चुंबकीय आघूर्ण का फार्मूला

  1. 05: चुंबकत्व एवं द्रव्य / Bhautiki
  2. चुंबकीय क्षेत्र क्या है इसकी तीव्रता का SI मात्रक, विमीय सूत्र, फार्मूला, विद्युत क्षेत्र में संबंध
  3. दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण Magnetic moment of bar magnetic in hindi – 11th , 12th notes In hindi
  4. चुंबकीय आघूर्ण किसे कहते हैं? » Chumbakiye Aaghurn Kise Kehte Hain
  5. चुंबकत्व एवं द्रव्य के नोट्स
  6. चुंबकीय गुण किसे कहते हैं
  7. चुम्बकीय द्विध्रुव तथा चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा क्या है ,सूत्र , मात्रक magnetic dipole moment – 11th , 12th notes In hindi
  8. चुंबकीय आघूर्ण की परिभाषा दीजिए? » Chumbakiye Aaghurn Ki Paribhasha Dijiye
  9. चुम्बकीय आघूर्ण


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05: चुंबकत्व एवं द्रव्य / Bhautiki

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चुंबकीय क्षेत्र क्या है इसकी तीव्रता का SI मात्रक, विमीय सूत्र, फार्मूला, विद्युत क्षेत्र में संबंध

विषय सूची • • • • चुंबकीय क्षेत्र जब किसी चुंबक के समीप किसी छोटी चुंबकीय सुई को लटकाते हैं तो वह चुंबकीय सुई सदैव एक निश्चित दिशा में रुक जाती है। अब यदि हम चुंबक को आगे पीछे करते हैं तो वह चुंबकीय सुई भी चुंबक के साथ साथ ही आगे पीछे होकर स्थिर दिशा में आकर रूक जाती है। तब इससे यह पता चलता है कि चुंबक के समीप चुंबकीय सुई पर एक बल आघूर्ण कार्य करता है जो चुंबकीय सुई को घूमाकर एक निश्चित दिशा में ले आता है। अर्थात् किसी चुंबक के चारों का वह क्षेत्र, जिसमें किसी चुंबकीय सुई पर एक बल-आघूर्ण कार्य करता है। जिस कारण चुंबकीय सुई घूमकर एक निश्चित दिशा में आकर रूक जाती है। चुंबक के चारों ओर के इस क्षेत्र को चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field in Hindi) कहते हैं। चुंबकीय क्षेत्र का मात्रक सूत्र F = qBV से जहां F = चुंबकीय बल q = चुंबकीय क्षेत्र में कण पर आवेश V = कण का वेग B = चुंबकीय क्षेत्र है तो B = \frac यही विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र के बीच संबंध का सूत्र है। Note – गतिमान आवेश अपने चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। जबकि स्थिर आवेश केवल विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।

दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण Magnetic moment of bar magnetic in hindi – 11th , 12th notes In hindi

कक्षीय इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण (Magnetic moment of orbital moment ) : हम जानते है किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते है , चूँकि ये गतिशील है इसलिए चक्कर लगा रहे है और हम यह भी जानते है की गतिशील इलेक्ट्रॉन धारा प्रवाह का कारण होता है अतः इलेक्ट्रॉन का नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाना धारा प्रवाह के समान होता है इसलिए परमाणु की प्रत्येक कक्षा चुम्बकीय द्विध्रुव की तरह व्यवहार करती है

चुंबकीय आघूर्ण किसे कहते हैं? » Chumbakiye Aaghurn Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न है कि चुंबकीय आघूर्ण क्या है तो आपके प्रश्न का उत्तर यह है कि किसी चुंबकीय चुंबकीय आघूर्ण वह राशि है जो बताती है कि उस चुंबक को किसी वाहे चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर वह कितना बल आघूर्ण अनुभव करेगा aapka prashna hai ki chumbakiye aaghurn kya hai toh aapke prashna ka uttar yah hai ki kisi chumbakiye chumbakiye aaghurn vaah rashi hai jo batati hai ki us chumbak ko kisi wahey chumbakiye kshetra mein rakhne par vaah kitna bal aaghurn anubhav karega आपका प्रश्न है कि चुंबकीय आघूर्ण क्या है तो आपके प्रश्न का उत्तर यह है कि किसी चुंबकीय चुं

चुंबकत्व एवं द्रव्य के नोट्स

चुंबकत्व एवं द्रव्य 12वीं भौतिकी का पांचवा अध्याय है इस अध्याय के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स है। जैसे – पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, चुंबकीय बल रेखाएं, चुंबकीय पदार्थ, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के अवयव आदि। इन सभी को Gyan Tracks द्वारा इस लेख के अंतर्गत अलग अलग रखा है ताकि आप सभी को इस पाठ को समझने में आसानी हो सके। चुम्बकन तीव्रता किसी पदार्थ के प्रति एकांक आयतन में उपस्थित परिणामी चुंबकीय आघूर्ण को उस पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता कहते हैं। इसे \small \overrightarrow चुम्बकन तीव्रता एक सदिश राशि है। इसका मात्रक एंपियर/मीटर होता है। तथा M चुंबकीय आघूर्ण है। चुंबकत्व के लिए गौस का नियम किसी बन्द पृष्ठ से गुजरने वाला कुल चुंबकीय फ्लस्क सदैव शून्य होता है। अर्थात् \footnotesize \boxed जहां μ r को आपेक्षिक चुंबकशीलता कहते हैं। यह एक विमाहीन राशि है। इस समीकरण को अपेक्षित चुंबकशीलता एवं चुंबकीय प्रवृत्ति के बीच संबंध का सूत्र कहते हैं। Physics class 12 chapter 5 notes in Hindi चुंबकत्व तथा द्रव्य पाठ को Gyan Tracks team द्वारा विभिन्न भागों में विभाजित किया है। ताकि समझने में आसानी हो। इन सभी भागों का लिंक नीचे दिया गया है। • • • • •

चुंबकीय गुण किसे कहते हैं

magnetic properties in hindi चुंबकीय गुण किसे कहते हैं | ठोस में चुम्बकीय गुण की परिभाषा क्या है ? परिभाषा : किसी पदार्थ का चुम्बक की तरह अथवा चुम्बक के प्रति व्यवहार को ही उस पदार्थ का चुम्बकीय गुण कहते है | ठोसों के चुम्बकीय गुण (magnetic properties of solids) : ठोसों में चुम्बकीय गुणों की उत्पत्ति इलेक्ट्रॉनों के कारण होती है। प्रत्येक इलेक्ट्रॉन एक सूक्ष्म चुम्बक के समान व्यवहार करता है। जैसा कि हम जानते है , इलेक्ट्रॉन दो प्रकार की गति करता है। 1. अनुचुम्बकीय ठोस (paramagnetic solids) : ऐसे ठोस जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर , दुर्बल रूप से आकर्षित होते है वे अनुचुम्बकीय ठोस कहलाते है। यह गुण अनुचुम्बकत्व (paramagnetism) कहलाता है। इनमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है। अत: ये चुम्बकीय क्षेत्र की तरफ आकर्षित होते है। ये चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बक की तरह व्यवहार प्रदर्शित करते है। ये ठोस चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में चुम्बकीय गुण खो देते है। अत: इनमें चुम्बकीय गुण अस्थायी होता है। उदाहरण के लिए – Co , Ni , Fe , Cu , Cu 2+ , Fe 3+ , TiO , CuO आदि। 2. प्रतिचुम्बकीय ठोस (diamagnetic solids) : ऐसे ठोस , जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते है वे प्रतिचुम्बकीय ठोस कहलाते है। इनमें सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित अवस्था में होते है। अत: एक इलेक्ट्रॉन द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण का प्रभाव , विपरीत चक्रण वाले दुसरे इलेक्ट्रॉन द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण से निरस्त हो जाता है। यह गुण प्रतिचुम्बकत्व (diamagnetism) कहलाता है। उदाहरण के लिए – संयोजकता कक्ष में दो इलेक्ट्रॉन युक्त आयन जैसे – H – , Li + , Be +2 आदि संयोजकता कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन यु...

चुम्बकीय द्विध्रुव तथा चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा क्या है ,सूत्र , मात्रक magnetic dipole moment – 11th , 12th notes In hindi

Magnetic dipole and magnetic dipole moment in hindi चुम्बकीय द्विध्रुव किसे कहते है ? और चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा क्या है , विमा , मात्रक प्रस्तावना : यहाँ हम इन दोनों के बारे में विस्तार से अध्ययन करने जा रहे है की ये दोनों क्या होते है साथ ही इनके लिए सूत्र की स्थापना भी करेंगे। चुम्बकीय द्विध्रुव (Magnetic dipole ) : हमने ठीक इसी प्रकार “जब किसी वस्तु को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए और इस वस्तु पर बल युग्म कार्य करे तो यह वस्तु चुंबकीय द्विध्रुव कहलाती है। ” जब दण्ड चुम्बक , धारावाही कुण्डली अथवा जब किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में दंड चुम्बक को रखा जाता है तो इस दंड चुंबक पर एक बल युग्म कार्य करता है जिसके कारण यह चुम्बक अपनी माध्य स्थिति से विचलित होकर चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (magnetic dipole moment) संक्रमण धातु संकुलों के चुम्बकीय गुण : संक्रमण तत्वों के संकुलों के अध्ययन में इलेक्ट्रॉनिक स्पेक्ट्रोस्कोपी का काफी महत्व है। इसके साथ ही चुम्बकीय गुणों का भी इसमें काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चूँकि संक्रमण तत्व संकुलों में आंशिक रूप से भरे हुए d कक्षक विद्यमान होते है अत: इनमे चुम्बकीय गुण पाए जाते है। केन्द्रीय धातु परमाणु के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास , ऑक्सीकरण अवस्था और उपसह्संयोजन संख्या के अनुसार संक्रमण धातु संकुलों में चुम्बकीय गुणों की विविधता पाई जाती है। चुम्बकीय गुणों का अध्ययन करने से पहले हम चुम्बकत्व और चुम्बकीय गुणों से सम्बन्धित कुछ पदों की व्याख्या करेंगे : 1. ध्रुव शक्ति : एक इकाई ध्रुव उसे कहा जाता है जो वायु या निर्वात में रखने पर दूसरे इकाई शक्ति वाले ध्रुव को एक डाइन बल से प्रतिकर्षित करे या आकर्षित करे। 2. चुम्बकीय आघूर्ण : किसी छड चुम्बक...

चुंबकीय आघूर्ण की परिभाषा दीजिए? » Chumbakiye Aaghurn Ki Paribhasha Dijiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। चुंबकीय आघूर्ण इसका मतलब यह होता है कि जब हम किसी चुंबक का यूज़ करते हैं किसी मैग्नेट कम लोग यूज़ करते हैं तो उसके चारों तरफ एक एरिया बन जाता है जिसके अंदर उसके अंदर मैग्नेटिक स्पीड जान निकलती है नोट फोन से साउथ वालों की तो वह एरिया के अंदर जब भी हम किसी चीज को डालते हैं किसी मैगनेट जिसको इफेक्ट करते उस चीज को जब हम डालते हैं तो वह चीज उसको सीरियस पटेरिया के अंदर अंदर घुस के अंदर जाती है वह चुंबक से ट्रस्ट हो जाती है उसके तरफ जाने की कोशिश करती है इसी को चुंबकीय आघूर्ण बोलते हैं chumbakiye aaghurn iska matlab yah hota hai ki jab hum kisi chumbak ka use karte hain kisi magnet kam log use karte hain toh uske charo taraf ek area ban jata hai jiske andar uske andar magnetic speed jaan nikalti hai note phone se south walon ki toh vaah area ke andar jab bhi hum kisi cheez ko daalte hain kisi magnet jisko effect karte us cheez ko jab hum daalte hain toh vaah cheez usko serious pateriya ke andar andar ghus ke andar jaati hai vaah chumbak se trust ho jaati hai uske taraf jaane ki koshish karti hai isi ko chumbakiye aaghurn bolte hain चुंबकीय आघूर्ण इसका मतलब यह होता है कि जब हम किसी चुंबक का यूज़ करते हैं किसी मैग्नेट कम ल

चुम्बकीय आघूर्ण

I तथा क्षेत्रफल S वाले लूप का चुम्बकीय आघूर्ण μ → – लूप धारा द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है जो लूप के क्षेत्र के लम्बवत होती है जैसा चित्र में दिखाया गया है। सन्दर्भ [ ] • العربية • Asturianu • Беларуская • Български • বাংলা • Català • Čeština • Чӑвашла • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Nordfriisk • Gaeilge • Galego • עברית • Hrvatski • Magyar • Հայերեն • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • 한국어 • Lietuvių • Македонски • मराठी • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Polski • Português • Română • Русский • Srpskohrvatski / српскохрватски • Simple English • Slovenčina • Slovenščina • Српски / srpski • Türkçe • Татарча / tatarça • Українська • اردو • Oʻzbekcha / ўзбекча • Tiếng Việt • 中文 • 粵語