छत्रपति शिवाजी महाराज जाती

  1. कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जयंती 2023 बायोग्राफी, इतिहास
  2. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और मुस्लिम समाज
  3. छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कब मनाई जाती है ? जाने इतिहास एवं महत्व
  4. छत्रपति शिवाजी महाराज 392वीं जयंती: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में?
  5. छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन परिचय
  6. Chhatrapati Shivaji Jayanti Know 5 Interesting Things About Shivaji Maharaj
  7. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और मुस्लिम समाज
  8. कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जयंती 2023 बायोग्राफी, इतिहास
  9. छत्रपति शिवाजी महाराज 392वीं जयंती: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में?


Download: छत्रपति शिवाजी महाराज जाती
Size: 73.59 MB

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जयंती 2023 बायोग्राफी, इतिहास

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज? वीर मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी का जीवन परिचय, इतिहास, मृत्यु कैसे हुई, जयंती 2023, वंशज, युद्ध, निबंध (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi, maratha empire Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography hindi) (Jayanti, Death, Family, Katha, Speech, Quotes, Essay, Story hindi) भारत की पवित्र मिट्टी एक ऐसी मिट्टी है जिसने एक से बढ़कर एक योद्धाओं और शूर वीरों को जन्म दिया है। भारत के इन सच्चे सपूतों की शौर्य वीर गाथाएं आज भी मातृभूमि की मिट्टी में अजर अमर है। जब भी भारत के सबसे शूरवीर राजाओं और योद्धाओं की गणना की जाती है तो उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम जरूर लिया जाता है। Advertisements छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे शूरवीर और महान राजाओं में से एक थे जिन्होंने मुग़ल सल्तनत की ईंट से ईंट बजा दी थी। मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज एक अद्वितीय भारतीय योद्धा देशभक्त और कूटनीतिज्ञ थे। शिवाजी महाराज की प्रशासनिक रणनीतियां आज भी युद्ध की सबसे कुशल रणनीतियां मानी जाती हैं। इतना ही नहीं आज पूरी दुनियां उनकी अनूठी छापामार युद्ध की शैली का लोहा मानती है। 19 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र समेत पूरे भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023) मनाई जाएगी। चलिए आज इस खास लेख में छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय इतिहास और जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi : Shivaji History story in Hindi) के बारे में जानते हैं। विषय–सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 बायोग्राफी: (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi...

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और मुस्लिम समाज

इतिहास में अनेक राजा महाराजा हुए हैं। ऐसे राजा जिन्होंने जनता की भलाई के काम किए, लोग उन्हें आज भी याद रखते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज भी ऐसे ही एक महान राजा हुए। जिन्होंने समता ,बंधुता न्याय के मूल्यों पर आधारित स्वराज की स्थापना की थी । अपने शासन काल में बिना किसी भेद भाव के उन्होंने जनकल्याण के कार्य किए। इसीलिए इतने वर्ष गुज़र जाने के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं। अपने राजनीतिक स्वार्थ को लेकर शिवाजी महाराज को एक हिंदू शासक के रूप में किया जता रहा है। क्या शिवाजी महाराज जैसे विशाल व्यक्तित्व को केवल हिन्दू धर्म की फ्रेम से देखा जाना न्यायोचित होगा? शिवाजी महाराज के विशाल व्यक्तित्व को केवल धर्म रक्षक के रूप में प्रस्तुत करना अपने ही महापुरुषों के क़द को घटाने जैसा ही है। शिवाजी महाराज का जीवन हमें बताता है कि उन्होंने अपने शासन काल में एक उच्च आदर्श प्रस्तुत किया। वे संतों, पीर औलिया के साथ साथ सभी धर्मों का सच्चे मन से आदर किया करते थे। इसी लिए जब उन्होंने स्वराज की स्थापना की स्थानीय मराठों के साथ साथ बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के मुसलमानों ने भी उनका साथ दिया। उस ज़माने में जो मराठे शिवाजी महाराज की सेना में रहे उन्हें शिवजी के मावले कहा जाता है. इन मावलो में यहां के हज़ारो मुस्लमान भी शामिल रहे। इसीलिये आज भी कोल्हापुर, सतारा के मुसलमान बड़ी धूम धाम के साथ शिवाजी जयंती के जुलूस में हिस्सा लेते हैं। शिवाजी महाराज के शासन काल में जनकल्याण, न्याय, आपसी भाई चारे को विशेष प्राथमिकता दी जाती रही। इसीलिये वे आज तक लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं । छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का परिवार सूफी संतों का बड़ा आदर किया करता था। उनके दादा ने मुस्लिम पीर बाबा श...

Hindi

छत्रपति शिवाजी महाराज निर्विवाद रूप से भारत के सबसे महान राजाओं में से एक हैं. उनकी युद्ध प्रणालियाँ आज भी आधुनिक युग में अपनायीं जातीं हैं. उन्होंने अकेले दम पर मुग़ल सल्तनत को चुनौती दी थी. शिवाजी के बारे में तथ्यात्मक जानकारी (Factual Information about the Shivaji) नाम: शिवाजी भोंसले जन्म तिथि: 19 फरवरी, 1630 या अप्रैल 1627 जन्मस्थान: शिवनेरी किला, पुणे जिला, महाराष्ट्र पिता: शाहजी भोंसले माता: जीजाबाई शासनकाल: 1674–1680 जीवनसाथी: साईबाई, सोयाराबाई, पुतलाबाई, सकवरबाई, लक्ष्मीबाई, काशीबाई बच्चे: संभाजी, राजाराम, सखुबाई निम्बालकर, रणुबाई जाधव, अंबिकाबाई महादिक, राजकुमारबाई शिर्के धर्म: हिंदू धर्म मृत्यु: 3 अप्रैल, 1680 शासक: रायगढ़ किला, महाराष्ट्र उत्तराधिकारी: संभाजी भोंसले शिवाजी महाराज योद्धा राजा थे और अपनी बहादुरी, रणनीति और प्रशासनिक कौशल के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने हमेशा स्वराज्य और मराठा विरासत पर ध्यान केंद्रित किया था. शिवाजी महाराज, शाहजी भोंसले और जीजा बाई के पुत्र थे. उन्हें पूना में उनकी माँ और काबिल ब्राहमण दादाजी कोंडा-देव की देखरेख में पाला गया जिन्होंने उन्हें एक विशेषज्ञ सैनिक और एक कुशल प्रशासक बनाया था. शिवाजी महाराज, गुरु रामदास से धार्मिक रूप से प्रभावित थे, जिन्होंने उन्हें अपनी मातृभूमि पर गर्व करना सिखाया था. 17वीं शताब्दी की शुरुआत में नए योद्धा वर्ग मराठों का उदय हुआ, जब पूना जिले के भोंसले परिवार को सैन्य के साथ-साथ अहमदनगर साम्राज्य का राजनीतिक लाभ मिला था. भोंसले ने अपनी सेनाओं में बड़ी संख्या में मराठा सरदारों और सैनिकों की भर्ती की थी जिसके कारण उनकी सेना में बहुत अच्छे लड़ाके सैनिक हो गये थे. शिवाजी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ (Important...

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कब मनाई जाती है ? जाने इतिहास एवं महत्व

आधुनिक भारत के सबसे महान शासको के बारे में चर्चा करते समय ‘मराठा गौरव’ छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की चर्चा होना स्वाभाविक है। 17वीं शताब्दी में जब सम्पूर्ण भारतवर्ष मुगलों के अत्याचारों से त्रस्त था ऐसे समय में देशवासियों की उम्मीद की नयी किरण के रूप में देश के पटल पर छत्रपति शिवाजी महाराज का उदय हुआ। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अपने जीवनकाल में मुग़ल एवं अन्य आक्रांता शासको का दृढ़ता से मुकाबला किया गया एवं साहस तथा शौर्य की नवीन परिभाषा गढ़ी गयी। भारतवर्ष में सम्पूर्ण हिन्दू जनमानस छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर एवं सम्मान देते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती (Shivaji Maharaj Jayanti 2023) सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शिवाजी महाराज जयंती कब और क्यों मनाई जाती है सम्बंधित सभी बिन्दुओ के बारे में अवगत कराया जायेगा। साथ ही आर्टिकल के माध्यम से आप शिवाजी महाराज के जीवन के अन्य पहलुओं से भी परिचित हो सकेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती • छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) ‘मराठा गौरव’ छत्रपति शिवाजी महाराज आधुनिक भारत में सिंहपुरुष के रूप में जाने जाते है। मराठा साम्राज्य को सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्थापित करने में छत्रपति शिवाजी महाराज का योगदान महत्वपूर्ण है। मराठा साम्राज्य को एक छोटे से राज्य से सम्पूर्ण भारतवर्ष का सबसे महत्वपूर्ण साम्राज्य बनाने में छत्रपति शिवाजी महाराज की बुद्धिमता एवं साहस का परिचय दिखाई देता है। जब दिल्ली की गद्दी पर अत्याचारी मराठा साम्राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वारा सभी वर्ग, जाति एवं धर्म के लोगों को बराबरी के अधिकार प्रदान किए ग...

छत्रपति शिवाजी महाराज 392वीं जयंती: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में?

नई दिल्ली, 19 फरवरी: मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती है। देशभर में राष्ट्र के महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। इतिहास इस बात का गवाह है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुकता था और न ही अहंकारी अंग्रेजों के आगे। 19 फरवरी 1630 को पुणे के शिवनेरी दुर्ग में जीजाबाई और शाहजी भोंसले के घर जन्मे शिवाजी राजे भोंसले या शिवाजी को मराठा साम्राज्य का सबसे महान योद्धा राजा माना जाता है। हर साल 19 फरवरी को मराठा राजा की जयंती को चिह्नित करने के लिए महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में "शिव जयंती" बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। - शिवाजी महाराज एक उत्कृष्ट युद्ध रणनीतिकार थे। उन्हें कम उम्र में ही सेना की ताकत का महत्व समझ में आ गया था। उनके पिता ने 2,000-पुरुष सेना दी थी, जिनको उन्होंने 10,000 सैनिकों में परिवर्तित कर दिया। प्रतापगढ़ की लड़ाई हो, सूरत की लड़ाई हो या सिंहगढ़ की लड़ाई, सीमित संसाधनों के बावजूद शिवाजी ने जीत दर्ज की। उनकी सैन्य तैयारी और युद्ध कौशल बेजोड़ था। - शिवाजी ने हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों के लिए काम किया और अपने क्षेत्र में एक महान नागरिक शासन स्थापित किया। उन्होंने गरीबों को अपनी सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। Shivaji Jayanti 2022: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में? | वनइंडिया हिंदी - शिवाजी सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे। उन्होंने कभी किसी धार्मिक स्थल पर हमला नहीं किया। उन्होंने अपनी हिंदू धार्मिक मान्यताओं से समझौता किए बिना सभी धर्मों को समायोजित किया। उनके कई भरोसेमंद योद्धा मुसलमान थे। -शिवाजी जबर...

छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन परिचय

Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography or Jayanti 2022: शिवाजी का दूसरा नाम शिवाजी शहाजी राजे भोसले था, जिन्हें छत्रपति शिवाजी के नाम से भी जाना जाता है। मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को, शिवनेरी किले, पुणे, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वह पिता शाहजी और माता जीजाबाई के पुत्र थे। शिवाजी ने कम उम्र में ही सही शिक्षा अपने माता पिता से प्राप्त कर ली थी। उनकी अदम्य भावना और बुद्धिमत्ता व्यक्ति थे। उन्होंने धार्मिक शिक्षाओं के साथ-साथ युद्ध के सभी कौशल सीखे। उन्होंने अपने चरित्र की मजबूत विशेषताएं को अपनी मां से ग्रहण की थी। वह यह सीखते हुए बड़े हुए हैं कि जाति और धर्म के बावजूद हर कोई समान है। छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती प्रतिवर्ष मराठा सम्राट शिवाजी महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। महाराष्ट्र के लोग इस दिन को बहुत जोश के साथ मनाते हैं। शिवाजी जयंती भी राज्य में एक सार्वजनिक अवकाश है। योद्धा के साहस और बलिदान का सम्मान करने के लिए इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जुलूसों का आयोजन किया जाता है। 5 शिवाजी जयंती 2022 में कब है (Shivaji Jayanti Kab hai 2022 mein) छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन परिचय ( Shivaji Maharaj Biography in Hindi) • शिवाजी पूरा नाम – शिवाजी शहाजी राजे भोसले • शिवाजी का जन्म -19 फ़रवरी 1630 • शिवाजी का जन्म स्थान – शिवनेरी दुर्ग, पुणे • शिवाजी के माता/पिता का नाम- जीजाबाई, शहाजी राजे • शिवाजी की पत्नी का नाम – साईंबाई, सकबारबाई, पुतलाबाई, सोयाराबाई • शिवाजी की बेटे-बेटी का नाम – राजाराम, दिपाबाई, सखुबाई, राजकुंवरबाई, रानुबाई, कमलाबाई, अंबिकाबाई • शिवाजी की मृत्यु कब हुई – 3 अप्रैल 1680 को। Shivaji Jayanti छत्रपति शिवाजी महारा...

Chhatrapati Shivaji Jayanti Know 5 Interesting Things About Shivaji Maharaj

यह भी पढ़ें • "छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाएंगे, स्वराज, सुशासन और आत्मनिर्भरता की यात्रा होगी..": PM मोदी • पीएम मोदी ने मुंबई को दी 2 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, कहा- ये आधुनिक होते भारत की शानदार तस्वीर • छत्रपति शिवाजी महाराज के रोल में अक्षय कुमार की हुई शरद केलकर से तुलना, फैन्स ने कही यह बात 1. बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे. युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक बन गया और वह शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि जीतने लगे. 2. शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य नहीं है. शिवाजी की सेना तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे, साथ ही अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे. वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था. 3. शिवाजी महाराज का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था. उनके पुत्र का नाम सम्भाजी था. सम्भाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे, जिन्होंने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया. 4. शिवाजी ने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार की थी. उन्हीं के शासन काल में गुरिल्ला युद्ध के प्रयोग का भी प्रचलन शुरू हुआ. उन्होंने नौसेना भी तैयार की थी. भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है. Listen to the 5. मराठा सम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी की मृत्यु 03 अप्रैल 1680 को उनके रायगढ़ फोर्ट में हुई थी. उनके निधन को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि उनकी मृत्यु स्वाभाविक थी, लेकिन क...

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और मुस्लिम समाज

इतिहास में अनेक राजा महाराजा हुए हैं। ऐसे राजा जिन्होंने जनता की भलाई के काम किए, लोग उन्हें आज भी याद रखते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज भी ऐसे ही एक महान राजा हुए। जिन्होंने समता ,बंधुता न्याय के मूल्यों पर आधारित स्वराज की स्थापना की थी । अपने शासन काल में बिना किसी भेद भाव के उन्होंने जनकल्याण के कार्य किए। इसीलिए इतने वर्ष गुज़र जाने के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं। अपने राजनीतिक स्वार्थ को लेकर शिवाजी महाराज को एक हिंदू शासक के रूप में किया जता रहा है। क्या शिवाजी महाराज जैसे विशाल व्यक्तित्व को केवल हिन्दू धर्म की फ्रेम से देखा जाना न्यायोचित होगा? शिवाजी महाराज के विशाल व्यक्तित्व को केवल धर्म रक्षक के रूप में प्रस्तुत करना अपने ही महापुरुषों के क़द को घटाने जैसा ही है। शिवाजी महाराज का जीवन हमें बताता है कि उन्होंने अपने शासन काल में एक उच्च आदर्श प्रस्तुत किया। वे संतों, पीर औलिया के साथ साथ सभी धर्मों का सच्चे मन से आदर किया करते थे। इसी लिए जब उन्होंने स्वराज की स्थापना की स्थानीय मराठों के साथ साथ बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के मुसलमानों ने भी उनका साथ दिया। उस ज़माने में जो मराठे शिवाजी महाराज की सेना में रहे उन्हें शिवजी के मावले कहा जाता है. इन मावलो में यहां के हज़ारो मुस्लमान भी शामिल रहे। इसीलिये आज भी कोल्हापुर, सतारा के मुसलमान बड़ी धूम धाम के साथ शिवाजी जयंती के जुलूस में हिस्सा लेते हैं। शिवाजी महाराज के शासन काल में जनकल्याण, न्याय, आपसी भाई चारे को विशेष प्राथमिकता दी जाती रही। इसीलिये वे आज तक लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं । छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का परिवार सूफी संतों का बड़ा आदर किया करता था। उनके दादा ने मुस्लिम पीर बाबा श...

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जयंती 2023 बायोग्राफी, इतिहास

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज? वीर मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी का जीवन परिचय, इतिहास, मृत्यु कैसे हुई, जयंती 2023, वंशज, युद्ध, निबंध (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi, maratha empire Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography hindi) (Jayanti, Death, Family, Katha, Speech, Quotes, Essay, Story hindi) भारत की पवित्र मिट्टी एक ऐसी मिट्टी है जिसने एक से बढ़कर एक योद्धाओं और शूर वीरों को जन्म दिया है। भारत के इन सच्चे सपूतों की शौर्य वीर गाथाएं आज भी मातृभूमि की मिट्टी में अजर अमर है। जब भी भारत के सबसे शूरवीर राजाओं और योद्धाओं की गणना की जाती है तो उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम जरूर लिया जाता है। Advertisements छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे शूरवीर और महान राजाओं में से एक थे जिन्होंने मुग़ल सल्तनत की ईंट से ईंट बजा दी थी। मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज एक अद्वितीय भारतीय योद्धा देशभक्त और कूटनीतिज्ञ थे। शिवाजी महाराज की प्रशासनिक रणनीतियां आज भी युद्ध की सबसे कुशल रणनीतियां मानी जाती हैं। इतना ही नहीं आज पूरी दुनियां उनकी अनूठी छापामार युद्ध की शैली का लोहा मानती है। 19 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र समेत पूरे भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023) मनाई जाएगी। चलिए आज इस खास लेख में छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय इतिहास और जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi : Shivaji History story in Hindi) के बारे में जानते हैं। विषय–सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 बायोग्राफी: (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi...

छत्रपति शिवाजी महाराज 392वीं जयंती: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में?

नई दिल्ली, 19 फरवरी: मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती है। देशभर में राष्ट्र के महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। इतिहास इस बात का गवाह है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुकता था और न ही अहंकारी अंग्रेजों के आगे। 19 फरवरी 1630 को पुणे के शिवनेरी दुर्ग में जीजाबाई और शाहजी भोंसले के घर जन्मे शिवाजी राजे भोंसले या शिवाजी को मराठा साम्राज्य का सबसे महान योद्धा राजा माना जाता है। हर साल 19 फरवरी को मराठा राजा की जयंती को चिह्नित करने के लिए महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में "शिव जयंती" बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। - शिवाजी महाराज एक उत्कृष्ट युद्ध रणनीतिकार थे। उन्हें कम उम्र में ही सेना की ताकत का महत्व समझ में आ गया था। उनके पिता ने 2,000-पुरुष सेना दी थी, जिनको उन्होंने 10,000 सैनिकों में परिवर्तित कर दिया। प्रतापगढ़ की लड़ाई हो, सूरत की लड़ाई हो या सिंहगढ़ की लड़ाई, सीमित संसाधनों के बावजूद शिवाजी ने जीत दर्ज की। उनकी सैन्य तैयारी और युद्ध कौशल बेजोड़ था। - शिवाजी ने हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों के लिए काम किया और अपने क्षेत्र में एक महान नागरिक शासन स्थापित किया। उन्होंने गरीबों को अपनी सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। Shivaji Jayanti 2022: जानें मराठा साम्राज्य के सबसे महान योद्धा के बारे में? | वनइंडिया हिंदी - शिवाजी सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे। उन्होंने कभी किसी धार्मिक स्थल पर हमला नहीं किया। उन्होंने अपनी हिंदू धार्मिक मान्यताओं से समझौता किए बिना सभी धर्मों को समायोजित किया। उनके कई भरोसेमंद योद्धा मुसलमान थे। -शिवाजी जबर...