बेबी हालदार

  1. एक भारत श्रेष्ठ भारत – डॉ. नीरज दइया
  2. बेबी हालदार कौन सी कक्षा तक पढ़ी थी? – ElegantAnswer.com
  3. आलो आँधारि


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एक भारत श्रेष्ठ भारत – डॉ. नीरज दइया

दीप्ति, गरिमा, गोकुल, हर्ष, किरन, सुधा, विक्रम, विशाल, अक्शा, अंजली, अनामिका, अपर्णा, अमृता, आशीष, इंद्रप्रीत, झिलमिल, दिव्या, दीपांशी, नवीन, निकिता, प्रीति, मनीषा, योगिता, रणविजय, विश्वजीत, शिव झंवर, संजना, साधना, सिमरन, सूरज, दिशा, हंसराज, अंकुश और आदित्य के लिए आज सबसे पहले : अपठित कविता से पांच प्रश्न एक बच्चा जिसने कर्नाटक बदल दिया दिल में आग हो तो कुछ भी संभव है। भारत इतना बड़ा है और यहां अनेक भाषाएं और बोलियां है। हिंदी अंग्रेजी के साथ प्रादेशिक भाषाएं शिक्षा का माध्यम है इसलिए जरूरी है कि हमारा भारत एक रहे और जो सदैव श्रेष्ठ रहा वह श्रेष्ठ बना रहे। हमारे भीतर हमारी भारतीयता को बनाए रखने लिए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान चलाया गया है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना’ की शुरुआत 31 अक्टूबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 140 वें जन्म दिवस के अवसर पर शुरुआत की। हमारा भारत विविधता में एकता वाला देश है लेकिन इस एकता को दिखाने के लिए कुछ जरूरी और आवश्यक बातें हमारे द्वारा की जा सकती है। जैसे एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से, एक राज्य का दूसरे राज्य से, एक कलाकार का दूसरे कलाकार से तथा एक लेखक का दूसरे लेखक से परिचय हो। जान पहचान बढ़े और ज्ञान का विस्तार हो। उद्देश्य 1. भाषायी, भौगोलिक दूरियों के बावजूद राष्ट्रीय एकता को स्थापित करना। 2. लोगों को भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, सभ्यता एवं भाषा से परिचित कराना। 3. प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हेतु राज्यों के साथ आपसी विचार-विमर्श करने के लिए समितियों का गठन करना। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण के लिए निम्नलिखित राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया- 1. लक्षद्वीप – अ...

बेबी हालदार कौन सी कक्षा तक पढ़ी थी? – ElegantAnswer.com

बेबी हालदार कौन सी कक्षा तक पढ़ी थी? इसे सुनेंरोकेंप्रारंभिक जीवन और विवाह वह रुक-रुक कर स्कूल जाती थी और छठी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, जब १२ साल की उम्र में, उसके पिता ने उसकी शादी १४ साल के एक वरिष्ठ व्यक्ति और एक छोटे से डेकोरेटर से कर दी। 13 साल की उम्र में अपना पहला बच्चा हुआ था, साथ ही और दो बच्चे एक त्वरित उत्तराधिकार में हुआ था। आलो आँधारि बेबी हालदार द्वारा रचित रचना की विधा क्या है? इसे सुनेंरोकेंआलो-आँधारि-लेखिका की आत्मकथा है-यह उन करोड़ों झुग्गियों की कहानी है जिसमें झाँकना भी भद्रता के तकाजे से बाहर है। आलो आंधारि में बेबी हालदार का जन्म कहाँ हुआ था? इसे सुनेंरोकेंलेखिका परिचय लेखिका बेबी हालदार का जन्म जम्मू कश्मीर में हुआ था, वहां, उनके पिता सेना में थे। इनका जन्म संभवतया 1974 में हुआ। परिवार की आर्थिक दशा कमजोर होने के कारण तेरह वर्ष की आयु में इनका विवाह दोगुनी उम्र के व्यक्ति से कर दिया गया। इस कारण उन्हें सातवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़नी पड़ी। बेबी हालदार का जीवन संघर्ष से सफलता का संदेश देता है कैसे आलो आँधारि पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए? इसे सुनेंरोकेंबेबी को सज्जन लोगों का साथ और उनसे जो प्रोत्साहन मिला उसने उसे लेखिका की संज्ञा दिलवाई, जो हमारे सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है। स्नेहमयी माता – बेबी हालदार को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता रहती थी। वह तातुश की मदद से बच्चों को स्कूल भेजती हैं। अपने बड़े लड़के के लिए वह व्याकुल रहती थी जो किसी के घर में घरेलू नौकर था। अपनी प्रकाशित रचना देखने पर बेबी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इसे सुनेंरोकेंपार्क में आने वाले बंगाली लड़के भी उद्दंडतापूर्ण व्यवहार करते थे। इन सब कारणों से उसने पार्क में घूमना छोड़ दिया। प्र...

आलो आँधारि

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तरऔर सार- पाठ 3 - आलो आँधारि (Aalo Aandhir) वितान भाग- 1NCERT Class 11th Hindi Notes सारांश प्रस्तुत रचना लेखिका बेबी हालदार की आत्मकथा है| उन्होंने बहुत कम आयु में ही अपने परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही सँभाल लिया था| वह अपने पति से अलग तीन बच्चों के साथ किराए के मकान में अकेले ही रहती थी| वह काम की तलाश में इधर-उधर भटकती रहती थी| किसी के घर में नौकरानी का भी मिलता तो मजदूरी बहुत कम होती थी| इस कारण महीने के अंत में किराए की चिंता लगी रहती थी| आस-पास के लोग भी उससे तरह-तरह के सवाल पूछते थे कि वह अपने पति के साथ क्यों नहीं रहती| काम से देर से लौटने पर मकान-मालिक भी सवाल करता कि वह कौन-सा काम करती है| सुनील नाम के युवक की मदद से उसे एक घर में नौकरी मिल गई| वहाँ के मालिक एक सज्जन व्यक्ति थे| लेखिका को वह अपनी बेटी की तरह मानते थे| प्यार से लेखिका उन्हें तातुश कहती थीं| तातुश को जब यह पता चला कि लेखिका को पढ़ने-लिखने का शौक है तो वे उसे पढ़ने के लिए उत्साहित करने लगे| उन्होंने लेखिका को कुछ किताबें दीं और समय निकाल कर पढ़ने के लिए कहा| उन्होंने लेखिका को अपनी जीवन-कहानी भी लिखने के लिए प्रेरित किया| लेखिका को किराए के घर में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था| वहाँ पानी और बाथरूम की असुविधा थी| किसी-किसी दिन उसे घर पहुँचने में देर हो जाती तो मकान-मालिक की पत्नी हजारों सवाल करती कि जब उसका पति नहीं है तो किसके साथ घूमती रहती है| आस-पास के लोग भी कानाफूसी करते रहते कि यह औरत अकेली ही अपने बच्चों के साथ क्यों रहती है| इसका पति साथ क्यों नहीं रहता है| लेखिका को अकेली देखकर कुछ लोग छेड़खानी करना चाहते और कुछ तो घर में जबरदस्ती घुस आते| तातुश के घर ...