असहयोग आंदोलन की शुरुआत कब हुई

  1. महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत सहित एक अगस्त के नाम इतिहास में और क्या दर्ज है?
  2. आखिर क्या है असहयोग आंदोलन एवं इसके मुख्य कारण ?
  3. [Solved] असहयोग आंदोलन कब स्थगित किया गया था?
  4. असहयोग आंदोलन (1920
  5. असहयोग आंदोलन (1920
  6. महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत सहित एक अगस्त के नाम इतिहास में और क्या दर्ज है?
  7. आखिर क्या है असहयोग आंदोलन एवं इसके मुख्य कारण ?
  8. [Solved] असहयोग आंदोलन कब स्थगित किया गया था?


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महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत सहित एक अगस्त के नाम इतिहास में और क्या दर्ज है?

अंग्रेज हुक्मरानों की बढ़ती ज्यादतियों का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी ने एक अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन की शुरूआत की. आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जाना छोड़ दिया, वकीलों ने अदालत में जाने से मना कर दिया और कई कस्बों और नगरों में श्रमिक हड़ताल पर चले गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1921 में 396 हड़तालें हुई जिनमें छह लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 70 लाख कार्यदिवसों का नुकसान हुआ. शहरों से लेकर गांव-देहात में इस आंदोलन का असर दिखाई देने लगा और सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद असहयोग आंदोलन से पहली बार अंग्रेजी राज की नींव हिल गई. इसी दौरान फ़रवरी 1922 में किसानों के एक समूह ने संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा पुरवा में एक पुलिस स्टेशन पर आक्रमण कर उसमें आग लगा दी. हिंसा की इस घटना के बाद गांधी जी ने यह आंदोलन तत्काल वापस ले लिया. इसके अलावा देश-दुनिया के इतिहास में एक अगस्त की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है: 1831: नए लंदन ब्रिज को यातायात के लिए खोल दिया गया. 1883: ग्रेट ब्रिटेन में अंतर्देशीय डाक सेवा शुरू. 1914: प्रथम विश्वयुद्ध की शुरूआत. 1916: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एनी बेसेंट ने होम रूल लीग की शुरुआत की. 1932: जानी मानी हिंदी फ़िल्म अभिनेत्री मीना कुमारी का जन्म. 1953: क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को गिरफ्तार किया गया. 1953: देश में सभी एयरलाइंसों का हवाई निगम अधिनियम के तहत राष्ट्रीयकरण किया गया. 1957: नेशनल बुक ट्रस्ट की स्थापना. 1960: पाकिस्तान की राजधानी कराची से बदलकर इस्लामाबाद कर दिया गया. 1975: दुर्बा बनर्जी एक वाणिज्यिक यात्री विमान का संचालन क...

आखिर क्या है असहयोग आंदोलन एवं इसके मुख्य कारण ?

आखिरक्याहैअसहयोगआंदोलनएवंइसकेमुख्यकारण ? – Non Cooperation Movement in Hindi असहयोगआंदोलनकेबारेमेंएकनजरमें– Non Cooperation Movement Information आंदोलन: असहयोगआंदोलन / असहकारआंदोलन कबहुईआंदोलनकीशुरुआत: 1 अगस्त , 1920 आंदोलनकेनेतृत्वकर्ता: असहयोगआंदोलनकामुख्यउद्देश्य: सरकारकेसाथसहयोगनहींकरकेसरकारीकार्यवाहीमेंबाधाडालना असहयोगआंदोलनकेमुख्यकारण: रोलेटएक्ट , जलियांवालाबागनरसंहार , आर्थिकसंकट कबतकचलाआंदोलन: फरवरी , 1922 तक आंदोलनकोवापसलेनेकामुख्यकारण: चौरी –चौराकांड आखिरक्याहैअसहयोगआंदोलनऔरइसकेमुख्यउद्देश्य– Objectives Of Non Cooperation Movement आजादीकेमहानायकमहात्मागांधीजीद्धाराअंग्रेजोंकेअत्याचारोंकेखिलाफचलाएगएअसहयोगआंदोलनसेतात्पर्यसहयोगनहींकरनाथा। इसआंदोलनकामुख्यमकसदशांतिऔरअहिंसात्मकतरीकेसेअंग्रेजोंकाअसहयोगकरनाथा। असहयोगआंदोलनकेतहतसरकारीकार्यालयोंमेंकामनहींकरना , अंग्रेजोंद्धारास्थापितकिएगएस्कूलोंमेंनहींपढ़ना, विदेशीवस्तुओंऔरकपड़ोंकाबहिष्कारकरना,सरकारीउपाधियोंआदिकोलौटानाआदि।जिसकेचलतेब्रिटिशहुकूमतकोभारतीयोंपरशासनकरनेमेंमुश्किलपैदाहोसके। असहयोगआंदोलनकेमुख्यकारण – Causes Of Non Cooperation Movement असहयोगआंदोलनकेकुछमुख्यकारणनिम्नलिखितहैं – • जलियांवालाबागहत्याकांड– Jallianwala Bagh Hatyakand ब्रिटिशसरकारकीदमनकारीऔरक्रूरनीतियोंकेविरोधमें 13 अप्रैल , साल 1919 कोपंजाबकेअमृतसरकेजलियांवालाबागमेंशांतिपूर्णतरीकेसेएकसार्वजनिकसभाकाआयोजनकियागया , लेकिनइससभाकेदौरानअंग्रेजोंकीतरफसेभारतीयोंपरजमकरगोलियांबरसाईंगईं। इसनरसंहारमेंहजारसेभीज्यादामासूमऔरबेकसूरलोगोंकीजानचलीगईथी, तोकईहजारलोगबुरीतरहघायलहोगएथे।वहींइसभयावहहत्याकांडकेबादपूरेदेशमेंअंग्रेजोंकेखिलाफरोषव्याप्तहोगयाथाऔरइसकेविरोधमेंरबीन्द्रनाथ...

[Solved] असहयोग आंदोलन कब स्थगित किया गया था?

सही उत्तर 1922 है। • असहयोग आंदोलन के बारे में: • असहयोग आंदोलन 1 अगस्त 1920 को शुरू किया गया था, बाद में फरवरी, 1922​ में चौरी चौरा की घटना के कारण वापस ले लिया गया। • 1922 में चौरी चौरा की घटना के कारण महात्मा गांधी द्वारा इस आंदोलन को वापस ले लिया गया था, जहाँ 22 पुलिसकर्मियों को थाने में जिंदा जला दिया गया था। • उन्होंने महसूस किया कि असहयोग आंदोलन कई स्थानों पर हिंसा में बदल रहा था और सभी सत्याग्रहियों को सामूहिक अहिंसकआंदोलन के लिए ठीक से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता थी। Key Points • महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरुआत चार कारणों से की थी: • जलियांवाला बाग नरसंहार 1919 और संपूर्ण पंजाब क्षेत्र में पंजाब की गड़बड़ी। • मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार, 1919 सेअसंतोष। • रौलट एक्ट • खिलाफत आंदोलन Additional Information • असहयोग आंदोलनका नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया और बिपिन चंद्र पाल, मोहम्मद अली जिन्ना, एनी बेसेंट बाल गंगाधर तिलक जैसे कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने असहयोग आंदोलन के विचार का एकमुश्त विरोध किया। • असहयोग आंदोलन के दौरान लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के गवर्नर-जनरल थे।

असहयोग आंदोलन (1920

कलकत्ता में काँग्रेस के नागुपर अधिवेशन का विशेष महत्त्व है, क्योंकि इस अधिवेशन में असहयोग के प्रस्ताव की पुष्टि के साथ ही दो और महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गये थे। • पहले निर्णय के अंतर्गत काँग्रेस ने अब ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर स्वशासन का अपना लक्ष्य त्याग कर, ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर और आवश्यक हो तो उसके बाहर स्वराज का लक्ष्य घोषित किया। • दूसरे निर्णय के द्वारा काँग्रेस ने रचनात्मक कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की जो इस प्रकार थी- • सभी वयस्कों को काँग्रेस का सदस्य बनाना • तीन सौ सदस्यों की अखिल भारतीय काँग्रेस समिति का गठन • भाषायी आधार पर प्रांतीय काँग्रेस समितियों का पुनर्गठन • स्वदेशी मुख्यतः हाथ की कताई-बुनाई को प्रोत्साहन • यथासंभव हिन्दी का प्रयोग आदि नागपुर अधिवेशन के बाद स्वराज्य के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, काँग्रेस ने अब केवल सांविधानिक उपायों के स्थान पर सभी शांतिमय और उचित उपाय जिसमें – केवल आवेदन और अपील भेजना ही शामिल नहीं था, अपितु सरकार को कर देने से मना करने जैसी सीधी कार्यवाही भी शामिल थी, को अपनाने पर जोर दिया। काँग्रेस की नीतियों में आये परिवर्तन के विरोध में एनी बेसेन्ट,मुहम्मद अली जिन्ना, विपिन चंद्र पाल ,सर नारायण चंद्रावर और शंकर नायर ने काँग्रेस को छोङ दिया। असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम के दो प्रमुख भाग थे, जिसमें एक रचनात्मक तथा दूसरा नकारात्मक था। रचनात्मक कार्यक्रमों में शामिल था- • राष्ट्रीय विद्यालयों तथा पंचायती अदालतों की स्थापना • अस्पृश्यता का अंत,हिन्दू -मुस्लिम एकता • स्वदेशी का प्रसार और कताई-बुनाई नकारात्मक कार्यक्रमों में मुख्य कार्यक्रम इस प्रकार थे- • सरकारी उपाधियों प्रशस्ति पत्रों को लौटाना। • सरकारी स्कूलों,कालेजों,अदालतों,विदेशी...

असहयोग आंदोलन (1920

कलकत्ता में काँग्रेस के नागुपर अधिवेशन का विशेष महत्त्व है, क्योंकि इस अधिवेशन में असहयोग के प्रस्ताव की पुष्टि के साथ ही दो और महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गये थे। • पहले निर्णय के अंतर्गत काँग्रेस ने अब ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर स्वशासन का अपना लक्ष्य त्याग कर, ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर और आवश्यक हो तो उसके बाहर स्वराज का लक्ष्य घोषित किया। • दूसरे निर्णय के द्वारा काँग्रेस ने रचनात्मक कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की जो इस प्रकार थी- • सभी वयस्कों को काँग्रेस का सदस्य बनाना • तीन सौ सदस्यों की अखिल भारतीय काँग्रेस समिति का गठन • भाषायी आधार पर प्रांतीय काँग्रेस समितियों का पुनर्गठन • स्वदेशी मुख्यतः हाथ की कताई-बुनाई को प्रोत्साहन • यथासंभव हिन्दी का प्रयोग आदि नागपुर अधिवेशन के बाद स्वराज्य के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, काँग्रेस ने अब केवल सांविधानिक उपायों के स्थान पर सभी शांतिमय और उचित उपाय जिसमें – केवल आवेदन और अपील भेजना ही शामिल नहीं था, अपितु सरकार को कर देने से मना करने जैसी सीधी कार्यवाही भी शामिल थी, को अपनाने पर जोर दिया। काँग्रेस की नीतियों में आये परिवर्तन के विरोध में एनी बेसेन्ट,मुहम्मद अली जिन्ना, विपिन चंद्र पाल ,सर नारायण चंद्रावर और शंकर नायर ने काँग्रेस को छोङ दिया। असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम के दो प्रमुख भाग थे, जिसमें एक रचनात्मक तथा दूसरा नकारात्मक था। रचनात्मक कार्यक्रमों में शामिल था- • राष्ट्रीय विद्यालयों तथा पंचायती अदालतों की स्थापना • अस्पृश्यता का अंत,हिन्दू -मुस्लिम एकता • स्वदेशी का प्रसार और कताई-बुनाई नकारात्मक कार्यक्रमों में मुख्य कार्यक्रम इस प्रकार थे- • सरकारी उपाधियों प्रशस्ति पत्रों को लौटाना। • सरकारी स्कूलों,कालेजों,अदालतों,विदेशी...

महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत सहित एक अगस्त के नाम इतिहास में और क्या दर्ज है?

अंग्रेज हुक्मरानों की बढ़ती ज्यादतियों का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी ने एक अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन की शुरूआत की. आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जाना छोड़ दिया, वकीलों ने अदालत में जाने से मना कर दिया और कई कस्बों और नगरों में श्रमिक हड़ताल पर चले गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1921 में 396 हड़तालें हुई जिनमें छह लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 70 लाख कार्यदिवसों का नुकसान हुआ. शहरों से लेकर गांव-देहात में इस आंदोलन का असर दिखाई देने लगा और सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद असहयोग आंदोलन से पहली बार अंग्रेजी राज की नींव हिल गई. इसी दौरान फ़रवरी 1922 में किसानों के एक समूह ने संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा पुरवा में एक पुलिस स्टेशन पर आक्रमण कर उसमें आग लगा दी. हिंसा की इस घटना के बाद गांधी जी ने यह आंदोलन तत्काल वापस ले लिया. इसके अलावा देश-दुनिया के इतिहास में एक अगस्त की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है: 1831: नए लंदन ब्रिज को यातायात के लिए खोल दिया गया. 1883: ग्रेट ब्रिटेन में अंतर्देशीय डाक सेवा शुरू. 1914: प्रथम विश्वयुद्ध की शुरूआत. 1916: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एनी बेसेंट ने होम रूल लीग की शुरुआत की. 1932: जानी मानी हिंदी फ़िल्म अभिनेत्री मीना कुमारी का जन्म. 1953: क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को गिरफ्तार किया गया. 1953: देश में सभी एयरलाइंसों का हवाई निगम अधिनियम के तहत राष्ट्रीयकरण किया गया. 1957: नेशनल बुक ट्रस्ट की स्थापना. 1960: पाकिस्तान की राजधानी कराची से बदलकर इस्लामाबाद कर दिया गया. 1975: दुर्बा बनर्जी एक वाणिज्यिक यात्री विमान का संचालन क...

आखिर क्या है असहयोग आंदोलन एवं इसके मुख्य कारण ?

आखिरक्याहैअसहयोगआंदोलनएवंइसकेमुख्यकारण ? – Non Cooperation Movement in Hindi असहयोगआंदोलनकेबारेमेंएकनजरमें– Non Cooperation Movement Information आंदोलन: असहयोगआंदोलन / असहकारआंदोलन कबहुईआंदोलनकीशुरुआत: 1 अगस्त , 1920 आंदोलनकेनेतृत्वकर्ता: असहयोगआंदोलनकामुख्यउद्देश्य: सरकारकेसाथसहयोगनहींकरकेसरकारीकार्यवाहीमेंबाधाडालना असहयोगआंदोलनकेमुख्यकारण: रोलेटएक्ट , जलियांवालाबागनरसंहार , आर्थिकसंकट कबतकचलाआंदोलन: फरवरी , 1922 तक आंदोलनकोवापसलेनेकामुख्यकारण: चौरी –चौराकांड आखिरक्याहैअसहयोगआंदोलनऔरइसकेमुख्यउद्देश्य– Objectives Of Non Cooperation Movement आजादीकेमहानायकमहात्मागांधीजीद्धाराअंग्रेजोंकेअत्याचारोंकेखिलाफचलाएगएअसहयोगआंदोलनसेतात्पर्यसहयोगनहींकरनाथा। इसआंदोलनकामुख्यमकसदशांतिऔरअहिंसात्मकतरीकेसेअंग्रेजोंकाअसहयोगकरनाथा। असहयोगआंदोलनकेतहतसरकारीकार्यालयोंमेंकामनहींकरना , अंग्रेजोंद्धारास्थापितकिएगएस्कूलोंमेंनहींपढ़ना, विदेशीवस्तुओंऔरकपड़ोंकाबहिष्कारकरना,सरकारीउपाधियोंआदिकोलौटानाआदि।जिसकेचलतेब्रिटिशहुकूमतकोभारतीयोंपरशासनकरनेमेंमुश्किलपैदाहोसके। असहयोगआंदोलनकेमुख्यकारण – Causes Of Non Cooperation Movement असहयोगआंदोलनकेकुछमुख्यकारणनिम्नलिखितहैं – • जलियांवालाबागहत्याकांड– Jallianwala Bagh Hatyakand ब्रिटिशसरकारकीदमनकारीऔरक्रूरनीतियोंकेविरोधमें 13 अप्रैल , साल 1919 कोपंजाबकेअमृतसरकेजलियांवालाबागमेंशांतिपूर्णतरीकेसेएकसार्वजनिकसभाकाआयोजनकियागया , लेकिनइससभाकेदौरानअंग्रेजोंकीतरफसेभारतीयोंपरजमकरगोलियांबरसाईंगईं। इसनरसंहारमेंहजारसेभीज्यादामासूमऔरबेकसूरलोगोंकीजानचलीगईथी, तोकईहजारलोगबुरीतरहघायलहोगएथे।वहींइसभयावहहत्याकांडकेबादपूरेदेशमेंअंग्रेजोंकेखिलाफरोषव्याप्तहोगयाथाऔरइसकेविरोधमेंरबीन्द्रनाथ...

[Solved] असहयोग आंदोलन कब स्थगित किया गया था?

सही उत्तर 1922 है। • असहयोग आंदोलन के बारे में: • असहयोग आंदोलन 1 अगस्त 1920 को शुरू किया गया था, बाद में फरवरी, 1922​ में चौरी चौरा की घटना के कारण वापस ले लिया गया। • 1922 में चौरी चौरा की घटना के कारण महात्मा गांधी द्वारा इस आंदोलन को वापस ले लिया गया था, जहाँ 22 पुलिसकर्मियों को थाने में जिंदा जला दिया गया था। • उन्होंने महसूस किया कि असहयोग आंदोलन कई स्थानों पर हिंसा में बदल रहा था और सभी सत्याग्रहियों को सामूहिक अहिंसकआंदोलन के लिए ठीक से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता थी। Key Points • महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरुआत चार कारणों से की थी: • जलियांवाला बाग नरसंहार 1919 और संपूर्ण पंजाब क्षेत्र में पंजाब की गड़बड़ी। • मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार, 1919 सेअसंतोष। • रौलट एक्ट • खिलाफत आंदोलन Additional Information • असहयोग आंदोलनका नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया और बिपिन चंद्र पाल, मोहम्मद अली जिन्ना, एनी बेसेंट बाल गंगाधर तिलक जैसे कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने असहयोग आंदोलन के विचार का एकमुश्त विरोध किया। • असहयोग आंदोलन के दौरान लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के गवर्नर-जनरल थे।