Alora ki gufayen kahan sthit hai

  1. अजंता और एलोरा गुफा कहां स्थित है?
  2. महाराष्ट्र की "एलोरा गुफ़ाये"
  3. पालकोट की गुफाएं कहां स्थित है?
  4. बादामी गुफाएं कहां स्थित है
  5. अजंता की गुफ़ाएं
  6. पालकोट की गुफाएं कहां स्थित है?
  7. महाराष्ट्र की "एलोरा गुफ़ाये"
  8. बादामी गुफाएं कहां स्थित है
  9. अजंता और एलोरा गुफा कहां स्थित है?
  10. बादामी गुफाएं कहां स्थित है


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अजंता और एलोरा गुफा कहां स्थित है?

Explanation : गुप्तकालीन गुफाएं अजंता और एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। अजन्ता में कुल 29 गुफाएं हैं जिसमें 4 चैत्य और शेष विहार हैं। अजन्ता की गुफाओं को 1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट ने खोजा था। अध्ययन 1824 ई. में अलेक्जेण्डर कर्निघम महोदय ने किया था। एलोरा की गुफा में 10 चैत्यगृह हैं ये चैत्यगृह शिल्प देवता विश्वकर्मा को समर्पित हैं। Tags : Explanation : बुलंदीबाग पाटलिपुत्र का प्राचीन स्थान था। बुलंदीबाग नामक प्राचीन स्थल मगध के समीप स्थित पाटलिपुत्र के लिए किया जाता है। यहां पर हुए उत्खनन में कुम्हार एवं बुलंदीाग से पाटलिपुत्र से संबंधित अभिलेखीय साक्ष्य मिले हैं। यहाँ की खुदाई • अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सेना का कमांडर कौन था?

महाराष्ट्र की "एलोरा गुफ़ाये"

एलोराकीगुफाओंमेंकरीब 34 बेहदआर्कषकगुफाएंशामिलहै, जिन्हेंदेखनेदूर-दूरसेपर्यटकआतेहैं।इनगुफाओंमेंहिन्दू, जैनएवंबौद्धधर्मकाअद्भुतसंगमदेखनेकोमिलताहै।येगुफाएंदुनियाकेसबसेबड़ेरॉक-कटमठ-मंदिरगुफापरिसरोंमेंसेएकमानीजातीहै। अपनीअद्भुतशिल्पकारीएवंअद्दितीयबनवाटकेसाथअपनीअलग-अलगविशेषताओंकेलिएयहगुफाएंदुनियाभरमेंमशहूरहैं।एलोराकीगुफाएंकैलाशमंदिरएवंसबसेबड़ीएकलअखंडरॉकखुदाईकीवजहसेभीविश्वभरमेंजानीजातीहैं।आइएजानतेहैंएलोराकीअद्भुतगुफाओंकेबारेमें– एलोरागुफ़ायेकारोचकइतिहास–Ellora Caves History In Hindi एलोरागुफाकीजानकारी– Ellora Caves Information कहांस्थितहैं (Ellora Ki Gufa Kaha Hai) औरंगाबाद, महाराष्ट्र कबहुआनिर्माण (When Was Ellora Caves Built) 5वींसे 7वींसदीकेमध्यमें किसनेबनवाईं (Ellora Caves Built By) राष्ट्रकूटवंशकेशासकोंद्वारास्थापितकीगईं। आस्थाकात्रिवेणीसंगमहैंएलोराकीगुफाएं– Ellora Ki Gufa वर्ल्डहेरिटेजसाइटयूनेस्कोद्धाराविश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलएलोराकीप्रसिद्दगुफाओंमें 1 से 12 तककरीबबौद्धधर्मकी, 13 से 29 तकहिन्दूधर्मएवं 30 से 34 तकजैनधर्मकीसेसंबंधितस्मारकोंकीबेहदआर्कषकगुफाएंहैं।इसकेसाथहीइसगुफामेंप्रसिद्धकैलाशमंदिरभीबनाहुआहै, जिससेकईपौराणिककथाएंजुड़ीहुईहैं। इसकेअलावाइसगुफामेंविश्वकर्मादेवताकोसमर्पित 10 चैत्यगृहभीहैं।करीब 350 से 700 ईसवीकेदौरानअस्तित्वमेंआईंइनगुफाओंकानिर्माणराष्ट्रकूटवंशकेशासनकालकेदौरानकियागयाहै। एलोरागुफाओकाइतिहासऔरजानकारी– Ellora Gufa Information महाराष्ट्रकेऔरंगाबादमेंस्थितएलोराकीयहप्राचीनगुफाएंयानि Verul Cavesऔरस्मारकोंकाइतिहासराष्ट्रकूटवंशकेशासनकालसेजुड़ाहुआहै।इतिहासकारोंकीमानेतोराष्ट्रकूटवंशकेशासकोंनेहिन्दूऔरबौद्धधर्मकीउत्कृष्टगुफाओंकानिर्माणकरवायाथाजोकिअपनीअद्भुतशिल्पका...

पालकोट की गुफाएं कहां स्थित है?

Explanation : पालकोट की गुफाएं गुमला में स्थित है। यहां आदिवासियों की आबादी अधिक है। गोबरसिली पालकोट में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह राजा बाली और सुग्रीव की राजधानी थी। इसके अलावा पालकोट अभयारण्य रांची से लगभग 120 किलोमीटर दूरी पर है। यह गुमला जिले के पालकोट प्रखंड के अंतर्गत चैनपुर वन प्रमंडल क्षेत्र में अवस्थित है। इसके चारों ओर से कई नदियाँ प्रवाहित होती हैं। इन नदियों में शंख, बॉकी, सिंजरा, पाईलमारा, तोरपा इत्यादि प्रमुख हैं। इस अभयारण्य में चीता, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िया, सियार, बंदर, खरगोश इत्यादि पशु हैं। Explanation : बिरसा मुंडा का पूरा नाम बिरसा पुर्ती (मुंडा) है। इनके बचपन का नाम दाऊद मुंडा था। बिरसा मुंडा के माता का नाम करमी हटू और पिता का नाम सुगना मुंडा था। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ, वे छोटा नागपुर पठार की मुंडा जनजाति से • देश का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित जिला न्यायालय हैं? Explanation : झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) है। वह झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं। हेमंत सोरेन पहली बार 13 जुलाई, 2013 से 23 सितंबर, 2014 तक राज्य के नौवें मुख्यमंत्री रहे। इनका जन्म 10 अगस • किस आदिवासियों में विधवा पुनर्विवाह को मैयारी कहते है? Explanation : माघे पर्व से पहाड़ी खड़िया की आर्थिक स्थिति उजागर होती है। माघे पर्व को झंडा पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व मुंडा जनजाति द्वारा रांची जिले के कई प्रखंडों में मनाया जाता है। इस पर्व के अवसर पर जतरा निकाला जाता है। इस पर्व के लिए यह • झारखंड में किसे मंदिरों का नगर के रूप में जाना जाता है?

बादामी गुफाएं कहां स्थित है

बादामी गुफाएँ महाराष्ट्र प्रान्त के बीजापुर जिले के आइहोल के निकट स्थित है। दक्षिण में‘‘वाकाटको’ के बाद एक शक्तिशाली वंश ‘‘चालुक्य’’ का उदय हुआ। इस वंश में पुलकेषियन प्रथम, उसके पुत्र कीर्तिवर्मन, व उनके पुत्र पुलकेषियन द्वितीय बड़े प्रतापी राजा हुये। कीर्तिवर्मन के बाद उसका छोटा भाई मंगलेश चालुक्य वंश का शासक बना और उसने‘‘वात्यापिपुरम’’ आधुनिक ‘‘बादामी’’ को अपनी राजधानी बनाया। शासक मंगलेश कला प्रेमी और कला का एक अच्छा संरक्षक था। इसी कारण उसके काल में‘‘महाबलीपुरम’’, ‘‘काँचीपुरम’’ और ‘‘बदामी’’ की चैथी गुफा जैसे कला स्थल बनकर तैयार हुएँ। बादामी की यह चौथी गुफा वास्तु, षिल्पसज्जा और चित्रकारी की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। बादामी की चौथी गुफा में मंगलेश के शासन काल के बारहवें वर्ष का एक लेख मिला है। जिसका समय 579 ई. है। इसके आधार पर बादामी गुफा का समय 579 ई. निश्चित किया जाता है। इस अभिलेख से ज्ञात होता है कि इस चौथी गुफा के मुख्य मण्डप में विष्णु की प्रतिमा स्थापित की गई थी और इस प्रतिमा की पूजा-सेवा के लिए चालुक्य शासन की ओर से अनुदान रुप में‘‘लन्जीसवाड़ा’’ नामक ग्राम की जागीर इस मन्दिर के प्रबन्ध हेतु दी गयी थी। बादामी में कुल चार गुफा मन्दिर है, जिसमें एक जैनधर्म से और तीन ब्राह्मण धर्म से संबंधित है। इस प्रकार ब्राह्मण धर्म के चित्रों में अब तक के ज्ञात चित्र उदाहरणों में ये प्राचीनतम भित्ति चित्र है। इन चित्रों की शैली अजन्ता चित्र शैली से साम्यता रखती है। बादामी चित्रों की खोज का श्रेय डाॅ. स्टेला क्रेमरिश को मिलता है। कलाविद् डाॅ. शिवराममूर्ति ने भी बादामी गुफा के चित्र वैभव की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। बादामी गुफा के चित्र पहला दृश्य इस विशाल पैनल चित्र के केन्द्...

अजंता की गुफ़ाएं

[[chitr:Ajanta-Caves-1.jpg|ajanta ki gufaean, vivaran ajanta ki guphaean rajy zila nirman kal dvitiy shatabdi sthapana bhaugolik sthiti marg sthiti mejar rajy rajamarg se 102 kimi ki doori par sthit hai. prasiddhi ajanta ki prasiddh guphaoan ke chitroan ki chamak hazar se adhik kaise pahuanchean havaee jahaz, rel, bas adi se pahuancha ja sakata hai. jalagaanv havaee adda aurangabad siti bas, taiksi kya dekhean kahaan thaharean hotal, dharmashala, atithi grah es.ti.di. kod 2432 e.ti.em lagabhag sabhi sanbandhit lekh mukhy akarshan aanjata ki gufaoan ka mukhy akarshan bhitti chitrakari hai. in chitroan mean bauddh dharmik akhyanoan aur devataoan ka jitani prachurata aur jivantata ke sath chitran kiya gaya hai, vah bharatiy kala ke kshetr mean advitiy hai. any janakari adyatan‎ 16:39, 6 navambar 2011 (IST) chattanoan ko katakar banae ge bauddh gufa mandir v math, lagabhag tis gufaoan ke is samooh ki khudaee pahali shatabdi ee. poo. aur satavian shatabdi ke bich do roopoan mean ki gee thi- chaity (mandir) aur vihar (math). yadyapi in mandiroan ki Ajanta Caves, Aurangabad]] ajanta ki guphaean sahyadri ki pahadi़yoan par sthit in 30 guphaoan mean lagabhag 5 prarthana bhavan aur 25 bauddh math haian. in guphaoan ki khoj armi aauphisar j aaun smith v unake dal dvara sanh 1819 mean ki gee thi. ve yahaan shikar karane ae the, tabhi unhean katarabaddh 29 guphaoan ki ek shrriankhala nazar aee aur is tarah ye guphaean prasiddh ho gee. gho de ki nal ke akar mean nirmit ye guphaean atyan...

पालकोट की गुफाएं कहां स्थित है?

Explanation : पालकोट की गुफाएं गुमला में स्थित है। यहां आदिवासियों की आबादी अधिक है। गोबरसिली पालकोट में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह राजा बाली और सुग्रीव की राजधानी थी। इसके अलावा पालकोट अभयारण्य रांची से लगभग 120 किलोमीटर दूरी पर है। यह गुमला जिले के पालकोट प्रखंड के अंतर्गत चैनपुर वन प्रमंडल क्षेत्र में अवस्थित है। इसके चारों ओर से कई नदियाँ प्रवाहित होती हैं। इन नदियों में शंख, बॉकी, सिंजरा, पाईलमारा, तोरपा इत्यादि प्रमुख हैं। इस अभयारण्य में चीता, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िया, सियार, बंदर, खरगोश इत्यादि पशु हैं। Explanation : बिरसा मुंडा का पूरा नाम बिरसा पुर्ती (मुंडा) है। इनके बचपन का नाम दाऊद मुंडा था। बिरसा मुंडा के माता का नाम करमी हटू और पिता का नाम सुगना मुंडा था। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ, वे छोटा नागपुर पठार की मुंडा जनजाति से • देश का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित जिला न्यायालय हैं? Explanation : झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) है। वह झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं। हेमंत सोरेन पहली बार 13 जुलाई, 2013 से 23 सितंबर, 2014 तक राज्य के नौवें मुख्यमंत्री रहे। इनका जन्म 10 अगस • किस आदिवासियों में विधवा पुनर्विवाह को मैयारी कहते है? Explanation : माघे पर्व से पहाड़ी खड़िया की आर्थिक स्थिति उजागर होती है। माघे पर्व को झंडा पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व मुंडा जनजाति द्वारा रांची जिले के कई प्रखंडों में मनाया जाता है। इस पर्व के अवसर पर जतरा निकाला जाता है। इस पर्व के लिए यह • झारखंड में किसे मंदिरों का नगर के रूप में जाना जाता है?

महाराष्ट्र की "एलोरा गुफ़ाये"

एलोराकीगुफाओंमेंकरीब 34 बेहदआर्कषकगुफाएंशामिलहै, जिन्हेंदेखनेदूर-दूरसेपर्यटकआतेहैं।इनगुफाओंमेंहिन्दू, जैनएवंबौद्धधर्मकाअद्भुतसंगमदेखनेकोमिलताहै।येगुफाएंदुनियाकेसबसेबड़ेरॉक-कटमठ-मंदिरगुफापरिसरोंमेंसेएकमानीजातीहै। अपनीअद्भुतशिल्पकारीएवंअद्दितीयबनवाटकेसाथअपनीअलग-अलगविशेषताओंकेलिएयहगुफाएंदुनियाभरमेंमशहूरहैं।एलोराकीगुफाएंकैलाशमंदिरएवंसबसेबड़ीएकलअखंडरॉकखुदाईकीवजहसेभीविश्वभरमेंजानीजातीहैं।आइएजानतेहैंएलोराकीअद्भुतगुफाओंकेबारेमें– एलोरागुफ़ायेकारोचकइतिहास–Ellora Caves History In Hindi एलोरागुफाकीजानकारी– Ellora Caves Information कहांस्थितहैं (Ellora Ki Gufa Kaha Hai) औरंगाबाद, महाराष्ट्र कबहुआनिर्माण (When Was Ellora Caves Built) 5वींसे 7वींसदीकेमध्यमें किसनेबनवाईं (Ellora Caves Built By) राष्ट्रकूटवंशकेशासकोंद्वारास्थापितकीगईं। आस्थाकात्रिवेणीसंगमहैंएलोराकीगुफाएं– Ellora Ki Gufa वर्ल्डहेरिटेजसाइटयूनेस्कोद्धाराविश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलएलोराकीप्रसिद्दगुफाओंमें 1 से 12 तककरीबबौद्धधर्मकी, 13 से 29 तकहिन्दूधर्मएवं 30 से 34 तकजैनधर्मकीसेसंबंधितस्मारकोंकीबेहदआर्कषकगुफाएंहैं।इसकेसाथहीइसगुफामेंप्रसिद्धकैलाशमंदिरभीबनाहुआहै, जिससेकईपौराणिककथाएंजुड़ीहुईहैं। इसकेअलावाइसगुफामेंविश्वकर्मादेवताकोसमर्पित 10 चैत्यगृहभीहैं।करीब 350 से 700 ईसवीकेदौरानअस्तित्वमेंआईंइनगुफाओंकानिर्माणराष्ट्रकूटवंशकेशासनकालकेदौरानकियागयाहै। एलोरागुफाओकाइतिहासऔरजानकारी– Ellora Gufa Information महाराष्ट्रकेऔरंगाबादमेंस्थितएलोराकीयहप्राचीनगुफाएंयानि Verul Cavesऔरस्मारकोंकाइतिहासराष्ट्रकूटवंशकेशासनकालसेजुड़ाहुआहै।इतिहासकारोंकीमानेतोराष्ट्रकूटवंशकेशासकोंनेहिन्दूऔरबौद्धधर्मकीउत्कृष्टगुफाओंकानिर्माणकरवायाथाजोकिअपनीअद्भुतशिल्पका...

बादामी गुफाएं कहां स्थित है

बादामी गुफाएँ महाराष्ट्र प्रान्त के बीजापुर जिले के आइहोल के निकट स्थित है। दक्षिण में‘‘वाकाटको’ के बाद एक शक्तिशाली वंश ‘‘चालुक्य’’ का उदय हुआ। इस वंश में पुलकेषियन प्रथम, उसके पुत्र कीर्तिवर्मन, व उनके पुत्र पुलकेषियन द्वितीय बड़े प्रतापी राजा हुये। कीर्तिवर्मन के बाद उसका छोटा भाई मंगलेश चालुक्य वंश का शासक बना और उसने‘‘वात्यापिपुरम’’ आधुनिक ‘‘बादामी’’ को अपनी राजधानी बनाया। शासक मंगलेश कला प्रेमी और कला का एक अच्छा संरक्षक था। इसी कारण उसके काल में‘‘महाबलीपुरम’’, ‘‘काँचीपुरम’’ और ‘‘बदामी’’ की चैथी गुफा जैसे कला स्थल बनकर तैयार हुएँ। बादामी की यह चौथी गुफा वास्तु, षिल्पसज्जा और चित्रकारी की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। बादामी की चौथी गुफा में मंगलेश के शासन काल के बारहवें वर्ष का एक लेख मिला है। जिसका समय 579 ई. है। इसके आधार पर बादामी गुफा का समय 579 ई. निश्चित किया जाता है। इस अभिलेख से ज्ञात होता है कि इस चौथी गुफा के मुख्य मण्डप में विष्णु की प्रतिमा स्थापित की गई थी और इस प्रतिमा की पूजा-सेवा के लिए चालुक्य शासन की ओर से अनुदान रुप में‘‘लन्जीसवाड़ा’’ नामक ग्राम की जागीर इस मन्दिर के प्रबन्ध हेतु दी गयी थी। बादामी में कुल चार गुफा मन्दिर है, जिसमें एक जैनधर्म से और तीन ब्राह्मण धर्म से संबंधित है। इस प्रकार ब्राह्मण धर्म के चित्रों में अब तक के ज्ञात चित्र उदाहरणों में ये प्राचीनतम भित्ति चित्र है। इन चित्रों की शैली अजन्ता चित्र शैली से साम्यता रखती है। बादामी चित्रों की खोज का श्रेय डाॅ. स्टेला क्रेमरिश को मिलता है। कलाविद् डाॅ. शिवराममूर्ति ने भी बादामी गुफा के चित्र वैभव की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। बादामी गुफा के चित्र पहला दृश्य इस विशाल पैनल चित्र के केन्द्...

अजंता और एलोरा गुफा कहां स्थित है?

Explanation : गुप्तकालीन गुफाएं अजंता और एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। अजन्ता में कुल 29 गुफाएं हैं जिसमें 4 चैत्य और शेष विहार हैं। अजन्ता की गुफाओं को 1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट ने खोजा था। अध्ययन 1824 ई. में अलेक्जेण्डर कर्निघम महोदय ने किया था। एलोरा की गुफा में 10 चैत्यगृह हैं ये चैत्यगृह शिल्प देवता विश्वकर्मा को समर्पित हैं। Tags :

बादामी गुफाएं कहां स्थित है

बादामी गुफाएँ महाराष्ट्र प्रान्त के बीजापुर जिले के आइहोल के निकट स्थित है। दक्षिण में‘‘वाकाटको’ के बाद एक शक्तिशाली वंश ‘‘चालुक्य’’ का उदय हुआ। इस वंश में पुलकेषियन प्रथम, उसके पुत्र कीर्तिवर्मन, व उनके पुत्र पुलकेषियन द्वितीय बड़े प्रतापी राजा हुये। कीर्तिवर्मन के बाद उसका छोटा भाई मंगलेश चालुक्य वंश का शासक बना और उसने‘‘वात्यापिपुरम’’ आधुनिक ‘‘बादामी’’ को अपनी राजधानी बनाया। शासक मंगलेश कला प्रेमी और कला का एक अच्छा संरक्षक था। इसी कारण उसके काल में‘‘महाबलीपुरम’’, ‘‘काँचीपुरम’’ और ‘‘बदामी’’ की चैथी गुफा जैसे कला स्थल बनकर तैयार हुएँ। बादामी की यह चौथी गुफा वास्तु, षिल्पसज्जा और चित्रकारी की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। बादामी की चौथी गुफा में मंगलेश के शासन काल के बारहवें वर्ष का एक लेख मिला है। जिसका समय 579 ई. है। इसके आधार पर बादामी गुफा का समय 579 ई. निश्चित किया जाता है। इस अभिलेख से ज्ञात होता है कि इस चौथी गुफा के मुख्य मण्डप में विष्णु की प्रतिमा स्थापित की गई थी और इस प्रतिमा की पूजा-सेवा के लिए चालुक्य शासन की ओर से अनुदान रुप में‘‘लन्जीसवाड़ा’’ नामक ग्राम की जागीर इस मन्दिर के प्रबन्ध हेतु दी गयी थी। बादामी में कुल चार गुफा मन्दिर है, जिसमें एक जैनधर्म से और तीन ब्राह्मण धर्म से संबंधित है। इस प्रकार ब्राह्मण धर्म के चित्रों में अब तक के ज्ञात चित्र उदाहरणों में ये प्राचीनतम भित्ति चित्र है। इन चित्रों की शैली अजन्ता चित्र शैली से साम्यता रखती है। बादामी चित्रों की खोज का श्रेय डाॅ. स्टेला क्रेमरिश को मिलता है। कलाविद् डाॅ. शिवराममूर्ति ने भी बादामी गुफा के चित्र वैभव की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। बादामी गुफा के चित्र पहला दृश्य इस विशाल पैनल चित्र के केन्द्...