बूंदी जिले में 10-दिन का मौसम

  1. कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी
  2. मौसम अलर्ट : जानें, आगामी 10 दिन के मौसम की जानकारी
  3. 44 डिग्री तापमान पहुंचने से परेशान थे शहरवासी, गर्मी से मिली राहत
  4. मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं
  5. बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी
  6. मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं
  7. बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी
  8. कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी
  9. 44 डिग्री तापमान पहुंचने से परेशान थे शहरवासी, गर्मी से मिली राहत
  10. बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी


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कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी

कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी | Chance of rain from 100 to 125MM; Due to floods in Baran, Kota, Dholpur many villages became islands; Several teams of NDRF, SDRF engaged in rescue in flood areas - Dainik Bhaskar राजस्थान के कोटा संभाग के लोगों को 5 अगस्त को भी बारिश के कहर से राहत मिलती नहीं दिख रही। मौसम विभाग ने 5 अगस्त को कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली जिले में भारी बारिश की संभावना जताते हुए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि इन्ही जिलों में 6 अगस्त को भी विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई है। बूंदी जिले में बरसाती नाले में फंसी रोडवेज बस, जिसमें सभी 40 यात्रियों को बचाया गया। जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना लो प्रेशर सिस्टम अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। हालांकि, यह सिस्टम अभी भी उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और राजस्थान की पूर्वी सीमा के ऊपर बना हुआ है। इस कारण 5 और 6 अगस्त को कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, 6 अगस्त से इस सिस्टम का असर बहुत कमजोर हो जाएगा, जिसके बाद से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। चंबल नदी में तेज पानी की आवक के बाद कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर पानी छोड़ते हुए। तीन जिलों में बने बाढ़ के हालात राजस्थान में बीते एक सप्ताह से पूर्वी राजस्थान के कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। इन जिलों के कई एरिया में 200 mm से 350 mm तक बारिश दर्ज ह...

मौसम अलर्ट : जानें, आगामी 10 दिन के मौसम की जानकारी

जाने, देश के प्रमुख शहरों में मौसम का हाल देश में दशहरा भी बीत चुका है लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में मानसून 2022 अपने पूरे शबाब पर है। मानसून के कारण देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। कई राज्यों से मानसून 2022 की वापसी हो गई है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण अभी भी कई राज्यों में बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिन तक कुछ स्थानों पर मानसून बारिश होने की भविष्यवाणी की है। देश के इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट देश के कई हिस्सों में बारिश को लेकर मौसम विभागने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार सुपर साइक्लोन नोरू के कारण बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते कई राज्यों में मौसम के मिजाज में बदलाव देखने को मिला हैं। देश के कई इलाकों में मानसून बारिश होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार सहित कई पड़ोसी राज्यों में मानसून बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और हरियाणा के कुछ हिस्सों में मानसूनी बारिश की संभावना है। • दिल्ली व एनसीआर के कई इलाकों में मानसून बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में 9 अक्टूबर तक हल्की से भारी बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज राज्य में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। • भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अंडमान, निकोबार, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में आज हल्की से भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी ने दक्षिण महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में आज से दो से तीन दिनों तक बारिश की संभावना जता...

44 डिग्री तापमान पहुंचने से परेशान थे शहरवासी, गर्मी से मिली राहत

बूंदी में चार दिनों से बढ़ते तापमान और गर्मी के बीच मंगलवार को आधे घंटे राहत की बारिश हुई तो लोगों को गर्मी से राहत मिली ओर मौसम सुहावना हो गया। मंगलवार को बूंदी का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बूंदी में 16 जून के बाद से कहीं जगह तेज बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद से ही बूंदी मे गर्मी बढ़ने लगी है। आठ जून को ही नौ तपा खत्म हो गया, लेकिन गर्मी के तेवर ढीले नहीं हुए। लगातार बढ़ते तापमान के चलते गर्मी अपने चरम पर है। बूंदी मे पिछले चार दिनों से तापमान 44 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में गर्मी के बीच बूंदी के बडोदिया ठीकरदा मे मंगलवार शाम पांच बजे आधे घंटे राहत की बारिश ने गर्मी की तपन को धो डाला। दिनभर गर्मी के दौर के बीच शाम को अचानक मौसम बदलने लगा। तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी तो गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली। आधे घंटे की बारिश से सड़कों पर पानी बह निकला। बरसात के बाद मौसम सुहावना हो गया। ग्रामीण मोहन लाल सैनी ने बताया कि दो तीन दिन से गर्मी बढ़ने से हाल बेहाल है। बरसात से थोड़ी बहुत राहत मिली है। जिले कई अन्य जगहों पर भी मौसम का बदलाव देखने को मिला है। बादल छाने हल्की बूंदाबांदी हुई है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। जिले मे पश्चिमी विक्षोभ के चलते नौ तपे के दौरान कई जगह बारिश ओर ओला वृष्टि होने से गर्मी का असर कम हो गया था। विक्षोभ का प्रभाव खत्म हुआ तो गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। इन दिनों सुबह 11 बजे से दोपहर बाद पांच बजे तक भीषण गर्मी के दौर के चलते जन जीवन बेहाल हो रहा है।

मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं

किसी स्थान विशेष पर समय विशेष की अल्पकालीन वायुमंडलीय दिशाओं के योग को उस स्थान का मौसम (weather in hindi)कहते हैं, जबकि किसी स्थान या प्रदेश की दीर्घकालीन वायुमंडलीय दशाओं के औसत को जलवायु (climate in hindi)कहा जाता है। मौसम क्षण भर में ही बदल जाता है, जबकि जलवायु दीर्घकालीन "31वर्ष" को एक मानक माना जाता है। मौसम और जलवायु में अन्तर क्या हैं समझाएं? | difference between weather and climate in hindi मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं मौसम की परिभाषा और प्रभावित करने वाले कारक मौसम की परिभाषा और प्रभावित करने वाले कारक मौसम वायुमंडल के अंतर्गत होने वाला एक दैनिक परिवर्तन है जो वायुमंडल की निचली परत में होता है, इस प्रकार से मौसम किसी स्थान की वायुमंडलीय अल्पकालीन अवस्था है। मौसम (weather) एकअरबी भाषा का शब्दहै। मौसम को हम निम्न प्रकार से भी परिभाषित कर सकते हैं - "किसी स्थान विशेष या समय विशेष में पाई जाने वाली वायुमंडल की भौतिक अवस्था कोमौसमकहते हैं।" "The physically stage of the atmosphere at a given place and time is refered do as weather." - Palaniappan S.P इस प्रकार से मौसम शब्द एक छोटे क्षेत्र जैसे किसी स्थान विशेष, गांव, शहर अथवा जिले के कुछ समय अथवा पूरे दिन की मौसम में परिवर्तन को दर्शाता है। जैसे हम कहते हैं,कि आज बड़ा गर्म दिन है, आज बड़ी ठंड है आदि। मौसम संबंधी उदाहरण निम्नलिखित है - • गर्म दिन • वर्षा का दिन • ठंडा दिन • भारी लू आदि का दिन । इस प्रकार मौसम को तापक्रम, सूर्य का प्रकाश, बादल, वर्षा, वायु आदि तत्व प्रभावित करते हैं यह सभी तत्व परिवर्तनशील होते हैं एक ही दिन में कई मौसम परिवर्तन हो जाते हैं। अर्थात, मौसम विभिन्न वायुमंडलीय अवस्थाओं ...

बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी

3.3/5 - (3 votes) Bundi Fort In Hindi , बूंदी का किला, राजस्थान में स्थित बूंदी जिले के प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह किला राजस्थान के अजमेर शहर की सबसे प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। बता दें कि इस किले का निर्माण 1354 में किया गया और और उसी समय बूंदी राज्य की स्थापना भी की गई थी। यह किला अरावली पर्वतमाला में एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित है, जो बूंदी शहर के मनोरम और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। बता दें कि इस किले को “स्टार फोर्ट” और “तारागढ़ किले” के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अब खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यह भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह किला अपनी कई विशेषताओं की वजह से जाना जाता है और आज भी यह राजपूत शासन की भव्यता को प्रदर्शित करता है। अगर आप बूंदी के किले के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको बूंदी का किला घूमने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • बूंदी का किले का इतिहास – Bundi Fort History In Hindi बूंदी राज्य की स्थापना 1341 में राव देव ने की थी। विशाल बूंदी का किला उनके शासनकाल के लिए ही बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि बूंदी का किला भारत का पहला हिल फोर्ट है। यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है जिसने बड़ी संख्या में लड़ाई के साथ-साथ राजपूत, मुस्लिम, मराठा और ब्रिटिश विजेता के शासक भी देखे हैं। इस किले में एक ऐतिहासिक दरगाह भी स्थित है जो हज़रत मीरन सैयद हुसैन असग़र खंग्सवर की है, जो उस समय सुल्तान शहाबुद्दीन गोरी के शासन के दौरान अजमेर के गवर्नर थे। कुतुबुद्दीन ...

मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं

किसी स्थान विशेष पर समय विशेष की अल्पकालीन वायुमंडलीय दिशाओं के योग को उस स्थान का मौसम (weather in hindi)कहते हैं, जबकि किसी स्थान या प्रदेश की दीर्घकालीन वायुमंडलीय दशाओं के औसत को जलवायु (climate in hindi)कहा जाता है। मौसम क्षण भर में ही बदल जाता है, जबकि जलवायु दीर्घकालीन "31वर्ष" को एक मानक माना जाता है। मौसम और जलवायु में अन्तर क्या हैं समझाएं? | difference between weather and climate in hindi मौसम और जलवायु में 10 प्रमुख अन्तर क्या हैं समझाएं मौसम की परिभाषा और प्रभावित करने वाले कारक मौसम की परिभाषा और प्रभावित करने वाले कारक मौसम वायुमंडल के अंतर्गत होने वाला एक दैनिक परिवर्तन है जो वायुमंडल की निचली परत में होता है, इस प्रकार से मौसम किसी स्थान की वायुमंडलीय अल्पकालीन अवस्था है। मौसम (weather) एकअरबी भाषा का शब्दहै। मौसम को हम निम्न प्रकार से भी परिभाषित कर सकते हैं - "किसी स्थान विशेष या समय विशेष में पाई जाने वाली वायुमंडल की भौतिक अवस्था कोमौसमकहते हैं।" "The physically stage of the atmosphere at a given place and time is refered do as weather." - Palaniappan S.P इस प्रकार से मौसम शब्द एक छोटे क्षेत्र जैसे किसी स्थान विशेष, गांव, शहर अथवा जिले के कुछ समय अथवा पूरे दिन की मौसम में परिवर्तन को दर्शाता है। जैसे हम कहते हैं,कि आज बड़ा गर्म दिन है, आज बड़ी ठंड है आदि। मौसम संबंधी उदाहरण निम्नलिखित है - • गर्म दिन • वर्षा का दिन • ठंडा दिन • भारी लू आदि का दिन । इस प्रकार मौसम को तापक्रम, सूर्य का प्रकाश, बादल, वर्षा, वायु आदि तत्व प्रभावित करते हैं यह सभी तत्व परिवर्तनशील होते हैं एक ही दिन में कई मौसम परिवर्तन हो जाते हैं। अर्थात, मौसम विभिन्न वायुमंडलीय अवस्थाओं ...

बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी

3.3/5 - (3 votes) Bundi Fort In Hindi , बूंदी का किला, राजस्थान में स्थित बूंदी जिले के प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह किला राजस्थान के अजमेर शहर की सबसे प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। बता दें कि इस किले का निर्माण 1354 में किया गया और और उसी समय बूंदी राज्य की स्थापना भी की गई थी। यह किला अरावली पर्वतमाला में एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित है, जो बूंदी शहर के मनोरम और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। बता दें कि इस किले को “स्टार फोर्ट” और “तारागढ़ किले” के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अब खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यह भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह किला अपनी कई विशेषताओं की वजह से जाना जाता है और आज भी यह राजपूत शासन की भव्यता को प्रदर्शित करता है। अगर आप बूंदी के किले के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको बूंदी का किला घूमने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • बूंदी का किले का इतिहास – Bundi Fort History In Hindi बूंदी राज्य की स्थापना 1341 में राव देव ने की थी। विशाल बूंदी का किला उनके शासनकाल के लिए ही बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि बूंदी का किला भारत का पहला हिल फोर्ट है। यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है जिसने बड़ी संख्या में लड़ाई के साथ-साथ राजपूत, मुस्लिम, मराठा और ब्रिटिश विजेता के शासक भी देखे हैं। इस किले में एक ऐतिहासिक दरगाह भी स्थित है जो हज़रत मीरन सैयद हुसैन असग़र खंग्सवर की है, जो उस समय सुल्तान शहाबुद्दीन गोरी के शासन के दौरान अजमेर के गवर्नर थे। कुतुबुद्दीन ...

कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी

कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली में भारी बारिश की आशंका, यहां पहले ही कई गांव बन चुके टापू; 100 से 125 mm तक गिर सकता है पानी | Chance of rain from 100 to 125MM; Due to floods in Baran, Kota, Dholpur many villages became islands; Several teams of NDRF, SDRF engaged in rescue in flood areas - Dainik Bhaskar राजस्थान के कोटा संभाग के लोगों को 5 अगस्त को भी बारिश के कहर से राहत मिलती नहीं दिख रही। मौसम विभाग ने 5 अगस्त को कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली जिले में भारी बारिश की संभावना जताते हुए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि इन्ही जिलों में 6 अगस्त को भी विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई है। बूंदी जिले में बरसाती नाले में फंसी रोडवेज बस, जिसमें सभी 40 यात्रियों को बचाया गया। जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना लो प्रेशर सिस्टम अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। हालांकि, यह सिस्टम अभी भी उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और राजस्थान की पूर्वी सीमा के ऊपर बना हुआ है। इस कारण 5 और 6 अगस्त को कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, 6 अगस्त से इस सिस्टम का असर बहुत कमजोर हो जाएगा, जिसके बाद से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। चंबल नदी में तेज पानी की आवक के बाद कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर पानी छोड़ते हुए। तीन जिलों में बने बाढ़ के हालात राजस्थान में बीते एक सप्ताह से पूर्वी राजस्थान के कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। इन जिलों के कई एरिया में 200 mm से 350 mm तक बारिश दर्ज ह...

44 डिग्री तापमान पहुंचने से परेशान थे शहरवासी, गर्मी से मिली राहत

बूंदी में चार दिनों से बढ़ते तापमान और गर्मी के बीच मंगलवार को आधे घंटे राहत की बारिश हुई तो लोगों को गर्मी से राहत मिली ओर मौसम सुहावना हो गया। मंगलवार को बूंदी का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बूंदी में 16 जून के बाद से कहीं जगह तेज बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद से ही बूंदी मे गर्मी बढ़ने लगी है। आठ जून को ही नौ तपा खत्म हो गया, लेकिन गर्मी के तेवर ढीले नहीं हुए। लगातार बढ़ते तापमान के चलते गर्मी अपने चरम पर है। बूंदी मे पिछले चार दिनों से तापमान 44 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में गर्मी के बीच बूंदी के बडोदिया ठीकरदा मे मंगलवार शाम पांच बजे आधे घंटे राहत की बारिश ने गर्मी की तपन को धो डाला। दिनभर गर्मी के दौर के बीच शाम को अचानक मौसम बदलने लगा। तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी तो गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली। आधे घंटे की बारिश से सड़कों पर पानी बह निकला। बरसात के बाद मौसम सुहावना हो गया। ग्रामीण मोहन लाल सैनी ने बताया कि दो तीन दिन से गर्मी बढ़ने से हाल बेहाल है। बरसात से थोड़ी बहुत राहत मिली है। जिले कई अन्य जगहों पर भी मौसम का बदलाव देखने को मिला है। बादल छाने हल्की बूंदाबांदी हुई है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। जिले मे पश्चिमी विक्षोभ के चलते नौ तपे के दौरान कई जगह बारिश ओर ओला वृष्टि होने से गर्मी का असर कम हो गया था। विक्षोभ का प्रभाव खत्म हुआ तो गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। इन दिनों सुबह 11 बजे से दोपहर बाद पांच बजे तक भीषण गर्मी के दौर के चलते जन जीवन बेहाल हो रहा है।

बूंदी के किले की हिस्ट्री और घूमने की जानकारी

3.3/5 - (3 votes) Bundi Fort In Hindi , बूंदी का किला, राजस्थान में स्थित बूंदी जिले के प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह किला राजस्थान के अजमेर शहर की सबसे प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। बता दें कि इस किले का निर्माण 1354 में किया गया और और उसी समय बूंदी राज्य की स्थापना भी की गई थी। यह किला अरावली पर्वतमाला में एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित है, जो बूंदी शहर के मनोरम और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। बता दें कि इस किले को “स्टार फोर्ट” और “तारागढ़ किले” के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अब खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यह भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह किला अपनी कई विशेषताओं की वजह से जाना जाता है और आज भी यह राजपूत शासन की भव्यता को प्रदर्शित करता है। अगर आप बूंदी के किले के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको बूंदी का किला घूमने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • बूंदी का किले का इतिहास – Bundi Fort History In Hindi बूंदी राज्य की स्थापना 1341 में राव देव ने की थी। विशाल बूंदी का किला उनके शासनकाल के लिए ही बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि बूंदी का किला भारत का पहला हिल फोर्ट है। यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है जिसने बड़ी संख्या में लड़ाई के साथ-साथ राजपूत, मुस्लिम, मराठा और ब्रिटिश विजेता के शासक भी देखे हैं। इस किले में एक ऐतिहासिक दरगाह भी स्थित है जो हज़रत मीरन सैयद हुसैन असग़र खंग्सवर की है, जो उस समय सुल्तान शहाबुद्दीन गोरी के शासन के दौरान अजमेर के गवर्नर थे। कुतुबुद्दीन ...