आर्य समाज के 10 नियम

  1. आर्य समाज तथा इसके नियम
  2. #NewsBytesExplainer: LGBTQ किरदारों के प्रति कैसे बदला बॉलीवुड का रवैया?
  3. Activist Rehana Fathima Wins Nudity Case In Kerala High Court Says We Need To Change Our Thinking
  4. आर्य समाज की स्थापना किसने की थी
  5. Professor Gurjar Vidya Sabha welcomed two promising students of Greater Noida to Delhi University
  6. आर्य समाज में 14 से लगेगा वैदिक यज्ञ प्रशिक्षण शिविर, 10 दिन तक निशुल्क सिखाई जाएंगी यज्ञ विधि
  7. SC community got maximum benefit in Modi government Arya
  8. SP और SDM से कहा
  9. Professor Gurjar Vidya Sabha welcomed two promising students of Greater Noida to Delhi University
  10. Activist Rehana Fathima Wins Nudity Case In Kerala High Court Says We Need To Change Our Thinking


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आर्य समाज तथा इसके नियम

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#NewsBytesExplainer: LGBTQ किरदारों के प्रति कैसे बदला बॉलीवुड का रवैया?

June 01, 2023 | 07:31 pm 1 मिनट में पढ़ें बॉलीवुड में LGBTQ का चित्रण पिछले साल आई अब पश्चिम सिनेमा का प्रभाव हो या फिर समाज में जागरूकता, बॉलीवुड में समलैंगिक किरदारों के चित्रण में बदलाव देखने को मिला है। कभी फिल्मों में सिर्फ कॉमेडी के लिए इनका इस्तेमाल होता था। 'प्राइड मंथ' के मौके पर नजर डालते हैं इस बदलाव पर। क्या है प्राइड मंथ? जून का महीना दुनियाभर में 'प्राइड मंथ' के रूप में मनाया जाता है। यह महीना समलैंगिकता को समर्पित होता है। लोग LGBTQ समुदाय के साथ अपना समर्थन जताने के लिए उनके साथ जश्न मनाते हैं। लोगों को उन्हें स्वीकार करने के लिए प्रेरित करते हैं। फिल्मों ने खूब उड़ाया इन किरदारों का मजाक लंबे वक्त तक समलैंगिक किरदारों का इस्तेमाल हिंदी सिनेमा में लोगों को हंसाने के लिए हुआ। 90 और 2000 के दशक में खासतौर पर किन्नर समुदाय के किरदारों को फिल्म निर्माताओं ने बेहद असंवेदनशीलता के साथ कॉमेडी के लिए इस्तेमाल किए। 'कल हो न हो', 'पार्टनर', 'हमशक्ल', 'गोलमाल' जैसी तमाम फिल्मों में ऐसे किरदारों का मजाक उड़ाया गया। 'फायर' में पहली बार दिखी गंभीरता 1998 की फिल्म 'फायर' में पहली बार बॉलीवुड में एक गंभीर समलैंगिक रिश्ता देखने को मिला। इस फिल्म में पहली बार दो समलैंगिक लड़कियों के रिश्ते को खुलकर दिखाया गया। दीपा मेहता की इस फिल्म में इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने तो पास कर दिया था, लेकिन इसे काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। कई जगह अराजक तत्वों ने सिनेमाघरों में तोड़फोड़ भी मचाई थी। समाज और कानून में बदलाव बीते दशक में बॉलीवुड में समलैंगिक किरदारों को लेकर बड़ा बदलाव देखा गया है। इसकी बड़ी वजह है समाज और कानून में आया बदलाव। नई पीढ़ी के समलैंगिक अब इसे लेकर मुखर हैं। वे बिना अ...

Activist Rehana Fathima Wins Nudity Case In Kerala High Court Says We Need To Change Our Thinking

"मर्द बिना शर्ट के घूम सकते हैं, लेकिन..." : सेमी-न्यूड बॉडी पेंट केस में बरी होने पर बोलीं रेहाना फातिमा केरल हाईकोर्ट ने सेमी-न्यूड बॉडी पेंट करवाने के केस में बरी होने पर महिला एक्टिविस्ट रेहाना ने कहा, "तीन साल बाद साबित हो गया कि मैंने जो किया वो गलत नहीं था, जो भी मैंने मैसेज दिया वो गलत नहीं था." नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने सेमी-न्यूड बॉडी पेंट करवाने के केस में एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को बरी कर दिया है. जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'नग्नता को अश्लीलता या अनैतिकता में बांटना गलत है. नग्नता को सेक्स से नहीं जोड़ना चाहिए. महिला के शरीर का केवल ऊपरी हिस्सा नग्न होना, कामुकता (sexuality) नहीं. इसी तरह किसी महिला की न्यूड बॉडी का वर्णन या चित्रण भी हमेशा सेक्शुअल या अश्लील नहीं होता.' यह भी पढ़ें • "नग्नता और अश्लीलता हमेशा पर्यायवाची नहीं..." : केरल HC ने अर्द्धनग्न शरीर पर पेटिंग मामले में रेहाना फातिमा को किया बरी • एक्टिविस्‍ट रेहाना फातिमा को आंशिक राहत, SC ने केरल HC के फैसले पर रोक लगाई लेकिन बरकरार रखी 'शर्त' • SC ने अर्द्धनग्न तस्वीर को लेकर एक्टिविस्ट से कहा, 'यह अश्लीलता है', बेल देने से किया इंकार रेहाना ने अपने नाबालिग बेटे और बेटी से बॉडी पेंट करवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. इसके कारण उन पर केरल स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स पॉक्सो एक्ट के तहत 2 केस दर्ज किए गए थे. अब कोर्ट से राहत मिलने के बाद रेहाना फातिमा ने कहा कि ये लड़ाई उनसे ज्यादा उनके बच्चों के लिए मुश्किल रही. उन्होंने कहा, "तीन साल बाद साबित हो गया कि मैंने जो किया वो गलत नहीं था, जो भी मैंने मैसेज दिया वो गलत नहीं था. हमारे समाज में मर्द बिना शर्ट के...

आर्य समाज की स्थापना किसने की थी

आज का हमारा आर्टिकल आर्य समाज की स्थापना किसने की थी|Arya Samaj Ki Sthapna Kisne Ki Thi पर आधारित है। भारत की आजादी से पहले यहां पर कई कुरीतियां थी जो पुराने समय से ही चली आ रही थी और बदलते जमाने के मुताबिक इन्हें खत्म करना जरूरी था। वह कुरीतियां सामाजिक रूप से फैली हुई थी और कुछ कुरीतियों का संबंध महिलाओं से था। आर्य समाज की स्थापना किसने की थी समाज की कुरीतियों को खत्म करने के लिए कई आंदोलन चलाए गए, परंतु आज हम आर्य समाज आंदोलन के बारे में बात करेंगें और जानेंगे कि आर्य समाज की स्थापना किसने की और आर्य समाज की महत्ता क्या है? आर्य समाज समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए एक हिंदू सुधार आंदोलन चलाया गया जिसे आर्य समाज का नाम दिया गया। आर्य समाज की स्थापना दयानंद सरस्वती ने सन् 1875 महाराष्ट्र के शहर बम्बई (वर्तमान में मुम्बई) में की थी। आर्य समाज अंधविश्वास, मूर्ति पूजा, झूठे कर्म काण्ड, अवतारवाद, बलि चढ़ाना आदि तत्वों को नकारता था। आर्य समाज का उद्देश्य समाज में समानता एवं महिलाओं व अनुसूचित जाति तथा जनजाति के प्रति छुआछूत और जातिगत भेदभाव को खत्म करना था। आर्य समाज के अनुयायियों ने स्त्रियों तथा शुद्र को जनेऊ धारण करने का अधिकार भी प्रदान किया था। सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखा गया आर्य समाज का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। आर्य समाज के सिद्धांत आर्य से तात्पर्य श्रेष्ठ और प्रगतिशील होता है। इसके फलस्वरूप आर्य समाज वेदों में लिखी शिक्षा और बातों को मानते थे और सभी को वेदों में लिखित शिक्षा का ज्ञान देते थे। आर्य समाज के लोग ज्योतिष, जादू टोना, श्राद्ध, तर्पण, मूर्ति पूजा, देवी पूजा, भूत प्रेत, जागरण, तीर्थ यात्रा आदि मान्यताओं को नकारते थ...

Professor Gurjar Vidya Sabha welcomed two promising students of Greater Noida to Delhi University

Follow us on Tricity Today | गुर्जर विद्या सभा ने किया भव्य स्वागत Greater Noida : दादरी में मिहिर भोज शिक्षण संस्थानों को संचालन करने वाली संस्था गुर्जर विद्या सभा की ओर से शनिवार को स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्राॅफेसर के रूप में चयनियत हुए गुर्जर युवाओं को सम्मानित किया गया। गुर्जर समाज के लिए गर्व की बात कार्यक्रम की अध्यक्षता गुर्जर विद्या सभा के अध्यक्ष बेदराम भाटी ने की और संचालन सभा के महासचिव एडवोकेट रामशरणनागर ने किया। गुर्जर विद्या सभा के महासचिव रामषरण नागर ने बताया कि डाॅ. देवेंद्र नागर का चयन पर्यावरण विज्ञान विषय में रामानुजन काॅलेज और डाॅ.अरूण भाटी का चयन काॅमर्स सब्जेक्ट में शहीद भगत सिंह काॅलेज में हुआ है। जो कि गुर्जर समाज के लिए गर्व की बात है। पूर्व मंत्री बेदराम भाटी ने कहा कि गुर्जर समाज अब शिक्षा को लेकर काफी जागरूक हुआ है। समाज के अनेक युवा विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित हो रहे है जो कि समाज के लिए शुभ संकेत है। यह लोग हुए स्वागत में शामिल स्वागत कार्यक्रम में शिक्षक एवं वरिष्ट पत्रकार लज्जाराम भाटी, मास्टर भूपेद्र नागर, जयप्रकाष नागर, सूरजभान भाटी, रमेश नागर, चरणजीत नागर, कुलदीप भाटी, राजेश मैनेजर, बलवीर आर्य, डाॅ उदयवीर, मास्टर मामराज नागर, सुदेश भाटी, उदयपाल तौगड, रोहित, मत्ते गुर्जर, सुमित बैसोया, मनोज नागर समेत सैकड़ों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए।

आर्य समाज में 14 से लगेगा वैदिक यज्ञ प्रशिक्षण शिविर, 10 दिन तक निशुल्क सिखाई जाएंगी यज्ञ विधि

आर्य समाज के प्रधान आचार्य रविशंकर आर्य ने बताया कि शिविर में आचार्या हेमलता शास्त्री के द्वारा दैनिक यज्ञ के मंत्रों के शुद्ध उच्चारण का अभ्यास, मंत्रों का अर्थ-भावार्थ और विधि का ज्ञान ऋषियों द्वारा बताई गई वैदिक विधि के अनुसार कराया जाएगा। शिविर की कक्षाएं 14 जून से 22 जून तक शाम 4 से 6 बजे तक नियमित चलेंगी। उन्होंने कहा कि यज्ञ हमारी वैदिक संस्कृति का आधार है। यज्ञ से न केवल जल, वायु, औषधियों सहित पर्यावरण की शुद्धि होकर रोग का निवारण होता है, अपितु मानसिक और शारीरिक शक्तियों का विकास भी सम्भव है। यज्ञ से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही यज्ञ पारिवारिक एवं सामाजिक उन्नति का भी कारण बनता है। घर-घर में यज्ञ होकर सभी सुखी हों, इसी भावना से प्रेरित होकर आर्य समाज के द्वारा यह यज्ञ प्रशिक्षण शिविर लगाने का निर्णय लिया गया। बैठक में महिला आर्य समाज प्रधाना सुनयना आर्या, उपप्रधाना सुधा बंसल, राधा आर्या, पिंकी अग्रवाल, कविता बंसल, शिक्षावती आर्या आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

SC community got maximum benefit in Modi government Arya

मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा जगह-जगह कार्यक्रम कर रही है। शनिवार को भाजपा कार्यालय पर पहुंचे आर्य ने कहा केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम सहित सभी धार्मिक स्थलों का सौंदर्यकरण हुआ है। सड़कें बन रही हैं। उन्होंने मोर्चा के कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर लोगों को योजनाओं की जानकारी देने को कहा है। इससे पहले पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने कहा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या बाजपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के बराबर है। आगामी चुनावों में एससी समाज की भागीदारी ज्यादा महत्वपूर्ण होगी। कार्यकर्ताओं ने आर्य को प्रतीक चिह्न एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया। यहां अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार, हुकुम सिंह, कमल चौहान, डॉ. सुदेश कुमार, राजकुमार चौहान, तरुण गहलौत, भगवानदास गौतम, अभिषेक आर्य, दयाराम, सतीश फौजी, प्रशांत आंबेडकर रहे ।

SP और SDM से कहा

बैतूल जिले में पेसा एक्ट के तहत बनी ग्रामसभा ने सोमवार को भैंसदेही एसडीएम और बैतूल एसपी को पत्र भेजा है। ग्राम सभा ने इसमें घर से भागी एक युवती की गुमशुदगी के मामले में की गई कार्रवाई से अवगत कराने की बात कही है। यह सभवत: पहला मामला है जिसमें जब पैसा एक्ट के तहत किसी ग्रामसभा ने ऐसे निर्देश दिए हैं। पीड़ित ने ग्रामसभा के सामने अपनी बेटी के लापता होने का आवेदन पेश कर कार्रवाई की गुहार लगाई थी। जिसके बाद ग्रामसभा ने यह प्रस्ताव पारित किया है। • निर्णय लिया जाता है कि ग्राम पंचायत चिल्लौर के निवासी फागी काकोड़िया ने 5 जनू 2023 को लिखित आवेदन ग्राम सभा में प्रस्तुत है। • *आवेदन में उल्लेख किया है कि आवेदक की पुत्री का विवाह समुदाय में जनजातीय परंपरा के अनुसार तय किया जा चुका था। आवेदक की पुत्री ने मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना का लाभ पाने पंचायत में फार्म जमा किया था। आवेदक की 1 जून 2023 से लापता है। • आवेदक ने पुत्री की गुमशुदगी की प्रथम सूचना थाना मोहदा में दर्ज की गई। जिसकी आवेदक को प्रथम सूचना के तहत कोई राहत नहीं मिलने से आवेदक के आवेदन पर पेसा ग्राम सभा पेसा नियम-12(1.क) के तहत परंपराओं तथा रुढ़ियों के सुरक्षित तथा संरक्षित करने के उद्देश्य से पेसा नियम-14(6)-शांति तथा विवाद निवारण समिति को आवेदक द्वारा थाना-मोहदा में दर्ज अपराध से संबंधित अग्रीम कार्यवाही हेतु तथा पेसा नियम के तहत यह प्रस्तावित किया जाता है कि उपखंड अधिकारी (एसडीएम) तथा पुलिस अधीक्षक को सूचना प्रेषित किया जाना है। उक्त प्रस्ताव ग्राम सभा में सर्वसम्मति से पारित किया जाता है। यह था मामला चिल्लऔर निवासी फागी ककोड़िया की बेटी का विवाह सामाजिक परंपराओं के तहत तय हुआ था। यह शादी मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह...

Professor Gurjar Vidya Sabha welcomed two promising students of Greater Noida to Delhi University

Follow us on Tricity Today | गुर्जर विद्या सभा ने किया भव्य स्वागत Greater Noida : दादरी में मिहिर भोज शिक्षण संस्थानों को संचालन करने वाली संस्था गुर्जर विद्या सभा की ओर से शनिवार को स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्राॅफेसर के रूप में चयनियत हुए गुर्जर युवाओं को सम्मानित किया गया। गुर्जर समाज के लिए गर्व की बात कार्यक्रम की अध्यक्षता गुर्जर विद्या सभा के अध्यक्ष बेदराम भाटी ने की और संचालन सभा के महासचिव एडवोकेट रामशरणनागर ने किया। गुर्जर विद्या सभा के महासचिव रामषरण नागर ने बताया कि डाॅ. देवेंद्र नागर का चयन पर्यावरण विज्ञान विषय में रामानुजन काॅलेज और डाॅ.अरूण भाटी का चयन काॅमर्स सब्जेक्ट में शहीद भगत सिंह काॅलेज में हुआ है। जो कि गुर्जर समाज के लिए गर्व की बात है। पूर्व मंत्री बेदराम भाटी ने कहा कि गुर्जर समाज अब शिक्षा को लेकर काफी जागरूक हुआ है। समाज के अनेक युवा विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित हो रहे है जो कि समाज के लिए शुभ संकेत है। यह लोग हुए स्वागत में शामिल स्वागत कार्यक्रम में शिक्षक एवं वरिष्ट पत्रकार लज्जाराम भाटी, मास्टर भूपेद्र नागर, जयप्रकाष नागर, सूरजभान भाटी, रमेश नागर, चरणजीत नागर, कुलदीप भाटी, राजेश मैनेजर, बलवीर आर्य, डाॅ उदयवीर, मास्टर मामराज नागर, सुदेश भाटी, उदयपाल तौगड, रोहित, मत्ते गुर्जर, सुमित बैसोया, मनोज नागर समेत सैकड़ों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए।

Activist Rehana Fathima Wins Nudity Case In Kerala High Court Says We Need To Change Our Thinking

"मर्द बिना शर्ट के घूम सकते हैं, लेकिन..." : सेमी-न्यूड बॉडी पेंट केस में बरी होने पर बोलीं रेहाना फातिमा केरल हाईकोर्ट ने सेमी-न्यूड बॉडी पेंट करवाने के केस में बरी होने पर महिला एक्टिविस्ट रेहाना ने कहा, "तीन साल बाद साबित हो गया कि मैंने जो किया वो गलत नहीं था, जो भी मैंने मैसेज दिया वो गलत नहीं था." नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने सेमी-न्यूड बॉडी पेंट करवाने के केस में एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को बरी कर दिया है. जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'नग्नता को अश्लीलता या अनैतिकता में बांटना गलत है. नग्नता को सेक्स से नहीं जोड़ना चाहिए. महिला के शरीर का केवल ऊपरी हिस्सा नग्न होना, कामुकता (sexuality) नहीं. इसी तरह किसी महिला की न्यूड बॉडी का वर्णन या चित्रण भी हमेशा सेक्शुअल या अश्लील नहीं होता.' यह भी पढ़ें • "नग्नता और अश्लीलता हमेशा पर्यायवाची नहीं..." : केरल HC ने अर्द्धनग्न शरीर पर पेटिंग मामले में रेहाना फातिमा को किया बरी • एक्टिविस्‍ट रेहाना फातिमा को आंशिक राहत, SC ने केरल HC के फैसले पर रोक लगाई लेकिन बरकरार रखी 'शर्त' • SC ने अर्द्धनग्न तस्वीर को लेकर एक्टिविस्ट से कहा, 'यह अश्लीलता है', बेल देने से किया इंकार रेहाना ने अपने नाबालिग बेटे और बेटी से बॉडी पेंट करवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. इसके कारण उन पर केरल स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स पॉक्सो एक्ट के तहत 2 केस दर्ज किए गए थे. अब कोर्ट से राहत मिलने के बाद रेहाना फातिमा ने कहा कि ये लड़ाई उनसे ज्यादा उनके बच्चों के लिए मुश्किल रही. उन्होंने कहा, "तीन साल बाद साबित हो गया कि मैंने जो किया वो गलत नहीं था, जो भी मैंने मैसेज दिया वो गलत नहीं था. हमारे समाज में मर्द बिना शर्ट के...