आर्थिक उदारीकरण से क्या आशय है

  1. उदारीकरण , निजीकरण और वैश्वीकरण क्या है ?
  2. आर्थिक नीतियों से क्या आशय है? – ElegantAnswer.com
  3. उदारीकरण क्या है
  4. भारत में आर्थिक उदारीकरण पर निबन्ध
  5. उदारीकरण
  6. उदारीकरण से क्या समझते है? – ElegantAnswer.com
  7. उदारीकरण किसे कहते है


Download: आर्थिक उदारीकरण से क्या आशय है
Size: 1.58 MB

उदारीकरण , निजीकरण और वैश्वीकरण क्या है ?

प्रस्तावना जैसा कि हम जानते हैं कि औपनिवेशिक युग ( 1773–1947 ) के दौरान भारत अंग्रेजो के शासन के अधीन था और अंग्रेज भारत के प्राकृतिक स्त्रोतों का पूर्ण दोहन करते थे! अंग्रेज भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री (Raw Material) खरीदा करते थे और तैयार माल(Finished Goods) भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक उच्चतर कीमत पर बेचा करते थे, जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्विमार्गी ह्रास होता था। गौर करने वाली बात ये है की इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ईस्वी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया था, इसी तथ्य से पता चलता है की अंग्रेज ईसाइयो ने किस प्रकार भारत के साथ मक्कारी की और बड़ी ही क्रूरता और चालाकी से पूरी अर्थव्यवस्था को धराशायी कर दिया ! 15 अगस्त 1947 को भारत के ( उन मनहूस लुटेरे अंग्रेजो से ) स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई। इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी। ईन पंचवर्षीय योजनावों का लाभ भी दिखा और उनकी बदौलत 1950 में भारत ने 3.5 फीसदी की विकास दर हासिल कर ली थी! कई अर्थशास्त्रियों ने इसे ब्रिटिश राज के अंतिम 50 सालों की विकास दर से तिगुना हो जाने का जश्न मनाया था। समाजवादियों ने इसे भारत की आर्थिक नीतियों की जीत करार दिया था! वे नीतियां जो अंतर्मुखी थीं और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के वर्चस्व वाली थीं। वहीं 1960 के दशक में ईस्ट इंडियन टाइगरों (दक्षिण कोरिया, ताईवान, सिंगापुर और हांगकांग) ने भारत से दोगुनी विकास दर हासिल कर ली थी। जो इस बात का प्रमाण था कि उनकी बाह्यमुखी और निजी क्षेत्र को प्राथमिकता देन...

आर्थिक नीतियों से क्या आशय है? – ElegantAnswer.com

आर्थिक नीतियों से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंआर्थिक नीति से आशय उन सरकारी नीतियों से होता है जिनके द्वारा किसी देश के आर्थिक क्रियाकलापों का नियमन होता है। आर्थिक नीति के अन्तर्गत करों के स्तर निर्धारित करना, सरकार का बजट, मुद्रा की आपूर्ति, ब्याज दर के साथ-साथ श्रम-बाजार, राष्ट्रीय स्वामित्व, तथा अर्थव्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप के अनेकानेक क्षेत्र आते हैं। आर्थिक उदारीकरण के लिए आर्थिक सुधार के अंतर्गत सरकार द्वारा कौन सी नीति अपनाई जाती है? इसे सुनेंरोकेंभारत में आर्थिक सुधारों की प्रथम एवं व्यापक स्तर पर पाई जाने वाली नीति 1991 की औद्योगिक नीति थी। इस नीति में आर्थिक सुधारों की तीन प्रक्रियाओं का उल्लेख किया गया था- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण। उदारीकरण आर्थिक सुधार की दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम है। राजकोषीय नीति क्या है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए? इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति (Fiscal Policy) सरकार की आर्थिक नीति का एक प्रमुख घटक है इसके द्वारा आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय, मूल्य स्थिरता, पूर्ण रोजगार सृजन एवं संसाधनों की गतिशीलता जैसे लक्ष्यों की पूर्ति की जाती है। राजकोषीय नीति कर एवं कराधान, सार्वजनिक व्यय एवं ऋण जैसे उपकरणों की सहायता से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करती है। आर्थिक सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत कौन कौन सी नीतियां अपनाई गई? इसे सुनेंरोकें1991 में भारत सरकार ने महत्‍वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्‍तुत कि‍ए जो इस दृष्‍टि‍ से वृहद प्रयास थे कि इनमें वि‍देश व्‍यापार उदारीकरण, वि‍त्तीय उदारीकरण, कर सुधार और वि‍देशी नि‍वेश के प्रति‍ आग्रह शामि‍ल था। इन उपायों ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को गति‍ देने में मदद की। भारत में व्यापार और उद्योग पर निजीकरण के प...

उदारीकरण क्या है

उदारीकरण का अर्थ है, औद्योगिक सेवा क्षेत्र और व्यापार से संबंधित नियमों एवं कानूनों के बंधनों में ढील देना ओर विदेशी कम्पनियों को घरेलू क्षेत्र में व्यापारिक और उत्पादन इकाईयाँ लगाने हेतु ओर प्रोत्साहित करना। उदारीकरण का कृषि पर प्रभावउदारीकरण की प्रक्रिया द्वारा भारत सरकार ने कृषि व्यापार को परिवर्तित करने का प्रयास किया। उदारीकरण के अन्तर्गत घरेलू तथा विदेशी व्यापार सम्बन्धी कानूनों तथा नियमों में जो सुधार किये उनके द्वारा कृषि वस्तुओं का घरेलू तथा विदेशी व्यापार एक बड़ी सीमा तक प्रभावित हुआ है। उदारीकरण की प्रक्रिया द्वारा कृषि वस्तुओं के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का प्रयास किया लेकिन विकसित देशों की नीतियाँ तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की विपरीत परिस्थितियों के कारण कृषि वस्तुओं के आयात में निर्यात की अपेक्षा अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गयी। कृषि वस्तुओं के आयात-निर्यात की मदों का अध्ययन करने से पता चलता है कि कृषि निर्यात में अनुपातिक रूप से काफी कमी आयी है। भारतीय बाजार को पूर्णतः खुला करने तथा नियमों तथा प्रबन्धों में ढ़ील देने के कारण भारतीय व्यापारियों ने कृषि का निर्यात करने की अपेक्षा आयात करने पर अत्यधिक जोर दिया। आयातों में वृद्धि तथा निर्यातों में आनुपातिक रूप से कमी के कारण कृषि के घरेलू व्यापार में वृद्धि होना स्वाभाविक है। कृषि वस्तुओं को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के कारण विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना अत्यन्त आवश्यक हुई जिसका प्रयोग घरेलू तथा विदेशी व्यापार हेतु वस्तुओं के परिस्करण एवं शुद्धता के लिए किया गया। उदारीकरा की प्रक्रिया से उद्योग तथा सेवा क्षेत्र में भी रियायतें दी गयी तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के औद्योगीकरण पर अत्यधिक बल दिये जाने क...

भारत में आर्थिक उदारीकरण पर निबन्ध

भारत में आर्थिक उदारीकरण पर निबन्ध | Hindi Essay on Economic Liberalization in India! प्रस्तावना: वर्तमान समय में उदारीकरण शब्द ऐसा है जिससे प्रत्येक वर्ग भली-भाँति परिचित है । उदारीकरण का तात्पर्य ‘उदार दृष्टिकोण’ से होता है फिर यह उदार दृष्टिको चाहे राजनैतिक क्षेत्र से सम्बंधित हो अथवा सामाजिक क्षेत्र से या फिर आर्थिक क्षेत्र से । यहाँ आर्थिक परिप्रेक्ष्य में उदारीकरण की नीति की चर्चा की जा रही है । इस नीति का तात्पर्य है : “सरकारों द्वारा आर्थिक क्रियाओं में न्यूनतम हस्तक्षेप” । चिन्तनात्मक विकास: इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ही नहीं वरन् समू विश्व भी हिंसा, भयानक नरसंहार के दौर से गुजर चुका है । बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध आर्थिक विकास एवं समृद्धि की दिशा में विश्व का ही नहीं अपितु भारत का ध्यान भी केनि हुआ । आर्थिक विकास के चलते क्रमशत: आर्थिक नीतियाँ भी बनाई गई । बर्तमान समय आर्थिक कार्यक्रमों के सम्बंध में न केवल राजनेताओं बल्कि ‘जनसाधारण की भी रूचि नहीं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं के सम्बंध में 1991 में दिये गए अनेक सरकारी नतई विषयक वक्तव्यों ने नई आर्थिक नीति को स्पष्ट तथा ठोस रूप प्रदान किया है । नई आर्थिक नीति की प्रमुख विशेषता ‘आर्थिक उदारीकरण’ है । आर्थिक प्रतिबन्धों की न्यूनता को उदारीकरण कहते हैं । वर्तमान समय में सरकार द्वारा उदारीकरण की नीति को जोरदार सम मिल रहा है । जिसके फलस्वरूप अनेक बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत जैसे देशों पर हावी होना चाहती हैं । उदारीकरण से पूर्व जो विदेशी कम्पनी भारत में थी उसने भी भारतीय साझेदारी के हितों पर कुठाराघात करते हुए अपनी पूंजी की भागीदारी बढ़ानी शुरू कर दी । इस तरह उद्योगपतियों र्मे यह आशंका फैलने लगी कि ...

उदारीकरण

• Alemannisch • Azərbaycanca • Беларуская • Čeština • Dansk • Deutsch • English • Español • Eesti • Euskara • Français • Hrvatski • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • Қазақша • Lombard • Nederlands • Română • Русский • سنڌي • Srpskohrvatski / српскохрватски • Svenska • தமிழ் • Українська • Tiếng Việt • 中文 • 粵語

उदारीकरण से क्या समझते है? – ElegantAnswer.com

उदारीकरण से क्या समझते है? इसे सुनेंरोकेंउदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है। व्यापारिक नीति से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंएक देश या तो स्वतन्त्र व्यापार नीति या संरक्षण नीति को अपनाता है। स्वतन्त्र व्यापार नीति से अभिप्राय उस नीति से है जिसमें किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। निर्यातकों तथा आयातकों को अनुमति होती है कि वे बिना किसी प्रकार के निर्यात या आयात शुल्क के व्यापार करने में स्वतन्त्र होते हैं। निजीकरण व उदारीकरण से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंभारत में आर्थिक उदारीकरण 24 जुलाई 1991 के बाद से शुरू हुआ जो जारी रखने के वित्तीय सुधारों को दर्शाता है। निजीकरण के रूप में अच्छी तरह से निजी क्षेत्र के लिए व्यापार और सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र (या सरकार) से स्वामित्व के हस्तांतरण में निजी संस्थाओं की भागीदारी को दर्शाता है। उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण क्या है Drishti IAS? इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक नीति का उदारीकरण: औद्योगिक लाइसेंस परमिट राज का उन्मूलन, आयात शुल्क में कमी आदि। निजीकरण की शुरुआत: बाज़ारों का विनियमन, बैंकिंग सुधार आदि। वैश्वीकरण: विनिमय दर में सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और व्यापार नीतियों को उदार बनाना, अनिवार्य परिवर्तनीयता संबंधी कारण को हटाना आदि। भारत में उदारीकरण के मुख्य उद्देश्य क्या है? इसे सुनेंरोकें1) व्यापारिक प्रतिबंधों का उन्मूलन : उदारीकरण नीति के तहत ...

उदारीकरण किसे कहते है

liberalization in hindi meaning definition उदारीकरण किसे कहते है | उदारीकरण की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब ? उदारीकरण और विनियमों में ढील : एक प्रक्रिया जो निवेश, उत्पादन, मूल्यों, ब्याज दरों, ऋण, विदेशी मुद्रा पर से नियंत्रण को समाप्त कर देता है अथवा हटा देता है और बाजार की शक्तियों के अनुरूप भागीदारों को प्रवेश की छूट देता है। शब्दावली मूल वस्तुएँ ः यह औद्योगिक उत्पादन में प्रमुख अथवा मूल आदान हैं जैसे उर्वरक और भारी रसायन, सीमेंट, मूल धातु, विद्युत और खनन । अर्धनिर्मित वस्तुएँ ः यह ऐसे कच्चे माल/आदान हैं जिनका उत्पादन की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के बीच में प्रयोग किया जाता है जैसे लकड़ी और कॉर्क, अखबारी कागज (न्यूजप्रिण्ट), चमड़ा, रबर उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद, स्टोरेज बैटरी, बोल्ट, नट, कील इत्यादि। पूँजीगत वस्तुएँ ः इसमें मुख्य रूप से मशीनें और उपकरण और भारी व्यावसायिक वाहन सम्मिलित हैं। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ ः इसमें व्हाइट गुड्स, सवारी कार, फर्नीचर और फिक्सचर्स (जुड़नार) इत्यादि हैं जिनका उपभोक्ता सीधे उपयोग करते हैं तथा ये टिकाऊ होते हैं। गैर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ ः इसमें भी खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थ (बीवरेज), जूते-चप्पल, दवाइयाँ, काँच के उत्पाद, कॉस्मेटिक इत्यादि जिनका उपभोक्ता सीधे उपयोग करते हैं। किंतु अपेक्षाकृत कम टिकाऊ होते हैं। निवेश ः निवेश व्यय का मूल संरचनात्मक संघटक होता है क्योंकि यह भावी उत्पादन का आधार तैयार करता है। इसमें कारखाना, मशीनों, उपकरणों, आवासों और कच्चे माल के भण्डार सम्मिलित होते हैं। उत्पादकता ः उत्पादकता, घटक आदानों (मुख्यतः भूमि, श्रमिक और पूँजी) की दी गई मात्रा से उत्पादित उत्पादन की मात्रा का पैमाना है। उद्देश्य खंड 6 की इस इकाई में, हम भ...