त : सुबह 08:25 बजे से 10:06 बजे तक अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:19 बजे से 12:13 बजे तक शुभ योग मुहूर्त : दोपहर 11:46 बजे से 01:27 बजे तक • वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठ जायें. • स्नान के बाद महिलाएं नए कपड़े, चूड़ियां पहनें और माथे पर सिंदूर लगाएं. • 'वट' या बरगद के पेड़ की जड़ को जल अर्पित करें. गुड़, चना, फल, अक्षत औ...

वट सावित्री पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस व्रत में वट या बरगद के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। आइए यहां जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा पर पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि- Jagannatha rathayatra 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ओडिशा के पुरी में प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 20 जून 2023 को यह रथ यात्रा निकलेगी। यह रथ यात्रा कहां से कहां तक निकलती है, आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी। यदि आपके जीवन में समस्याएं बनी हुई है, आप घोर संकट से घिर गए हैं तो आपको भगवान भोलेनाथ की शरण में जाकर उनको प्रसन्न करने के जतन करना चाहिए तथा इसके लिए आपको शिव जी का प्रिय प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में उनका पूजन करना चाहिए। इस दिन कोई भी जातक पूर्ण श्रद्धापूर्वक यदि शिव जी का पूजन-अर्चन करते हैं... Pitro ki shanti ke upay : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 18 जुन 2023 रविवार को रहेगी। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। अषाढ़ी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए 5 में से मात्र 1 उपाय कर लेंगे तो पितृदोष दूर हो जाएगा। Mithun sankranti 2023 : 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे सूर्यदेव मिथुन राशि में गोचर करने लगेंगे। यदि आपकी कुंडली में सूर्य तुला में होकर नीच का है, सूर्य अपने शत्रु ग्रहों के साथ बैठा है या जन्मपत्री...

vat savitri vrat 2023 date auspicious time and significance vat savitrai vrat puja katha bml

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाओं द्वारा उपवास रखा जाता है जो बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं. शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत को करवा चौथ जितना ही महत्वपूर्ण बताया गया है. Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाओं द्वारा उपवास रखा जाता है जो बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं. शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत को करवा चौथ जितना ही महत्वपूर्ण बताया गया है. शास्त्रों का कहना है कि ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन, सावित्री जिन्हें देवी अवतार माना जाता है, क्योंकि वह अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से वापस ले आई थीं. तब से विवाहित महिलाएं हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, उसकी परिक्रमा करती हैं और पेड़ के चारों ओर कलावा बांधती हैं. वे रात भर कड़ा उपवास रखते हैं और अगले दिन पूर्णिमा समाप्त होने पर इसे तोड़ते हैं. वे बरगद के पेड़ को जल, चावल और फूल चढ़ाते हैं, सिंदूर छिड़कते हैं, पेड़ के तने को सूती धागे से बांधते हैं और पवित्र बरगद के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करते हैं. • वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं. • फिर वे दिन के व्रत का संकल्प लेती हैं और श्रृंगार करके तैयार होती हैं. • वे इस दिन पीला सिंदूर भी लगाती हैं क्योंकि यह शुभ माना जाता है. • इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखनी चा...

2023 में वट सावित्री व्रत कब है? पूजा विधि, कथा एवं महत्व जाने

वट सावित्री व्रत 2023 | vat savitri 2023 | vat savitri vrat 2023 हिंदू संस्कृति अपने त्योहारों व रीति रिवाजो से आज पूरी दूनिया मे प्रसिध्द है। यहाँ नानाप्रकार के त्योहार मनाये जाते है। जिस प्रकार करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखतीं हैं उसी प्रकार, वट सावित्री व्रत भी किया जाता है उस दिन सभी सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके व्रत करती है। विषय सूची • • • • वट सावित्री पूजा विधि 2023 – vat savitri vrat 2023 vat savitri vrat: वट सावित्री पूजा के लिए बास की टोकरी में सात प्रकार के दाने रखें जातें हैं , जिसे कपड़ों से ढक दिया जाता है। और एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है। उसके बाद सभी महिलाएं वट वृक्ष के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाकर कुमकुम अक्षय रोरी फूल चढ़ाती है , फिर कच्चे धागे से वट वृक्ष को बांधते हुए सात चक्कर लगातीं है । उसके बाद चना और गुड भी चढ़ाकर प्रसाद के रूप में बांटती है। वट सावित्री पूजा का मुहुर्त – vat savitri puja muhurt हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2023 में वट सावित्री व्रत उपवास का शुभ मुहुर्त 18 मई को रात 9 बजकर 45 मिनट से 19 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। लेकिन उदयातिथि के अनुसार ये व्रत 19 मई को ही रखना अच्छा माना जायेगा। Read- vat savitri puja 2023: पूजा का शुभ मुहूर्त है 19 मई को सुबह 7 बजकर 19 मिनट से चालू होकर 10 बजकर 42 मिनट तक पूजा पाठ करना शुभ माना जायेगा। पूजा का शुभ समय तीन घंटा है। • वट सावित्री पूजा में महिलाओं की दिनचर्या • • स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। सोलह श्रृंगार जरूर करें। • साथ ही इस दिन पीला सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। • इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज ...