Bhaichara shayari

  1. भाईचारा और सद्भाव पर चुनिंदा शेर...
  2. भाईचारा
  3. Brother Shayari In Hindi [भाई के लिए हिंदी शायरी धाकड़ मेसेज]
  4. भाईचारा पर कविता Hindi poem on bhaichara


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भाईचारा और सद्भाव पर चुनिंदा शेर...

'एकता' और 'भाईचारा' किसी प्रगतिशील समाज की मूलभूत ज़रूरत है। लेकिन सामाज विभिन्न जातियों और समुदायों में बंटा हुआ है, कई बार ये वजहें कड़ुवाहट पैदा करती हैं। ऐसी स्थितियों में ही सजग रहने की ज़रूरत होती है। शायरों ने 'एकता' और 'भाईचारा' जैसे बुनियादी इंसानी जज़्बातों को ख़ूबसूरत अल्फ़ाज़ों से नवाजा है

भाईचारा

गांव में जब रहते थे और मिलकर खुशी मनाया करते शादी या त्योहार कोई हो भाईचारा बुलाया करते जाने कैसे लोग हैं वो नफरत का दौर जो लाएं हैं हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई क्यों हम अलग कहाए है क्यों मै ब्राह्मिन क्यों मैं गुज्जर क्यों मैं हरिजन क्यूं तेली क्यों ना मिलकर रह सकते हम इतनी आत्मा क्यूं मैली इतना क्यों नादां है इंसा या फिर यह कमजोर बड़ा जात पात में बांट हमें राजनीती करने को नेता है खड़ा थोड़ी सी जाग्रत हो आत्मा दिखलाएं भाईचारा दुश्मन भी थर-थर कापें समझ जाए वो इशारा रामायण पे गौर करो तो सीखोगे प्रेम रस धारा वरना महाभारत से सीखो भाई हो कैसे न्यारा मिलजुल कर तुम रहो हमेशा वरना लोग फायदा उठाएंगे फूट डालकर राज करेगें और मूर्ख तुम्हें बनाएगें सविन राव - हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए विशेष • आज का विचार: स्वामी विवेकानंद • नासमझ के प्यार का इल्ज़ाम लेकर क्या करूँ • Hindi Kavita: अज्ञेय की कविता 'तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे' • Gulzar Ghazal: तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए, कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए • काका हाथरसी की हास्य रचना: सीधी नजर हुई तो सीट पर बिठा गए • Social Media Poetry: एक बड़ी सी ज़िम्मेदारी, एक ज़रा सी प्रेम कहानी

Brother Shayari In Hindi [भाई के लिए हिंदी शायरी धाकड़ मेसेज]

चलिए यारों आज का आगाज करते है Brother Shayari In Hindi से, आज हम आपकी खातिर Bhai ( brother) Shayari & Quotes status for Facebook and WhatsApp आज के लेख के जरिये अपने छोटे भाई बड़े भाई की खातिर भाईगिरी स्टेट्स शायरी big brother status in Hindi में दो भाई की शायरी प्यार पर अटूट रिश्तों की बुनियाद पर आधारित प्रेम का यह नाता आजीवन यूँ ही बना रहे इन्हें Brother Shayari In Hindi , भाई शायरी हिंदी के जरिये यहाँ पेश करते है. रिश्ते तो बहुत से होते है मगर कुछ रिश्ते इस टाइप के होते है जो सदा सभी में जान फूकने का काम करते है ऐसा ही एक रिश्ता जो भाई का होता है. Brother Shayari In Hindi आंखो मे ‘शराफत’ चाल भीं ‘नजाक़त’ दिल मे ‘सच्चाईं’ और चहरें मे ‘सफाईं’ फिर क्यो न ब़ोले हर लडकी आपक़ो ‘भाई’ ************** 6 माह क़े ब़ाद सें जो साथ़ रहा, हमेशा हाथो मे हाथ़ रहा स्कूल मे सभीं लोगो से वो मेरें लिये ख़ास रहा कभीं न मायूस होनें दिया हमेंं, हर पल हसाता था कईं मिलें बिछडे पर भाई हमेशा अपनें ही पास रहा ************** संग़ रहता है ज़ो हर पल दूर एक़ क्षण को भी ना होता है वों यार सिर्फं दोस्त नहीं परंतु एक़ भाई होता है। ************** भाईं वोह दोस्त हैं, ज़ो थामता ? तों हाथ़ हैं, पर स्पर्शं ❤️ दिल क़ो करता हैं … ।। ? ************** अपनीं बहिन क़ो अपनी ❤️जान सें भी ज्यादा, चाहता भाईं है?? , पर इनकीं क़िस्मत ?मे हमेशा होतीं ज़ुदाई है? … ।। ?? ************** • • • एक़ रूप भगवान् ? क़ा यें भी होता हैं , भाईं क़ा ❤️ प्यार यानी ईश्वर क़ा आशीर्वाद ? होता हैं … ।। ?? ************** ब़स मेरीं हर पल यहीं ? दुआ रहें, हमेशा हर ⏳ व़क़्त मेरें भाई कें, चेंहरे पे ?मुस्क़राहट क़ायम रहे … ।। ************** ख़ुदा ...

भाईचारा पर कविता Hindi poem on bhaichara

भवानीप्रसाद मिश्र की भाईचारे पर कविता Hindi poem on bhaichara दोस्तों भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च सन 1914 को मध्य प्रदेश के जिला होशंगाबाद के टिगरिया नामक गांव में हुआ था उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा होशंगाबाद और जबलपुर में की और फिर उन्होंने b.a. की पढ़ाई ये हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे. Hindi poem on bhaichara उन्होंने बहुत सी कविताएं जैसे कि चकित है दुख, खुशबू के शिलालेख, कालजई, त्रिकाल संध्या,फसले और फूल आदि लिखी उन्होंने बच्चों के लिए भी कविताएं लिखी इनकी एक कविता भाईचारे पर भी लिखी गई है जो काफी प्रसिद्ध है.आज हम इनके द्वारा लिखित इसी कविता को पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ते हैं भवानी प्रसाद मिश्र की भाईचारे पर लिखी इस कविता को मगर एक कोई था फक्कड़ मन का राजम कर्रा कक्कड़ बढ़ा भीड़ को चीर चार कर बोला ठहरो गला फाड़ कर अक्कड़ मक्कड़ धुल में धक्कड़ दोनों मूरख दोनों अक्कड़ गर्जन गूंजी रुकना पड़ा सही बात पर झुकना पड़ा उसने कहा सही वाणी में डुबो चुल्लू भर पानी में ताकत लड़ने में मत खोओं चलो भाई चारे को बोओं खाली सब मैदान पड़ा है आफत का शैतान खड़ा है ताकत ऐसे ही मत खोओं चलो भाई चारे को बोओं सूनी मूर्खो ने जब बानी दोनों जैसे पानी पानी लड़ना छोड़ा अलग हट गए लोग शर्म से गले छंट गए सबको नाहक लड़ना अखरा ताकत भूल गई सब नखरा गले मिले तब अक्कड़ मक्कड़ ख़त्म हो गया धूल में धक्कड़ • दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखी ये कविता Hindi poem on bhaichara पसंद आई हो तो कृपया कर इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंट के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा इसी तरह के नए-नए आर्टिकल्स को पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें.