Chicken pox in hindi

  1. chickenpox in Hindi, लक्षण, इलाज, डॉक्टरी सलाह
  2. Aciclovir in hindi (असिक्लोवीर) की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स
  3. Why is Chickenpox Called ‘Mata’ in India?
  4. आखिर भारत में चिकन पॉक्स को क्यों कहा जाता है माता? ये है पीछे की वजह
  5. चिकन पॉक्स या छोटी माता के घरेलू इलाज। Chicken Pox in Hindi
  6. Chicken Pox Treatment In Hindi चिकन पॉक्स का इलाज और लक्षण हिंदी में !


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chickenpox in Hindi, लक्षण, इलाज, डॉक्टरी सलाह

यदि आप चिकन पॉक्स से संक्रमित है तो दाद नामक रोग आगे चलकर आपको परेशान कर सकता है।Chickenpox in Hindi चिकन पॉक्स बाद में भी आपके शरीर टिकाऊ तंत्रिका तंत्र कोशिकाओं में वैरीसेला जोस्टर नामक वायरस मौजूद रहता है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी यह वायरस फिर से दोबारा सक्रिय हो जाता है। आपको परेशानी फिर से हो जाती है, इस दौरान बहुत ज्यादा सामुह वाला फोड़े निकल आते है और दर्द, जलन होने लगता है। यह घटना तब होता है व्यक्ति बूढे अवस्था में होते है और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, तब यह समस्या होती है। चिकन पॉक्स में नारियल का पानी पीना चाहिये, नारियल के पानी में विटामिन भरपूर रहता है। और इसमे कैलोरी बिल्कुल नहीं होता है, चिकन पॉक्स वाले मरीज़ को नारियल का पानी से ठंडक महसूस होता है तथा एसिडिटी भी नहीं होने देता है। इस दौरान मरीज़ को दही खाना चाहिए, इससे मरीज़ का त्वचा ठीक रहता है, और शरीर ठंढ़ा भी रहता है। आज के पोस्ट में हम सब यही सीखे कि chickenpox in Hindi क्या होता? और यह कितना खतरनाक होता है। और किस उम्र के लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। एवं इसमे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाया जाता है, और क्या नहीं खाया जाता है। इन सारे सवालों का जबाब आपको जरूर मिला होगा। हम आशा करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा।यदि आप ऐसे ही बेहतर जानकारी पाना चाहते तो आप हमे फ्लो कर कर लीजिए। आपके पास कोई सुझाव,या कोई सवाल है तो हमे जरूर बताए। आपके सवालों का जबाब देने के लिए हम जरूर देंगे धन्यबाद! Related Posts: • (20 जबरदस्त तरीके) How to earn money online without… • Blood in Hindi A to Z • ब्लॉगिंग क्या है ब्लॉग्गिंग कैसे शुरू करे | blogging kya hai… • कॉपीराइटर क्या होता हैं? कैसे बने C...

Aciclovir in hindi (असिक्लोवीर) की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स

एंटी-वायरल दवा असिक्लोवीर (Aciclovir), संक्रमित कोशिकाओं पर अटैक करके वायरस के विकास को रोकती है। असिक्लोवीर (Aciclovir) का उपयोग कई वायरल संक्रमणों के उपचार के लिए किया जाता है जैसे कि- • हर्पीज- उपचार के मामले में, 5 दिनों की अवधि के लिए 4 घंटे के अंतराल पर, प्रतिदिन 5 बार 200mg की खुराक दी जाती है। दाद की रोकथाम के लिए, 200mg को 6 से 12 महीने की अवधि के लिए हर 6 घंटे के बाद, दैनिक रूप से 4 बार लिया जाना निर्धारित किया जाता है। • चिकन पॉक्स • शिंगल्स- उपचार के मामले में, एक सप्ताह के लिए प्रतिदिन 4 घंटे के अंतराल पर, 5 मिलीग्राम प्रतिदिन 800 मिलीग्राम की खुराक दी जाती है। • यह सबसे अच्छा है कि यदि आपको दवा या किसी भी सामग्री से एलर्जी है, तो आप असिक्लोवीर (Aciclovir) लेने से बचें। यदि आप असिक्लोवीर (Aciclovir) के उपचार पर हैं और किडनी की समस्याओं, नर्वस सिस्टम की असामान्यताएं या विभिन्न अन्य दवाओं को लेने जैसे अन्य स्वास्थ्य मुद्दों से पीड़ित हैं, तो विशेष देखभाल की जानी चाहिए। यदि आप निम्नलिखित समस्याओं का उपचार करने वाली दवा पर हैं तो डॉक्टर को सूचित करें: • गाउट • दमा • पेप्टिक अल्सर • एक इम्यूनोसप्रेसेन्ट लेना। इस मामले में डॉक्टर, असिक्लोवीर (Aciclovir) को तभी निर्धारित करेगा जब यह आपके लिए सुरक्षित हो। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को असिक्लोवीर (Aciclovir) लेने से पहले चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवा उनके बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। अपने चिकित्सक के विशिष्ट निर्देशों के अनुसार दवा लें। गोली के रूप में उपलब्ध, असिक्लोवीर (Aciclovir) को भोजन से पहले या भोजन के साथ लिया जा सकता है। यदि आप टेबलेट को पूरी तरह से निगल...

Why is Chickenpox Called ‘Mata’ in India?

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आखिर भारत में चिकन पॉक्स को क्यों कहा जाता है माता? ये है पीछे की वजह

हम सभी जानते हैं कि चिकन पॉक्स या खसरा रोग एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी है। इसमें व्यक्ति की बॉडी पर लाल और छोटे दाने होने लगते हैं, जिसमें काफी खुजली होती है। भारत के ज्यादातर इलाकों में इस बीमारी को माताजी कहा जाता है। लेकिन क्या आपको इसका कारण पता है? शरीर में होने वाला इंफेक्शन या माताजी का प्रकोप... वैसे तो साइंस के लिहाज से ये एक नॉर्मल बीमारी है, जिसमें कुछ प्रिकॉशन लेकर इंसान ठीक हो जाता है। लेकिन इंडिया में लोग इसे माताजी का प्रकोप मान लेते हैं। आज हम आपको इसकी वजह बताने जा रहे हैं वो हर वजह, जिसके पीछे साइंस या लॉजिक छिपा है लेकिन उसे माताजी से जोड़ दिया जाता है। वैसे तो हम सारी चीजों को भगवान की मर्जी से जोड़ते हैं, लेकिन चिकन पॉक्स को खासकर शीतला माता से जोड़ा जाता है। शीतला माता को मां दुर्गा का रूप माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि उनकी पूजा करने से चेचक, फोड़े-फूंसी और घाव ठीक हो जाते हैं। दरअसल, शीतला का अर्थ होता है ठंडक। चिकन पॉक्स होने पर बॉडी में काफी इरिटेशन होती है और उस वक्त सिर्फ बॉडी को ठंडक चाहिए होती है। इसलिए कहा जाता है कि शीतला माता की पूजा करने से वो खुश हो जाती हैं, जिससे मरीज की बॉडी को ठंडक पहुंचती है। क्या वाकई माता का गुस्सा है चिकन पॉक्स? मान्यताओं के मुताबिक, चिकन पॉक्स उस इंसान को होता है, जिसपर माता का बुरा प्रकोप पड़ता है। ऐसे में इस दौरान उनकी पूजा करने पर माता व्यक्ति की बॉडी में आती है और बीमारी को ठीक कर देती हैं। लोग चिकन पॉक्स का इलाज करवाने की जगह इस दौरान काफी प्रिकॉशन रखते हैं और 6 से 10 दिन में बीमारी के ठीक होने का इंतजार करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, 90 के दशक तक चिकन पॉक्स के इंजेक्शन नहीं मौजूद थे। इस कारण विद्वानों ...

चिकन पॉक्स या छोटी माता के घरेलू इलाज। Chicken Pox in Hindi

Main points • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • About Chicken Pox in Hindi. चिकन पॉक्स जिसे लोग छोटी माता के नाम से भी जानते हैं। यह कोई माता नहीं बल्कि बहुत संक्रामक रोग है। चिकन पॉक्स में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। ऐसे सवाल अक्सर लोगों के जेहन में आते हैं। इसके अलावा लोग छोटी माता के घरेलू उपचार और छोटी माता के लक्षण के बारे में भी जानकारी हासिल करना चाहते हैं। साथ ही ऐसे बहुत से लोग हैं जो चिकन पॉक्स से बचाव कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में भी जानना चाहते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो आइए जानते हैं चिकन पॉक्स की जानकारी हिंदी में जानना चाहते हैं तो लेख को अंत तक जरूर पढ़े। चिकन पॉक्स को छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। वहीं पुराने समय में चिकन पॉक्स को चेचक भी कहा जाता था। इस रोग के दौरान व्यक्ति के शरीर पर ढेर सारी फूंसिया या दाने निकलने लगते हैं। इन दानों के दौरान न केवल पीड़ित को खुजली होती है। बल्कि इस दौरान व्यक्ति को दर्द भी होता है। साथ ही चिकन पॉक्स के समय व्यक्ति को तेज बुखार होता है और कमजोरी भी आने लगती है। ऐसे में किसी भी स्थिति में चिकन पॉक्स या छोटी माता को हल्के में नहीं आंकना चाहिए। साथ ही अगर आपके घर में या आस पास लोग इस रोग से पीड़ित हैं तो आपको बचाव के भी उपाय करने चाहिए। आपको बता दें कि चिकन पॉक्स एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। अगर आप खुद को चिकन पॉक्स से दूर करना चाहते हैं या फिर चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय खोज रहे हैं, या छोटी माता के लक्षण जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। हम इस लेख में कोशिश करेंगे कि आपको चिकन पॉक्स या छोटी माता से जुड़ी हुई तमाम जानकारिया...

Chicken Pox Treatment In Hindi चिकन पॉक्स का इलाज और लक्षण हिंदी में !

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