Dhaatu kise kahate hain

  1. समास किसे कहते हैं
  2. वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  3. Nam Dhatu Kriya
  4. वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  5. समास किसे कहते हैं
  6. Nam Dhatu Kriya
  7. Nam Dhatu Kriya
  8. वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  9. वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  10. Nam Dhatu Kriya


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समास किसे कहते हैं

समास किसे कहते हैं | Samas kise kehte hain समास (Samas) का अर्थ है ‘संक्षिप्तीकरण’। हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिन्दी में कम-से-कम शब्दों मे अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समास के उदाहरण [Examples of Samas ] • रसोई के लिए घर इसे हम रसोईघर भी कह सकते हैं • ‘राजा का पुत्र’– राजपुत्र संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं में समास का बहुतायत में प्रयोग होता है। जर्मन आदि भाषाओं में भी समास का बहुत अधिक प्रयोग होता है। समास के बारे में संस्कृत में एक सूक्ति प्रसिद्ध है:- वन्द्वो द्विगुरपि चाहं मद्गेहे नित्यमव्ययीभावः। तत् पुरुष कर्म धारय येनाहं स्यां बहुव्रीहिः॥ समास रचना में दो पद होते हैं , पहले पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है। जैसे :- • रसोई के लिए घर = रसोईघर • हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी • नील और कमल = नीलकमल • रजा का पुत्र = राजपुत्र सामासिक शब्द- Samasik shabd समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। • जैसे- राजपुत्र समास-विग्रह (Samas vigrah in hindi) सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाताहै • जैसे- राज+पुत्र-राजा का पुत्र पूर्वपद और उत्तरपद (poorvpad aur uttarpad in Samas) समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूस...

वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं। अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं। वर्णमाला की परिभाषा अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं। वर्ण और वर्णमाला में अंतर वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता...

Nam Dhatu Kriya

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Nam Dhatu Kriya | नामधातु क्रिया नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) क्रियाओं का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है। दरअसल, सभी क्रियाओं का निर्माण धातुओं से होता है, लेकिन हिंदी के बहुत से शब्द संज्ञा, विशेषण और सर्वनाम शब्दों में ना प्रत्यय जोड़ देने से बनाए जाते हैं। इस तरह बनाए जाने वाले क्रिया शब्द ही नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) शब्द कहलाते हैं। इस लेख में हम नामधातु क्रियापद के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं। अतः नाम धातु क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानने के लिए लेख को धैर्यपूर्वक पूरा पढ़ें। Nam Dhatu Kriya Nam Dhatu Kriya Kise Kahate Hain | नामधातु क्रिया किसे कहते हैं क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण में प्रत्यय जोड़ने से होता हो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। आमतौर पर क्रियाओं का निर्माण धातु से होता है, लेकिन नामधातु क्रियाओं को संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में ‘ना’ प्रत्यय जोड़कर बनाया जाता है। संस्कृत शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • धिक्कार + ना = धिक्कारना • अनुराग + ना = अनुरागना अरबी, फारसी शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • गुजर + ना गुजरना • बदल + ना बदलना • खरीद + ना खरीदना • ख़र्च + ना ख़र्चना • दाग़ + ना दाग़ना • आजमा + ना आजमाना हिंदी भाषा के शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण हिंदी भाषा के शब्द के अन्त में ‘आ’ तथा आद्य ‘आ’ को हृस्व कर दिया जाता है। • दुख + ना दुखाना • लाठी + ना लठियाना • बिलग + ना बिलगाना संज्ञा शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • बात से बतियाना • लात से लतियाना • हाथ से हथियाना • लाज से ...

वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं। अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं। वर्णमाला की परिभाषा अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं। वर्ण और वर्णमाला में अंतर वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता...

समास किसे कहते हैं

समास किसे कहते हैं | Samas kise kehte hain समास (Samas) का अर्थ है ‘संक्षिप्तीकरण’। हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिन्दी में कम-से-कम शब्दों मे अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समास के उदाहरण [Examples of Samas ] • रसोई के लिए घर इसे हम रसोईघर भी कह सकते हैं • ‘राजा का पुत्र’– राजपुत्र संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं में समास का बहुतायत में प्रयोग होता है। जर्मन आदि भाषाओं में भी समास का बहुत अधिक प्रयोग होता है। समास के बारे में संस्कृत में एक सूक्ति प्रसिद्ध है:- वन्द्वो द्विगुरपि चाहं मद्गेहे नित्यमव्ययीभावः। तत् पुरुष कर्म धारय येनाहं स्यां बहुव्रीहिः॥ समास रचना में दो पद होते हैं , पहले पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है। जैसे :- • रसोई के लिए घर = रसोईघर • हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी • नील और कमल = नीलकमल • रजा का पुत्र = राजपुत्र सामासिक शब्द- Samasik shabd समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। • जैसे- राजपुत्र समास-विग्रह (Samas vigrah in hindi) सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाताहै • जैसे- राज+पुत्र-राजा का पुत्र पूर्वपद और उत्तरपद (poorvpad aur uttarpad in Samas) समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूस...

Nam Dhatu Kriya

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Nam Dhatu Kriya | नामधातु क्रिया नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) क्रियाओं का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है। दरअसल, सभी क्रियाओं का निर्माण धातुओं से होता है, लेकिन हिंदी के बहुत से शब्द संज्ञा, विशेषण और सर्वनाम शब्दों में ना प्रत्यय जोड़ देने से बनाए जाते हैं। इस तरह बनाए जाने वाले क्रिया शब्द ही नामधातु क्रिया (Nam Dhatu Kriya) शब्द कहलाते हैं। इस लेख में हम नामधातु क्रियापद के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं। अतः नाम धातु क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानने के लिए लेख को धैर्यपूर्वक पूरा पढ़ें। Nam Dhatu Kriya Nam Dhatu Kriya Kise Kahate Hain | नामधातु क्रिया किसे कहते हैं क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण में प्रत्यय जोड़ने से होता हो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। आमतौर पर क्रियाओं का निर्माण धातु से होता है, लेकिन नामधातु क्रियाओं को संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में ‘ना’ प्रत्यय जोड़कर बनाया जाता है। संस्कृत शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • धिक्कार + ना = धिक्कारना • अनुराग + ना = अनुरागना अरबी, फारसी शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • गुजर + ना गुजरना • बदल + ना बदलना • खरीद + ना खरीदना • ख़र्च + ना ख़र्चना • दाग़ + ना दाग़ना • आजमा + ना आजमाना हिंदी भाषा के शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण हिंदी भाषा के शब्द के अन्त में ‘आ’ तथा आद्य ‘आ’ को हृस्व कर दिया जाता है। • दुख + ना दुखाना • लाठी + ना लठियाना • बिलग + ना बिलगाना संज्ञा शब्दों से नामधातु क्रिया का निर्माण • बात से बतियाना • लात से लतियाना • हाथ से हथियाना • लाज से ...

Nam Dhatu Kriya

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वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं। अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं। वर्णमाला की परिभाषा अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं। वर्ण और वर्णमाला में अंतर वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता...

वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं। अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं। वर्णमाला की परिभाषा अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं। वर्ण और वर्णमाला में अंतर वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता...

Nam Dhatu Kriya

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