Chaitra navratri 2023 in hindi

  1. Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, पढ़ें ये कथा
  2. Chaitra Navratrti 2023 Bhog List: दिन के अनुसार माता को चढ़ाएं भोग, देखें नौ दिन की पूरी लिस्ट
  3. Chaitra Navratri 2023 Niyam:चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें
  4. Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च को होगी कलश स्‍थापना, ये है नवरात्रि के पूरे 9 दिन के शुभ मुहूर्त की लिस्‍ट
  5. Chaitra Navratrti 2023 Bhog List: दिन के अनुसार माता को चढ़ाएं भोग, देखें नौ दिन की पूरी लिस्ट
  6. Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च को होगी कलश स्‍थापना, ये है नवरात्रि के पूरे 9 दिन के शुभ मुहूर्त की लिस्‍ट
  7. Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, पढ़ें ये कथा
  8. Chaitra Navratri 2023 Niyam:चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें


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Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, पढ़ें ये कथा

• • Faith Hindi • Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें मां शैलपुत्री का पूजन, पढ़ें ये कथा Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें मां शैलपुत्री का पूजन, पढ़ें ये कथा Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है और उनका विधि-विधान से पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. Chaitra Navratri 2023 Day 1: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. मां शैलपुत्री के माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है और मान्यता है कि उनका पूजन करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर होता है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ की जाती है और दुर्गा चालीसा के पाठ के बाद पूजा सम्पन्न होती है. इस दिन मां शैलपुत्री की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं. Also Read: • • • मां शैलपुत्री की पूजन विधि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है और इस दिन पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा को तिलक करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. फिर आरती करें और दुर्गा चालीसा पढ़ें. इसके बाद दिन भर व्रत रखें और रात का पूजा करने के बाद व्रत खोलें. माता शैलपुत्री की कथा माता शैलपुत्री का दूसरा नाम सती भी है. एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ का निर्णय लिया इस यज्ञ में सभी देवी देवताओं को निमंत्रण भेजा लेकिन भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा. देवी सती को उम्मीद थी कि उनके पास भी निमंत्र...

Chaitra Navratrti 2023 Bhog List: दिन के अनुसार माता को चढ़ाएं भोग, देखें नौ दिन की पूरी लिस्ट

चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है, जो हिन्दू नववर्ष का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र की शुभ शुरुआत हो जाती है। कई भक्त पूरे नौ दिनों तक व्रत का पालन करते हैं। नवरात्रि के नौ अलग अलग दिन माता के अलग अलग रूपों की पूजा होती है, और हर देवी की पसंद के अनुसार ही उन्हें भोग लगाया जाता है। चलिए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिन के अनुसार भोग की जानकारियां: पहला दिन - माता शैलपुत्री को क्या भोग लगाएं? नवरात्र का प्रथम दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। मान्यता अनुसार माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं और उनका पसंदीदा रंग सफ़ेद है। पहले दिन देवी के भोग में गाय के घी या दूध को प्रयोग में लाना चाहिए। सीधे घी या दूध का चढ़ावा या इनसे बने मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। इससे मां के आशीर्वाद के साथ आरोग्य की प्राप्ति होती है। अनार का फल देवी का पसंदीदा है। दूसरा दिन - माता ब्रह्मचारिणी को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का दिन होता है। इस दिन माता को शक्कर, चीनी या मिश्री, पंचामृत या सफ़ेद मिठाई का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की अराधना से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी के भोग में सेब को शामिल किया जा सकता है। पांचवा दिन - देवी स्कंदमाता को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि के पांचवें दिन दुर्गा के स्कंदमाता रूप का पूजन होता है। इस दिन मां को केले का भोग लगाया जाता है। केले का कोई व्यंजन भी बनाकर भोग में चढ़ाया जा सकता है। इस भोग और माता की अराधना से शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है और करियर में सफलता प्राप्त होती है। नौवां दिन - देवी सिद्धिदात्री को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि का आ...

Chaitra Navratri 2023 Niyam:चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

Chaitra Navratri Ke Dauran Kya karein Kya Na Karein: चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च 2023 से हो रहा है जो 30 मार्च 2023 तक मनाई जाएगी। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा इस बार नौका की सवारी करके धरती पर आगमन करेंगी। माता का आगमन इस बार काफी शुभ रहेगा और डोली से मां की विदाई होगी। धार्मिक मान्यता है कि 9 दिनों में माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां दुर्गा अपने भक्तों के कष्ट दूर करने नवरात्रि के दिनों में पृथ्वी पर आती हैं। वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन इस दौरान चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों को मानना अनिवार्य है। आइए जानते हैं नवरात्रि पूजन के दौरान क्या करना चाहिए और क्या न करें। चैत्र नवरात्रि में क्या करें • यदि आप घट स्थापना करते हैं, तो नियमित रूप से नियमों का पालन करें। • नौ दिनों तक माता की पूजा के समय कलश पूजन जरूर करें। • घर में अखंड दीपक जलाएं जो नवरात्रि के समापन तक लगातार जलता रहे। • माता रानी को नौ दिनों तक लाल रोली, लाल सिंदूर, लाल पुष्प, लाल चुनरी माता को चढ़ाएं। • नियमित रूप से माता के मंत्रों का जाप करें। इससे आपको उनसे शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होगा। मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा 1- नवरात्रि पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना) 2- नवरात्रि दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा 3- नवरात्रि तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा 4- नवरात्रि चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा 5- नवरात्रि पांचवां दिन 26 मार्...

Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च को होगी कलश स्‍थापना, ये है नवरात्रि के पूरे 9 दिन के शुभ मुहूर्त की लिस्‍ट

Chaitra Navratri Ghatasthapana: इस साल की चैत्र नवरात्रि बेहद खास रहने वाली हैं. चैत्र नवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद शुभ रहने वाली है जो कुछ लोगों के लिए नए हिंदू नववर्ष और नवरात्रि में अच्‍छे नतीजे देगी. साथ ही इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होंगी. चैत्र नवरात्रि चैत्र प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि चल चलती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी. 22 मार्च को घटस्‍थापना होगी और 30 मार्च को राम नवमी मनाई जाएगी. अगले दिन हवन-पूजन किया जाएगा और नवरात्रि व्रत रखने वालों का पारण होगा. इस चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएगा लेकिन दोपहर का अभिजीत मुहूर्त बहुत ही उत्तम माना जाता है. हालांकि इस साल 22 मार्च को प्रतिपदा तिथि में अभिजीत मुहूर्त नहीं है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना सुबह के मुहूर्त में करना ही उचित रहेगा. इस लिहाज से बेहतर रहेगा की पूजन सामग्री की व्‍यवस्‍था एक दिन पहले ही कर लें. चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना या घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. फिर आखिरी दिन जवारे का विसर्जन किया जाता है. हवन और कन्‍या पूजन किया जाता है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिन और पूजा मुहूर्त पहला दिन: 22 मार्च, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि रात 08:20 बजे तक रहेगी. दूसरा दिन: 23 मार्च, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शाम 06:20 बजे तक रहेगी, साथ ही पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. तीसरा दिन: 24 मार्च, मां चंद्रघंटा...

Chaitra Navratrti 2023 Bhog List: दिन के अनुसार माता को चढ़ाएं भोग, देखें नौ दिन की पूरी लिस्ट

चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है, जो हिन्दू नववर्ष का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र की शुभ शुरुआत हो जाती है। कई भक्त पूरे नौ दिनों तक व्रत का पालन करते हैं। नवरात्रि के नौ अलग अलग दिन माता के अलग अलग रूपों की पूजा होती है, और हर देवी की पसंद के अनुसार ही उन्हें भोग लगाया जाता है। चलिए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिन के अनुसार भोग की जानकारियां: पहला दिन - माता शैलपुत्री को क्या भोग लगाएं? नवरात्र का प्रथम दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। मान्यता अनुसार माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं और उनका पसंदीदा रंग सफ़ेद है। पहले दिन देवी के भोग में गाय के घी या दूध को प्रयोग में लाना चाहिए। सीधे घी या दूध का चढ़ावा या इनसे बने मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। इससे मां के आशीर्वाद के साथ आरोग्य की प्राप्ति होती है। अनार का फल देवी का पसंदीदा है। दूसरा दिन - माता ब्रह्मचारिणी को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का दिन होता है। इस दिन माता को शक्कर, चीनी या मिश्री, पंचामृत या सफ़ेद मिठाई का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की अराधना से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी के भोग में सेब को शामिल किया जा सकता है। पांचवा दिन - देवी स्कंदमाता को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि के पांचवें दिन दुर्गा के स्कंदमाता रूप का पूजन होता है। इस दिन मां को केले का भोग लगाया जाता है। केले का कोई व्यंजन भी बनाकर भोग में चढ़ाया जा सकता है। इस भोग और माता की अराधना से शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है और करियर में सफलता प्राप्त होती है। नौवां दिन - देवी सिद्धिदात्री को क्या भोग लगाएं? नवरात्रि का आ...

Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च को होगी कलश स्‍थापना, ये है नवरात्रि के पूरे 9 दिन के शुभ मुहूर्त की लिस्‍ट

Chaitra Navratri Ghatasthapana: इस साल की चैत्र नवरात्रि बेहद खास रहने वाली हैं. चैत्र नवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद शुभ रहने वाली है जो कुछ लोगों के लिए नए हिंदू नववर्ष और नवरात्रि में अच्‍छे नतीजे देगी. साथ ही इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होंगी. चैत्र नवरात्रि चैत्र प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि चल चलती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी. 22 मार्च को घटस्‍थापना होगी और 30 मार्च को राम नवमी मनाई जाएगी. अगले दिन हवन-पूजन किया जाएगा और नवरात्रि व्रत रखने वालों का पारण होगा. इस चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएगा लेकिन दोपहर का अभिजीत मुहूर्त बहुत ही उत्तम माना जाता है. हालांकि इस साल 22 मार्च को प्रतिपदा तिथि में अभिजीत मुहूर्त नहीं है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना सुबह के मुहूर्त में करना ही उचित रहेगा. इस लिहाज से बेहतर रहेगा की पूजन सामग्री की व्‍यवस्‍था एक दिन पहले ही कर लें. चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना या घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. फिर आखिरी दिन जवारे का विसर्जन किया जाता है. हवन और कन्‍या पूजन किया जाता है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिन और पूजा मुहूर्त पहला दिन: 22 मार्च, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि रात 08:20 बजे तक रहेगी. दूसरा दिन: 23 मार्च, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शाम 06:20 बजे तक रहेगी, साथ ही पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. तीसरा दिन: 24 मार्च, मां चंद्रघंटा...

Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, पढ़ें ये कथा

• • Faith Hindi • Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें मां शैलपुत्री का पूजन, पढ़ें ये कथा Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें मां शैलपुत्री का पूजन, पढ़ें ये कथा Chaitra Navratri 2023 Day 1: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है और उनका विधि-विधान से पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. Chaitra Navratri 2023 Day 1: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. मां शैलपुत्री के माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है और मान्यता है कि उनका पूजन करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर होता है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ की जाती है और दुर्गा चालीसा के पाठ के बाद पूजा सम्पन्न होती है. इस दिन मां शैलपुत्री की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं. Also Read: • • • मां शैलपुत्री की पूजन विधि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है और इस दिन पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा को तिलक करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. फिर आरती करें और दुर्गा चालीसा पढ़ें. इसके बाद दिन भर व्रत रखें और रात का पूजा करने के बाद व्रत खोलें. माता शैलपुत्री की कथा माता शैलपुत्री का दूसरा नाम सती भी है. एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ का निर्णय लिया इस यज्ञ में सभी देवी देवताओं को निमंत्रण भेजा लेकिन भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा. देवी सती को उम्मीद थी कि उनके पास भी निमंत्र...

Chaitra Navratri 2023 Niyam:चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

Chaitra Navratri Ke Dauran Kya karein Kya Na Karein: चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च 2023 से हो रहा है जो 30 मार्च 2023 तक मनाई जाएगी। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा इस बार नौका की सवारी करके धरती पर आगमन करेंगी। माता का आगमन इस बार काफी शुभ रहेगा और डोली से मां की विदाई होगी। धार्मिक मान्यता है कि 9 दिनों में माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां दुर्गा अपने भक्तों के कष्ट दूर करने नवरात्रि के दिनों में पृथ्वी पर आती हैं। वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन इस दौरान चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों को मानना अनिवार्य है। आइए जानते हैं नवरात्रि पूजन के दौरान क्या करना चाहिए और क्या न करें। चैत्र नवरात्रि में क्या करें • यदि आप घट स्थापना करते हैं, तो नियमित रूप से नियमों का पालन करें। • नौ दिनों तक माता की पूजा के समय कलश पूजन जरूर करें। • घर में अखंड दीपक जलाएं जो नवरात्रि के समापन तक लगातार जलता रहे। • माता रानी को नौ दिनों तक लाल रोली, लाल सिंदूर, लाल पुष्प, लाल चुनरी माता को चढ़ाएं। • नियमित रूप से माता के मंत्रों का जाप करें। इससे आपको उनसे शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होगा। मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा 1- नवरात्रि पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना) 2- नवरात्रि दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा 3- नवरात्रि तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा 4- नवरात्रि चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा 5- नवरात्रि पांचवां दिन 26 मार्...