अंतरराष्ट्रीय व्यापार

  1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? कारण! ️ पोस्टपॉसम
  2. अंतरराष्ट्रीय व्यापार अंतर क्षेत्रीय व्यापार से कैसे भिन्न है स्पष्ट रूप से समझाइए? – ElegantAnswer.com
  3. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ, महत्व/लाभ, हानियां
  4. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून
  5. विश्व व्यापार संगठन


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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? कारण! ️ पोस्टपॉसम

अनुक्रमणिका • 1 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? • 1.1 लाभ • 1.1.1 आपको अपने काम के लिए प्रतिस्पर्धी पारिश्रमिक मिलेगा • 1.1.2 आप लगातार यात्रा करने में सक्षम होंगे • 1.1.3 यह रोजगार के कई स्रोतों वाला करियर है • 1.1.4 आपके पास अपना खुद का व्यवसाय खोलने और प्रबंधित करने का प्रशिक्षण होगा • 1.1.5 आप अपने देश के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय प्रक्षेपण देते हैं • 2 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन करने के उद्देश्य क्या हैं? • 3 बैचलर ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के पास कौन सी नौकरियां हैं? • 4 पद जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में स्नातक होंगे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? जब यह तय करने की आपकी बारी है कि आप किस विश्वविद्यालय के कैरियर का अध्ययन करने जा रहे हैं? एस के उद्देश्य से एक निश्चित क्षेत्र में अपने ज्ञान का विस्तार जारी रखने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक अकादमिक विकल्प की तलाश करें जो आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की अनुमति दे और आप जिस पर काम कर रहे हैं उसमें आपको खुशी महसूस हो। इसलिए हम आपसे बात करेंगे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? यह एक पेशेवर शीर्षक है, जो आपको विभिन्न बाजारों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के हस्तांतरण में सहयोग करने की अनुमति देता है देश, जा रहा है यह आपके उच्च अध्ययन के लिए एक आकर्षक विकल्प और वह हो सकता है आपको बहुत लाभ मिलेगा और इसलिए यह एक विकल्प है जिसे आप प्रबंधित कर सकते हैं। लाभ कारणों के बारे में बात करना जारी रखें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन क्यों करें? आगे, हम उन लाभों के बारे में बात करेंगे जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आपको प्रदान करता है, जो निम्नलिखित हैं: आपको अपने काम के लिए प्रतिस्पर्धी पारिश्रमिक मिलेगा...

अंतरराष्ट्रीय व्यापार अंतर क्षेत्रीय व्यापार से कैसे भिन्न है स्पष्ट रूप से समझाइए? – ElegantAnswer.com

अंतरराष्ट्रीय व्यापार अंतर क्षेत्रीय व्यापार से कैसे भिन्न है स्पष्ट रूप से समझाइए? इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय का आधारभूत कारण है कि देश ऊपर वर्णित भौगोलिक विशिष्टीकरण का परिणाम अपनी आवश्यकता की वस्तुओं का भली प्रकार से है। मूल रूप से किसी एक देश में इसके विभिन्न राज्यों एवं सस्ते मूल्य पर उत्पादन नहीं कर सकते। इसका एवं क्षेत्रों के बीच घरेलू व्यापार का कारण भी यही है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में किसका विस्तार हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंबाजार का विस्तार: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार की सीमा का विस्तार होने लगता है। बड़े पैमाने पर उत्पादन: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से वस्तुओं की माँग में वृद्धि होती है जिसकी आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर उस वस्तु का उत्पादन होने लगता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्या लाभ हैं? अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व/लाभ • श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के लाभ • साधनों का पूर्ण उपयोग • उत्पादन कुशलता मे वृद्धि • संकटकाल मे सहायता • रोगजार तथा आय मे वृद्धि • एकाधिकारों पर रोक • उपभोक्ताओं को लाभ • मूल्यों मे समता भारत के मुख्य आयात तथा निर्यात कौन से हैं भारत में निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इसे सुनेंरोकेंतिलहन, कॉफी, चावल, तंबाकू, मसाला, औषधि और रसायन के निर्यात में जून में वृद्धि दर्ज की गई. नई दिल्ली: देश के निर्यात में जून में 12.51 फीसदी गिरावट आई. यह लगातार चौथा महीना है जब निर्यात घटा है. मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात कम हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय और अंतर क्षेत्रीय व्यापार में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्री...

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ, महत्व/लाभ, हानियां

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ (antarrashtriya vyapar ka arth) antarrashtriya vyapar arth mahatva labha haniya;एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों या प्रदेशों के बीच होने वाला व्यापार "घरेलू" "आंतरिक व्यापार" कहलाता भै। इसके विपरीत, दो या अधिक देशो के बीच होने वाला व्यापार "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार" या विदेशी व्यापार कहलाता है। अन्य शब्दों मे," जब वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय-विक्रय दो भिन्न देशो के मध्य जल, थल तथा वायु मार्गों द्वारा होता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते है। जैसे-- अगर भारत, इंग्लैंड के साथ व्यापार करे वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होगा। फ्रेडरिक लिस्ट के अनुसार," घरेलू व्यापार हम लोगो के बीच होता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हमारे और उनके बीच होता है।" अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ इस प्रकार है-- 1. श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के लाभ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक श्रम विभाजन के कारण कुल विश्व उत्पादन अधिकतम किया जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक देश उन्ही वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिसमे उसे अधिकतम योग्यता एवं कुशलता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप उत्पादन की अनुकूलतम दशाएं प्राप्त हो जाती है और उत्पादन अधिकतम होता है। 2. साधनों का पूर्ण उपयोग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे एक देश मे सिर्फ उन्ही उद्योग-धंधो की स्थापना की जाती है, जिनके लिए जरूरी साधन देश मे उपलब्ध होते है। इससे देश मे उपलब्ध साधनों का पूर्ण उपयोग होने लगता है एवं राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होती है। 3. उत्पादन कुशलता मे वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र स्पष्ट से बढ़कर संपूर्ण विश्व हो जाता है। विश्वव्यापी प्रतियोगिता मे सिर्फ वे ही उद्योग जीवित रहते है जिनके उत्पादन की किस्...

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून

यह ब्लॉग पोस्ट Sreeraj K.V और Pranav Sethi द्वारा लिखा गया है जो नवी मुंबई के एन.एम.आई.एम.एस. स्कूल ऑफ लॉ में पढ़ रहे हैं। यह लेख अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून के सामान्य सिद्धांतों, सीमा पार लेनदेन, विवाद निपटान तंत्र और भारत की विदेश व्यापार नीति की व्याख्या करता है। इस लेख का अनुवाद Divyansha Saluja द्वारा किया गया है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • परिचय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून, कानून का वह क्षेत्र हैं जो देशों के बीच व्यापार से निपटने के संबंध में कुछ नियमों और रीति-रिवाजों से निपटते हैं। इसका उपयोग दो देशों में दो निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच व्यापार के लिए भी किया जाता है। कानून की यह शाखा भी अब स्वतंत्र हो गई है क्योंकि लगभग हर देश अब विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन) (डब्ल्यू.टी.ओ.) का सदस्य है। शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता (जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड) (जी.ए.टी.टी.) 1948 से अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानूनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसमें ‘अनुचित’ व्यापार प्रथाओं, डंपिंग और सब्सिडी के नियमों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। 1994 में जी.ए.टी.टी. का स्थान लेने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) की स्थापना की गई। ऐसा इसलिए है क्योंकि जी.ए.टी.टी. व्यापार के मुद्दों को अस्थायी रूप से ठीक करने के लिए था और संस्थापकों को कुछ और चाहिए था जो ठोस हो। वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करने वाले कानून को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून (आई.टी.एल. अर्थात इंटरनेशनल ट्रेड लॉ) के रूप में जाना जाता है। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों घटक हैं। आई.टी.एल. ...

विश्व व्यापार संगठन

अनुक्रम • 1 संरचना • 2 विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य • 3 कार्य • 4 सदस्य और पर्यवेक्षक • 4.1 सदस्य • 4.2 प्रेक्षक सरकारें • 5 लाभ • 6 सन्दर्भ • 7 बाहरीकड़ियाँ संरचना [ ] डब्ल्यूटीओ की मूल संरचना में निम्नलिखित निकाय हैं– मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (Ministerial Council): यह डब्ल्यूटीओ का शासी निकाय हैI यह संगठन की रणनीतिक दिशा तय करने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत समझौतों पर सभी अंतिम निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें सभी सदस्य देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री होते हैं। सामान्य काउंसिल (General Council): व्यवहार में, ज्यादातर मामलों के लिए यह डब्ल्यूटीओ का फैसला करने वाला प्रमुख अंग है। इसमें सभी सदस्य देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधि (सामान्यतः पर राजदूत स्तर के) होते हैं। यह डब्ल्यूटीओ के प्रतिदिन के कारोबार और प्रबंधन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है। नीचे वर्णित निकायों में से कई सीधे सामान्य काउंसिल को रिपोर्ट करते हैं। व्यापार नीति समीक्षा निकाय (The Trade Policy Review Body): यह विवाद निपटान निकाय (Dispute Settlement Body): जिन देशों के बीच व्यापार सम्बन्धी कोई विवाद होता है तो वे इसी निकाय के सामने अपील कर न्याय मांगते हैं I यह सभी डब्ल्यूटीओ समझौतों के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया के कार्यान्वयन और प्रभावशीलता एवं डब्ल्यूटीओ विवादों पर दिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है। इसमें भी डब्ल्यूडीओ के सभी सदस्य होते हैं। वस्तुओं एवं सेवाओं में व्यापार पर परिषद (The Councils on Trade in Goods and Trade in Services): यह वस्तुओं ( कपड़ा और कृषि जैसे) और सेवाओं में व्यापार पर हुए आम एवं विशेष समझौतों के विवरणों की समीक्षा के लिए तंत्र प्रदान करते हैं। यह जनरल क...