Akarmak kriya kise kehte hain

  1. Sanyukt Kriya
  2. सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर कैसे पहचाने, और उदाहरण
  3. क्रिया किसे कहते है ? उदाहरण और Kriya Ke Prakar
  4. Sakarmak kriya and Akarmak kriya in Hindi
  5. Kriya in Hindi
  6. Verbs In Hindi: Forms And Types With Examples
  7. अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं Akarmak Kriya


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Sanyukt Kriya

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sanyukt Kriya | संयुक्त क्रिया इस लेख में हम संयुक्त क्रिया के बारे में पढ़ेंगे। इस लेख में हम संयुक्त क्रिया की परिभाषा, संयुक्त क्रिया के भेद और संयुक्त क्रिया के उदाहरणों के बारे में विस्तृत अध्ययन करेंगे। दरअसल, Sanyukt Kriya दो या अधिक क्रियाओं का मेल होती है, जिसमें एक क्रिया कृदंत क्रिया तो दूसरी सहायक क्रिया होती है। Sanyukt Kriya Sanyukt Kriya Kise Kahate Hain | संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं दो या दो से अधिक भिन्न भिन्न अर्थ वाली क्रियाओं के मेल से बनने वाली क्रिया को संयुक्त क्रिया (Sanyukt Kriya) कहते हैं। संयुक्त क्रियाओं का निर्माण धातु से बने हुए शब्दों (कृदंत) के आगे सहायक या सहकारी क्रियाएं जोड़ देने से होता है। संयुक्त क्रिया (Sanyukt Kriya) अकर्मक एवं सकर्मक दोनों हो सकती हैं। जब कृदंत की क्रिया मुख्य क्रिया हो तथा काल की क्रिया कृदंत की विशेषता बताए तो वहाँ दोनों क्रियाओं के संयुक्त रूप को संयुक्त क्रिया कहते हैं। संयुक्त क्रिया में मुख्य क्रिया का कृदंत और सहायक क्रिया के काल का रूप होता है। बारात आने पर स्वागत करना। उपरोक्त वाक्य में ‘आने’ मुख्य क्रिया है और ‘स्वागत करना’ सहायक क्रिया है। यहाँ मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया के मेल से संयुक्त क्रिया बन रही है। अतः उपरोक्त वाक्य संयुक्त क्रिया (Sanyukt Kriya) का उदाहरण है। संयुक्त क्रिया के उदाहरण | Sanyukt Kriya Ke Udaharan • रमेश चाय पी रहा है। • बच्चा खाना खाता है। • वह संस्कृत बोल सकता है। • विक्रम ने नाश्ता कर लिया है। • वे स्टेडियम पहुँच चुके होंगे। • राधे चाय पी चुका था। • पिताजी ने भोजन कर लिया है। संयुक्त क्रिया के भेद | Sanyukt Kriya Ke ...

सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर कैसे पहचाने, और उदाहरण

देखिए अमेज़ॉन में आज का ऑफर 50% तक की छूट 1. सकर्मक क्रिया की परिभाषा 2. अकर्मक क्रिया की परिभाषा 3. सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर 4. सकर्मक क्रिया के उदाहरण 5. अकर्मक क्रिया के उदाहरण 6. सकर्मक क्रिया को कैसे पहचाने 7. अकर्मक क्रिया को कैसे पहचाने सकर्मक क्रिया की परिभाषा :- सकर्मक क्रिया उस प्रकार की क्रिया होती है जिसमें कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित करता है, तो वहां पर सकर्मक क्रिया होती है। या दूसरे शब्दों में जब किसी वाक्य में कर्ता, क्रिया और कर्म तीनों उपस्थित हों, तो वहां सकर्मक क्रिया होती है। जैसे “राहुल ने केला खाया।” इस वाक्य में राहुल कर्ता है, खाया क्रिया है, और केला यहां पर कर्म है। लेकिन यह कौन सी क्रिया है सकर्मक या अकर्मक ? क्योंकि इस वाक्य में कर्ता क्रिया और कर्म तीनो उपस्थित हैं तो यहाँ सकर्मक क्रिया है। चलिए एक उदाहरण और देखते हैं – श्याम ने मेज की सफाई की। इसको दूसरी तरीके से समझते हैं। इस वाक्य में श्याम जो कि एक ‘कर्ता’ है और ‘सफाई’ क्रिया कर रहा है, लेकिन इसका प्रभाव मेज पर पड़ रहा है इसलिए यहाँ सकर्मक क्रिया होगी। अकर्मक क्रिया की परिभाषा :- अकर्मक क्रिया वहां पर होती है जहां कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित नहीं करता है। दूसरे शब्दों में जैसे नाम से ही पता चल रहा है ‘अकर्मक’ मतलब कर्म उपस्थित नहीं है। जब किसी वाक्य में कर्ता हो और क्रिया भी हो लेकिन कर्म ना हो तो वहां पर अकर्मक क्रिया होती है। जैसे– उसैन बोल्ट दौड़ता है। इस वाक्य में उसैन बोल्ट कर्ता का काम कर रहा है और दौड़ना क्रिया है लेकिन इसका प्रभाव और किसी चीज पर नहीं पड़ रहा है इसलिए यहां पर अकर्मक क्रिया है। सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्...

क्रिया किसे कहते है ? उदाहरण और Kriya Ke Prakar

क्रिया की परिभाषा :- जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य का करना या होना पाया जाता है उसे पहचान - क्रिया शब्द की खासियत यह होती है कि इन के अंत में "ना" या "ता" शब्द जुड़ा हुआ होता है। Kriya Ka Udaharan जैसे-पढ़ना, लिखना, खाना, पीना, सोना, जाना आदि। 1) मैं पढ़ ना चाहता हूं। 2) उसे क्रिकेट खेल ना पसंद है। विश्लेषण:- पढ़ना और खेलना दोनों ही क्रिया शब्द है और इनके अंत में "ना" शब्द जुड़ा हुआ होता है। क्रिया के प्रकार:- Kriya Ka Prakar कर्म के आधार पर क्रिया के 02 भेद(प्रकार) होते हैं लेकिन प्रयोग के आधार पर क्रिया के 11 भेद(प्रकार) होते हैं . कर्म के आधार पर क्रिया के 2 प्रकार निम्नलिखित हैं- प्रयोग के आधार पर क्रिया के 11 प्रकार निम्नलिखित है:- 1) कर्म के आधार पर सकर्मक क्रिया Sakarmak Kriya Kise Kahate Hai ? सकर्मक क्रिया की परिभाषा - जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है उसे सकर्मक क्रिया कहा जाता है अर्थात जिस वाक्य में कर्म मौजूद हो उसे सकर्मक क्रिया कहा जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं- (i) एककर्मक क्रिया Ekkarmak Kriya Kise Kahate Hai ? एक कर्मक क्रिया की परिभाषा :- जिस सकर्मक वाक्य में केवल एक ही कर्म होता है, वे एक कर्मक क्रिया कहलाती हैं अर्थात जब वाक्य में क्रिया के साथ अकेला एक ही कर्म प्रयोग में हो तो उसे उदाहरण - 1)राम मोबाइल देखताहै। 2) नौकरानी झाड़ू लगाती है। इन उदाहरणों में मोबाइल और झाड़ू कर्म हैं। 'देखता' तथा 'लगाती' क्रिया है जिसका असर सीधे कर्म पर पड़ रहा है। इन दोनों वाक्यों में सिंगल कर्म है। अतः यहाँ (ii) द्विकर्मक क्रिया Dwikarmak Kriya Kise Kahate Hai ? द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा:- द्विकर्मक अर्थात दो कर्मो से बना हुआ । जिस वाक्य में एक साथ दो कर्म होते हैं...

Sakarmak kriya and Akarmak kriya in Hindi

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Kriya in Hindi

In this page we are providing all This grammar helpfully for Students class 6, 7, 8, 9, 10 Kriya ki Paribhasha, Prakar, Bhed aur Udaharan (Examples) in Hindi Grammar Kriya Kise Kahate Hain (What is Kriya in Hindi) – क्रिया इन हिंदी परिभाषा, धातु, मूल, क्रिया, प्रकार, प्रयोग, काल, भेद, परिवर्तन, वाच्य, प्रकार, वाच्य, परिवर्तन. क्रिया वाक्य को पूर्ण बनाती है। इसे ही वाक्य का ‘विधेय’ कहा जाता है। वाक्य में किसी काम के करने या होने का भाव क्रिया ही बताती है। अतएव, ‘जिससे काम का होना या करना समझा जाय, उसे ही ‘क्रिया’ कहते हैं।’ जैसे- लड़का मन से पढ़ता है और परीक्षा पास करता है। उक्त वाक्य में ‘पढ़ता है’ और ‘पास करता है’ क्रियापद हैं। 1. क्रिया का सामान्य रूप ‘ना’ अन्तवाला होता है। यानी क्रिया के सामान्य रूप में ‘ना’ लगा रहता है। जैसे- खाना : खा पढ़ना : पढ़ सुनना : सुन लिखना : लिख आदि। नोट : यदि किसी काम या व्यापार का बोध न हो तो ‘ना’ अन्तवाले शब्द क्रिया नहीं कहला सकते। जैसे- सोना महँगा है। (एक धातु है) वह व्यक्ति एक आँख से काना है। (विशेषण) उसका दाना बड़ा ही पुष्ट है। (संज्ञा) 2. क्रिया का साधारण रूप क्रियार्थक संज्ञा का काम भी करता है। जैसे- सुबह का टहलना बड़ा ही अच्छा होता है। इस वाक्य में ‘टहलना’ क्रिया नहीं है। निम्नलिखित क्रियाओं के सामान्य रूपों का प्रयोग क्रियार्थक संज्ञा के रूप में करें : • नहाना • कहना • गलना • रगड़ना • सोचना • हँसना • देखना • बचना • धकेलना • रोना निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियार्थक संज्ञाओं को रेखांकित करें : 1. माता से बच्चों का रोना देखा नहीं जाता। 2. अपने माता-पिता का कहना मानो। 3. कौन देखता है मेरा तिल-तिल करके जीना। 4. हँसना जीवन के लिए ब...

Verbs In Hindi: Forms And Types With Examples

Verb! Is word ko to aapne English mai kayi baar suna hoga. Lekin kya aap jante hai ki Verbs kya hai ya Verb kya hota hai? Is article mai hum aapko detail me batayenge ke Verb kya hota hai? Yani ke Verb meaning in Hindi kya hai? Aur types of Verbs konse hai aur ye Josh Skills App par Sikhe Fluent English Bolna Verb • Ye Verbs physical action ko darshate hai aur inhe Normal Verbs ya Action Verbs bhi kaha jata hai, aaiye dekhte hai iske examples. To swim – Tairna, To write – Likhna, To climb – Chadhna. Physical actions ke kuch examples • She sells books and bags – Wo books aur bags bech rahi hai. Is sentence mai “sells” yani “bech rahi” ek Verb hai. “ Sells” jo ke ek physical activity hai wo darsha raha hai. • The doctor wrote the prescription – Doctor ne prescription likha hai. Is sentence mai word “wrote” ek Verb hai jo “Likhne” ki physical activity ko darsha raha hai. • Ruby bought a ticket – Ruby ne ticket khareedi. Is sentence me “bought” yani ke “khareedi” ek Verb hai khareedne ki physical activity ko darsha raha hai. • Ye mental action ko darshane wale Verbs hote hai, ye wo Verbs hote hai jo aise kaam ko batate hai jo hum kisi ko physically karte hue nahi dekh sakte. Inhe “Non – Continious Verbs” bhi kaha jata hai. jaise ke:To think – Sonchna, To guess – Guess karna, To consider – Consider karna Aaiye inke kuch examples sentences mai dekhte hai: Mental actions ke kuch examples • She considers the job done – Us ne consider kiya ke job pura ho chuka hai. Is sentence mai ...

अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं Akarmak Kriya

5 ३. वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया किस क्रम में होते हैं? अकर्मक क्रिया दो शब्दों से मिलकर बना है अ+ कर्म। यानी कि जिसमें कर्म का अभाव होता है अतः जिसमें सटीक कर्म या कार्य या काम का पता नहीं चलता है। वहां अकर्मक क्रिया होता है। क्रिया का अर्थ होता है किसी भी काम के करने या होने का पता लगना। इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते है:- १. राम आम खाता है। इस वाक्य में हम सिर्फ क्रिया और कर्म को समझने का प्रयास करेंगे क्योंकि अकर्मक क्रिया में यही दोनों का खेल है जैसे कि राम आम खाता है इस वाक्य में आम जो है वह कर्म है और खाता शब्द क्रिया है। इस वाक्य में कर्म शामिल है इसलिए यहां खाता शब्द सकर्मक क्रिया है क्योंकि यहां पर कर्म का पता चल रहा है। इसमें और एक बात ध्यान देने की आवश्यकता है कि इस वाक्य में क्रिया का सीधा संबंध कर्म पर पड़ रहा है न कि कर्ता(राम) पर। अगर इस वाक्य में कर्म का अभाव होता और क्रिया का सीधा संबंध कर्ता पर पड़ता तो वहां अकर्मक क्रिया होता। जैसे: १. राम खाता है। इस वाक्य में कर्म का अभाव है केवल क्रिया(खाता या खाना) का ही पता चल रहा है इसलिए इस वाक्य में खाता शब्द अकर्मक क्रिया है। इस वाक्य में क्रिया का सीधा संबंध कर्ता पर पड़ रहा है यानी कि राम पर क्रिया का सीधा प्रभाव पड़ रहा है। अकर्मक क्रिया(akarmak kriya) कैसे पहचाने अकर्मक क्रिया को हम इस प्रकार से भी पहचान सकते हैं:- अकर्मक क्रिया के पहचान अकर्मक क्रिया की पहचान करने के लिए क्या, किसे या किसको आदि प्रश्न करने से उनके उत्तर नहीं मिलते हैं तो वहां अकर्मक क्रिया होगा और यदि उन प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है तो यहां अकर्मक क्रिया न होकर सकर्मक क्रिया होगा। जैसे: सकर्मक क्रिया का उदाहरण १.सुरेश ने राजू को मार...