दधिमती माता की आरती

  1. शुक्रवार आरती
  2. आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
  3. श्री दधिमति माता आरती I Shri Dadhimati Mata Ki Aarti
  4. लक्ष्मी आरती – Laxmi Aarti PDF Hindi – InstaPDF
  5. आरती श्री सरस्वती जी


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शुक्रवार आरती

शुक्रवार आरती जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन को, सुख सम्पत्ति दाता॥ जय सन्तोषी माता॥ सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों। हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार कीन्हों॥ जय सन्तोषी माता॥ गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे। मन्द हंसत करुणामयी, त्रिभुवन मन मोहे॥ जय सन्तोषी माता॥ स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरें प्यारे। धूप दीप मधुमेवा, भोग धरें न्यारे॥ जय सन्तोषी माता॥ गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो। सन्तोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो॥ जय सन्तोषी माता॥ शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही। भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही॥ जय सन्तोषी माता॥ मन्दिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई। विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई॥ जय सन्तोषी माता॥ भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै। जो मन बसै हमारे, इच्छा फल दीजै॥ जय सन्तोषी माता॥ दुखी दरिद्री, रोग, संकट मुक्त किये। बहु धन-धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिये॥ जय सन्तोषी माता॥ ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो। पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो॥ जय सन्तोषी माता॥ शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदम्बे। संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे॥ जय सन्तोषी माता॥ सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे। ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति, जी भरकर पावे॥ जय सन्तोषी माता॥ • ॐ जय जगदीश हरे • श्री गणेशजी की आरती • आरती गजबदन विनायक • आरती श्री गणपति जी • आरती कुंजबिहारी की • श्री बाँकेबिहारी की आरती • आरती श्री हनुमानजी • आरती श्री रामचन्द्रजी • श्री रामायणजी की आरती • शिवजी की आरती • आरती श्री सत्यनारायणजी • आरती श्री सूर्य जी • श्री पुरुषोत्तम देव की आरती • शनिदेव की आरती • श्री नरसिंह भगवान की आरती • आरती श्री गोवर्धन महाराज की • श्री चित्रगुप्त जी की आरती • आरती श्री अम्बा जी • आरत...

आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

Read in English जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी । सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे । मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी । आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों । बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी] मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती । श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे । कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

श्री दधिमति माता आरती I Shri Dadhimati Mata Ki Aarti

श्री दधिमति माता की आरती हिंदी में श्री दधिमति माता आरती : राजस्थान के नागौर जिले के जायल तहसील के गोठ मांगलोद गांव में दधिमति माता का विशाल मन्दिर स्थित है। यह भारत के उत्तरी भाग में पुराने मन्दिरों में से एक प्रशिद्ध मंदिर माना जाता हैं ! प्राचीन ग्रंथो के अनुसार दधीचि ऋषि की बहिन थीं माँ दधिमति ! माँ दधिमति का जन्म माघ महीने के शुक्लपक्ष की सप्तमी को हुआ था ! माघ महीने की अष्टमी को माँ दधिमति ने दधी नगर में दैत्य विकटासुर को मार गिराया था। दधिमति देवी को लक्ष्मीजी का अवतार माना जाता हैं ! दाधीच (ब्राह्मण ) की कुलदेवी और कुलमाता के रूप में दधिमति माता की मान्यता हैं ! -: अन्य आरती संग्रह :- धोली सती दादी की आरती माँ शाकंभरी माता की आरती राणी सती दादी की आरती श्री ब्रह्माणी माता की आरती श्री सति सावित्री माता आरती ********************* श्री दधिमति माता आरती ॐ जय दधिमति माता, मैया जय दधिमति माता I सुख करणी दुःख हरणी, ईश्वर अन्न दाता II ॐ जय दधिमति माता.. (१) आदि शक्ति महारानी, मैया त्रिभुवन जग माता I प्रकट पाल लय करणी, सुर नर मुनि ध्याता II ॐ जय दधिमति माता..(२) विष्णु पति है तिहारो, मैया शान्ति है माता I पिता अथर्व महर्षि, दधिची मुनि भ्राता II ॐ जय दधिमति माता.. (३) सार चुरा विकटासुर, मैया दधि बिच ले जाता I दधिमति विकट विडारयो, करी जग सुख साता II ॐ जय दधिमति माता.. (४) प्रकट भई भू लोक में, मैया मांगलोद माता I अटल ज्योति जगती है, दर्शन मन भर आता II ॐ जय दधिमति माता.. (५) शीश छत्र सुवर्ण को विराजे, मैया वसन सुर्ख राता I रूप अनूप रति, पति सुकचाता II ॐ जय दधिमति माता .. (६) देश देश के यात्री, मैया दर्शन करन आता, देख छवि माता की I चित्त खुश हो जाता II ॐ जय दधिमति माता.. (७) हु...

लक्ष्मी आरती – Laxmi Aarti PDF Hindi – InstaPDF

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आरती श्री सरस्वती जी

आरती श्री सरस्वती जी जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ जय सरस्वती माता॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला। शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥ जय सरस्वती माता॥ देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥ जय सरस्वती माता॥ विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो। मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥ जय सरस्वती माता॥ धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो। ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥ जय सरस्वती माता॥ माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे। हितकारी सुखकारी ज्ञान भक्ति पावे॥ जय सरस्वती माता॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता॥