देवस्थान विभाग उदयपुर पुजारी रिजल्ट

  1. राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959
  2. Jaivardhan News
  3. Rajasthan Devsthan Vibhag bharti exam result latest news
  4. राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना
  5. Rajasthan Devsthan Vibhag : मंदिरों में पुजारी, सेवागीर की भर्ती का रास्ता खुला
  6. Devasthan Department responds to Jagdish Mandir issues in conversation with Udaipur Times


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राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959

राजस्‍थान सार्वजनिक प्रन्‍यास अधिनियम, 1959 : राजस्‍थान सार्वजनिक प्रन्‍यास अधिनियम, 1959 के अन्‍तर्गत न्‍यासों का पंजीकरण, शिकायतों की जांच, भूमि सुधार कार्यक्रमों के फलस्‍वरूप मन्दिरों / मठों की भूमियों के पुन: ग्रहण के पश्‍चात निर्धारित वार्षिकी के भुगतान तथा मन्दिरों / संस्‍थाओं का सहायता अनुदान स्‍वीकृत करने के कार्यकलाप भी इस विभाग के कार्यक्षेत्र में विस्‍तारित हुए है। अगर किसी मंदिर में मेरे पूर्वजों द्वारा सेवा करते हुए 70 साल हो गए उसके बाद उसी परिवार की किसी बड़े व्यक्ति ने बाकी के परिवार को बेदखल कर दिया हो और बेदखल हुए परिवार के पास सभी कागज होते हुए भी उन्हें बेदखल कर रखा है और उनको सेवा पूजा से वंचित रखा है बल्कि वह मटका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी सेवा पूजा करता चला आ रहा है तो उनको मंदिर के और वह ओ सरा वर पुजारी परेशान करते हैं और हमारी सेवा बी चीन रखी है तो उसके लिए कई बार कोटा देवस्थान ऑफिस में लिखकर दे चुके लेकिन कोई कार्रवाई नाही हो रही है उसके लिए क्या कदम उठाया जा सकता है उत्तर दो

Jaivardhan News

देश- दुनिया में जहां कोरोना संक्रमण को लेकर लॉक डाउन है, जिससे शहरी दुनिया मानो थम सी गई है। बाजार के शटर डाउन है, तो लोग घरों में बंद। बाजार पुलिस का पहरा। कल कारखानों की धमचक थम गई, कार- बाइक के चक्के रूक गए और शहर की ज्यादातर सड़क़ें सूनी है। ऐसी स्थिति में गांव की सुबह का नजारा अलग ही देखने को मिलता है। जी हां, मैं अपने गांव बागोटा की बात कर रहा हूं, जो राजस्थान के VIDEOS: ऐसा है मेरा गांव.... https://youtu.be/YbW5OVTA6jI Morning routine in village Morning difference between city and village Difference between city and village गांव में सुबह का रूटीन शहर और गांव में अंतर शहर और गांव में सुबह केलवाड़ा से कुम्भलगढ़ किले की ओर जाते हुए सड़क के किनारे कई बड़े होटलए रेस्टोरेंट और रिज़ॉर्ट देखने को मिले जिसमें क्लब महिंद्रा का शानदार रिज़ॉर्ट भी शामिल है। अरावली की सुनसान पहाड़ियों में इन होटलों की रौनक देखते ही बनती है। किले से एक किलोमीटर पहले ही किले की दीवारें दिखाई देनी शुरू हो जाती है। बीच.बीच में सड़क के किनारे कुछ पेड़ भी लगे हुए हैए मुख्य सड़क किले के विशाल प्रवेश द्वार से होते हुए अंदर तक जाती है ! दक्षिण की ओर स्थित किले के बाहरी प्रवेश द्वार से होते हुए हम अंदर दाखिल हुए ! यहाँ एक पार्किंग है। इस किले की बनावट कुछ अलग थी, जो अपने आप में ख़ास थी। किले की बाहरी दीवार के बीच बीच में बने गुंबद के आकार के बुर्ज इस दीवार को सुरक्षा प्रदान करते है। इन विशाल बुर्जो को देख कर कोई भी इस किले की विशालता का अंदाज़ा लगा सकता है। अरावली की पहाड़ियों के पश्चिमी छोर पर राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित इस किले का निर्माण 15वीं सदी में ष्राणा कुम्भाष् ने करवाया था। उन्हीं के नाम प...

Rajasthan Devsthan Vibhag bharti exam result latest news

मुकेश हिंगड़ उदयपुर. देवस्थान विभाग Rajasthan Devsthan Vibhag के मंदिरों में पुजारियों से लेकर सेवागीर के पदों पर भर्ती का रास्ता खुल गया है। करीब सात साल से अटकी भर्ती के लिए राज्य सरकार ने इसके परिणाम जारी करने के लिए बजट जारी कर दिया है। सरकार से स्वीकृति आते ही हाथों हाथ देवस्थान विभाग ने परीक्षा कराने वाले विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर परिणाम जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। राज्य सरकार ने देवस्थान विभाग की 2013 में निकाली भर्ती को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने पिछले दिनों ही देवस्थान विभाग को 60 लाख रुपए का बजट जारी किया, जो परीक्षा कराने वाली एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। देवस्थान विभाग ने 31 दिसम्बर को ही परीक्षा कराने वाली एजेंसी मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर भर्ती के परिणाम जारी कराने की अग्रिम कार्रवाई करने को कहा है। संभावना है कि विवि इसी महीने में परिणाम जारी कर दें।

राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना

• राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा|राजस्थान पंडित दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा|| Rajasthan Deendayal Upadhyaya Varistha Tirth Yojana|राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना ऑनलाइन अप्लाई एप्लीकेशन फॉर्म राजस्थान मुख्यमंत्री जी ने राज्य के बुज़ुर्गो के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का शुभारम्भ किया|राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा का मुख्य उद्देश्य है ताकि बुजुर्गों को भी यात्रा करवाई जाए बहुत से ऐसे बुजुर्ग होते हैं जिनके वासियों को पैसों की कमी होती है यह उनके बच्चे उनको यात्रा पर नहीं लेकर जाते हैं अब उनको इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उनका सपना भी साकार होगा और सब बुजुर्ग यात्रा पर जा सकेंगे राजस्थान सरकार का उद्देश्य है कि सभी बुजुर्गों को एकजुट होकर यात्रा करवाई जाए| Table of Contents • • • • • • • राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा का उद्देश्य इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु राजकीय सुविधा एवं सहायता प्रदान करना है। योजना प्रारंभ वर्ष 2017 (मूलतः 2103 से, 2017 से नये स्वरूप में) तीर्थ यात्रा हेतु अनुदान राशि स्वयं विभाग द्वारा निर्धारित यात्रा का व्यय वहन योजना में कुल लाभार्थियों की विभागीय सीमा 15,000 रेलमार्ग से। 5000 वायुयान से राजस्थान दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा स्थानों की सूची:- यात्रा हेतु तीर्थ स्थान इस प्रकार हैः- रेल द्व...

Rajasthan Devsthan Vibhag : मंदिरों में पुजारी, सेवागीर की भर्ती का रास्ता खुला

उदयपुर. देवस्थान विभाग Rajasthan Devsthan Vibhag के मंदिरों में पुजारियों से लेकर सेवागीर के पदों पर भर्ती का रास्ता खुल गया है। करीब सात साल से अटकी भर्ती के लिए राज्य सरकार ने इसके परिणाम जारी करने के लिए बजट जारी कर दिया है। सरकार से स्वीकृति आते ही हाथों हाथ देवस्थान विभाग ने परीक्षा कराने वाले विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर परिणाम जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। राज्य सरकार ने देवस्थान विभाग की 2013 में निकाली भर्ती को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने पिछले दिनों ही देवस्थान विभाग को 60 लाख रुपए का बजट जारी किया, जो परीक्षा कराने वाली एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। देवस्थान विभाग ने 31 दिसम्बर को ही परीक्षा कराने वाली एजेंसी मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर भर्ती के परिणाम जारी कराने की अग्रिम कार्रवाई करने को कहा है। संभावना है कि विवि इसी महीने में परिणाम जारी कर दें। सात साल पहले निकली थी भर्ती 2013 की भर्ती में अभी तक परिणाम नहीं निकलने के दौरान कई बेरोजगारों का तो दूसरी जगह चयन हो गया तो कुछ नौकरी पाने की उम्र पार कर गए। इस बीच, देवस्थान विभाग के कई कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गए। भर्ती भी 25 वर्ष के बाद निकली थी देवस्थान विभाग के राज्य में राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिरों में सेवा-पूजा व प्रबंधन के लिए प्रबंधक, पुजारी व सेवागीर पदों की ये भर्ती भी 25 वर्ष बाद निकाली गई थी। पिछली बार वर्ष 1989 में भर्ती हुई थी।

Devasthan Department responds to Jagdish Mandir issues in conversation with Udaipur Times

उदयपुर के घंटाघर से सिटी पैलेस रोड के बीच स्थित महत्वपूर्ण द्वारकाधीश मंदिर जिन्हें जगदीश मंदिर के नाम से जाना जाता है, वर्षों से अप्राप्य है और इन्हें रखरखाव और नवीनीकरण की आवश्यकता है। कुछ समय से इस मंदिर में रखरखाव के आभाव्से यहां के पुजारी और भक्तों कि ओर से काफी शिकायत आ रही थी। इसको लेकर उदयपुर टाइम्स की टीम ने जगदीश मंदिर जा कर जायज़ा लिया, मुख्यपुजारी हुक्म राज जी से बात चीत कि और इस पर खबर कर के देवस्थान विभाग तक बात पहुंचाई। उदयपुर टाइम्स की टीम से बात करते हुए पुजारी हुकुम राज ने बताया था कि मंदिर के बुर्ज-गुम्बद में जगह-जगह पीपली के खूंटे उग आए हैं। मंदिर में कई हिस्सों में पानी का रिसाव भी हो रहा हैऔर पत्थर भी गिर रहे है। पुजारी जी ने बताया कि देवस्थान विभाग को जगदीश मंदिर की ज़िम्मेदारी दी गई है लेकिन वो इस ज़िम्मेदारी को अनसुना कर रहे हैं। पुजारी की शिकायत को लेकर उदयपुर टाइम्स की टीम देवस्थान विभाग पहुंची। जहां सहायक आयुक्त डॉ प्रियंका भट्ट को मंदिर की हालत के बारे में जानकारी दी। उदयपुर टाइम्स की टीम से बात करते हुए सहायक आयुक्त प्रियंका भट् ने बताया इस सबंध में पुजारी और भक्तों की ओर से देवस्थान विभाग को कई ज्ञापन मिले है। वहीं जगदीश मंदिर के गुम्बद पर पीपली उगने और पानी के रिसाव से होती परेशानीसे देवस्थान विभाग अच्छी तरह वाक़िफ है। प्रियंका ने बताया किकाफी समय से देवस्थान की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं,लेकिन इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस काम को सही तरह से अंजाम देने बाबतकिसी ऐसे विशेषज्ञ कि आवश्यकता है जिसे पुरातात्विक भवनों (archaeological structures)कि जानकारी हो और इनकेजीर्णोद्धार (renovation)का अनुभव...