भाववाचक संज्ञा की परिभाषा

  1. Bhav Vachak Sangya
  2. भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, पहचान और उदाहरण
  3. भाववाचक संज्ञा ( परिभाषा, उदाहरण, भेद ) पूरी जानकारी
  4. Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा, उदाहरण, प्रकार जानिए आसान शब्दो मे
  5. Abstract noun in Hindi
  6. Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा : भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण


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Bhav Vachak Sangya

Table of Contents • • • • • • • • • • • • Bhav Vachak Sangya| भाववाचक संज्ञा इस लेख में हम भाव वाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। इस लेख में हम भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Definition in Hindi), भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Examples in Hindi) और भाव वाचक संज्ञा बनाने (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। अतः भाव वाचक संज्ञा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए लेख को पूरा पढ़ें। संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के भेद और संज्ञा के उदाहरणों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें- Bhav Vachak Sangya Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain भाव वाचक संज्ञा की परिभाषा:- किसी भाव, गुण, दशा या अवस्था का बोध करवाने वाले संज्ञा शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञा शब्द सदैव एक वचन में ही प्रयुक्त होते हैं। भाववाचक संज्ञा शब्दों का बहुवचन बनाने पर वह जातिवाचक संज्ञा शब्द बन जाता है। जैसे: दूरी से दूरियाँ, चोरी से चोरियाँ, प्रार्थना से प्रार्थनाएँ इत्यादि। व्याकरण शब्द में भाववाचक संज्ञा है। भाववाचक संज्ञा को यथार्थ में नहीं देखा जा सकता, बल्कि मन में महसूस किया जा सकता है। जैसे: मिठास, कड़वाहट, क्रोध, जवानी, स्त्रीत्व, बालकपन, मित्रता, अपनत्व, अहंकार, अच्छाई, बुराई इत्यादि। भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण भाव वाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udahran) • रवि की आवाज़ में मिठास है। • सरिता को क्रोध बहुत आता है। • मोहन एक चापलूस लड़का है। • सरिता की लम्बाई विजय से अधिक है। • वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा है। • कमल कमला से प्रेम करता...

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, पहचान और उदाहरण

आज के इस लेख में हम भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, पहचान और उदाहरण आदि का विस्तार से अध्ययन करेंगे। जिन शब्दों से हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी अथवा भाव के नाम जात होता है उन्हें हम संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद माने गए हैं जिनके नाम है व्यक्तिवाचक, जातिवाचक तथा भाववाचक। जातिवाचक संज्ञा के भी दो भेद होते हैं जिनके नाम है द्रव्यवाचक तथा समूहवाचक। हम इस लेख में जातिवाचक से, सर्वनाम से, विशेषण से, अव्यय शब्दों से, तथा क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना भी सीखेंगे इसलिए अंत तक जरूर पढ़ें। भाववाचक संज्ञा परिभाषा:- जो संज्ञा शब्द गुण, कर्म, अवस्था, भाव, दशा आदि का बोध कराते हैं उन्हें हम भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – चौड़ाई, व्यास, थकावट, प्यार, क्रोध, चोरी आदि शब्द। भाववाचक का आशय हमारे भाव से होता है। जहां पर भी हमारे भावों का प्रयोग होता है या फिर किसी भी प्रकार का संबंध होता है, वहां पर भाववाचक संज्ञा शब्द मौजूद होते हैं। इनका कोई रुप या आकार नहीं होता, इन्हें छुआ भी नहीं जा सकता बस महसूस किया जा सकता है। यह अमूर्त शब्द होते हैं जिसका मतलब होता है अनुभव किए जाने लायक। भाववाचक संज्ञा के उदाहरण १. हमें बुराई से बचाना चाहिए। ऊपर दिए गए उदाहरण में बुराई भाव वाचक संज्ञा शब्द है क्योंकि जिसका ना कोई रूप है ना कोई आकार है, इसे हम छू नहीं सकते बल्कि सिर्फ महसूस कर सकते हैं। इसलिए यह एक भाव है। २. जवानी आई है तो बुढ़ापा भी जरूर आएगा। ऊपर दिए गए उदाहरण में जवानी और बुढ़ापा दोनों ही भाववाचक शब्द है। ३. सबसे मधुर वात्सल्य रस होता है। ४. चंद्रगुप्त मौर्य की वीरता का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता। ५. आचार्य चाणक्य की विद्वता का कोई मुकाबला नहीं था। ६. एक अ...

भाववाचक संज्ञा ( परिभाषा, उदाहरण, भेद ) पूरी जानकारी

प्रस्तुत लेख में भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, भेद आदि को विस्तार पूर्वक समझने का प्रयत्न करेंगे। किस प्रकार व्यक्तिवाचक तथा विशेषण आदि शब्दों को भाववाचक के रूप में बदला जाता है, उसे भी समझेंगे और बनाने का प्रयत्न करेंगे। संपूर्ण रूप से यह लेख भाववाचक संज्ञा को समझाने के लिए कारगर है। भाववाचक संज्ञा संज्ञा के प्रमुख तीन भेद है जिसमें भाववाचक संज्ञा अहम है। इसके अंतर्गत अमूर्त रूप के भावों की संकल्पना की जाती है। जैसे – बुढ़ापा , मिठास , खट्टापन , यह सभी भाव को व्यक्त करते हैं। अतः भाववाचक संज्ञा का सर्वोत्तम उदाहरण है। परिभाषा:- जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण-धर्म , दोष ,भाव ,दशा ,स्वभाव ,अवस्था आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा कहा जाता है। जैसे – बचपन , मातृत्व , पितृत्व , आलस्य , ऊंचाई , चतुराई , मिठास आदि। यह सब अमूर्त मानसिक संकल्पनाएं होती है। भाववाचक संज्ञा का उदाहरण • ईमानदारी व्यक्ति का आभूषण है। • उसकी गरीबी हृदय को दुखी करती है। • सैनिकों के हृदय में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी होती है। • व्यक्ति का बुढ़ापा उसे लाचार बना देता है। • सावन में चारों ओर हरियाली छा जाती है। • आज गुड़ की मिठास कुछ कम है। • मां के मातृत्व की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। • देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता का भाव होना ही चाहिए। • किसी से भी मित्रता करो तो उसे निभाओ भी। • किसी का अहित करने में मनुष्यता का भाव खत्म हो जाता है। जातिवाचक से भाववाचक मैं कैसे बदला जाता है जातिवाचक भाववाचक बच्चा बचपन माता मातृत्व मित्र मित्रता पंडित पांडित्य राष्ट्र राष्ट्रीय बूढ़ा बुढ़ापा विशेषण से भाववाचक संज्ञा में कैसे बदलें विशेषण भाववाचक चालाक चालाकी ऊँचा ऊंचाई मीठा मिठास चतुर चतुराई सरल सरलता क...

Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा, उदाहरण, प्रकार जानिए आसान शब्दो मे

Bhav Vachak Sangya (भाववाचक संज्ञा की परिभाषा ) – दोस्तो आइये समझते हैं की भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं “जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।” या -जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि। • भाववाचक संज्ञा के मुख्य भेद- भाववाचक संज्ञा के दो भेद हैं 1-समुदायवाचक संज्ञा 2-द्रव्यवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा का निर्माण– दोस्तो भाववाचक संज्ञा बनाने का प्राचीन नियम यह भी था कि विशेषण के अन्त में ई, पन, हट, वा, पर, स प्रत्यय जोड़ दिया जाए तथा संस्कृत की धातु के अन्त में ता, त्व जोड़ दिया जाए, परन्तु अब इस प्रक्रिया को अत्यन्त व्यापक तथा सर्वथा वैज्ञानिक रूप प्रदान कर दिया जाता है। • • जातिवाचक संज्ञा से-नर-नरता नारी-नारीत्व, बूढा-बुढ़ापा, मनुष्य-मनुष्यता आदि। 2. व्यक्तिवाचक संज्ञा से-राम-रामत्व, रावण-रावणत्व, शिव- शिवत्व आदि। 3. सर्वनाम से- अपना-अपनत्व, अहं-अहंकार, मम- ममता, ममत्व आदि। 4. विशेषण से-कठोर-कठोरता, गुरु-गुरुता, चौड़ा-चौड़ाई, बहुत- बहुतायत, सुन्दर-सुन्दरता, सौंन्दर्य आदि। 5. क्रिया से-खेलना-खेल, दिखाना-दिखावा, पढ़ना-पढ़ाई, बचना- बचत, बूझना-बुझौवल, मारना-मार, मिलना-मिलाप आदि। 6. अव्यय से- समीप-सामीप्य, दूर-दूरी आदि। Table of Contents • • • • • • • Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा के उदाहरण ज्यादा दोड़ने से मुझे थकान हो जाती है। लगातार परिश्रम करने से सफलता मिलेगी। लगातार खेलने से मुझे थकान हो गई है। गरीबी के कारण बहुत बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। तुम साहस करो तो यह काम हो सकता है। उसकी आवाज़ में बहुत मि...

Abstract noun in Hindi

इस तरह से abstract noun का हिंदी meaning हुआ वैसा nouns जिसका physical existence ना हो। Abstract noun को हिंदी में भाववाचक संज्ञा कहते है। Abstract noun definition in Hindi – भाववाचक संज्ञा की परिभाषा Abstract nouns are names of things that can only be felt and cannot be seen or touched. Example- Love, Happiness, Sadness, Truth,etc. वैसी संज्ञा जिसे हमलोग ना छू सकते है ना देख सकते है सिर्फ महसूस कर सकते है, ऐसी संज्ञा को भाववाचक संज्ञा कहते है| उदाहरण – प्यार, खुशी, दुख, सच्चाई। Abstract noun की अन्य परिभाषा – A noun that refers to an idea or a general quality, not to a physical object. संज्ञा जिससे किसी भाव अथवा सामान्य गुण का बोध होता है न कि किसी भौतिक वस्तु का। Abstract noun से गुण, अवस्था, भावना, idea इत्यादि का बोध होता है, जिसे पांचों इंद्रियों से अनुभव नहीं किया जा सकता है। Abstract noun को ना तो आप देख सकते है, ना आप सुन सकते है, ना चख सकते है, ना smell (सूंघ) सकते है, और ना हीं इसे छू सकते है। क्यूंकि abstract noun का physical existence होता हीं नहीं है। यानि कि इसे सिर्फ आप महसूस कर सकते है। उदाहरण dog इसे आप देख सकते है इसे छू सकते है dog का physical वजूद है इसलिए dog एक abstract noun नही है लेकिन love इसे आप नही देख सकते है नही छू सकते है इसे आप सिर्फ महसूस कर सकते है love का कोई भी physical वजूद नहीं है इसलिए love एक abstract noun है। Abstract noun examples – भाववाचक संज्ञा के उदाहरण Love – प्यार कैसा होता है आपने देखा है? बिल्कुल नही इसे सिर्फ महसूस कर सकते है। Truth – सच्चाई कैसी होती है आपने सुना है बिलकुल नहीं आप बात सुनते है फिर आप अंदर से महसूस करते है ...

Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा : भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) : परिभाषा, भेद और उदाहरण | Bhav Vachak Sangyain Hindi – इस आर्टिकल में हम भाववाचक संज्ञा ( Bhav Vachak Sangya), भाववाचक संज्ञा किसे कहते कहते हैं, भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, भाववाचक संज्ञा के प्रकार और उनके भेदों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर भाववाचक संज्ञा ( Bhav Vachak Sangya) के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में भाववाचक संज्ञा ( Bhav Vachak Sangya) से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Bhav Vachak Sangya in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है – भाववाचक संज्ञा की परिभाषा | Bhav Vachak Sangya ki paribhasha परिभाषा –किसी वस्तु , व्यक्ति , प्राणी या पदार्थ आदि के गुण दोष , स्वभाव , अवस्था , दशा , व्यापार , भाव आदि का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे– मोटापा, मधुरता, बुढ़ापा, सुंदरता, ईमानदारी, बचपन, उत्साह, बेचैनी, लंबाई, चौड़ाई, अमीरी, गरीबी आदि भाववाचक संज्ञाएं है। भाववाचक संज्ञाओं के उदाहरण – जैसे – ईमानदारी ही सबसे बड़ा धर्म है । • वह बचपन से ही सुंदर है । • उसकी सुंदरता ने सबका मन मोह लिया । • राम की लंबाई श्याम से ज्यादा है । • गरीबी का मजाक नहीं बनाना चाहिए । • राम के साथ मिलकर अपनापन सा लगता है । • राम की लिखावट सुंदर है । • राम बहुत गुस्से में है । • मुझे बहुत तेज भूख लगी है । • अमेरिका एक अमीर देश है । • राम बहुत पतला हो रहा है । • आम बहुत मीठे है । • नीम...