भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे

  1. Panch Prayag of Uttarakhand
  2. Maharashtra Jyotirlinga:12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ज्यादा हैं महाराष्ट्र में, एक यात्रा में करें इन सभी शिवालयों के दर्शन
  3. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे
  4. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन और यात्रा की जानकरी
  5. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो


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Panch Prayag of Uttarakhand

Panch Prayag of Uttarakhand को जानने से पहले यह जान लिया जाय की प्रयाग शब्द का मतलब क्या है प्रयाग शब्द का मतलब नदियों के संगम से होता है मतलब जिस स्थल पर दो या दो से अधिक नदियाँ मिलती है उस स्थल को हम इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रयागराज पूर्व में Panch Prayag of Uttarakhand – उत्तराखण्ड के पञ्च प्रयाग – चलिये अब बात करते है पञ्च प्रयाग की तो यहाँ पञ्च का मतलब पांच से बाकी पञ्च प्रयाग का सन्दर्भ उत्तराखण्ड राज्य से है उत्तराखंड में पांच ऐसे स्थल है जहाँ पर नदियों का संगम हुआ है तो उन्ही पांच स्थलों को पञ्च प्रयाग का नाम दिया गया है यहाँ से आपको इस प्रश्न How Many Panch Prayag in Uttarakhand का जवाब मिल गया होगा | इन Panch Prayag of Uttarakhand को हिन्दू धर्म में बहुत ही धार्मिक स्थल माना गया है यहाँ स्नान और दान पुण्य करने से मनुष्य को अत्यन्त लाभ मिलता है | जब आप हरिद्वार या ऋषिकेश से बद्रीनाथ यात्रा वाले मार्ग पर आगे बढोगे तो बद्रीनाथ पहुचने से पहले आपका सामना इन पञ्च प्रयाग से हो जायेगा क्यूंकि ये बद्रीनाथ यात्रा वाले मार्ग पर ही स्थित है | अब पञ्च प्रयाग को और भी अच्छे से समझते है देखिये उत्तराखंड की पवित्र नदियाँ अलकनन्दा , भागीरथी , मन्दाकिनी , पिंडर , नंदाकिनी और विष्णुगंगा या धौलीगंगा है और बद्रीनाथ से अलकनंदा नदी निकलती और आगे बढ़ती जाती है और बाकी की नदियाँ एक एक करके इस अलकनन्दा नदी में मिलती जाती है और जिस स्थल पर नदिया मिलती है वही प्रयाग कहलाता है | चलिये अब एक एक करके उत्तराखण्ड के इन पवित्र Panch Prayag of Uttarakhand को जान लेते है – Panch Prayag Ke Naam– देवप्रयाग , रुद्रप्रयाग , कर्णप्रयाग , विष्णुप्रयाग , नंदप्रयाग देवप्रयाग देवप्रयाग यह स्थल उत्तराखण्ड राज्य...

Maharashtra Jyotirlinga:12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ज्यादा हैं महाराष्ट्र में, एक यात्रा में करें इन सभी शिवालयों के दर्शन

भारत धर्म और आध्यात्म से जुड़ा देश है। जहां एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध और भक्तों का आस्था को बढ़ाने वाले मंदिर हैं। इन मंदिरों में साल भर भक्तों का जमावड़ा रहता है। दूर दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। कई परिवार छुट्टी और यात्रा के उद्देश्य से किसी धार्मिक स्थल पर जाना चाहते हैं। ऐसे में उनके पास कई विकल्प हैं। पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं। भगवान शिव के ये शिवालय व मंदिरों पूरे देश में फैले हुए हैं, जिसका अपना अपना महत्व है। मान्यता है कि इन सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ शिवलिंग में ज्योति के रूप में मौजूद हैं। इसीलिए इन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। अगर आप इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं तो पहली यात्रा महाराष्ट्र से करें। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ज्योतिर्लिंग हैं। इस महाशिवरात्रि महाराष्ट्र में तीन ज्योतिर्लिंग हैं। चलिए करते हैं महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग के दर्शन । 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र रामेश्वर ज्योतिर्लिंग,तमिलनाडु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र महाराष्ट्र के नासिक जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यहीं पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम हुआ। ये मंदिर गोदावरी नदी के किनारे काले पत्थरों से बना है...

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे

भीमाशकर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल है। भीमाशकर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठवां ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता ह। यह भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित पुणे शहर से तकरीबन 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी पर है। भीम शंकर ज्योतिर्लिंग के पास पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग भी करनी पड़ सकती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम महाराष्ट्र राज्य में स्थित इस भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को कोई व्यक्ति कैसे जाकर विजिट कर सकता है इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से जानने वाले हैं। अगर आप भी भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग जाने के बारे में सोच रहे हैं तो यह जानकारी पूरी अंत तक जरूर पढ़ें। चलिए हम अब अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढ़ते हैं – विषय - सूची • • • • • • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं | How To Visit Bhimashankar Jyotirling in Hindi. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग जाने के बारे में बात करें तो यहां पर कोई भी व्यक्ति काफी सरलता पूर्वक पहुंच सकता है। क्योंकि यह महाराष्ट्र राज्य में स्थित होने की वजह से महाराष्ट्र राज्य भारत के सभी मुख्य शहरों से सभी मार्ग जैसे – रेलवे, वायु एवं सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए कोई भी व्यक्ति यहां पर किसी भी माध्यम का चुनाव कर काफी सरलता पूर्वक पहुंच सकता है। चलिए हम विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं कि कोई भी व्यक्ति किस माध्यम से कैसे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के पास जा सकता है – फ्लाइट से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे ? | How To Reach Bhimashankar Jyotirlinga by Flight in Hindi. फ्लाइट से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पहुंचने के बारे में बात करें तो कोई भी व...

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन और यात्रा की जानकरी

4.5/5 - (2 votes) Bhimashankar Temple In Hindi, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर और मुंबई से लगभग 223 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थान है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग सह्याद्री रेंज के घाटी क्षेत्र में भोरगिरी गाँव में स्थित आकर्षित पर्यटन स्थल है। भगवान शंकर के भीमाशंकर शंकर ज्योतिर्लिंग वन्य जीव अभ्यारण की वजह से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं और पर्यटक इस मनमोहक दर्शनीय स्थान की ओर खींचे चले आते हैं। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3250 फीट हैं। बता दें कि यदि आप भी इस परम दर्शनीय स्थान और इसके नजदीकी पर्यटन स्थल के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े – 1.भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की संरचना – Bhimashankar Temple Architecture In Hindi भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में खूबसूरत नगाड़ा शैली की वास्तुकला को देखा जा सकता हैं यह शैली नई और पुरानीदोनों का सह-मिश्रण हैं। भीमाशंकर की संरचना प्राचीन विश्वकर्मा मूर्तिकारों द्वारा की गई उच्च कोटि कलाकृति को दर्शाता हैं। मंदिर के सामने एक खूबसूरत अनोखी घंटी लगी हुई हैं। इस घंटी में जीसस के साथ मदर मैरी की मूर्ति को भी प्रस्तुत किया गया है। पर्यटक दूर-दूर से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर की संरचना देखने के लिए यहां तक का सफ़र तय करते हैं। और पढ़े: 2. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Bhimashankar Jyotirlinga Mandir Timing In Hindi भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आने वाले पर्यटकों के लिए प्रातः 5 बजे से रात्रि के 9:30 तक खुला रहता हैं। इस समय के दौरान भक्तगण यहां का दौरा कर भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लाभ उठा सकते हैं। 3. ...

12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो

Lord shiva 12 jyotirlinga places in hindi /शिव भगवान् देवों के देव अर्थात् महादेव हैं। भोलेनाथ अर्थात शिव जी से प्रत्येक कण की उत्पत्ति हुई है तथा उन्ही मे प्रत्येक कण की समाप्ति होती है। इन्हें महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। आज हम यहाँ भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) और भगवान शिव के “द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” के बारें में जानेंगे.. ज्योतिर्लिंग क्या हैं – अथार्त ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में क्या अंतर है? (12 Jyotirlinga Details in Hindi) ‘ज्योतिर्लिंग’ शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों, ‘ज्योति’ और ‘लिंगम्’ से हुई है। ज्योति का अर्थ है, ‘प्रकाश’ और ‘लिंगम्’ का तात्पर्य भगवान् शिव की छवि या उनके चिन्ह से है। अतः ज्योतिर्लिंग का अर्थ है – सर्वशक्तिमान शिव का एक प्रकाशमान चिन्ह। ज्योतिर्लिंग की कथा – Jyotirlingas Story in Hindi शिव महापुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में सर्वोच्चता (सर्वश्रेष्ठता) को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद का अंत करने के लिए, भगवान् शिव ने उन्हें एक कार्य सौंपा और स्वयं एक ज्योतिर्लिंग, प्रकाश का एक विशाल और अनंत स्तम्भ, के रूप में तीनों लोकों में प्रसारित हो गए। अब ब्रह्मा और विष्णु को अपने मार्ग पृथक कर इस प्रकाशमान स्तम्भ के ऊपरी और निचले सिरों का अंत खोजना था। दोनों इस खोज में लग गए। ब्रह्मा जी ने आकर कहा कि उन्हें अंत मिल गया, लेकिन विष्णु जी ने यह कहते हुए अपनी पराजय स्वीकार ली कि उन्हें इस प्रकाशमान स्तम्भ का...