भष्ट्राचार पर निबंध

  1. हिंदी भाषा पर निबंध
  2. भ्रष्टाचार पर निबंध हिन्दी 2023
  3. शिष्टाचार पर निबंध
  4. भ्रष्टाचार पर निबंध
  5. भ्रष्टाचार पर निबंध [Essay on Corruption in Hindi]
  6. भ्रष्टाचार की समस्या पर निबंध


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हिंदी भाषा पर निबंध

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भ्रष्टाचार पर निबंध हिन्दी 2023

Table of Contents • • • • • भ्रष्टाचार पर निबंध हिन्दी | corruption in india essay in hindi | bhrashtachar essay in hindi in 100 , 300 and 500 words भ्रष्टाचार पर निबंध हिन्दी 100 शब्दों में | corruption essay in hindi in 100 words भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। भ्रष्टाचार वह कार्य है जो स्वार्थ के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखकर किया जाता है। भ्रष्टाचार पूरे देश में प्लेग की तरह फैल रहा है। यह दीमा की तरह धीरे-धीरे पूरे देश को तबाह कर रहा है। पूरे भारत में भ्रष्टाचार व्याप्त है। लोग सच्चाई के रास्ते पर आगे बढ़ने की बजाय भ्रष्ट नीतियों का सहारा लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी कार्यालय को पदोन्नति या नौकरी की आवश्यकता है, तो वे उन्हें अपना काम करने के लिए रिश्वत देते हैं। यह न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। विडम्बना तो यह है कि यदि ऐसे लोग रिश्वत लेते या देते हुए पकड़े जाते हैं तो उन्हें भी रिश्वत देने से छूट मिल जाती है। देश के ज्यादातर राजनेता भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि देश के आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न रूपों में भागीदार हैं। हमारा भारत भ्रष्टाचार से तब तक मुक्त नहीं होगा जब तक कि भारत के हर आदमी में यह प्रवृत्ति न हो कि मैं दुर्व्यवहार नहीं करूंगा। भ्रष्टाचार पर निबंध हिन्दी 300 शब्दों में | corruption essay in hindi in 300 words भ्रष्टाचार की शुरुआत कैसे और कहां से हुई, इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता लेकिन यह सच है कि जैसे-जैसे आदमी के पास पैसा आने लगा, आदमी विलासिता और दिखावटीपन की ओर आकर्षित होता गया। अतीत में, जब एक आदमी के पास ज्यादा पैसा नहीं था, उसकी दैनिक जरूरतें उसके लिए महत्वपूर्ण थीं। उसकी एक ही इच्छा ...

शिष्टाचार पर निबंध

विषय सूची • • • • शिष्टाचार पर निबंध | Shishtachar Par Nibandh शिष्टाचार पर निबंध (250 शब्द) मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं। इसलिए उन्हें कुछ सामाजिक मानदंडों का पालन करना होता है।सामाजिक जीवन में इस गुण का अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है। शिष्टाचार’ शब्द का अर्थ विनम्र व्यवहार है। शिष्टाचार नियमों और विनियमों की एक प्रणाली है जो सामाजिक सार्वजनिक या आधिकारिक व्यवहार में अच्छे रूप या “अच्छे तरीके” को परिभाषित करती है। शिष्टाचार हमें अपने आचरण के बारे में विचारशील होने में मदद करता है। यह हमें दूसरों की भावनाओं और अधिकारों के बारे में जागरूक होने में मदद करता है। शिष्टाचार हमें दूसरों के साथ जुड़ने में मदद करता है। यह सम्मान को बढ़ावा देता है। शिष्टाचार अन्य संस्कृतियों के लोगों के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है। शिष्टाचार सांस्कृतिक रूप से बाध्य है। हमारे जीवन में अनुशासन और शांति बनाए रखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। यह एक विशिष्ट आचार संहिता को निर्धारित करता है। शिष्टाचार हमें यह जानने में मदद करता है कि दूसरों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए। हमें यह जानने में मदद करता है कि विभिन्न वातावरणों में कैसे व्यवहार और आचरण करना है। शिष्टाचार जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से निपटने का आत्मविश्वास देता है। यह हमें जीवन कौशल प्रदान करता है। शिष्टाचार आपकी व्यक्तिगत छवि को बढ़ाता है। यह अभद्र व्यवहार को समाप्त करता है। अच्छे शिष्टाचार का मतलब केवल ‘कृपया’ और ‘धन्यवाद’ कहना नहीं है। यह इस बारे में है कि आप खुद को कैसे पेश करते हैं, आप कैसे व्यवहार करते हैं, आप कैसे बोलते हैं, आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, आप कैसे सोचते हैं। हमें अपने जीवन में हमेशा शिष्टाचार को महत्व देना चाहिए ...

भ्रष्टाचार पर निबंध

विषय सूची • • • • भ्रष्टाचार पर निबंध | Bhrashtachar Par Nibandh भ्रष्टाचार पर निबंध ( 250 शब्द ) आज देश और दुनिया के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार फैला हुआ हैं। भ्रष्टाचार के बारे में किसी को कोई परिभाषा के बारे में समझाने की आवश्यकता नही हैं। भ्रष्टाचार की सामान्य परिभाषा के बारे में समझे तो अपने किसी काम को निकलवाने के लिए कुछ आर्थिक रूप से गिफ्ट देना या काम के बदले में बेवजह पैसे देना, यही सामान्य भाषा में भ्रष्टाचार हैं। हमारे देश में भी भ्रष्टाचार काफी फैला हुआ हैं। जहां देखो वहां भ्रष्टचार से अधिकारी और नेता व्याप्त हैं। देश को अगर बचाना हैं, तो हमें भ्रष्टाचार को रोकना जरुरी हैं। हालाँकि यह सब कहने की बाते होती हैं की भ्रष्टाचार को रोका जा सकता हैं परन्तु इस बात की कोई पुष्टि नही की जा सकती हैं की देश में भ्रष्टाचार कब कम होगा। देश में भ्रष्टाचार हर विभाग और हर जगह भरा हुआ हैं। बुरा यानी भ्रष्ट और बिगड़ा हुआ व्यक्तित्व भष्ट की श्रेणी में आता हैं। कोई भी व्यक्ति नियमों के अनुसार आगे जाकर अपने स्वयं की पूर्ति के लिए गलत तरीके से काम करता हैं, तो वो भ्रष्ट कहलाता हैं। सोने की चिड़िया कहे जाने वाले इस देश में आज भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा भरा हुआ हैं। देश में आज कई व्यक्ति, नेता और अधिकारी और न्याय के पुजारी हैं जो भ्रष्ट हैं और खुद के स्वार्थ के लिए कुछ भी अनुचित करने के लिए तेयार रहते हैं। भारत में भ्रष्टाचार के मामले में आज 94 वे स्थान पर हैं। इसमें भी कई मामले सामने नही आते हैं और कुछ न्यायिक प्रक्रिया से बच जाते हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध ( 800 शब्द ) प्रस्तावना भ्रष्टाचार का सामान्य अर्थ हैं भ्रष्ट आचार या भ्रष्ट आचरण वाला व्यक्तित्व। ऐसा कोई व्यक्तिव जो कानून और न्याय को ...

भ्रष्टाचार पर निबंध [Essay on Corruption in Hindi]

Bhrashtachar par Nibandh वर्तमान समय में समाज में कई प्रकार की समस्याएं पांव पसार चुकी है, जिनमें भ्रष्टाचार रूपी समस्या सबसे बड़ी है। यह पूर्ण रूप से किसी भी समाज की व्यवस्था को विष कीट के समान विषैला और घुन की तरह धीरे धीरे खोखला करती जाती है। भ्रष्टाचार से तात्पर्य दूषित आचरण से शीघ्र धनवान बनने की अभिलाषा से है। जहां शुद्ध आचरण से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र श्रेष्ठ बनते हैं तो वहीं भ्रष्टाचार से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का पतन निश्चित है। भ्रष्टाचार का अर्थ जब कोई व्यक्ति उसके पास जितना होता है, वह उससे तृप्त नहीं होता है। साथ ही तब उसके मन में लोभ, स्वार्थपरता और विलासिता आदि विचार आने लगते हैं। वह चाहने लगता है कि उसके पास अधिक से अधिक धन हो, ऐश्वर्यशाली जीवन हो, कोठी हो, आगे पीछे नौकर चाकर हो यानि रातों रात कुबेर का भंडार उसे मिल जाए। इतना ही नहीं इसके लिए उसको अधिक मेहनत भी ना करनी पड़े। ऐसे में वह जीविकोपार्जन के लिए नीति संगत मार्ग छोड़कर भ्रष्ट मार्ग अपना लेता है और यही से भ्रष्टाचार की शुरुआत होती है। भ्रष्टाचार के विभिन्न रूप आज समाज में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां बेईमानी, रिश्वतखोरी और मिलावट रूपी भ्रष्टाचार ना हो। जहां बेईमानी हर जगह देखने को मिलती है तो वहीं मिलावट का काम भ्रष्ट व्यापारीगण कर रहे हैं और रिश्वत का काम सरकारी तंत्र में अधिकारी से लेकर नेता तक करते हैं। इतना ही नहीं सरकारी कार्यालयों में बाबू लोग अपने जीवन को अधिक सुविधापूर्ण बनाने के लिए जनता का काम ठीक समय पर नहीं करते। उनकी फाइलें इधर- उधर तब तक पड़ी रहती हैं जब तक अधिकारियों को संबंधित व्यक्ति से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से धन की प्राप्ति नहीं हो जाती। ऐसे में यदि जनता को रेल का टिकट आरक्षित क...

भ्रष्टाचार की समस्या पर निबंध

इस लेख Essay On Corruption In Hindi में भ्रष्टाचार पर निबंध (Bhrashtachar Par Nibandh In HIndi) दिया गया है। भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह होता है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को खत्म कर सकता है। भारत देश में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें फैला चुका है। इस खतरनाक रोग को जड़ सहित खत्म करने की जरूरत है। भ्रष्टाचार की समस्या पर निबंध ( Bhrashtachar Essay In Hindi) में भ्रष्टाचार क्या है? कारण, प्रभाव और निवारण की चर्चा करेंगे। Contents • • • • • • भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay On Corruption In Hindi भ्रष्टाचार ( Corruption) का अर्थ बुरा आचरण है। किसी भी व्यक्ति विशेष के साथ गलत व्यवहार या अनैतिक आचरण भ्रष्टाचार कहलाता है। आम भाषा में भ्रष्टाचार रिश्वत लेने को कहते है। कोई भी कर्मचारी, अफसर, नेता चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी किसी से भी किसी कार्य के बदले अनुचित लाभ लेने की कोशिश करता है तो यह भ्रष्टाचार में आता है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार करने वाला व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। वह किसी भी बड़े या छोटे पद पर बैठा व्यक्ति हो सकता है। हर देश की एक कानून व्यवस्था है जो वहां के संविधान के तहत होती है। कानून के नियमो को ताक पर रखकर लालचवश बुरे लोग भ्रष्टाचार करते है। अपने निजी स्वार्थ की खातिर लोग रिश्वत लेते है। अनुचित लाभ के लिए देश को आर्थिक नुकसान देना बुरे लोगो का काम होता है। भ्रष्टाचार का डरावना स्वरूप वर्तमान में खतरनाक स्थिति में है। पुराने समय में भी भ्रष्टाचार था लेकिन आज यह गहराई तक जा चुका है। कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग अपने निजी स्वार्थ के लिए करता है। ऐसे लोग चंद रुपयों के खातिर अपना इमान बेचा करते है। भ्रष्टाचारी व्यक्ति के लिए उचित शब्द देशद्रोही है क्योंकि भ्रष्टाचार क...