अखंड ज्योत जलाने का मुहूर्त

  1. navratri shardiya navratri 2021 ghatasthapana kalash sthapana aankh jyoti muhurat niyam puja vidhi
  2. Know what is the importance of Akhand Jyot in Navratri Madhya Pradesh Chhattisgarh
  3. चैत्र नवरात्रि में जला रहे हैं अखंड ज्योति, तो इन नियमों का करें पालन, ना करें ये गलतियां
  4. Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से क्या होगा?
  5. Navratri 2022 :जानिए अखंड ज्योति जलाने के नियम, मंत्र, फायदे और लौ से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
  6. Navratri 2022: देवी के समक्ष अखंड ज्योति जलाने से पहले जप लें ये मंत्र, तभी पूजा होगी पूरी
  7. Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते हैं तो जान लें इसके सभी नियम, इस मंत्र के साथ करें ज्योति प्रज्वलित
  8. अखंड ज्योति जलाने की विधि और महत्व
  9. Know what is the importance of Akhand Jyot in Navratri Madhya Pradesh Chhattisgarh
  10. navratri shardiya navratri 2021 ghatasthapana kalash sthapana aankh jyoti muhurat niyam puja vidhi


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Navratri : नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत आज से यानी 7 अक्टूबर से हो रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। इस वर्ष माता डोली पर बैठ कर आ रही हैं और माता का प्रस्थान हाथी पर होगा जो शुभ माना गया है। इस बार नवरात्र 9 की बजाय आठ ही दिनों के होंगे। इसका कारण यह है की चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है। दशहरा 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं घटस्थापना और अखंड ज्योत के नियम... घटस्थापना विधि- • अराधना की शुरुआत घटस्थापना के साथ शुरु होती है। घर में कलश स्थापना करने वाले लोग प्रतिपदा के दिन स्नान-ध्यान करके माता दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह के साथ कलश स्थापना करें। कलश के ऊपर रोली से ओम और स्वास्तिक बनाएं। कलश स्थापना के समय अपने पूजा गृह में पूर्व तरफ भूमी पर सात प्रकार के अनाज रखें। फिर जौ भी डालें और इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्प डालें। फिर ओम भूम्यै नम: कहते हुए कलश को सात अनाजों सहित रेत के ऊपर स्थापित करें। अब भगवान गणेश व कलश की पूजा कर देवी का आह्वान करें। अखंड ज्योत के नियम- • अखंड ज्योति को जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए। • ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें। • अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। • अखंड ज्योति को कभी अकेले छोड़कर या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए। • अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए। • अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए। • अखंड ज्योति को नवरात्रि के नौ दिन भक्त मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत व पूजा-अर्चना करते हैं। • अखंड ज्य...

Know what is the importance of Akhand Jyot in Navratri Madhya Pradesh Chhattisgarh

क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत? मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.अखंड ज्योत में एक ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है, जो शत्रुओं की बुरी नजर से आपकी रक्षा करती है. जैसे अंधेरे घर में दीपक की लौ रोशनी करती है, वैसे ही माता के नाम का ये दीपक हमारी जीवन के अंधकार को दूर करता है. अखंड ज्योत को माता की प्रतिमा या तस्वीर के किस तरफ रखना चाहिए? पुराणों में कहा गया है कि दीपक या अग्नि के समक्ष अगर कोई जप किया जाता है, तो उसका फल हजार गुना हो जाता है. अगर आप घी की ज्योत जला रहे हैं तो उसे हमेशा उनके दाहिनी ओर रखना चाहिए. अगर आप तेल की ज्योति जला रहे हैं तो उसे देवी के बाईं ओर रखना चाहिए. ध्यान रहे ये ज्योत शांत नहीं होनी चाहिए. समय-समय पर इसको सही करते रहना चाहिए और इसमें प्रयाप्त मात्रा में तेल घी हो इसका भी ख्याल रखें. भूल कर भी ना करें ये काम -अगर आपने घर में अखंड ज्योत जलाई है तो सबसे पहले हर रोज उस स्थान को साफ करें. -पूजा के स्थान पर भूर कर भी पूरे घर में इस्तेमाल होने वाला पोछा ना लगाएं. -घर को खाली या सूना ना छोड़ें -एक बार में ही लंबी बत्ती बनाए, ताकि बार-बार उसे बदलने की जरूरत ना पड़े. -कभी भी एक दीपक से अन्य दीपक ना जलाएं. खास बातें- -घी का दीपक जलाने से घर में उत्पन्न होती है सकारात्मक ऊर्जा -विद्यार्थियों के लिए घी का दीपक जलाना शुभ होता है -शनि के कुप्रभाव से मुक्ति के लिए तिल के तेल की अखंड ज्योत शुभ मानी जाती है -कपूर डालकर दीपक जलाने से श्वास की परेशानी होती है दूर -कपूर का दीपक नर्वस सिस्टम के लिए होता है लाभदायक By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtaine...

चैत्र नवरात्रि में जला रहे हैं अखंड ज्योति, तो इन नियमों का करें पालन, ना करें ये गलतियां

13 अप्रैल 2021 से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है, जिसका समापन 21 अप्रैल 2021 को चैत्र नवमी की पूजा के साथ होगा। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग दिन पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का बहुत महत्व माना गया है। नवरात्री के पर्व के दौरान माता रानी के भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और अपने घर में अखंड ज्योति भी जलाते हैं। आपको बता दें कि अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के पर्व के दौरान अगर अखंड ज्योति रखी जाए तो इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इतना ही नहीं बल्कि शत्रुओं पर भी विजय हासिल होती है। घर में नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योति जलाने से घर की सुख-शांति बनी रहती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो अखंड ज्योति प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। अगर आप भी अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं तो शास्त्रों में इसके कुछ नियम बताए गए हैं, जिसका पालन करना बहुत ही जरूरी है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो इसके वजह से आपको उचित फल की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। तो चलिए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियमों के बारे में…. अखंड ज्योति जलाने के नियम 1- अगर आप नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति को जला रहे हैं तो इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी है ताकि हमको मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके। अखंड ज्योति को रखने के लिए आपको सबसे पहले इसके नीचे अष्टदल बनाना होगा। 2. आप इस बात का ध्यान रखें कि अखंड ज्योति को शुभ मुहूर्त देखकर ही प्रज्वलित कीजिए। 3. आप अखंड ज्योति को लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं। 4. अखंड ज्योत जलाने के लिए आप शुद्ध देसी घी का प्रयोग कीजिए। अगर आ...

Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से क्या होगा?

चैत्र नवरात्र यानी 9 दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है, तो कई जगह अखंड ज्योत का विधान है। शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की साधना करते हैं। अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अखंड ज्योत पूरे 9 दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए। अखंड दीप को विधिवत मंत्रोच्चार से प्रज्वलित करना चाहिए। नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है। चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है। इसका बुझना अशुभ माना जाता है। इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्‍ति का सूचक होता है। दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए।यह दीपक भाग्योदय का सूचक होता है। जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो, वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का संदेश देता है। निरंतर 1 वर्ष तक अखंड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है। ऐसा दीपक वास्तुदोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता। दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए। दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से रोग में वृद्ध‍ि होती है, मांगलिक कार्यों में बाधाएं आती हैं। संकल्प लेकर किए गए अनुष्‍ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान है। अखंड ज्योति में घी डालने या फिर उसमें कुछ भी बदलाव का काम साधक को ही करना चाहिए, अन्य किसी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए। मां के सामने अखंड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से मां की कृपा रहती है। चैत्र नवरात्र में...

Navratri 2022 :जानिए अखंड ज्योति जलाने के नियम, मंत्र, फायदे और लौ से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

सनातन धर्म में प्रत्येक धार्मिक कार्य की शुरुआत दीप प्रज्जवलित करने से होती है। ऐसी मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी मानकर उसकी उपस्थिति में किए गए कार्य अवश्य ही सफल होते हैं। अग्नि पृथ्वी पर सूर्य का परिवर्तित रूप है, इसलिए किसी भी देवी-देवता के पूजन के समय ऊर्जा को केन्द्रीभूत करने के लिए दीपक प्रज्जवलित किया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में महाशक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं। अखंड का अर्थ है जो खंडित न हो अर्थात जरूरी नहीं कि अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक ही जलाई जाए, अष्टमी या नवमी के दिन पूजा के समय 24 घंटे के लिए भी अखंड दीपक जलाया जा सकता है। October Horoscope 2022 : अक्तूबर महीने में किसका होगा भाग्योदय, किसे मिलेंगे शानदार मौके? पढ़ें मासिक राशिफल October Planet Transit : अक्तूबर में शनि समेत कई ग्रहों की चाल में परिवर्तन, इन राशियों का होगा भाग्योदय अखंड दीपक जलाने के नियम अखंड दीपक जलाते समय उसे कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। दीपक रखने के लिए पहले किसी अन्न जैसे जौ,चावल या गेहूं की ढेरी बना लें उसके ऊपर दीपक रखें। ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। दीपक देवी-देवताओं की प्रतिमा के ठीक सामने लगाना शुभ माना गया है। ध्यान रखें कि यदि मिटटी का दीप जला रहें हैं तो दीप साफ़ हो और कहीं से टूटे हुए न हो।किसी भी पूजा में टूटा हुआ दीपक अशुभ और वर्जित माना गया है। दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए। दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से रोग में वृद्धि होती है,मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती हैं। दीपक की लौ से जुडी मान्यता दीपक की लौ के संबंध में मान्यता यह है कि उत्तरदिशा की ओर लौ रखने...

Navratri 2022: देवी के समक्ष अखंड ज्योति जलाने से पहले जप लें ये मंत्र, तभी पूजा होगी पूरी

डीएनए हिंदीः नवरात्रि में देवी दुर्गा के समक्ष अखंड ज्योति जलाने का अलग ही नियम है, इस ज्योत को प्रज्जवलित जलाने से पहले एक मंत्र का जाप जरूरी है.26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है और देवी दुर्गा के नौ रूपों का इस नौ दिन पूजन किया जाएगा. नवरात्रि में देवी के समक्ष नौ दिन तक अखंड ज्योत जलाने का बहुत महत्व माना गया है लेकिन अगर इस ज्योत को जलाने का सही तरीका न पता हो तो पूजा का पुण्यफल नहीं मिलता और कई बार पूजा खंडित भी हो जाती है. किसी भी पूजा में अखंड ज्योत जलाने के कुछ नियम होते हैं और यह भी पढ़ेंः नवरात्र में अखंड दीप जलाने से पहले जान लें ये बातें 1-अखंड ज्योति जलाने से पहले भगवान गणेश, भगवान शिव और मां दुर्गा का ध्यान करते हुए ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍तेष् मंत्र का जप करना चाहिए. इसके बाद मां के समक्ष अखंड ज्योति जलाएं. याद रखें देवी की पूजा के नौ दिन बाद भी दीपक को कभी खुद से न बुझाएं. दीपक को मंदिर में रख दें और स्वतः बुझने दें. 2-अखंड ज्योत संभव हो तो घर के निकले शुद्ध घी का प्रयोग करें अन्यथा सरसों के तेल का दीपक भी जलाया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि घी का ज्योत देवी के दाईं ओर और तेल का दीपक देवी के बाईं ओर रखें. यह भी पढ़ेंः 3-अखंड ज्योति हमेशा कलश के उपर रखें और कलश में चावल होना चाहिए और इस कलश को लाल वस्त्र पर रखें. 5-अखंड ज्योति की तरफ भूल कर भी पीठ नहीं करें क्योंकि ऐसा करना अपमान होता है. 6-अखंड ज्योति सबसे शुद्ध मिट्टी के दीए में जलाना चाहिए. इसके अलावा इसे पीतल के बरतन में भी जलाया जा सकता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि ...

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते हैं तो जान लें इसके सभी नियम, इस मंत्र के साथ करें ज्योति प्रज्वलित

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में दीप प्रज्वलित करने को बहुत ही शुभ माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य और पूजा-व्रत से पहले दीप प्रज्वलित किया जाता है. कई मौकों पर लोग अखंड ज्योत भी प्रज्वलित (Akhand Deep Puja) करते हैं. कल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही बहुत से भक्त नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) पर माता की अखंड ज्योत जलाते हैं. दरअसल, बिना ज्योत बुझे कई दिनों तक ज्योत को जलाएं रखना अखंड ज्योत (Akhand Jyoti) कहलाता है. भक्त नवरात्रि के दौरान ज्योत 9 दिनों तक लगातार जलाएं रखते हैं. नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पहले दिन कलश स्थापना और अखंड ज्योत प्रज्वलित की जाती है. नवरात्रि में अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) जलाने से भक्तों को माता का आशीर्वाद मिलता है. भक्तों को अखंड ज्योति प्रज्वलित (Akhand Jyoti Puja) करने से पहले शास्त्रों में अखंड ज्योत जलाने के नियम के बारे में जान लेना चाहिए. तो चलिए अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के नियम व महत्व (Akhand Jyoti Rules And Significance) के बारे में जानते हैं. अखंड ज्योति का महत्व (Akhand Jyoti Significance) - मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से मां स्वयं दीपक में विराजमान होती है. ऐसे में मां का आशीर्वाद सदैव घर परिवार के सदस्यों पर बना रहता है. - अखंड ज्योत सिर्फ दीपक नहीं होता है बल्कि यह भक्ति का प्रकाश होता है ऐसे में नौ दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से जीवन से अंधकार दूर होता है. - अखंड ज्योत जलाने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और मां दुर्गा की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं. नवरात्रि में मनोकामनां पूर्ण करने के लिए भक्तों को अखंड ज्योत प्रज्वलित करनी चाहिए. - अखंड ज्योत जलाने से सभी प्रकार के वास्तु दोष भी दूर होते है...

अखंड ज्योति जलाने की विधि और महत्व

नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। साल में हम 2 बार देवी की आराधना करते हैं। चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल प्रतिपदा को शुरु होती है और रामनवमी पर यह खत्म होती है, वहीं दूसरी नवरात्रि शारदीय, जिसकी शुरुआत आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होती है और विजयादशमी के दिन खत्म होती है। नवरात्रि में अखंड ज्योति नवरात्रि के दौरान हम माँं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी का पूजन-अर्चन करते हैं। साथ ही नवरात्रि के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वहीं नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी मां को प्रसन्न करने और मनवांछित फल पाने के लिए गाय के देशी घी से अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। लेकिन अगर गाय का घी नहीं है तो अन्य घी से भी आप माता के सामने अखंड ज्योति जला सकते हैं। यहां दी गई जानकारी सामान्य है। नवरात्रि के दौरान पूजा विधि के बारे में विस्तृृत जानकरी पाने के लिये अखंड ज्योति का महत्व अखंड ज्योति जलाने की विधि • अखंड ज्योति जलाने का उद्देश्य जीवन के अंधकार को दूर करना है और माता रानी से जीवन में सदैव प्रकाश बना रहे इसकी प्रार्थना करना होता है। वहीं नवरात्रि के दौरान जलाये जाने वाले दीपक यानि अखंड ज्योति को जलाने के भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन हमें करना चाहिए ताकि हमें मनवांछित फल की प्राप्ति हो सके। • आमतौर पर लोग पीतल के दीपपात्र में अखंड ज्योति प्रज्वल्लित करते हैं। यदि आपके पास पीतल का पात्र न हो तो आप मिट्टी का दीपपात्र भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर मिट्टी के दीपपात्र में अखंड ज्योति जलाने से पहले दीपपात्र को 1 दिन पहले पानी में भिगो दें और उसे पानी से निकालकर साफ कपड़े से पोछकर सुखा लें। • शास्त्रों के ...

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क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत? मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.अखंड ज्योत में एक ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है, जो शत्रुओं की बुरी नजर से आपकी रक्षा करती है. जैसे अंधेरे घर में दीपक की लौ रोशनी करती है, वैसे ही माता के नाम का ये दीपक हमारी जीवन के अंधकार को दूर करता है. अखंड ज्योत को माता की प्रतिमा या तस्वीर के किस तरफ रखना चाहिए? पुराणों में कहा गया है कि दीपक या अग्नि के समक्ष अगर कोई जप किया जाता है, तो उसका फल हजार गुना हो जाता है. अगर आप घी की ज्योत जला रहे हैं तो उसे हमेशा उनके दाहिनी ओर रखना चाहिए. अगर आप तेल की ज्योति जला रहे हैं तो उसे देवी के बाईं ओर रखना चाहिए. ध्यान रहे ये ज्योत शांत नहीं होनी चाहिए. समय-समय पर इसको सही करते रहना चाहिए और इसमें प्रयाप्त मात्रा में तेल घी हो इसका भी ख्याल रखें. भूल कर भी ना करें ये काम -अगर आपने घर में अखंड ज्योत जलाई है तो सबसे पहले हर रोज उस स्थान को साफ करें. -पूजा के स्थान पर भूर कर भी पूरे घर में इस्तेमाल होने वाला पोछा ना लगाएं. -घर को खाली या सूना ना छोड़ें -एक बार में ही लंबी बत्ती बनाए, ताकि बार-बार उसे बदलने की जरूरत ना पड़े. -कभी भी एक दीपक से अन्य दीपक ना जलाएं. खास बातें- -घी का दीपक जलाने से घर में उत्पन्न होती है सकारात्मक ऊर्जा -विद्यार्थियों के लिए घी का दीपक जलाना शुभ होता है -शनि के कुप्रभाव से मुक्ति के लिए तिल के तेल की अखंड ज्योत शुभ मानी जाती है -कपूर डालकर दीपक जलाने से श्वास की परेशानी होती है दूर -कपूर का दीपक नर्वस सिस्टम के लिए होता है लाभदायक By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtaine...

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Navratri : नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत आज से यानी 7 अक्टूबर से हो रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। इस वर्ष माता डोली पर बैठ कर आ रही हैं और माता का प्रस्थान हाथी पर होगा जो शुभ माना गया है। इस बार नवरात्र 9 की बजाय आठ ही दिनों के होंगे। इसका कारण यह है की चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है। दशहरा 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं घटस्थापना और अखंड ज्योत के नियम... घटस्थापना विधि- • अराधना की शुरुआत घटस्थापना के साथ शुरु होती है। घर में कलश स्थापना करने वाले लोग प्रतिपदा के दिन स्नान-ध्यान करके माता दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह के साथ कलश स्थापना करें। कलश के ऊपर रोली से ओम और स्वास्तिक बनाएं। कलश स्थापना के समय अपने पूजा गृह में पूर्व तरफ भूमी पर सात प्रकार के अनाज रखें। फिर जौ भी डालें और इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्प डालें। फिर ओम भूम्यै नम: कहते हुए कलश को सात अनाजों सहित रेत के ऊपर स्थापित करें। अब भगवान गणेश व कलश की पूजा कर देवी का आह्वान करें। अखंड ज्योत के नियम- • अखंड ज्योति को जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए। • ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें। • अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। • अखंड ज्योति को कभी अकेले छोड़कर या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए। • अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए। • अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए। • अखंड ज्योति को नवरात्रि के नौ दिन भक्त मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत व पूजा-अर्चना करते हैं। • अखंड ज्य...