ब्रेल लिपि वर्णमाला

  1. लिपि किसे कहते हैं
  2. ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? – ElegantAnswer.com
  3. 4 जनवरी : विश्व ब्रेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है
  4. लुई ब्रेल
  5. अरबी भाषा
  6. ब्रेल लिपि पद्धति
  7. विश्व ब्रेल दिवस 2023 पर निबंध, ब्रेल लिपि और लुइस ब्रेल से कुछ जुड़ी ख़ास बातें
  8. ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? – ElegantAnswer.com
  9. 4 जनवरी : विश्व ब्रेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है
  10. ब्रेल लिपि पद्धति


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लिपि किसे कहते हैं

आज हम हिंदी व्याकरण के एक विषय ‘लिपि’ के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। लिपि शब्द सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में एक ऐसी भाषा की संकल्पना उभर कर आती है, जो हम हमेशा प्रयोग करते हैं या फिर जिसे हम जानते हैं। किंतु जो समझ रहे हैं वह केवल ‘भाषा’ है। लिपि जो होती है वह भाषा को लिखने का ढंग है। आइए आज के लेख में जानते “लिपि किसे कहते हैं?” लिपि किसे कहते हैं? साधारण तौर पर लिपि की यही परिभाषा है कि किसी भी भाषा के लिखावट या फिर लिखने के ढंग को लिपि कहा जाता है। आवाज को लिखने के लिए जिन जिन का उपयोग किया जाता है उसे लिपि कहते हैं। या फिर दूसरे शब्दों में ध्वनि चिन्हों को लिखने का ढंग लिपि कहलाता है। लिपि की मदद से हम किसी भी ग्रंथों जैसे रामायण ,महाभारत या भागवत गीता का संग्रह करके रख सकते हैं। लिपि के कितने भेद होते हैं? हिंदी व्याकरण के अनुसार लिपि के ग्यारह भेद होते हैं:- 1 ब्राह्मी लिपि 2 देवनागरी लिपि 3 गुरुमुखी लिपि 4 अरबी लिपि 5 रोमन लिपि 6 गुजराती लिपि 7 बंगाली लिपि 8 तमिल लिपि 9 चीनी लिपि 10 कांजी लिपि 11 ब्रेल लिपि आइए अब हम लिपि के 11 भेदों को विस्तार पूर्वक समझते हैं। ब्राह्मी लिपि किसे कहते हैं? भारत में लगभग समस्त लिपियों का आरंभ ब्राह्मी लिपि से माना गया है। यह आदि काल से है। प्रमाणित रुप से वैदिक काल में आर्यों ने ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया था। बौद्ध कालीन समय पर भी ब्राह्मी लिपि का प्रयोग अपने चरम पर था। ब्राह्मी लिपि के प्रयोग के प्राचीन उदाहरण सम्राट अशोक के अभिलेखों के रूप में उपलब्ध है। यह लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती है। देवनागरी लिपि क्या होती है? देवनागरी लिपि एक भारतीय लिपि है, जिसमें कई भारतीय तथा विदेशी भाषाएं लिखी जाती है। यह लिपि भी ब्राह्मी लिपि क...

ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? – ElegantAnswer.com

ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? इसे सुनेंरोकेंआधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को ८ डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब ६४ की बजाय २५६ अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल विधि क्या है? इसे सुनेंरोकेंब्रेल लिपि (अंग्रेज़ी: Braille scripts) एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। यह अलग-अलग अक्षरों, संख्याओं और विराम चिन्हों को दर्शाते हैं। ब्रेल लिपि के आविष्कारक कौन है? लुई ब्रेल फ्रांसेस्को लाना डी टर्ज़ी ब्रेल पद्धति/इन्होंने बनाया इसे सुनेंरोकेंदुनियाभर में दृष्टिबाधितों के लिए ये दिन बहुत खास है। ब्रेल दिवस लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक हैं, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि एक भाषा है, जिसका उपयोग आंखों से देख न पाने वाले लोग लिखने और पढ़ने के लिए करते हैं। लिपि में कितने अक्षर होते हैं? इसे सुनेंरोकेंवर्ण अखंड मूल ध्वनि का नाम है जो किसी शब्द का खंड है और उसे खंडित नहीं किया जा सकता है उसे वर्ण कहते हैं. हिंदी भाषा एवं देवनागरी लिपि के 52 वर्णों को मिलाकर वर्णमाला का निर्माण होता है, और उसे उच्चारण के तौर पर Varnamala कहते हैं. बेल लिपि का आविष्कार कब हुआ? इसे सुनेंरोकेंलुई ब्रेल ने वर्ष 1825 में ‘ब्रेल लिपि’ का आविष्कार किया। लुई ने इस लिपि का आविष्कार कर नेत्रहीन लोगों की जीवन में शिक्षा का दीपक जला दिया। इस कारण ल...

4 जनवरी : विश्व ब्रेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है

ब्रेल दिवस (Braille Day): लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था।हर साल 4 जनवरी को उनकी याद में विश्व ब्रेल दिवस(World Braille Day) मनाया जाता है। ब्रेल लिपि क्या है? दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने के योग्य बनाने वाली लिपि ब्रेल लिपि है। फ्रांस के लुई ब्रेल ने, जो खुद एक दृष्टिहीन थे। जिनकी आंखें नहीं हैं, उनके लिखने-पढ़ने के लिए लुई ब्रेल ने अलग लिपि विकसित की और उसे ब्रेल लिपि नाम मिला। लुई ब्रेल के बारे में 4 जनवरी, 1809 को फ्रांस की राजधानी पेरिस से 40 किमी दूर कूपर गांव में जन्मे लुई ब्रेल की मां मोनिका ब्रेल घरेलू महिला थीं। पिता सायमन ब्रेल घोड़ों की जीन बनाने का एक कारखाना चलाते थे। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे लुई की आंख खेल-खेल में जख्मीहो गयी। लुई की एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गयी।उस आंख में हुए संक्रमण की वजह से कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी आंख से भी दिखना बंद हो गया और लुई ब्रेल पूरी तरह दृष्टिहीन हो गये। लुई केबचपनके सात साल ऐसे ही गुजरे। जब वह 10 साल के हुए, तो उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डे्रन में भर्ती करा दिया।उस स्कूल में वेलन्टीन होउ द्वारा बनायी गयी लिपि से पढ़ाई होती थी, लेकिन यह लिपि अधूरी थी। तेज दिमाग वाले लुई ने इसी लिपि के आधार पर 12 के बजाय केवल 6 बिंदुओं का इस्तेमाल कर 64 अक्षर और चिह्न बनाये और उसमें विराम चिह्न, गणितीय चिह्न के अलावा संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लुई ने जब यह लिपि बनायी तब वे मात्र 15 वर्ष के थे। बाद में लुई ब्रेल को उसी स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गयी। गणित, भूगोल, व्याकरण जैसे विषयों में उन्हें महारत हासिल थी।सन 1824 में बनी यह लिपि आ...

लुई ब्रेल

विषय सूची • 1 जीवन परिचय • 2 ब्रेल लिपि का आविष्कार • 3 भारत सरकार द्वारा सम्मानित • 4 मृत्यु • 5 महत्त्वपूर्ण तथ्य • 6 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 7 बाहरी कड़ियाँ • 8 संबंधित लेख जीवन परिचय लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 में फ्रांस के छोटे से ग्राम कुप्रे में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता साइमन रेले ब्रेल शाही घोड़ों के लिये काठी और जीन बनाने का कार्य किया करते थे। पारिवारिक आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त आर्थिक संसाधन नहीं होने के कारण साइमन को अतिरिक्त मेहनत करनी होती थी इसीलिये जब बालक लुइस मात्र तीन वर्ष के हुये तो उनके पिता ने उसे भी अपने साथ घोड़ों के लिये काठी और जीन बनाने के कार्य में लगा लिया। अपने स्वभाव के अनुरूप तीन वर्षीय बालक अपने आस पास उपलब्ध वस्तुओं से खेलने में अपना समय बिताया करता था इसलिये बालक लुइस के खेलने की वस्तुएं वही थीं जो उसके पिता द्वारा अपने कार्य में उपयोग की जाती थीं जैसे कठोर लकड़ी, रस्सी, लोहे के टुकड़े, घोड़े की नाल, चाकू और काम आने वाले लोहे के औजार। एक दिन काठी के लिये लकड़ी को काटते में इस्तेमाल की जाने वाली चाकू अचानक उछल कर इस नन्हें बालक की आंख में जा लगी और बालक की आँख से खून की धारा बह निकली। साधारण जडी लगाकर उसकी आँख पर पट्टी कर दी गयी। धीरे धीरे वह नन्हा बालक आठ वर्ष का पूरा होने तक पूरी तरह दृष्टि हीन हो गया। रंग बिरंगे संसार के स्थान पर उस बालक के लिये सब कुछ गहन अंधकार में डूब गया। अपने पिता के चमड़े के उद्योग में उत्सुकता रखने वाले लुई ने अपनी आँखें एक दुर्घटना में गवां दी। यह दुर्घटना लुई के पिता की कार्यशाला में घटी। ब्रेल लिपि का आविष्कार मुख्य लेख: बालक लुई बहुत जल्द ही अपनी स्थिति में रम गये थे। बचपन से ही ...

अरबी भाषा

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ब्रेल लिपि पद्धति

ब्रेल लिपि का आविष्कार ब्रेल लिपि उभरे हुए छ: बिन्दुओं की ऐसी लिपि है, जिससे जिससे स्पर्श द्वारा पढ़ा-लिखा जाता है। इसमें पढ़ने व लिखने के लिए दृष्टि की आवश्यकता नहीं होती है। इस लिपि का आविष्कार सन् 1937 में एक दृष्टिहीन व्यक्ति लुई ब्रेलने किया, परन्तु इस लिपि को मान्यता लुई ब्रेल के मरणोपरान्त मिली। इन छ: बिन्दुओं के विभिन्न संयोगों के आधार पर विश्व की सभी भाषाओं की वर्ण मालाएँ, विराम चिन्ह, संक्षेप तथा संकेत आदि तैयार किए गये हैं। भारतीय ब्रेल भी इन्हीं छः बिन्दुओं पर आधारित है। भारत की सभी भाषाएँ हिन्दी, संस्कृत, मराठी,गुजराती, बंगाली, तमिल, तेलुगू इत्यादि इस लिपि के माध्यम से पढ़ी तथा लिखी जा सकती हैं। ब्रेल चिन्ह मोटे कागज पर लेखन पाटी (ब्रेल स्लेट) तथा स्टाइल्स अथवा ब्रेल लेखन सामग्री की सहायता से उभारे जाते हैं। लेखन पाटी पर लिखते समय स्टाइल्स दबाकर एक-एक बिन्दु कागज पर बनाए जाते हैं, जो दूसरी ओर उभरकर आते हैं। अतः लेखन पाटी पर दायें से बायें लिखना पड़ता है। लेखन पाटी पर कागज के दोनों ओर लिखा जा सकता है। दूसरी ओर लिखते समय दो पंक्तियों के बीच नई ब्रेल पंक्ति लिखी जाती है। बेल लेखन पाटी पर स्टाइलस से लिखते समय एक पूर्ण अक्षर के लिए अपेक्षित बिन्दु संयोगों को ही एक प्रकोष्ठ (Cell) में, किन्तु एक बार में एक बिन्दु को दबाया जाता है जबकि ब्रेल लेखन मशीनों पर उसी अक्षर के लिए सम्पूर्ण अपेक्षित बिन्दु संयोगों; यथा-‘र’ के लिए 1,2,3 तथा 5 संख्या के सभी बिन्दुओं को एक साथ दबाया जाता है। ब्रेल मशीनों के प्रकार बेल लेखन मशीनें मुख्यतः दो प्रकार की हैं— एक ऐसी जिनसे कागज के दोनों और लिखा जा सकता है और शब्द कागज के दूसरी ओर उभरते हैं। उदाहरण के लिए स्टेन्सवी लेखन मशीन। लेखन पाट...

विश्व ब्रेल दिवस 2023 पर निबंध, ब्रेल लिपि और लुइस ब्रेल से कुछ जुड़ी ख़ास बातें

विश्व ब्रेल दिवस 2023, विश्व ब्रेल दिवस कब मनाया जाता है? विश्व ब्रेल दिवस पर निबंध (Essay on World Braille Day in hindi Louis Braille, Braille Script, World Braille Day 2023 hindi) World Braille Day 2023: हर साल 4 जनवरी को विश्व भर में ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है। दृष्टिबाधित लोगों के लिए यह बेहद खास दिन है क्योंकि इसी दिन नेत्रहीन और दृष्टिबाधितों के मसीहा कहे जाने वाले लुइस ब्रेल का जन्म हुआ था। Advertisements लुइस ब्रेल ने ही ब्रेल लिपि को जन्म दिया था जिसकी बदौलत आज दृष्टिहीन और दृष्टि बाधित लोग भी पढ़ने लिखने में सक्षम है। यही वजह है कि लुइस ब्रेल को दृष्टिबाधितों का मसीहा भी कहा जाता है। ब्रेल लिपि की बदौलत आज दृष्टिहीन लोग भी अपने सपनों को सजाने और उन्हें साकार करने का हौसला रखते हैं। ब्रेल लिपि दृष्टि बाधित लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे में पैदा हुए थे। बचपन के दौरान ही लुइस ब्रेल ने एक हादसे में अपने आंखों की रोशनी खो दी थी। दरअसल बचपन के दौरान ही उनकी एक आंख में चाकू लग गया था जिसके कारण उनकी वह आंख खराब हो गई। यह सब होने के बाद धीरे-धीरे उनके दूसरे आंख की रोशनी भी चली गई। महज 8 साल की उम्र में अपने आंखों की रोशनी खोने के बाद लुइस ब्रेल ने बहुत सारी मुश्किलों का सामना किया। लेकिन उन्होंने कभी परिस्थितियों से हार नहीं मानी और आखिरकार महज 15 साल की उम्र में ब्रेल लिपि का आविष्कार कर दिया जिसे आज दृष्टिहीन और दृष्टिबाधित लोगों के लिए वरदान माना जाता है। ब्रेल लिपि एक ऐसी लिपि है जिसका इस्तेमाल दृष्टिबाधित लोगों को पढ़ाने के लिए किया जाता है। जैसे हमें देवनागरी और रोमन लिपि में चीजे...

ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? – ElegantAnswer.com

ब्रेल स्लेट कितने प्रकार की होती है? इसे सुनेंरोकेंआधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को ८ डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब ६४ की बजाय २५६ अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल विधि क्या है? इसे सुनेंरोकेंब्रेल लिपि (अंग्रेज़ी: Braille scripts) एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। यह अलग-अलग अक्षरों, संख्याओं और विराम चिन्हों को दर्शाते हैं। ब्रेल लिपि के आविष्कारक कौन है? लुई ब्रेल फ्रांसेस्को लाना डी टर्ज़ी ब्रेल पद्धति/इन्होंने बनाया इसे सुनेंरोकेंदुनियाभर में दृष्टिबाधितों के लिए ये दिन बहुत खास है। ब्रेल दिवस लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक हैं, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि एक भाषा है, जिसका उपयोग आंखों से देख न पाने वाले लोग लिखने और पढ़ने के लिए करते हैं। लिपि में कितने अक्षर होते हैं? इसे सुनेंरोकेंवर्ण अखंड मूल ध्वनि का नाम है जो किसी शब्द का खंड है और उसे खंडित नहीं किया जा सकता है उसे वर्ण कहते हैं. हिंदी भाषा एवं देवनागरी लिपि के 52 वर्णों को मिलाकर वर्णमाला का निर्माण होता है, और उसे उच्चारण के तौर पर Varnamala कहते हैं. बेल लिपि का आविष्कार कब हुआ? इसे सुनेंरोकेंलुई ब्रेल ने वर्ष 1825 में ‘ब्रेल लिपि’ का आविष्कार किया। लुई ने इस लिपि का आविष्कार कर नेत्रहीन लोगों की जीवन में शिक्षा का दीपक जला दिया। इस कारण ल...

4 जनवरी : विश्व ब्रेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है

ब्रेल दिवस (Braille Day): लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था।हर साल 4 जनवरी को उनकी याद में विश्व ब्रेल दिवस(World Braille Day) मनाया जाता है। ब्रेल लिपि क्या है? दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने के योग्य बनाने वाली लिपि ब्रेल लिपि है। फ्रांस के लुई ब्रेल ने, जो खुद एक दृष्टिहीन थे। जिनकी आंखें नहीं हैं, उनके लिखने-पढ़ने के लिए लुई ब्रेल ने अलग लिपि विकसित की और उसे ब्रेल लिपि नाम मिला। लुई ब्रेल के बारे में 4 जनवरी, 1809 को फ्रांस की राजधानी पेरिस से 40 किमी दूर कूपर गांव में जन्मे लुई ब्रेल की मां मोनिका ब्रेल घरेलू महिला थीं। पिता सायमन ब्रेल घोड़ों की जीन बनाने का एक कारखाना चलाते थे। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे लुई की आंख खेल-खेल में जख्मीहो गयी। लुई की एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गयी।उस आंख में हुए संक्रमण की वजह से कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी आंख से भी दिखना बंद हो गया और लुई ब्रेल पूरी तरह दृष्टिहीन हो गये। लुई केबचपनके सात साल ऐसे ही गुजरे। जब वह 10 साल के हुए, तो उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डे्रन में भर्ती करा दिया।उस स्कूल में वेलन्टीन होउ द्वारा बनायी गयी लिपि से पढ़ाई होती थी, लेकिन यह लिपि अधूरी थी। तेज दिमाग वाले लुई ने इसी लिपि के आधार पर 12 के बजाय केवल 6 बिंदुओं का इस्तेमाल कर 64 अक्षर और चिह्न बनाये और उसमें विराम चिह्न, गणितीय चिह्न के अलावा संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लुई ने जब यह लिपि बनायी तब वे मात्र 15 वर्ष के थे। बाद में लुई ब्रेल को उसी स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गयी। गणित, भूगोल, व्याकरण जैसे विषयों में उन्हें महारत हासिल थी।सन 1824 में बनी यह लिपि आ...

ब्रेल लिपि पद्धति

ब्रेल लिपि का आविष्कार ब्रेल लिपि उभरे हुए छ: बिन्दुओं की ऐसी लिपि है, जिससे जिससे स्पर्श द्वारा पढ़ा-लिखा जाता है। इसमें पढ़ने व लिखने के लिए दृष्टि की आवश्यकता नहीं होती है। इस लिपि का आविष्कार सन् 1937 में एक दृष्टिहीन व्यक्ति लुई ब्रेलने किया, परन्तु इस लिपि को मान्यता लुई ब्रेल के मरणोपरान्त मिली। इन छ: बिन्दुओं के विभिन्न संयोगों के आधार पर विश्व की सभी भाषाओं की वर्ण मालाएँ, विराम चिन्ह, संक्षेप तथा संकेत आदि तैयार किए गये हैं। भारतीय ब्रेल भी इन्हीं छः बिन्दुओं पर आधारित है। भारत की सभी भाषाएँ हिन्दी, संस्कृत, मराठी,गुजराती, बंगाली, तमिल, तेलुगू इत्यादि इस लिपि के माध्यम से पढ़ी तथा लिखी जा सकती हैं। ब्रेल चिन्ह मोटे कागज पर लेखन पाटी (ब्रेल स्लेट) तथा स्टाइल्स अथवा ब्रेल लेखन सामग्री की सहायता से उभारे जाते हैं। लेखन पाटी पर लिखते समय स्टाइल्स दबाकर एक-एक बिन्दु कागज पर बनाए जाते हैं, जो दूसरी ओर उभरकर आते हैं। अतः लेखन पाटी पर दायें से बायें लिखना पड़ता है। लेखन पाटी पर कागज के दोनों ओर लिखा जा सकता है। दूसरी ओर लिखते समय दो पंक्तियों के बीच नई ब्रेल पंक्ति लिखी जाती है। बेल लेखन पाटी पर स्टाइलस से लिखते समय एक पूर्ण अक्षर के लिए अपेक्षित बिन्दु संयोगों को ही एक प्रकोष्ठ (Cell) में, किन्तु एक बार में एक बिन्दु को दबाया जाता है जबकि ब्रेल लेखन मशीनों पर उसी अक्षर के लिए सम्पूर्ण अपेक्षित बिन्दु संयोगों; यथा-‘र’ के लिए 1,2,3 तथा 5 संख्या के सभी बिन्दुओं को एक साथ दबाया जाता है। ब्रेल मशीनों के प्रकार बेल लेखन मशीनें मुख्यतः दो प्रकार की हैं— एक ऐसी जिनसे कागज के दोनों और लिखा जा सकता है और शब्द कागज के दूसरी ओर उभरते हैं। उदाहरण के लिए स्टेन्सवी लेखन मशीन। लेखन पाट...