भारत में साइबर क्राइम पर प्रकाश डालिए

  1. पलक झपकते ही अकाउंट से पैसे गायब
  2. Cyber Crime क्या है? साइबर क्राइम के प्रकार
  3. Your right: priority should be given to cyber security
  4. #G20 India: भारत की G20 अध्यक्षता और साइबर सुरक्षा से जुड़ी प्राथमिकताएं!
  5. साइबर क्राइम पर गृहमंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक, कहा
  6. Cybercrime Is Increasing In India, Need To Expand In Technology


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पलक झपकते ही अकाउंट से पैसे गायब

हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं -शिकारी आयेगा, दाना डालेगा, उसमें फंसना नहीं. लेकिन हम हैं कि फंस ही जाते हैं. साइबर क्राइम करने वाले यह खूब जानते हैं और अब हालत यह है कि देश में हर दिन हजारों लोग अपनी कमाई इन लुटेरों के हाथों लुटवा रहे हैं. जिस इंटरनेट ने हमें दुनिया से जुड़ने की ताकत दी है वही हमें अब अपने जाल में फंसा रहा है. उसका इस्तेमाल करके दूरदराज में छुपे बैठे साइबर क्रिमिनल हमारा पैसा पलक झपकते लूट ले जाते हैं. एक ओटीपी आया, हमने अनजान कॉलर को बताया और फिर देखते ही देखते बैंक अकाउंट खाली. या फिर कोई बीमा का नाम लेकर कॉल करता है या फिर फेसबुक फ्रेंड बनकर. कई बार तो फर्जी कस्टमर या फिर पुलिस वाले बनकर लाखों करोड़ों रुपये ठग लेते हैं. पहले नाइजीरियाई ठग यह काम करते थे लेकिन अब देश के कोने-कोने में छुपकर बैठे साइबर क्रिमिनल यह काम बेधड़क कर रहे है. कई पकड़े भी जाते हैं लेकिन क्राइम पर रोक-टोक नहीं है. कारण साफ है न तो पुलिस का डर और न ही कानून का खौफ क्योंकि दोनों ही इस मामले में लाचार दिखते हैं. देश में साइबर क्राइम का फैलाव कितना है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2021 में इसके कुल 52,000 मामले दर्ज हुए. लेकिन बात यहीं नहीं रुकी, यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और लगभग दुगनी हो गई है. आईटी सिटी बेंगलुरू से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एक कारण यह भी हैं कि कम पैसे जाने के कारण भी लोग उतनी शिद्दत से मामले को आगे नहीं बढ़ाते हैं. लेकिन कई अपराधी तो बकायदा कॉल सेंटर चला रहे हैं जहां से वे लोगों को कॉल करके ठग रहे हैं. लोगों को केवाईसी करने के नाम पर वे खूब लूट रहे हैं. इसके लिए वे उन संभावित ग्राहकों की सूची तैयार कर लेते हैं और उन्हें उलझाकर उनके व्यक्तिगत आंकड़...

Cyber Crime क्या है? साइबर क्राइम के प्रकार

बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के कारण साइबर क्राइम की दर भी बढ़ती जा रही है इसलिए हम सभी को साइबर क्राइम क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है इसे जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि अगर हम इसे अच्छी तरह से नहीं जानेंगे तो हमारे साथ भी साइबर क्राइम जैसी घटनाएं हो सकती हैं। साइबर क्राइम वह अपराध है जो इंटरनेट पर होती है। जुलाई 2020 में भारत में 45 लाख साइबर क्राइम अटैक हुआ। इसलिए साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। 1973 में साइबर क्राइम का पहला मामला सामने आया था। न्यूयॉर्क बैंक के एक टेलर ने दो मिलियन डॉलर से अधिक की चोरी करने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया। 1978 वह वर्ष था जब ईमेल स्पैम पहली बार सामने आया था। यह भी पढ़ें: यह आर्टिकल साइबर क्राइम के साथ-साथ इसके द्वारा प्रस्तुत विभिन्न जोखिमों और रोकथाम रणनीतियों को कवर करेगा। आइए उन विषयों पर एक नज़र डालें जो इस आर्टिकल में आपको पढ़ने को मिलेगा। विषय सूची • • • • • • साइबर क्राइम क्या है? साइबर क्राइम एक ऐसा क्राइम है जिसे कंप्यूटर और इंटरनेट के द्वारा किया जाता है, साइबर क्राइम करने वाले अपराधी वे लोग या लोगों के समूह होते हैं जो संवेदनशील कंपनी की जानकारी चुराने और पैसा कमाने के लिए साइबर क्राइम का उपयोग करते हैं। साइबर क्राइम को दुर्भावनापूर्ण वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार के लिए साइबर अपराधी भूमिगत बाजार का उपयोग करने के लिए जाना जाता है। इसमें हैकिंग टूल, चोरी का डेटा और अन्य अवैध उत्पाद शामिल हैं। साइबर अपराधी विशिष्ट उत्पादों और सेवाओं के विशेषज्ञ माने जाते हैं। यह भी पढ़ें: साइबर क्रिमिनल पैसा कमाने के लिए तरह-तरह की आपराधिक गतिविधियों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें पहचान की चोरी और वित्तीय खाते प्राप्त करना शामिल है। ...

Your right: priority should be given to cyber security

विजया तिवारी, फोरेंसिक एक्सपर्ट वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। व्यवसाय ही नहीं, व्यक्ति के दैनिक जीवन में भी इसका दखल सामान्य बात हो गई है। इसके बिना अब काम नहीं चलता। सूचना और संचार के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति अपूर्व तेजी से बढ़ रही है। दुनिया भर के देश आर्थिक और सामाजिक रूप से शक्तिशाली बनने के लिए अपनी तकनीक को उन्नत बनाने के इच्छुक हैं। प्रौद्योगिकी ने लोगों के सोचने-समझने के तरीके को भी बदल दिया है। जिस तरह से लोग कार्य करते हैं और जिस तरह से लोग प्रतिक्रिया करते हैं, उसमें भी अच्छा-खासा बदलाव आया है। आजकल ज्यादातर लोग तकनीक से अछूते नहीं रहे। चाहे-अनचाहे उनको इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करना ही पड़ता है। आज हालात ऐसे हो गए हैं कि बैंक के काम से लेकर सिनेमा का टिकट बुक कराने तक के लिए तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। यही वजह है कि साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़े हैं। बैंक क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बावजूद अपराधी बैंकों और बैंक उपभोक्ताओं के साथ ठगी-धोखाधड़ी करने में कामयाब हो जाते हैं। असल में ऐसे अपराधी इस तकनीक में दो कदम आगे होते हैं, जिससे उनके लिए साइबर क्राइम आसान हो जाता है।

#G20 India: भारत की G20 अध्यक्षता और साइबर सुरक्षा से जुड़ी प्राथमिकताएं!

भारत ने 1 दिसंबर,2022 कोG20 के अध्यक्ष का पदभार साइबर सुरक्षा का क्षेत्र, एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो ना केवल लगातार बहुत ज़्यादा अस्थिर है, बल्कि इस पर G20 के स्तर पर अत्यधिक ध्यान देने की ज़रूरत है. एक सुरक्षित साइबरस्पेस की आवश्यकता बेहद अहम है, क्योंकि साइबरस्पेस से जुड़े ख़तरों की संख्या और उनके अलग-अलग तरीक़ों में तेज़ी के साथ बढ़ोतरी हुई है, विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े ख़तरों को लेकर. जैसे कि साइबर सुरक्षा का क्षेत्र, एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो ना केवल लगातार बहुत ज़्यादा अस्थिर है, बल्कि इस पर G20 के स्तर पर अत्यधिक ध्यान देने की ज़रूरत है. एक सुरक्षित साइबरस्पेस की आवश्यकता बेहद अहम है, क्योंकि साइबरस्पेस से जुड़े ख़तरों की संख्या और उनके अलग-अलग तरीक़ों में तेज़ी के साथ बढ़ोतरी हुई है. ज़ाहिर है कि G20 जैसे मंच पर बेहतर साइबर सुरक्षा सहयोग महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और डिजिटल पब्लिक प्लेटफार्मों की सुरक्षा और प्रमाणिकता को सुनिश्चित करने में अहम योगदान दे सकता है. इसलिए, वर्ष 2023 में भारत कीG20 अध्यक्षता के अंतर्गत G20 द्वारा पूर्व में साइबर सुरक्षा को लेकर उठाए गए क़दम वर्ष 2015 में G20 की अंताल्या समिट में विश्व के नेताओं ने इस बात को वर्ष 2021 में इटली की अध्यक्षता और वर्ष 2022 में इंडोनेशिया की जी20 अध्यक्षता के दौरान भी साइबर सिक्योरिटी पर फोकस बरक़रार रहा. दोनों ही वर्षों में • 1. ग़लत सूचनाओं वाले दुष्प्रचार अभियानों और साइबर ख़तरों का सामना करने एवं कनेक्टिविटी से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर में सुरक्षा सुनिश्चित करने का महत्त्व; • साइबर घटनाओं की रिपोर्टिंग में ज़्यादा से ज़्यादा एकरूपता को लेकर फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड की सलाहकार र...

साइबर क्राइम पर गृहमंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक, कहा

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Cybercrime Is Increasing In India, Need To Expand In Technology

नई दिल्ली: साइबर क्राइम में भारत का स्थान 23 नंबर पर है. ये आंकड़ा 2017 का है. इसके पीछे का एक कारण है धीमी गति से साइबर शिकायतों पर प्रतिक्रिया. एक सर्वे के मुताबिक जहां दूसरी जगह पर साइबर क्राइम की शिकायतों पर प्रतिक्रिया 7 दिन में आती है. वहीं भारत में इसकी प्रतिक्रिया 9 दिनों में भी पूरी नहीं होती है. अमेरिका की एक आईटी कंपनी "क्राउडस्ट्राइक" ने भारत के 300 सीनियर आईटी सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर करीब 1900 आईटी प्रोफेशनल्स का साइबर अटैक पर सर्वे किया था. जिसमें भारतीय प्रोफेशनल ने माना है कि तकरीबन 97 फीसदी साइबर अटैक पड़ोसी देशों से होते हैं. जबकि 43 फीसदी आईटी सीनियर्स का मानना है कि ये साइबर अटैक ज्यादातर चाइना द्वारा किए जाते हैं. उनका कहना है कि साइबर अटैक के मामले में देश को चाइना से सबसे ज्यादा खतरा है. आपको बता दें कि भारत के पड़ोसी देश चीन में साइबर क्राइम करना आम बात है. इतना ही नहीं दुनिया भर में हो रहे ज्यादातर साइबर अपराधों के पीछे चीन के नागरिकों का हाथ बताया जाता है. चीनी सरकार ने इस पर कदम उठाते हुए 1900 से ज्यादा साइबर क्राइम के अपराधियों को गिरफ्तार किया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साइबर शिकायतों पर सिर्फ 75 प्रतिशत ही कार्रवाई होती है. भारत में साइबर क्राइम की शिकायतों के प्रति सजगता की जरूरत है. साथ ही भारतीय साइबर क्राइम टीम को तकनीक में और विस्तार की जरूरत है. जिससे बढ़ते हुए साइबर क्राइम पर रोक लगाई जा सके. Published at : 24 Nov 2019 10:07 AM (IST) Tags: हिंदी समाचार,