भारत का महान्यायवादी कौन है 2023

  1. भारत का सॉलिसिटर जनरल कौन होता है?
  2. भारत का महान्यायवादी।
  3. हिंदी List of Attorney Generals of India
  4. भारत का महान्यायवादी
  5. महान्यायवादी (भारत)
  6. कौन क्या है? 2023
  7. 2023 में, भारत के विदेश मंत्री कौन हैं? प्रथम पुरुष एवं महिला Videsh Mantri Kaun The
  8. भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) की सूची
  9. Attorney General for India Hindi


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भारत का सॉलिसिटर जनरल कौन होता है?

Explanation : भारत का सॉलिसिटर जनरल एक न्यायिक सलाहकार होता है। जो केंद्र सरकार का दूसरा सबसे बड़ा विधि अधिकारी होता है। अटॉर्नी जनरल सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार तथा सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रमुख वकील होता है। संविधान के अनुच्छेद 76(1) के अंतर्गत राष्ट्रपति महान्यायवादी (ऍटार्नी जनरल) की नियुक्ति अपने प्रसाद पर्यन्त करता है, जो कि सरकार को विधि संबंधी मामलों पर सलाह देता है। इसकी सहायता के लिए सालिसिटर जनरल व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की भी नियुक्ति की जाती है। सॉलिसिटर जनरल वह कानूनी प्रतिनिधि होता है जो अदालत और कानूनी मामलों में सरकार का पक्ष रखता है। Tags :

भारत का महान्यायवादी।

राज्य का महाधिवक्ता अनुच्छेद-165 में राज्य के महाधिवक्ता की व्यवस्था की गई है। वह राज्य का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। महाधिवक्ता की नियुक्ति राजयपाल के द्वारा होती है। राजयपाल वैसे व्यक्ति को महाधिवक्ता नियुक्त करता है जिसमे उच्च न्यायलय के न्यायधीश बनने की योग्यता हो। वह अपने पद पर राजयपाल के प्रसादपर्यन्त बना रहता है। महाधिवक्ता के कार्य : 1 राज्य सरकार को विधि संबंधी ऐसे विषयो पर सलाह दे जो राष्ट्रपति द्वारा सोंपे गये हो 2 विधिक स्वरूप से ऐसेअन्यकर्तव्यों का पालन करे जो राज्यपाल द्वारा सोंपे गये हो | अपने कार्य संबंधी कर्तव्यो के तहत उसे राज्य के किसी भी न्यायलय में सुनवाई का अधिकार है, इसके अतिरिक्त उसे विधानमंडल के दोनों सदनों या संबंधित समिति अथवा उस सभा में जन्हा के लिए वह अधिकृत है में बिना मताधिकार बोलने व् भाग लेने का अधिकार है | महाधिवक्ता को वे सभी विशेषाधिकार एवम भत्ते मिलते है जो विधान मंडल के किसी भी सदस्य को मिलते है | भारत का महान्यायवादी। यह भी पड़ें – राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत का best उल्लेख, विवेचना,उपयोगिता।

हिंदी List of Attorney Generals of India

भारत के अटॉर्नी जनरल, भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है, और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का मुख्य वकील होता है. भारत के अटॉर्नी जनरल को संविधान की धारा 76 (1) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत अपने पद पर रहता है. इसे देश का सर्वोच्च कानूनी अधिकारी भी कहा जाता है. भारत के वर्तमान अटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा नियुक्त किया गया था. उन्होंने औपचारिक रूप से 30 जून 2017 से अपना पद ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 3 साल का होगा. के के वेणुगोपाल भारत के 15 वें अटॉर्नी जनरल होंगे. इस लेख में भारत के अब तक के सभी अटॉर्नी जनरल या महान्यायवादियों के नाम दिए जा रहे हैं. महान्यायवादी (नाम) कार्यकाल 1. एम सी सीतलवाड़ (सबसे लंबा कार्यकाल) 28जनवरी1950 – 1मार्च1963 2. सी.के. दफ्तरी 2मार्च1963 – 30अक्टूबर1968 3. निरेन डे 1नवंबर1968 – 31मार्च1977 4. एस वी गुप्ते 1अप्रैल1977 – 8अगस्त1979 5. एल.एन. सिन्हा 9अगस्त1979 – 8अगस्त1983 6. के परासरण 9 अगस्त1983 – 8दिसंबर1989 7. सोली सोराबजी (सबसे छोटा कार्यकाल) 9दिसंबर1989 – 2दिसंबर1990 8. जी रामास्वामी 3दिसंबर1990 – 23नवंबर1992 9. मिलन के. बनर्जी 21नवंबर1992 – 8जुलाई1996 10. अशोक देसाई 9जुलाई1996 – 6अप्रैल1998 11. सोली सोराबजी 7अप्रैल1998 – 4जून2004 12. मिलन के. बनर्जी 5जून2004 – 7जून2009 13. गुलामएस्सजीवाहनवति 8जून2009 – 11जून2014 14. मुकुल रोहतगी 12जून2014 – 30 जून2017 15. के.के. वेणुगोपाल 30 जून 2017 से अभी तक नियुक्ति और पदावधि संविधान, महान्यायवादी को निश्चित पद अवधि प्रदान नहीं करता है. इसलिए, वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही ...

भारत का महान्यायवादी

भारत का महान्यायवादी भारत का महान्यायवादी, भारत सरकार का कानूनी सलाहकर होने के साथ साथ देश का सर्वोच्च विधि अधिकारी होता है। महान्यायवादी को देश का प्रथम विधि अधिकारी भी कहा जाता है। नियुक्ति : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत भारत का महान्यायवादी केंद्र सरकार द्वारा नामित एवं राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है। योग्यताएँ : ऐसा व्यक्ति जो सर्वोच्च न्ययालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता है, ऐसे किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति महान्यायवादी के पद पर नियुक्त कर सकता हैं।अर्थात् व्यक्ति भारत का नागरिक हो, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का पाँच वर्षो...

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भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के भाग 5 के अध्याय 01 के अनुच्छेद 76 में भारत का एक महान्यायवादी होगा और यह एक संवैधानिक पद होगा। जब भारत सरकार कोई अधिनियम या कोई नियम, उपनियम ,विधि,बनाती है तब उनको एक विधि-विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है इसलिए वे एक महान्यायवादी की नियुक्ति करती है एवं इसी महान्यावादी को भारत का प्रथम विधि अधिकारी एवं भारत सरकार का कानूनी सलाहकार कहा जाता है। नोट:- महान्यायवादी का पद भारत का सांसद नहीं होता है। इसलिए उसे संसद में वोट करने का अधिकार नहीं होता। यह अपनी सहयोग के लिए एक सलिसिटर जनरल रख सकता है अर्थात कानूनी सहायता के लिए अपना सहायक रख सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️ बी.आर. अहिरवार ( पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

महान्यायवादी (भारत)

• दे • वा • सं भारत का महान्यायवादी (Attorney General) भारत के महान्यायवादी (अनुच्छेद 76) की नियुक्ति देश के महान्यायवादी का कर्तव्य कानूनी मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देना और कानूनी प्रक्रिया की उन जिम्मेदारियों को निभाना है जो राष्ट्रपति की ओर से उनके पास भेजे जाते हैं। इसके अतिरिक्त संविधान और किसी अन्य कानून के अंतर्गत उनका जो काम निर्धारित है, उनका भी पालन उन्हें पूरा करना होता है। अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान उन्हें देश के किसी भी न्यायालय में उपस्थित होने का अधिकार है। उन्हें संसद की कार्यवाही धारा 88 के अनुसार भाग लेने का अधिकार है, हालांकि उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होता। उनके कामकाज में सहायता के लिए सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल होते हैं। अनुच्छेद 76 और 88 भारत के महान्यायवादी के साथ संबन्धित है| भारत के महान्यायवादी देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। वह सभी कानूनी मामलों में सरकार की सहायता के लिए जिम्मेदार होता है। राष्ट्रपति, महान्यायवादी की नियुक्ति करता है| जो व्यक्ति (महान्यायवादी) नियुक्त किया जाता है उसकी योग्यता सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश होने लायक होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक होना चाहिए और दस साल के लिए उच्च न्यायलय में वकील के रूप में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए| नियुक्ति और पदावधि संविधान, महान्यायवादी को निश्चित पदावधि प्रदान नहीं करता है। इसलिए, वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही कार्यरत रहता है| उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है| उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है। महान्यायवादी वही पारिश्रमिक प्राप्त करता है जो राष्ट्रपति निर्धारित करता है| संविधान ने महान्य...

कौन क्या है? 2023

✕ • जीके हिंदी में • इतिहास • भूगोल • राजनीति • अर्थशास्त्र • विज्ञान • खेल • पुरस्कार और सम्मान • संगठन • भारत • विश्व • महत्वपूर्ण दिवस • सरकारी योजनाएं • आज का इतिहास • करेंट अफेयर्स • जीवनी • प्रसिद्ध आकर्षण • देशों की जानकारी • इतिहास वर्षवार • अंग्रेजी शब्दावली • एसएससी प्रश्नोत्तरी • मौखिक तर्क प्रश्नोत्तरी • गैर-मौखिक तर्क प्रश्नोत्तरी • प्रसिद्ध व्यक्तियों के जन्मदिन • सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी • About us • Privacy Policy • YoDiary आइये जाने वर्तमान में भारत और विश्व में कौन क्या है। भारत और दुनिया के शीर्ष अधिकारियों के बारे में जो महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और संगठनों के प्रमुख हैं। वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है। विश्व के प्रमुख संगठन और उनके अध्यक्ष 2023 की सूची यहाँ दी गयी है। साथ ही यहाँ भारत के प्रमुख पदाधिकारी वर्तमान 2023 के बारे में बताया गया है। इस तरह के सवाल 'कौन क्या है' की श्रेणी में आते हैं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उनके पद बदलते रहते हैं, तो यह पोस्ट आप को देश और दुनिया के मुख्य संगठनों या कार्यालयों के क्षेत्र की नवीनतम जानकारी से अवगत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससी, एसएससी, आईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। कौन क्या है? 2023भारत और विश्व में वर्तमान सूची: पद नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी (15वें) उपराष्ट्रपति (राज्यसभा सभापति) जगदीप धनखड़ राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (15वें) राज्यसभा सत्ता...

2023 में, भारत के विदेश मंत्री कौन हैं? प्रथम पुरुष एवं महिला Videsh Mantri Kaun The

क्योंकि इसमें विदेश मंत्रियों की सूची भी शामिल किया गया है। भारत के अन्य मंत्रालय के भी मंत्रियों से संबंधित लिंक नीचे दिए गए हैं। कृपया इस पेज को नीचे तक ज़रुर चेक करें। विदेश मंत्री क्या होता है? विदेश मंत्रालय को अंग्रेजी में मिनिस्ट्री ऑफ स्टर्नल अफेयर्स कहा जाता है। इसके मंत्री को मिनिस्टर ऑफ स्टर्नल अफेयर्स ( Minister of External Affairs) कहा जाता है। 11 Conclusion Point वर्तमान में, भारत के वर्तमान विदेश मंत्री कौन है? करंट फॉरेन मिनिस्टर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह विदेश सचिव विनय क्वात्रा भारत सरकार के भारत के वर्तमान संघीय कैबिनेट विदेश मंत्री का नाम सुब्रह्मण्यम जय-शंकर है। इनसे पहले सुषमा स्वराज भारत के विदेश मंत्री थी। 3 विदेश राज्य मंत्री के नाम वी. मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी और डॉ. राजकुमार रंजन सिंह है. भारत के विदेश मंत्री के बारे में यह ज़रूर जान लें एस जयशंकर का पूरा नाम सुब्रह्मण्यम जय-शंकर है। उनका जन्म 9 जनवरी 1955 में भारत के राजधानी नई दिल्ली में हुआ था। वे 1977 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए चुने गए थे। जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। श्री जयशंकर अमेरिका (2014-2015), चीन (2009-2013) और चेक गणराज्य (2001–04) में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य किया है, और वे उच्चायुक्त के रूप में सिंगापुर (2007- 09) में भी सेवा दिया है। कम ही लोगों को पता होगा कि उन्होंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्रियों की सूची फॉरेन मिनिस्टर लिस्ट क्रम नाम कार्यकाल 01 जवाहर...

भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) की सूची

महान्यायवादी (Attorney General) को देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी कहा जाता है | वह सरकार का कानूनी सलाहकार तथा भारत के उच्चतम न्यायलय में सरकार का प्रमुख वकील है | भारत के महान्यायवादी का मुख्य कर्तव्य केंद्र सरकार के कानूनी मामलो में सलाह देना और राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए कानूनी प्रक्रिया को जिम्मेदारी से निभाना होता है | इसके साथ ही संविधान के अन्य कानून के अंतर्गत कई कार्यो को निर्धारित करना भी है, अपने कर्तव्य के अंतर्गत वह किसी भी न्यायालय में शामिल होने का अधिकार रखता है | यह अधिकार उसे संसद की कार्यवाही धारा 88 के अनुसार प्राप्त है, संविधान में महान्यायवादी को कोई पद अवधि निर्धारित नहीं है, जिससे वह सभी कार्य राष्ट्रपति की मर्जी के अनुसार ही करता है, महान्यायवादी को हटाने के लिए कोई संविधानिक प्रक्रिया नहीं है | इसलिए वह राष्ट्रपति द्वारा कभी भी निष्काषित किया जा सकता है | महान्यायवादी को मतदान का अधिकार नहीं प्राप्त होता है, भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) की सूची, Attorney General of India in Hindi (List PDF) के बारें में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े | वकील कैसे बने जनरल अटॉर्नी की नियुक्ति ( Appointment of General Attorney) एक महान्यायवादी राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है नियुक्त किया गया व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश होने के लायक होना चाहिए तथा दस वर्ष तक उच्च न्यायालय में वकील के रूप में कार्य अनुभव होना अनिवार्य होता है | इसके साथ ही उसे भारत का नागरिक होना अनिवार्य किया गया है | महान्यायवादी के कर्तव्य एवं कार्य ( Duties and Functions of Attorney General) • वह राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए कानूनी मामलो पर केंद्र सरकार को सलाह देता है |...

Attorney General for India Hindi

नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके ब्लॉग पोस्ट पर हम Attorney General for India यानि भारत के लिए महान्यायवादीके बारे में जानने वाले है। दोस्तों महान्यायवादी का वर्णन भारत के संविधान में Article 76 में किया गया है। और, महान्यायवादी भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का मुख्य वकील भी होते है। इसके साथ महान्यायवादी भारत सरकार के पहले ‘क़ानून अधिकारी’ यानि Law Officer भी होते है। इन पोस्ट को भी पड़े – Role of Attorney General for India • दोस्तों महान्यायवादी का काम भारत सरकार को, • कानूनी मामलो में सलाह प्रदान करना होता है। • और, राष्ट्रपति द्वारा सरकार को सौपे गये कार्य की, • क़ानूनी चरित्र के अन्न कर्तव्य का पालन भी महान्यायवादी करता है। • और, भारत की महान्यायवादी मंत्रिमंडल के सदस्य नही होते है, • लेकिन, सदन में भाग लेने तथा बोलने का अधिकार, • महान्यायवादी को प्राप्त होते है। • और, Article 88 में इसका वर्णन किया गया है। • और, महान्यायवादी को नियुक्त भारत के, • राष्ट्रपति के द्वारा ही किया जाता है। • और, संविधान की Article 76 (1) में, • इस विषय के बारे में वर्णन है। • और, नियम के मुताबिक महान्यायवादी, • अपने पद पर 3 वर्ष तक बने रह सकते है। • तथा, महान्यायवादी की योग्यता वही होती है, • जो ‘सर्वोच्च न्यायालय’ में न्यायाधीश का होता है। • इसके अलावा, महान्यायवादी न तो सरकार के लिए, • पुर्णकालिन वकील होते है, • और, ना ही सरकारी प्रभंधक होते है। Presidential appointment | राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति • दोस्तों भारत की संविधान में महान्यायवादी को, • हटाएँ जाने का कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है। • क्यों की भारतीय संविधान में महान्यायवादी को...