504 आईपीसी इन हिंदी

  1. आईपीसी धारा 304 क्या है
  2. आईपीसी की धारा 452
  3. IPC 342 in Hindi
  4. Why Do People Call Cheater 420 What Is The Meaning Of 420 Meaning Of 420 In Indian Penal Code
  5. धारा 420 क्या है
  6. धारा 504, आईपीसी
  7. मानहानि आईपीसी अधिनियम 499
  8. Four injured in a fight over ten rupees one serious
  9. 504 IPC in Hindi


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आईपीसी धारा 304 क्या है

आईपीसी (IPC) धारा 304 दोस्तों आज हम जाननेजा रहे हैं कि हत्या की श्रेणी में न आने वाले गैर इरादतन मानव वध के लिए दण्ड के क्या प्रावधान हमारे भारतीय दंड संहिता के अंतरगत बताये गए हैं | आज आपके लिए इस धारा की पूरी जानकारी जो भी आपको चाहिए इस पेज पर मिलने वाली है | यहाँ IPC (आईपीसी) की धारा 304 क्या है | इस धारा 304 में सजा का क्या प्रावधान है, इन सब बातो पर विस्तार से चर्चा करेंगे | आईपीसी धारा 302 क्या है IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 304 के अनुसार :- “हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध के लिए दण्ड ” “जो कोई ऐसा आपराधिक मानव वध करेगा, जो हत्या की कोटि में नहीं आता है, यदि वह कार्य जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई है, मृत्यु या ऐसी शारीरिक क्षति, जिससे मृत्यु होना सम्भाव्य है, कारित करने के आशय से किया जाए, तो वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा; अथवा यदि वह कार्य इस ज्ञान के साथ कि उससे मत्य कारित करना सम्भाव्य है, किन्तु मृत्यु या एसा शारारिका जिससे मत्य कारित करना सम्भाव्य है, कारित करने के किसी आशय के बिना किया जाए, तो वह दाना मस के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जायेगा।“ आईपीसी धारा 307 क्या है Section 304: Punishment for culpable homicide not amounting to murder “Whoever commits culpable homicide not amounting to murder shall be punished with imprisonment for life, or imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine, if the a...

आईपीसी की धारा 452

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 452 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 452 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। धारा 452 का विवरण धारा 452 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की, या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके गृह-अतिचार करेगा, तो वह धारा 452 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। आईपीसी की धारा 452 के अनुसार उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् गृह-अतिचार- जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की, या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके गृह-अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा। House-trespass after preparation for hurt, assault or wrongful restraint- Whoever commits house-trespass, having made preparation for causing hurt to any person or for assaulting any person, or for wrongfully restraining any person, or for putting any person in fear of hurt, or of assault, or of wrongful restraint, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shal...

IPC 342 in Hindi

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 342 क्या है। (What is IPC Section 342 in Hindi), आईपीसी धारा 342 में कैसे सजा होती है, आईपीसी धारा 342 कैसे इसमें जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 342 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 342 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना। हमारे देश के कानून में हमारे मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता के लिए बहुत से कानून बनाए गए हैं हमें इन कानूनों की जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि हम अपने अधिकारों का हनन होने से बचा सके और अपने मौलिक अधिकारों का उपयोग कर सकें। बहुत से लोग जानकारी के अभाव के कारण ही अपने अधिकारों को खोते हैं और वह दूसरे लोगों से पीड़ित होकर रहते हैं। हमारा उद्देश्य है कि हम आप सभी तक अपने इस ब्लॉग के द्वारा कानून की जानकारी पहुंचा सके ताकि हमारे देश के सभी लोगों को कानून की जानकारी हो सके और वह अपनी मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें क्योंकि आए दिन लोगों के साथ कानून का गलत इस्तेमाल करके उनको प्रसारित किया जाता है अगर उन्हें कानून की अच्छी जानकारी होगी तो वह इन सब चीजों से बच सकेंगे और अपने अधिकारों को भी बचा सकेंगे। आज इस आर्टिकल में हम आईपीसी की धारा 342 के बारे में जानेंगे इस आर्टिकल में हम ipc 342 kya hai? ipc 342 कौन से प्रावधान है और आईपीसी की धारा 342 क्या कहता है? आज इस आर्टिकल में हम आईपीसी 342 धारा के बारे में विस्तार से जानेंगे। इन सब के बारे में जानेंगे अगर आप भी आईपीसी 342 के बारे में जानना चाहते हैं हमारे इस आर्टिकल को का पूरा ध्यान से पढ़े। Most Read: आईपीसी धारा 342 क्या है (What is IPC Section 342 in Hindi) आईपीसी ध...

Why Do People Call Cheater 420 What Is The Meaning Of 420 Meaning Of 420 In Indian Penal Code

Use of 420 for cheating: कई बार आपने अपने आसपास इस तरह की बातें होती सुनी होंगी, जैसे- 'तुम तो बड़े 420 हो यार' या फिर 'वो तो एक नंबर का 420 निकला'. यह संख्या धोखधड़ी या छल करने वाले व्यक्ति के साथ जोड़ी जाती है, लेकिन बहुत कम लोग ही इसके पीछे की वजह जानते हैं कि धोखाधड़ी या छल करने वाले के लिए 420 संख्या का ही इस्तेमाल क्यों करते हैं? इसकी जगह 419 या 520 क्यों नहीं कहा जाता? अगर आपको भी इस बारे में जानकारी नहीं हैं तो ये खबर आपके लिए काफी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक रहने वाली है. क्योंकि आज हम आपको 420 संख्या और धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के बीच कनेक्शन को समझाने जा रहे हैं... किसी को 420 कहने के पीछे है ये लॉजिक तथ्यों को देखें तो यह महज एक संख्या नहीं है बल्कि इसका एक पूरा कानूनी वजूद है. दरअसल, संख्या 420 भारतीय दंड संहिता की एक धारा होती है. जिसे किसी ऐसे शख्स पर चस्पा की जाती है जो दूसरों को धोखा दे, बेईमानी करे या झांसे में लेकर किसी की संपत्ति हड़प ले. 420 संख्या को अंग्रेजी के शब्द Cheating से जोड़ा जाता है. इससे साफ होता है कि संख्या 420 धोखा, बेईमानी और छल-कपट से जुड़ी है. इसीलिए जब कोई धोखा या बेईमानी करता है तो लोग उसे 420 कहकर पुकारते हैं. बेईमानी या धोखा छोटा हो तो लोग उसे अपने स्तर पर सुलझा लेते हैं, लेकिन मामला बड़ा होने पर भारतीय दंड संहिता के चपेटे में आ जाता है. क्या है 420 का अपराध कानूनी नजरिए से धारा 420 के बारे में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ धोखा करता है, छल करता है, बेईमानी से किसी की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन करता है, उसे नष्ट करता है या ऐसा करने में किसी की मदद भी करता है तो उसके खिलाफ धारा 420 लगाई जा सकती है. जब कोई व्यक...

धारा 420 क्या है

अपराधों पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार के द्वारा कानून निर्मित किये जाते है इसे भारतीय दंड सहित कहते है | इन्हीं अपराधों में आपको धारा 420 भी होती है जिसके अंतर्गत जब किसी व्यक्ति के द्वारा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दूसरे व्यक्ति के साथ जालसाज़ी करके उसकी सम्पति या बहुमूल्य वस्तु खुद के नाम करना, नकली हस्ताक्षर करना तथा आर्थिक या मानसिक प्रभाव बना कर संपत्ति को अनुचित प्रकार से प्राप्त करना आदि अपराध इस धारा के अंतर्गत आते है | मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) क्या है धारा 420 ( Section 420) क्या है? भारतीय दंड सहित, 1860 के अनुरूप धारा 420 में कथित है, किसी व्यक्ति के द्वारा स्वयं के लाभ के लिए अन्य व्यक्ति के साथ धोखे से उसकी संपत्ति, मुहरबंद कागजाद या कीमती वस्तु आदि को हस्तांतरित या नष्ट किया जाना है तथा मूल्यवान वस्तु या जमीन के लिए स्वयं या अन्य व्यक्ति को अवैध हस्ताक्षर करने के लिए प्रोत्साहित करना आदि अवैध कृत्य करने पर भारतीय न्यायालय के द्वारा दंड स्वरूप उस व्यक्ति को कारावास की सजा दी जाती है | यह कारावास 7 वर्षों के लिए होता है तथा दंड के रूप में कारावास के साथ उचित आर्थिक दंड भी न्यायलय के द्वारा लगाया जाता है इस धारा के अंतर्गत अपराधी का विचरण किसी भी न्यायधीश द्वारा किया जा सकता है यह एक गैर जमानती एवं संज्ञेय अपराध है| आसान शब्दों में कह सकते है किसी व्यक्ति के द्वारा धोखे या बेईमानी से संपत्ति या अमूल्य वस्तु को नष्ट करने या अन्य व्यक्ति को प्रेरित करने के अपराध को सम्मिलित किया गया है| भारतीय दंड सहिता धारा 420 में अंतर्गत मुकदमा किया जाता है | चुनावी बांड (Electoral Bond) क्या है धारा 420 के अंतर्गत लागू अपराध धारा 420 के अनुसार भारती...

धारा 504, आईपीसी

हम सभी जानते हैं कि किसी का अपमान करना किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने, के लिए उसका अपमान करना भी एक अपराध है? अध्याय XXII, भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी), धारा 503-510 से आपराधिक धमकी, अपमान और झुंझलाहट से संबंधित है। यह लेख आईपीसी की धारा 504, इसकी आवश्यक सामग्री, धारा 504 के लिए सजा, क्या यह जमानती है, और आईपीसी की धारा 504 के तहत दायर मुकदमे की सुनवाई प्रक्रिया पर केंद्रित होगा। आईपीसी की धारा 504 क्या है? आईपीसी की धारा 504 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति इरादतन या जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है, तो उस व्यक्ति को शांति भंग करने या किसी अन्य अपराध के लिए उकसाया जाता है। वह भड़काने वाला व्यक्ति धारा 504 आईपीसी की आवश्यक सामग्री आईपीसी की धारा 504 के तहत किसी व्यक्ति को उत्तरदायी बनाने के लिए, निम्नलिखित आवश्यक तत्व होने चाहिए, अर्थात्; • अपमान जानबूझकर किया जाना चाहिए; इरादा ऐसा होना चाहिए कि अपमानित व्यक्ति को भड़काया या डराया जाए; • आरोपी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उकसावे से व्यक्ति कि शांति भंग करने या कोई अपराध करने के लिए प्रभावित करने की संभावना हो| “अपमान” अनुभाग के महत्वपूर्ण अवयवों में से एक है। अब, अपमान क्या है? “अपमान” का अर्थ उन शब्दों से है जो किसी व्यक्ति को अपमानित कर सकते हैं, या व्यक्ति के व्यक्तित्व का अनादर कर सकते हैं। अपमान इतना गंभीर होना चाहिए कि वह अपमानित व्यक्ति को कोई ऐसा कार्य करने के लिए उकसाए, जिससे असामंजस्य या कोई अन्य अपराध हो। करुमुरी वेंकटरत्नम में, अदालत ने आयोजित किया कि केवल अभद्र भाषा के प्रयोग को अपमान नहीं...

मानहानि आईपीसी अधिनियम 499

आजकल हम अक्सर अखबारों, न्यूज़ चैनल और इंटरनेट पर मानहानि के बारे में पढ़ते रहते हैं। कि कोर्ट में किसी के खिलाफ Maan Haani IPC ACT 499-500 का केस दर्ज कराया। इस तरह के अक्सर समाचार हमारे पास आते रहते हैं। लेकिन हममें से बहुत ही कम ऐसे लोग होंगे जिन्हें पता होगा की मानहानि क्या होता है? और मानहानि का केस कैसे? और कब दर्ज किया जाता है। यदि आपको भी जानकारी नहीं है। कि मानहानि क्या होता है? मानहानि के नियम क्या हैं? मानहानि का केस क्या है? तो आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से Maan Haani IPC ACT 499-500 केस के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। 1.13 Spread the love Maan Haani IPC ACT 499-500 क्या है? What is Maan Haani IPC ACT 499-500? Maan Haani IPC ACT 499-500 के बारे में जानने से पहले हम मानहानि क्या होता है। इसके बारे जान लेते है। साधारण शब्दो मे कहे तो मानहानि वह प्रभाव है। जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति पर आधार हीन आरोप, आलोचना, और उसके बारे में गलत धारणा बिना किसी पुख्ता सबूत के समाज मे पेश किया जाता है। जिससे प्रभावित व्यक्ति की छवि पर समाज मे बुरा असर पड़ता है। उसकी छवि समाज मे धूमिल होती है। तब प्रभावित व्यक्ति कोर्ट में अपने खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार और अपनी छवि को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए केस फाइल करता है। तब हम उसे मानहानि कहते हैं। बात करें Wikipedia की तो Wikipedia ने शुद्ध हिंदी भाषा में Maan Haani IPC ACT 499-500 को इस प्रकार परिभाषित किया है – “किसी व्यक्ति, व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने वाला असत्य कथन मानहानि (Defamation) कहलाता है। अधिकांश न्यायप्रणालियों में मानहानि के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही...

Four injured in a fight over ten rupees one serious

शहजाद पुत्र मोहम्मद इलियास अपनी मिठाई की दुकान पर मौजूद थे। आरोप है, कि रात्रि करीब 11 बजे शोएब पुत्र लियाकत निवासी बास्टा दुकान से कुछ सामान लेने के लिए गया। 10 रुपये कम होने के कारण झगड़ा करने लगा तथा अपने घर से कुछ लोगों को बुला लाया। लाठी-डंडे व धारदार हथियार से मारपीट की। जिसमें शहजाद को व उसके भाइयों को काफी चोट आईं। मशरूब के भाई आफताब आलम पुत्र मोहम्मद जफर याब निवासी मोहल्ला बेड़ा पट्टी थाना चांदपुर की तहरीर के आधार पर धारा 147 148 308 323 324 504 506 आईपीसी के तहत शादाब पुत्र इरफान, भूरा पुत्र अमीर हुसैन, शोएब पुत्र लियाकत निवासीगण बास्टा, जब्बार पुत्र मुन्ना निवासी ग्राम इनामपुरा थाना मंडावली जनपद बिजनौर, शाकिब पुत्र अनीश, आमिर पुत्र शराफत निवासी बास्टा थाना चांदपुर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

504 IPC in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • आईपीसी की धारा 504 क्या है?( What is section 504 of IPC in Hindi) IPC अनुभाग किसी भी व्यक्ति का अपमान करने, गाली देने या किसी अन्य व्यक्ति को धमकी देने के लिए संदर्भित करता है। शांति भंग, इस तरह के कृत्य के लिए उसे आईपीसी की धारा के तहत दंडित किया जाएगा और जुर्माना या दोनों होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह धारा केवल उसी समय लागू होती है। IPC श्रेणी के तहत आपके द्वारा सुने जाने वाले अधिकांश शब्द, जैसे कि बेतुका, जानबूझकर उकसाना जो हम बार-बार सुनते हैं, सभी इस श्रेणी में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं क्योंकि यह section relevant है। सब कुछ जानने से किसी का भी अपमान होता है। और जो व्यक्ति जानता है कि आवेग व्यक्ति को शांति भंग करने या आपराधिक act करने का कारण बनेगा। आईपीसी की धारा अंतर्गत दंडनीय होगा आईपीसी की धारा 504 को बेहतर ढंग से समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि ‘अपराध’ शब्द का क्या अर्थ है और यह कितना गंभीर हो जाता है। IPC की धारा 504 का उद्देश्य Offensive शब्दों के जानबूझकर अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल को रोकना है, जिससे उस व्यक्ति को उकसाया जा सके जिसने शांति भंग करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया। इस खंड में, हम दिखाते हैं कि कैसे एक व्यक्ति दूसरे को अपराध करने के लिए उकसा सकता है जो प्रकृति में आपराधिक है और सार्वजनिक व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर ऐसे objectionable शब्द सुनते हैं, लेकिन किसी तरह उन्हें प्रबंधित करने की उपेक्षा करते हैं, लेकिन ऐसे मामलों में, यदि कोई जानबूझकर अपमानजनक या आहत शब्दों का उपयोग किसी का अपमान या भड़काने के लिए करता है, इसलिए कहा जाता है कि उसने धारा की सी...