बहुत ज़्यादा नहीं है

  1. दुनिया बस इससे और ज़्यादा नहीं है कुछ... पढ़ें 'दुनिया' पर 14 मशहूर शेर
  2. ओवरहाइड्रेशन: क्या बहुत ज़्यादा पानी पीना हानिकारक है?
  3. भारत का मिडिल ऑर्डर बड़ी समस्या, दुनिया के टॉप मध्यक्रम के बल्लेबाजों की तुलना में बहुत गिरा है औसत
  4. बहुत नहीं in English
  5. Succession Strategy For NCP Of Sharad Pawar Is Not Just Thoughtful Transition, But His Game Plan For Future Also


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दुनिया बस इससे और ज़्यादा नहीं है कुछ... पढ़ें 'दुनिया' पर 14 मशहूर शेर

'दुनिया' पर 14 मशहूर शेर दुनिया, एक ऐसा लफ्ज़ जिसमें बहुत कुछ समाया हुआ है. बहुत मुश्किल होता है इस लफ़्ज़ को परिभाषित करना या इसकी तर्जुमानी करना. अक्सर हम अपने आस पास की चीज़ों से तंग आकर ‘दुनिया’ को कुसूरवार ठहरा देते हैं. इस दुनिया के कई रंग हैं और देखने वाले इसे अपने पसंदीदा रंगों की चादर के तले देख लेते हैं. इस दुनिया को हम सबने अपनी आंखों से देखा और समझा है. कई चीज़ें ऐसी हैं जिसकी तमन्ना है और कई चीज़ें ऐसी जिससे शिकायत है. इन्हीं सब सवालों से जब हम घिरने लगते हैं तब दुनिया का मतलब तलाशना शुरू करते हैं. आज हम लाए हैं आप के लिए ‘दुनिया’ पर वो शायरी जिसे पढ़ कर आप इस लफ्ज़ का एक बहुत बड़ा हिस्सा महसूस करेंगे. बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे मिर्ज़ा ग़ालिब चले तो पाँव के नीचे कुचल गई कोई शय नशे की झोंक में देखा नहीं कि दुनिया है शहाब जाफ़री दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है निदा फ़ाज़ली नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम जौन एलिया बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है असरार-उल-हक़ मजाज़ दुनिया पर शायरी – Duniya Shayari in Hindi जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया निदा फ़ाज़ली थोड़ी सी अक़्ल लाए थे हम भी मगर ‘अदम’ दुनिया के हादसात ने दीवाना कर दिया अब्दुल हमीद अदम गाँव की आँख से बस्ती की नज़र से देखा एक ही रंग है दुनिया को जिधर से देखा असअ’द बदायुनी दुनिया बस इस से और ज़ियादा नहीं है कुछ कुछ रोज़ हैं गुज़ारने और कुछ गुज़र गए हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा हिंदी में दुनिया पर शायरी –...

ओवरहाइड्रेशन: क्या बहुत ज़्यादा पानी पीना हानिकारक है?

ओवरहाइड्रेशन और अत्यधिक पानी पीना कैसे हानिकारक हो सकता है? किसी अच्छी चीज़ का बहुत ज़्यादा होना नुकसानदायक हो सकता है. हाल ही में स्पेन के किडनी विशेषज्ञों के एक ग्रुप ने क्लिनिकल किडनी जर्नल के दिसंबर 2022 संस्करण में एक अध्ययन प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया है कि एक प्रसिद्ध अभिनेता और मार्शल आर्ट्स आइकन की मृत्यु इसलिए हुई क्योंकि उनकी किडनी अत्यधिक पानी को शरीर से बाहर नहीं निकाल पा रही थी. आपको क्या पता होना चाहिए? • • • अगर आप बहुत ज़्यादा पानी पीते हैं, तो क्या होगा? भले ही हमारा शरीर 60% पानी से बना है, लेकिन यह तथ्य पानी या ओवरहाइड्रेशन के बुरे प्रभावों से हमें सुरक्षित नहीं करता है. ओवरहाइड्रेशन एक ऐसी घटना है जिसमें आप अपनी किडनी द्वारा शरीर से पानी बाहर निकालने की क्षमता से ज़्यादा पानी पीते हैं. बहुत ज़्यादा पानी पीने के कुछ कुप्रभावों पर नज़र डालें: • हाइपोनैट्रीमिया तब होता है जब आपके शरीर में सोडियम की मात्रा बहुत कम हो जाती है. इस स्थिति के दौरान, शरीर बहुत अधिक पानी बनाए रखता है, जो रक्त में सोडियम की मात्रा को कम करता है. हाइपोनैट्रीमिया के कुछ लक्षणों में मिचली, सिरदर्द, थकान और भ्रम शामिल हैं. • जब आपके शरीर में सोडियम का स्तर कम हो जाता है, तो पानी ऑस्मोसिस प्रक्रिया द्वारा अर्ध-पारगम्य कोशिका झिल्ली के माध्यम से कोशिकाओं में प्रवेश कर जाता है, जिसके कारण कोशिकाओं में सूजन होती है और इससे आपके मस्तिष्क, मांसपेशियों के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. • बहुत अधिक पानी पीने पर, इंट्रासेलुलर और एक्स्ट्रा-सेलुलर पोटैशियम आयनों के बीच संतुलन में बाधा आती है, जिससे डायरिया और लंबे समय तक पसीना आने की समस्या होती है. • अत्यधिक पानी पीने से आपके शरीर के अंदर...

भारत का मिडिल ऑर्डर बड़ी समस्या, दुनिया के टॉप मध्यक्रम के बल्लेबाजों की तुलना में बहुत गिरा है औसत

पर अधिकतर मौकों पर विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा (Chteshwar Pujara), अंजिक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) जैसे मजबूत मध्यक्रम ने अपनी उस क्षमता का परिचय नहीं दिया, जैसा भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद थी। कहीं ना कहीं, ये खिलाड़ी बड़े मैचों में हार के डर से पहले ही मुकाबला हारने लगे हैं। इसके साथ ही घरेलू पिच पर जिस तरह की तैयारियां रैंक टर्नर बनाकर की जा रही हैं, वह भी इंग्लैंड जैसी जगह पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलते वक्त काम नहीं आती। भारतीय टीम के बल्लेबाजों के औसत काफी तेजी से गिरे हैं लेकिन हैरानी तब हुई जब राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जैसे 'ईमानदार' व्यक्ति ने भी वैसी बातें करनी शुरू कर दी, जिसके लिए भारतीय मैनेजमेंट की आलोचना होती है। WTC Final मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की जीत में हैं ये चार गजब की समानताएं स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने पिछली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल के दौरान 32.13 के औसत से बैटिंग की, पुजारा ने 32 और रहाणे ने मात्र 24.6 के औसत से रन बनाए हैं। अब इनकी तुलना में विपक्षी टीमों के बल्लेबाजों के औसत पर डालते हैं। पिछली WTC साइकल में जो रूट ने 53.1, स्टीव स्मिथ ने 50.08, मार्नस लाबुशेन ने 53.8, बाबर आजम ने 61.08, जॉनी बेयरस्टो ने 51.4 और और ऑस्ट्रेलिया के नए गिलक्रिस्ट ने ट्रेविस हेड ने 52.5 के औसत से बैटिंग की है। शायद इसी वजह से सुनील गावस्कर ने भी द्रविड़ की आलोचना की है कि दूसरे बल्लेबाजों का औसत चाहे जो रहा होता, तो भी हमें दूसरे खिलाड़ियों को नहीं, बल्कि अपने खिलाड़ियों को देखकर ही बात करनी होगी। इन सब चीजों को देखकर यह साफ नजर आता है कि भारतीय टीम को धीरे-धीरे क्रमिक परिवर्तन के तहत नए मिडिल ऑर्डर की ओर जाना होगा। क्योंकि यह सभी ब...

बहुत नहीं in English

Translation of "बहुत नहीं" into English not as as all that is the translation of "बहुत नहीं" into English. Sample translated sentence: यह एक ऐतिहासिक उद्धरण था, लेकिन साफतौर पर, तब से लेकर अब तक चीज़ें बहुत नहीं बदली हैं। ↔ It was a historic quote, but frankly, things haven’t changed much since then.

Succession Strategy For NCP Of Sharad Pawar Is Not Just Thoughtful Transition, But His Game Plan For Future Also

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया, जो साफ़ संकेत देते हैं कि दिग्गज नेता अपनी पार्टी को एकजुट रखने के लिए काफ़ी मेहनत कर रहे हैं, और उन्होंने न सिर्फ़ पार्टी की उत्तराधिकार योजना को अमली जामा पहनाया है, बल्कि महाराष्ट्र में पार्टी की संभावनाओं को भी मज़बूत किया है. यह घोषणा शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार की उपस्थिति में की गई. कुछ लोगों की सोच से उलट, इस कदम से अजीत पवार के हाशिये पर चले जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि ज़मीन से जुड़े, स्थानीय प्रशासनिक मामलों पर पकड़ रखने वाले, और पश्चिमी महाराष्ट्र की गन्ना बेल्ट में पार्टी की रग-रग से वाकिफ़ अजीत के पास महाराष्ट्र में पार्टी के कामकाज पर पूरी स्वायत्तता रहने की संभावना है. कुछ ही हफ़्ते पहले शरद पवार ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था, और समर्थकों के दुःखी हो जाने पर सिर्फ़ तीन दिन में उसे वापस ले लिया था. इस कदम से साफ़ है कि दिग्गज राजनेता को आगामी चुनाव में अपनी पार्टी के अवसर बढ़ने के आसार नज़र आ रहे हैं, और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र वह खुद को बिखरे विपक्ष की धुरी के तौर पर बड़ी भूमिका के लिए भी तैयार कर रहे हैं. हालांकि राज्य में अब भी शरद पवार के बाद अजीत पवार ही निर्विवाद रूप से पार्टी के नेता हैं, लेकिन यह भी साफ़ है कि शरद पवार के इस्तीफे और उसके बाद पार्टी द्वारा दिए गए समर्थन की बदौलत उन्हें अपने दो विश्वस्तों - सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल - को पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नियुक्त करने का भावनात्मक जोश हासिल हुआ. केंद्र में महाराष्ट्र, और हर किसी क...