अधिपूर्ति किसे कहते हैं

  1. आपूर्ति (अर्थशास्त्र)
  2. Karak In Hindi
  3. अपवर्तन
  4. अधिपूर्ति किसे कहते हैं
  5. संसाधन
  6. सर्वनाम किसे कहते हैं


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आपूर्ति (अर्थशास्त्र)

अनुक्रम • 1 आपूर्ति वक्र का उदहारण • 2 आपूर्ति में मूल्य संकेत • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ आपूर्ति वक्र का उदहारण [ ] फर्ज़ करें कि किसी देश में कृषि के लिए इतनी भूमि उपलब्ध है कि उसमें करोड़ों टन अनाज उगाया जा सकता है। लेकिन यह भूमि अलग-अलग प्रकार की है: कहीं उपजाऊ है और उसे नदी द्वारा मुफ्त सिंचाई का पानी मिलता है, जबकि अन्य स्थानों पर धरती बहुत शुष्क और बंजर है और उसमें खाद की बड़ी मात्रा चाहिए तथा मेहनत व खर्च से भूमिगत जल कुँओं से निकालना पड़ता है। बहुत से स्थानों में इन दोनों अवस्थाओं के बीच की परिस्थिति है, यानि भूमि मध्यम-दर्जे की उपजाऊँ है और सीमित मात्रा में जल सस्ता है लेकिन अधिक मात्रा में महंगा। कुल मिलाकर देखा जाता है कि: • बाज़ार में 15 ₹ प्रति किलोग्राम कीमत मिले, तो अधिक ऊपजाऊ क्षेत्रों के किसान ही अनाज उगाते हैं और 10 करोड़ किलोग्राम तक अनाज उगा लेते हैं। कम ऊपजाऊ क्षेत्रों वाले किसान अनाज नहीं उगाते, क्योंकि इस कीमत पर उनका अनाज उगाने का खर्चा पूरा नहीं होता। • यदि बाज़ार में कीमत बढ़े तो और किसान अनाज उगाने लगते हैं। अगर कीमत 30 ₹/किलो मिल जाए, तो 30 करोड़ किलोग्राम तक अनाज उगाया जाएगा। यह चित्र 1 में दर्शाया गया है। लम्ब अक्ष (P) पर ₹/किलो में कीमत है, और क्षितिज अक्ष (Q) पर करोड़ो किलोग्राम में अनाज उत्पादन की मात्रा है। बाज़ार में किसी कीमत पर कितना अनाज उत्पादित होगा वह इस आपूर्ति वक्र से आसानी देखा जा सकता है। ऐसे ही आपूर्ति वक्र बाज़ार में किसी भी संसाधन के लिए बनाए जा सकते हैं, जिनमें विद्युत उत्पादन, बाज़ार में बाल काटने वाले नाईयों की संख्या, वाहनों का उत्पादन, गणित सिखाने वाले शिक्षकों की संख्या, नए घरों का निर्माण, निवास के लिए किराए के क...

Karak In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कारक किसे कहते हैं और उसके भेद – Karak Kise Kahate Hain Karak Ke Kitne Bhed Hai कारक किसे कहते हैं – Karak Kise Kahate Hain वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक शब्द ‘कृ’ धातु में ‘अक’ प्रत्यय के जुड़ने से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘करने वाला’ होता है। हिंदी व्याकरण में 8 कारक होते हैं, जिन्हें मूल शब्द से अलग करके कारक विभक्ति या कारक चिह्न के रूप में लिखा जाता है। कारक चिह्न – Karak Chinh कारक के जिस रूप से क्रिया का संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध का बोध होता हो उसे कारक चिह्न कहते हैं। प्रत्येक कारक का अपना एक या अधिक चिह्न होता है। कारक चिह्न की सूची निम्नलिखित है। परसर्ग किसे कहते हैं – Parsarg Kise Kahate Hain वाक्य में कारक की पहचान करवाने वाले शब्द को परसर्ग कहते हैं। हिंदी व्याकरण में परसर्ग को कारक विभक्ति या कारक चिह्न (karak chinh) भी कहते हैं। प्रत्येक कारक की अपनी एक निश्चित विभक्ति होती है। यदि दो कारकों की विभक्ति समान हो तो वाक्य में उनका व्यवहार अलग अलग होता है। कारक कितने और कौन-कौन से होते हैं– कारक के भेद कारक आठ होते हैं, जो निम्नलिखित हैं। • कर्ता कारक • कर्म कारक • करण कारक • सम्प्रदान कारक • अपादान कारक • संबंध कारक • अधिकरण कारक • सम्बोधन कारक कर्ता कारक किसे कहते हैं – Karta Karak Kise Kahate Hain वाक्य में वह संज्ञा या सर्वनाम पद जो क्रिया करने वाले का बोध करवाता है उसे कर्ता कारक कहते हैं। कर्ता कारक का विभक्ति चिह्न या कारक चिह्न ‘ने’ होता है। कर्ता कारक के साथ ‘ने’ विभक्ति चिह्न क...

अपवर्तन

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अधिपूर्ति किसे कहते हैं

अधिपूर्ति किसे कहते हैं? अधिपूर्ति से तात्पर्य यदि किसी कीमत विशेष पर बाजार पूर्ति उसकी बाजार मांग से अधिक है, तो उसे उस कीमत पर बाजार में अधिपूर्ति कहा जाता है। What is over Supply? Oversupply means if the market supply at a particular price is more than its market demand, then it is said to be oversupply in the market at that price.

संसाधन

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर स्रोत खोजें: · · · · संसाधन (resource) एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छाओं की पूर्ति के लिए करता है। कोई वस्तु संसाधन शब्द का अभिप्राय साधारणतः मानव उपयोग की वस्तुओं से है। ये प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हैं। मनुष्य प्रकृति के अपने अनुरूप उपयोग के लिए तकनीकों का विकास करता है। प्राकृतिक तंत्र में किसी तकनीक का जनप्रिय प्रयोग उसे एक सभ्यता में परिणित करता है, यथा जीने का तरीका या जीवन निर्वाह। इस प्रकार यह सांस्कृतिक संसाधन की स्थिति प्राप्त करता है। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता। ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। इन प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों आदि के अपने संसार का निर्माण किया है। ये मानव निर्मित संसाधन प्राकृतिक संसाधनों के साथ काफी उपयोगी भी हैं और मानव के विकास के लिए आवश्यक भी। 'संसाधन की परिभाषा:-' Abhimanyu anand के अनुसार:- '’ “मानवीय आवश्यकताओ एवं इच्छाओ को पुरा करने वाले सभी वस्तुएँ संसाधन कहलाते हैं" | स्मिथ एवं फिलिप्स के अनुसार- "भौतिक रूप से संसाधन वातावरण की वे प्रक्रियायें हैं जो मानव के उपयोग में आती हैं।” जेम्स फिशर के शब्दों में- “संसाधन वह कोई भी वस्तु हैं जो मानवीय आवश्यकतों और इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।” जिम्मर मैन के अनुसार- "संसाधन पर्यावरण की वे विशेषतायें हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्...

सर्वनाम किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सर्वनाम (Sarvanam) संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं। सर्वनाम एक विकारी शब्द है। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ के संयोग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सबका नाम होता है। सर्वनाम का रुपांतरण वचन और कारक की वजह से होता है, लेकिन सर्वनाम का रुपांतरण लिंग की वजह से कभी नहीं होता है। हिंदी में ग्यारह सर्वनाम होते हैं। हिंदी के सर्वनाम मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या हैं। • मैं – इसका इस्तेमाल वक्ता स्वयं के लिए करता है। • तू – इसका इस्तेमाल वक्ता की बात सुनने वाले के लिए किया जाता है। • यह – आस-पास की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। • वह – दूर की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। सर्वनाम के उदाहरण | Sarvanam Ke Udaharan • वह पैन मेरा नहीं है। • यह घर मेरे दादाजी ने बनवाया था। • मैंने आज व्यायाम नहीं किया। • तुम एक बहादुर लड़की हो। • कोई आ रहा है। • वे कुछ खा रहे हैं। • वह कौन है, जो खेत में घुस रहा है? • पिताजी कल किसकी बात कर रहे थे? सर्वनाम कौन-कौन से होते हैं मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या सर्वनाम होते हैं. हिंदी में 11 सर्वनाम होते हैं। इन ग्यारह सर्वनामों को मूल सर्वनाम कहते हैं। यही ग्यारह सर्वनाम पुरुष, वचन और कारक के आधार पर अपना रूपांतरण करके अन्य सर्वनाम बनाते हैं, जिन्हें यौगिक सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है? सर्वनाम का उपयोग भाषा को सुंदर बनाने के लिए तथा संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जा...