Akbar ka janm

  1. akbar ka janm kab hua tha
  2. अकबर से जुड़े तथ्य और जानकारियां
  3. अकबर की जीवनी
  4. बाबर
  5. बाबर
  6. अकबर से जुड़े तथ्य और जानकारियां
  7. akbar ka janm kab hua tha
  8. अकबर की जीवनी


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शाहजहाँ परिचय मुगल वंश के पाँचवे शासक शाहजहाँ का जन्म पाकिस्तान के लाहौर मे हुआ था। शाहजहाँ की प्रसिद्धि उसके द्वारा किये गए कार्यो और मुख्य रूप से अपने प्रेम के लिए जानी जाती है। इसके पिता का नाम जहाँगीर व माता का नाम जगतगोसाई था। इसके बचपन का नाम खुर्रम था। बाद मे इसे शाहजहाँ की उपाधि मिली। शाहजहाँ का विवाह इनकी प्रेमिका मुमताज से हुयी थी। शाहजहाँ ने अपने शासन काल मे बहुत अच्छे कार्य किये और अनेक ऐसे-ऐसे इमारते बनवाई जो आज भी बहुत प्रसिद्ध है जिनमे से ताजमहल सबसे प्रसिद्ध है। इसने ताजमहल के अलावा अन्य चीजे भी बनवायी। शाहजहाँ द्वारा किये गए कार्य • शाहजहाँ का विवाह 1612 ई मे अर्जुमंद बानो बेगम ( मुमताज) इनकी प्रेमिका से हुयी। इनके विवाह के बाद इनके 14 पुत्र हुए जिनमे से 7 की मृत्यु हो गई। 14 वें पुत्र को जन्म देते हुए मुमताज की मृत्यु हो गयी। इनकी याद मे शाहजहाँ ने आगरा मे ताजमहल बनवाया। ताजमहल के Designer उस्ताद अहमद लाहौरीथे व इसकी देख-रेख ईशा खान करते थे। • इसने वास्तुकला ( स्थापत्य कला ) के इमारत बनाने मे प्रसिद्धि हासिल की। • इसने अपने राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली कर दी। • इसने दिल्ली मे जमा मस्जिद बनवाया। • इसने दिल्ली मे लाल किला बनवाया। जिसमे दो हाॅल बनवाया एक दीवान-ए-आम व दूसरी दीवान-ए-खास। इसने इस किला मे एक मयूर सिंहासन बनवाया जिसमे कोहिनूर हीरा लगा था। • इसने लाहौर मे सीसमहल बनवाया। • अकबर द्वारा बनाये गए आगरा के लाल किले मे इसने मोती मस्जिद बनवाया। • शाहजहाँ के पुत्र दाराशिकोह को लघु अकबर के नाम से जाना जाता है। पुत्र का विद्रोह • दक्षि ण भारत मे शाहजहाँ ने मलिक अम्बर को हराकर शाहजहाँ की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद लाहौर मे विद्रोह होने पर साम्राज्य टुटने ल...

akbar ka janm kab hua tha

People Also Read: जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदित्यनाथ) थे। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। इनका जन्म महावीर स्वामी ने 250 वर्ष पूर्व वाराणसी में हुआ था। इनके अनुयायियों को निर्ग्रंथ. How to use बाबर का जीवन परिचय – Babar History in Hindi बाबर का जन्म कब हुआ – Babar Ka Janm Kab Hua Tha; बाबर का वैवाहिक जीवन – बाबर के कितने बेटे थे – Babar ke Kitne Putra The; बाबर का इतिहास – Babar History in Hindi. About Pres Coyright Cotact us Creators Advertise Pres Coyright Cotact us Creators Advertise. अंत में : तो दोस्तों, आज हमने जाना भगवान श्री कृष्ण का जन्म कितने वर्ष पहले हुआ था। आपको अगर इस लेख में कुछ भी गलत लगा हो तो, हमे कमेंट के जरिये बता सकते है।.

अकबर से जुड़े तथ्य और जानकारियां

अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था. अकबर को अकबर-ए-आज़म शहंशाह अकबर भी कहा जाता है. अकबर ने साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए ऐसी नीतियां अपनाई, जिनसे गैर मुसलमानों की राजभक्ति जीती जा सके. अकबर ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था, सभी जाति-वर्गों के लोगों को एक समान माना और उनसे अपने मित्रता के सम्बन्ध स्थापित किए थे. (1) जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. में अमरकोट में हुआ. (2) अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उनका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था. (3) बद्र का अर्थ होता है पूर्ण चंद्रमा और अकबर उनके नाना शेख अली अकबर जामी के नाम से लिया गया था. (4) अकबर ने मुगल शक्ति का भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में विस्तार किया. (5) अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ ईरानी विद्वान था. अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई को पंजाब के कलनौर में हुआ था. (6) बैरम खान 1556 से 1560 ई तक अकबर का संरक्षक रहा. पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 ई को अकबर और हेमू के बीच हुई. मुग़ल साम्राज्य में अकबर की दूधमाता माहम अनगा बैरम खान के विरुद्ध साजिश करती रहती थी. इसी वजह से बैरम को हज के लिए आदेश दिया गया, जहां 1561 ई. में उसकी हत्या कर दी कर दी गई. (7) हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे. मुग़लों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने आखिरी समय तक अकबर से सन्धि की बात स्वीकार नहीं की और मान-सम्मान के...

अकबर की जीवनी

जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर या अकबर महान, नसीरुद्दीन हुमायूँ के पुत्र थे। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। जब अकबर का जन्म हुआ, उस समय हुमायूँ को देश से बाहर निकाल दिया गया था, इसलिए अकबर का अफगानिस्तान में उनके चाचा अस्कारी और उनकी पत्नी ने पालन पोषण किया था। अकबर ने अपनी युवावस्था में शिकार करना और युद्ध करना सीख लिया था, लेकिन अकबर को पढ़ना और लिखना नहीं आता था। अकबर प्रत्येक क्षेत्र में माहिर होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध शासक थे। जब अकबर के पिता हुमायूँ की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तब 14 फरवरी 1556 में अकबर ने राज सिंहासन संभाला। उस समय अकबर मात्र 13 साल के थे और यह उनके जीवन के शुरुआती दिन थे, उस समय अकबर अपने पिता के मंत्री बैरम खान की एक सक्षम मार्गदर्शिका के अधीन थे। सिंहासन संभालने के बाद अकबर ने पंजाब के शेरशाह सूरी के बेटे सिकंदर शाह सूरी की शक्ति को नष्ट करने का फैसला किया और तार्डी बेग खान के अधीन दिल्ली शहर को छोड़ दिया। अकबर ने इस काम में सफलता हासिल की और सिकंदर शाह ने अपने इलाके को छोड़ दिया। लेकिन दिल्ली में, मौके को ध्यान में रखते हुए, एक हिंदू शासक हेमू ने दिल्ली पर हमला कर दिया और तार्डी बेग खान शहर छोड़कर भाग गए। अकबर ने हेमू की सेना से मुलाकात की और पानीपत के दूसरे युद्ध में हेमू को पराजित कर दिया। अकबर एक बहुत ही कुशल शासक थे और पूरे भारत को अपने शासन के अधीन शामिल करने की कोशिश करते थे। इसके लिए अकबर ने कई रणनीतियों को अपनाया, कुछ स्थानों पर अकबर ने अपनी सैन्य शक्तियों का भी इस्तेमाल किया, जबकि अन्य जगहों पर अकबर अपने प्रशासनिक कौशल का इस्तेमाल करते थे। अकबर ने कई हिंदू राज्यों में वैवाहिक सबंध स्थापित किए। शाद...

बाबर

बाबर का जन्म उमर शेख़ मिर्ज़ा, जो फरगना घाटी के शासक थे तथा जिसको उसने एक ठिगने कद के तगड़े जिस्म, मांसल चेहरे तथा गोल दाढ़ी वाले व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है, तथा माता कुतलुग निगार खानम का ज्येष्ठ पुत्र था। हालाँकि बाबर का मूल कहा जाता है कि बाबर बहुत ही तगड़ा और शक्तिशाली था। ऐसा भी कहा जाता है कि केवल व्यायाम के लिए वो दो लोगों को अपने दोनो कन्धों पर लादकर उन्नयन ढाल पर दौड़ लेता था। लोककथाओं के अनुसार बाबर अपने राह में आने वाली सभी नदियों को तैर कर पार करता था। उसने गंगा को दो बार तैर कर पार किया। नाम बाबर के चचेरे भाई मुहम्मद हैदर ने लिखा है कि उस समय, जब चुगताई लोग असभ्य तथा असंस्कृत थे तब उन्हे ज़हीरुद्दीन मुहम्मद का उच्चारण कठिन लगा। इस कारण उन्होंने इनका नाम बाबर रख दिया। सैन्य जीवन सन् 1494 में 12वर्ष की आयु में ही उसे मुहम्मद शैबानी ने हरा दिया और इस तरह समरकंद, जो उसके जीवन की एक बड़ी ख्वाहिश थी, उसके हाथों से फिर वापस निकल गया। फरगना से अपने चन्द वफ़ादार सैनिकों के साथ भागने के बाद अगले तीन सालों तक उसने अपनी सेना बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया। इस क्रम में उसने बड़ी मात्रा में हुसैन बैकरह, जो कि उसका दूर का रिश्तेदार भी था, के साथ मुहम्मद शायबानी के विरुद्ध सहयोग की संधि की। पर 1506 में हुसैन की मृत्यु के कारण ऐसा नहीं हो पाया और उसने हेरात पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। पर दो महीनों के भीतर ही, साधनों के अभाव में उसे हेरात छोड़ना पड़ा। अपनी जीवनी में उसने हेरात को " बुद्धिजीवियों से भरे शहर" के रूप में वर्णित किया है। वहाँ पर उसे काबुल लौटने के दो साल के भीतर ही एक और सरगना ने उसके ख़िलाफ़ विद्रोह किया और उसे काबुल से भागना पड़ा। जल्द ही उसने काबुल पर...

बाबर

बाबर का जन्म उमर शेख़ मिर्ज़ा, जो फरगना घाटी के शासक थे तथा जिसको उसने एक ठिगने कद के तगड़े जिस्म, मांसल चेहरे तथा गोल दाढ़ी वाले व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है, तथा माता कुतलुग निगार खानम का ज्येष्ठ पुत्र था। हालाँकि बाबर का मूल कहा जाता है कि बाबर बहुत ही तगड़ा और शक्तिशाली था। ऐसा भी कहा जाता है कि केवल व्यायाम के लिए वो दो लोगों को अपने दोनो कन्धों पर लादकर उन्नयन ढाल पर दौड़ लेता था। लोककथाओं के अनुसार बाबर अपने राह में आने वाली सभी नदियों को तैर कर पार करता था। उसने गंगा को दो बार तैर कर पार किया। नाम बाबर के चचेरे भाई मुहम्मद हैदर ने लिखा है कि उस समय, जब चुगताई लोग असभ्य तथा असंस्कृत थे तब उन्हे ज़हीरुद्दीन मुहम्मद का उच्चारण कठिन लगा। इस कारण उन्होंने इनका नाम बाबर रख दिया। सैन्य जीवन सन् 1494 में 12वर्ष की आयु में ही उसे मुहम्मद शैबानी ने हरा दिया और इस तरह समरकंद, जो उसके जीवन की एक बड़ी ख्वाहिश थी, उसके हाथों से फिर वापस निकल गया। फरगना से अपने चन्द वफ़ादार सैनिकों के साथ भागने के बाद अगले तीन सालों तक उसने अपनी सेना बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया। इस क्रम में उसने बड़ी मात्रा में हुसैन बैकरह, जो कि उसका दूर का रिश्तेदार भी था, के साथ मुहम्मद शायबानी के विरुद्ध सहयोग की संधि की। पर 1506 में हुसैन की मृत्यु के कारण ऐसा नहीं हो पाया और उसने हेरात पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। पर दो महीनों के भीतर ही, साधनों के अभाव में उसे हेरात छोड़ना पड़ा। अपनी जीवनी में उसने हेरात को " बुद्धिजीवियों से भरे शहर" के रूप में वर्णित किया है। वहाँ पर उसे काबुल लौटने के दो साल के भीतर ही एक और सरगना ने उसके ख़िलाफ़ विद्रोह किया और उसे काबुल से भागना पड़ा। जल्द ही उसने काबुल पर...

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शाहजहाँ परिचय मुगल वंश के पाँचवे शासक शाहजहाँ का जन्म पाकिस्तान के लाहौर मे हुआ था। शाहजहाँ की प्रसिद्धि उसके द्वारा किये गए कार्यो और मुख्य रूप से अपने प्रेम के लिए जानी जाती है। इसके पिता का नाम जहाँगीर व माता का नाम जगतगोसाई था। इसके बचपन का नाम खुर्रम था। बाद मे इसे शाहजहाँ की उपाधि मिली। शाहजहाँ का विवाह इनकी प्रेमिका मुमताज से हुयी थी। शाहजहाँ ने अपने शासन काल मे बहुत अच्छे कार्य किये और अनेक ऐसे-ऐसे इमारते बनवाई जो आज भी बहुत प्रसिद्ध है जिनमे से ताजमहल सबसे प्रसिद्ध है। इसने ताजमहल के अलावा अन्य चीजे भी बनवायी। शाहजहाँ द्वारा किये गए कार्य • शाहजहाँ का विवाह 1612 ई मे अर्जुमंद बानो बेगम ( मुमताज) इनकी प्रेमिका से हुयी। इनके विवाह के बाद इनके 14 पुत्र हुए जिनमे से 7 की मृत्यु हो गई। 14 वें पुत्र को जन्म देते हुए मुमताज की मृत्यु हो गयी। इनकी याद मे शाहजहाँ ने आगरा मे ताजमहल बनवाया। ताजमहल के Designer उस्ताद अहमद लाहौरीथे व इसकी देख-रेख ईशा खान करते थे। • इसने वास्तुकला ( स्थापत्य कला ) के इमारत बनाने मे प्रसिद्धि हासिल की। • इसने अपने राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली कर दी। • इसने दिल्ली मे जमा मस्जिद बनवाया। • इसने दिल्ली मे लाल किला बनवाया। जिसमे दो हाॅल बनवाया एक दीवान-ए-आम व दूसरी दीवान-ए-खास। इसने इस किला मे एक मयूर सिंहासन बनवाया जिसमे कोहिनूर हीरा लगा था। • इसने लाहौर मे सीसमहल बनवाया। • अकबर द्वारा बनाये गए आगरा के लाल किले मे इसने मोती मस्जिद बनवाया। • शाहजहाँ के पुत्र दाराशिकोह को लघु अकबर के नाम से जाना जाता है। पुत्र का विद्रोह • दक्षि ण भारत मे शाहजहाँ ने मलिक अम्बर को हराकर शाहजहाँ की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद लाहौर मे विद्रोह होने पर साम्राज्य टुटने ल...

अकबर से जुड़े तथ्य और जानकारियां

अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था. अकबर को अकबर-ए-आज़म शहंशाह अकबर भी कहा जाता है. अकबर ने साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए ऐसी नीतियां अपनाई, जिनसे गैर मुसलमानों की राजभक्ति जीती जा सके. अकबर ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था, सभी जाति-वर्गों के लोगों को एक समान माना और उनसे अपने मित्रता के सम्बन्ध स्थापित किए थे. (1) जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. में अमरकोट में हुआ. (2) अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उनका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था. (3) बद्र का अर्थ होता है पूर्ण चंद्रमा और अकबर उनके नाना शेख अली अकबर जामी के नाम से लिया गया था. (4) अकबर ने मुगल शक्ति का भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में विस्तार किया. (5) अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ ईरानी विद्वान था. अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई को पंजाब के कलनौर में हुआ था. (6) बैरम खान 1556 से 1560 ई तक अकबर का संरक्षक रहा. पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 ई को अकबर और हेमू के बीच हुई. मुग़ल साम्राज्य में अकबर की दूधमाता माहम अनगा बैरम खान के विरुद्ध साजिश करती रहती थी. इसी वजह से बैरम को हज के लिए आदेश दिया गया, जहां 1561 ई. में उसकी हत्या कर दी कर दी गई. (7) हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे. मुग़लों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने आखिरी समय तक अकबर से सन्धि की बात स्वीकार नहीं की और मान-सम्मान के...

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People Also Read: जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदित्यनाथ) थे। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। इनका जन्म महावीर स्वामी ने 250 वर्ष पूर्व वाराणसी में हुआ था। इनके अनुयायियों को निर्ग्रंथ. How to use बाबर का जीवन परिचय – Babar History in Hindi बाबर का जन्म कब हुआ – Babar Ka Janm Kab Hua Tha; बाबर का वैवाहिक जीवन – बाबर के कितने बेटे थे – Babar ke Kitne Putra The; बाबर का इतिहास – Babar History in Hindi. About Pres Coyright Cotact us Creators Advertise Pres Coyright Cotact us Creators Advertise. अंत में : तो दोस्तों, आज हमने जाना भगवान श्री कृष्ण का जन्म कितने वर्ष पहले हुआ था। आपको अगर इस लेख में कुछ भी गलत लगा हो तो, हमे कमेंट के जरिये बता सकते है।.

अकबर की जीवनी

जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर या अकबर महान, नसीरुद्दीन हुमायूँ के पुत्र थे। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। जब अकबर का जन्म हुआ, उस समय हुमायूँ को देश से बाहर निकाल दिया गया था, इसलिए अकबर का अफगानिस्तान में उनके चाचा अस्कारी और उनकी पत्नी ने पालन पोषण किया था। अकबर ने अपनी युवावस्था में शिकार करना और युद्ध करना सीख लिया था, लेकिन अकबर को पढ़ना और लिखना नहीं आता था। अकबर प्रत्येक क्षेत्र में माहिर होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध शासक थे। जब अकबर के पिता हुमायूँ की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तब 14 फरवरी 1556 में अकबर ने राज सिंहासन संभाला। उस समय अकबर मात्र 13 साल के थे और यह उनके जीवन के शुरुआती दिन थे, उस समय अकबर अपने पिता के मंत्री बैरम खान की एक सक्षम मार्गदर्शिका के अधीन थे। सिंहासन संभालने के बाद अकबर ने पंजाब के शेरशाह सूरी के बेटे सिकंदर शाह सूरी की शक्ति को नष्ट करने का फैसला किया और तार्डी बेग खान के अधीन दिल्ली शहर को छोड़ दिया। अकबर ने इस काम में सफलता हासिल की और सिकंदर शाह ने अपने इलाके को छोड़ दिया। लेकिन दिल्ली में, मौके को ध्यान में रखते हुए, एक हिंदू शासक हेमू ने दिल्ली पर हमला कर दिया और तार्डी बेग खान शहर छोड़कर भाग गए। अकबर ने हेमू की सेना से मुलाकात की और पानीपत के दूसरे युद्ध में हेमू को पराजित कर दिया। अकबर एक बहुत ही कुशल शासक थे और पूरे भारत को अपने शासन के अधीन शामिल करने की कोशिश करते थे। इसके लिए अकबर ने कई रणनीतियों को अपनाया, कुछ स्थानों पर अकबर ने अपनी सैन्य शक्तियों का भी इस्तेमाल किया, जबकि अन्य जगहों पर अकबर अपने प्रशासनिक कौशल का इस्तेमाल करते थे। अकबर ने कई हिंदू राज्यों में वैवाहिक सबंध स्थापित किए। शाद...

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