डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

  1. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा क्या है? – ElegantAnswer.com
  2. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में 21 रोचक तथ्य
  3. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, अवार्ड्स, किताबें, राजनितिक जीवन)
  4. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी
  5. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवनी
  6. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन लाइफ स्टोरी


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डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा क्या है? – ElegantAnswer.com

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा क्या है? इसे सुनेंरोकेंशिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति। वह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है। करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परंपराओं का विकास भी शिक्षा के उद्देश्य हैं। राधा कृष्ण के अनुसार शिक्षक की सही परिभाषा क्या है? इसे सुनेंरोकेंवे कहते थे कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होता और शिक्षा को एक मिशन नहीं मानता तब तक अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने अनेक वर्षों तक अध्यापन किया। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। उनका कहना था कि शिक्षक उन्हीं लोगों को बनाया जाना चाहिए जो सबसे अधिक बुद्धिमान हों। डॉ राधाकृष्णन की शादी कब हुई? इसे सुनेंरोकेंउस समय मद्रास के ब्राह्मण परिवारों में कम उम्र में ही शादी सम्पन्न हो जाती थी और राधाकृष्णन भी उसके अपवाद नहीं रहे। 1903 में 16 वर्ष की आयु में ही उनका विवाह दूर के रिश्ते की बहन ‘सिवाकामू’ के साथ सम्पन्न हो गया। उस समय उनकी पत्नी की आयु मात्र 10 वर्ष की थी। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निबंध कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान व्यक्ति थे जो दो कार्यकाल तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति और उसके बाद देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। वो एक अच्छे शिक्षक, दर्शनशास्त्री और लेखक भी थे। विद्यार्थियों के द्वारा शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को भारत में हर वर्ष उनके जन्मदिन को मनाया जाता है। राधा कृष्णा के अनुसार भारतीय संस्कृति की आत्मा क्या है? इसे सुनेंरोकेंफिर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपना लिया। ...

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में 21 रोचक तथ्य

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में 21 रोचक तथ्य – Dr Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi 1. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को एक ब्राह्मण परिवार में तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था। यह गांव चेन्नई से 64 किलोमीटर दूर स्थित है। 2. डॉक्टर राधाकृष्णन के पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी और माता का नाम सीताम्मा था। पिता वीरास्वामी गरीब परंतु पढ़े-लिखे थे और राजस्व विभाग (Revenue Department) में नौकरी करते थे। 3. कुल छह भाई-बहन होने के कारण डॉक्टर सर्वपल्ली के पिता बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा कर पाते थे। पाँच भाइयों और एक बहन में सर्वपल्ली राधाकृष्णन दूसरे थे और इतने बड़े परिवार में उनका बचपन कुछ अभाव में ही बीता। 4. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 1896 तक के पहले 8 वर्ष तिरूतनी में ही बीते। इसके बाद उन्हें तिरूपति में 1896 से 1900 तक एक क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में भेजा गया। 1900 से 1904 तक उनकी शिक्षा वेल्लूर में हुई। 5. वेल्लूर के बाद उन्होंने ‘मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज’ में दाख़िला ले लिया। यहां से उन्होंने 1906 में ही दर्शनशास्त्र (Philosophy) में M.A. की डिग्री हासिल कर ली। मेधावी छात्र होने के कारण उन्हें अपने छात्र जीवन में लगातार छात्रवृत्तियां मिलती रहीं। 6. उस समय की प्रचलित परिपाटी के अनुसार ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन का विवाह भी 16 वर्ष की कम आयु में दूर के रिश्ते की बहन सिवाकामू से के साथ हो गया। उस समय सिवाकामू की आयु मात्र 10 साल थी और उन्होंने विवाह के 3 वर्ष पश्चात ही अपने पति के साथ रहना शुरू किया। 7. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सिवाकामू ने 5 बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया। इकलौता बेटा सर्वपल्ली गोपाल आगे चलकर एक विख्यात इतिहासकार बना। 8. अप्रैल 1909 में...

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, अवार्ड्स, किताबें, राजनितिक जीवन)

विषय सूची • • • • • • • • • • • • • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी एक नज़र में नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म और स्थान 5 सितंबर 1888, तिरुतनी (तमिलनाडु) पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी माता का नाम सिताम्मा पत्नी का नाम सिवाकामू पद भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति निधन 17 अप्रैल 1975, चेन्नई डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म डॉ. राधाकृष्णन का जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के गाँव तिरुतनी में हुआ था। राधाकृष्णन की माताजी का नाम सिताम्मा और पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी था। इनके पिता गरीब होते हुए भी विद्वान और स्वाभिमानी स्वभाव के थे। इनके पूर्वज सर्वपल्ली गाँव में रहते थे, इसलिए इनके परिवार के सभी सदस्य अपना उपनाम सर्वपल्ली लगाते थे। इनके परिवार में इनके माता-पिता के अलावा चार भाई और एक बहनें थी। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा और करियर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन ही पढाई में होशियार थे, उन्होंने स्नातक की शिक्षा लुथर्न मिशन स्कूल, तिरूपति में 1904 में कला वर्ग में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण की। राधाकृष्णन की विशेष रूचि इतिहास, इनकी भारतीय दर्शन और अध्यात्म में अधिक रूचि होने के कारण 1916 में दर्शनशास्त्र में एम.ए किया और मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में फिलोसोफी के सहायक प्राध्यापक के रूप में काम करने लगे। इसके बाद सन 1918 में आपने मैसूर यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात आपने इंग्लैंड की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में भी बतौर प्रोफेसर काम किया। डॉ. राधाकृष्णन ने कुछ समय तक बनारस विश्वविद्यालय में उपकुलपति के रूप में भी काम किया इसी दौरान में उन्होंने दर्शनशास्त्र पर बहुत सी किताबों की रचन...

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

• • • • • • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिचय – Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography पूरा नाम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 जन्म भूमि तिरूतनी, तमिलनाडु मृत्यु 17 अप्रैल, 1975, चेन्नई, तमिलनाडु पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी माता का नाम सीताम्मा पत्नी सिवाकामू कर्म-क्षेत्र शिक्षाविद, महान् दार्शनिक, महान् वक्ता नागरिकता भारतीय शिक्षा एम.ए. पुरस्कार-उपाधि भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक महान् शिक्षाविद, महान् दार्शनिक, महान् वक्ता होने के साथ ही साथ विज्ञानी हिन्दू विचारक थे। डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे। वह एक आदर्श शिक्षक थे। डॉ. राधाकृष्णन ने अनेक महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे पेरिस में यूनेस्को नामक संस्था की कार्यसमि‍ति के अध्यक्ष भी रहे। यह संस्था ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ का एक अंग है और पूरे विश्व के लोगों की भलाई के लिए अनेक कार्य करती है। डॉ. राधाकृष्णन सन् 1949 से सन् 1952 तक रूस की राजधानी मास्को में भारत के राजदूत पद पर रहे। भारत रूस की मित्रता बढ़ाने में उनका भारी योगदान रहा था। शुरुआती जीवन – Early Life of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी गाँव में जो मद्रास(चेन्नई) से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 5 सितंबर 1888 को हुआ था। यह एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित है। इनका जन्म स्थान एक पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात रहा है। (वैसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि उनका जन्म 20 सितंबर 1887 को हुआ था लेकिन सरकारी कागजातों में अंकित उनकी जन्मतिथि को ही आधिकारिक ...

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवनी

नाम :डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म : 5 सितंबर 1988तिरुतनी ग्राम, तमिलनाडु पिता : सर्वेपल्ली वीरास्वामी माता : सिताम्मा पत्नी : सिवाकमु डॉ राधाकृष्णन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे (1962- 1967) राष्ट्रपति थे। मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अध्यापन का कार्य शुरू करने वाले राधाकृष्णन आगे चलकर मैसूर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हुए और फिर देश के कई विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य किया। 1939 से लेकर 1948 तक वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी. एच. यू.) के कुलपति भी रहे। वे एक दर्शनशास्त्री, भारतीय संस्कृति के संवाहक और आस्थावान हिंदू विचारक थे। इस मशहूर शिक्षक के सम्मान में उनका जन्मदिन भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। आरम्भिक जीवन : बचपन से किताबें पढने के शौकीन राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी गॉव में 5 सितंबर 1888 को हुआ था। साधारण परिवार में जन्में राधाकृष्णन का बचपन तिरूतनी एवं तिरूपति जैसे धार्मिक स्थलों पर बीता । वह शुरू से ही पढाई-लिखाई में काफी रूचि रखते थे, उनकी प्राम्भिक शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल में हुई और आगे की पढाई मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पूरी हुई। स्कूल के दिनों में ही डॉक्टर राधाकृष्णन ने बाइबिल के महत्त्वपूर्ण अंश कंठस्थ कर लिए थे , जिसके लिए उन्हें विशिष्ट योग्यता का सम्मान दिया गया था। कम उम्र में ही आपने स्वामी विवेकानंद और वीर सावरकर को पढा तथा उनके विचारों को आत्मसात भी किया। आपने 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और छात्रवृत्ति भी प्राप्त की । क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास ने भी उनकी विशेष योग्यता के कारण छात्रवृत्ति प्रदान की। डॉ राधाकृष्णन ने 1916 में दर्शन शास्त्र में एम.ए. किया औ...

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन लाइफ स्टोरी

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन लाइफ स्टोरी | Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Life Story – यहाँ आपके सामने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर उनका पूरा जीवन वर्णन है। जो उनके जीवन दर्शन को हमारे सामने प्रस्तुत करता है। किस प्रकार उन्होंने पाश्चात्य संस्कृति के साथ भारतीय दर्शन की व्याख्या की और भारतीय युवाओं को भारतीय संस्कृति का गहरा महत्व समझाया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन लाइफ स्टोरी शिक्षक का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान होता है। वह शिक्षक ही है जिसके हाथ में देश के भाग्य की डोर है। एक शिक्षक ही है तो जो अपने शिष्यों को उत्तम से उत्तम ज्ञान प्रदान कर सकता है। यह ज्ञान रूपी नौका ही किसी बालक का भविष्य तैयार करती है। अतः यदि हम देखे तो शिक्षक की इस समाज में बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षक के महत्व को समझते हुए ही हम सब शिक्षा दिवस मनाते हैं और यह जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है। वह डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन। डॉक्टर राधाकृष्णन बड़े ही आदर्श गुरु अपने जीवनकाल में रहे। वे भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति भी बने और उनको भारत के सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न भी दिया गया। राधकृष्णन जी का जन्म 5 सितम्बर 1888 को मद्रास के चित्तूर जिले के तिरुतनी ग्राम में एक तमिलभाषी परिवार में हुआ। सर्वपल्ली उनके पुरखों के गाँव का नाम है जो तिरुतनी में जाने के बाद भी उनके परिवार के साथ लगा रहा। उनके पिता ‘सर्वपल्ली विरासमियाह’ व माता ‘सीताम्मा’ थी। राधकृष्णन जी बचपन से एक बुद्धिमान विद्यार्थी थे। उनके पिता ने उनको अध्ययन के लिए एक क्रिस्चियन मिशनरी स्कूल में रखा। फिर बाद में वेल्लूर की ओर आगे के अध्यापन के लिए उन्होंने गमन किया। उसके पश्चात मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज से उन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण की। इस दौरान उ...