दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त कब है

  1. Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध
  2. Diwali 2021: Deepawali today do Lakshmi Ganesh Pujan Subh Muhurat Know Diwali puja Choghadiya Muhurtat puja Vidhi and Samagri List
  3. Dev Deepawali 2022: कब है देव दीपावली? जानिए पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
  4. Diwali puja 2021: लक्ष्मी पूजन से बरसेगा धन! दिवाली के दिन किस वक्त करनी है पूजा, जानिए 5 शुभ मुहूर्त
  5. Diwali 2022 सोमवार को मनाएं दीपावली जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्य ग्रहण से पूर्व करें विसर्जन


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Diwali 2022: जानें दिवाली कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे भगवान श्रीकृष्ण का क्या है संबंध

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Diwali 2021: Deepawali today do Lakshmi Ganesh Pujan Subh Muhurat Know Diwali puja Choghadiya Muhurtat puja Vidhi and Samagri List

Diwali 2021: दीपावली आज, इन शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी-गणेश पूजन, नोट कर लें चौघड़िया मुहर्त, पूजा विधि, सामग्री और सबकुछ दीपावली या दिवाली का त्योहार 4 नवंबर को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दिवाली उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का... दीपावली या दिवाली का त्योहार 4 नवंबर को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दिवाली उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली की शाम को माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, धन के देवता कुबेर और मां काली की पूजा होती है। मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी। कहते हैं कि दिवाली की रात पृथ्वी पर भम्रण करती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। दिवाली लक्ष्मी पूजन का महत्व- दिवाली के त्योहार में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि दिवाली की रात को माता लक्ष्मी सभी पर कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात देवी लक्ष्मी स्वर्ग से सीधे पृथ्वी पर आती हैं और सभी के घरों में जाती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, रोशनी और विधि-विधान से देवी-देवताओं का पूजन होता है, वहां वास करने लगती हैं। मान्यता है ऐसे घरों में धन का अभाव नहीं होता है। रंगोली के ये हैं बेहद खूबसूरत और आसान डिजाइन, यहां देखिए PICS प्रदोष काल में माता लक्ष्मी का पूजन- प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीम मुहूर्त को कहा जाता है। शास्त्रों में इस समय को लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थि...

Dev Deepawali 2022: कब है देव दीपावली? जानिए पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

डीएनए हिंदी: Dev Deepwali Kab hai, Puja Vidhi, Significance-दिवाली की तरह ही देव दीपावली का महत्व है, इस त्योहार को भी दीपों का त्योहार कहते हैं. यूपी के काशी में बहुत ही धूमधाम से ये दिवाली मनाई जाती है. हर साल देव दिवाली का पर्व दीपावली के 15 दिनों के बाद ही मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है लेकिन इस साल इस दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) भी पड़ रहा है. ऐसे में देव दिवाली की तिथि को लेकर थोड़ा सा कंफ्यूजन है कि आखिर किस दिन देव दिवाली का पर्व मनाना शुभ होगा इस साल 7 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन देवता काशी की पवित्र भूमि पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं. काशी में गंगा नदी के तट पर दीपों का ये उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान वहां की धूम देखने लायक होती है, बहुत सजावट होती है, गंगा घाट पर हर ओर मिट्टी के दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं. ये दृश्य बहुत ही भव्य होता है. इस साल लाखों में दीपक जलाने की बात है. यह भी पढ़ें- पूजा का शुभ मुहूर्त (Puja Shubh Muhurat) कार्तिक पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 7 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त - 8 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक प्रदोष काल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 05 बजकर 14 मिनट से 07 बजकर 49 मिनट तक अवधि - 02 घंटे 35 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:26 मिनट तक साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 नवंबर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शाम 7 बजकर 27 बजे तक लगेगा यह भी पढ़ें- देव दीवाली कैसे मनाई जाती है? (How toCelebrate Dev Deepawali) वाराणसी में देव दीपावली को बहुत ही धूमधाम ...

Diwali puja 2021: लक्ष्मी पूजन से बरसेगा धन! दिवाली के दिन किस वक्त करनी है पूजा, जानिए 5 शुभ मुहूर्त

Diwali puja 2021: नवंबर 4, दिन गुरुवार, महालक्ष्मी पूजा और दीपावली पर्व मनाया जाएगा. इस दिन कब पूजा करनी है, शुभ मुहूर्त क्या है और क्यों लक्ष्मी पूजन किया जाता है ये जानना जरूरी है. इस दिवाली पांच शुभ मुहूर्त हैं, जिसमें मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है. भागवत और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक, समुद्र मंथन से कार्तिक महीने की अमावस्या पर लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं. रामायण के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का विवाह भी हुआ था. इसलिए कार्तिक मास की अमावस्या को लक्ष्मी पूजन किया जाता है. इस दिन दीप दान करने से पाप खत्म हो जाते हैं. दीपावली पर दीपक पूजन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. दिवाली के पूजन में क्या करें? दोपहर 2.50 बजे से शाम 4.20 बजे तक शाम 5.34 बजे से रात 8.10 बजे तक रात 11.40 बजे से 12.31 बजे तक दफ्तर में पूजन का समय सुबह 11.20 बजे से दोपहर 1.27 बजे तक दोपहर 2.50 बजे से शाम 4.20 बजे तक दुकान में पूजन का समय दोपहर 2.50 बजे से शाम 4.20 बजे तक शाम 5.34 बजे से रात 8.10 बजे तक दीपावली की शाम इन जगहों पर दीपक जरूर जलाएं पीपल के पेड़ के नीचे दीपावली की रात एक दीपक लगाकर घर लौट आएं. दीपक लगाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने पर आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं. अगर संभव हो तो दिवाली की रात के समय किसी श्मशान में दीपक लगाएं. यह संभव न हो तो किसी सुनसान इलाके में स्थित मंदिर में दीपक लगा सकते हैं. धन प्राप्ति की कामना करने वाले व्यक्ति को दीपावली की रात मुख्य दरवाजे की चौखट के दोनों ओर दीपक अवश्य लगाना चाहिए. घर के आसपास वाले चौराहे पर रात के समय दीपक लगाना चाहिए. ऐसा करने पर पैसों से जुड़ी समस्याएं खत्म हो सकती हैं. घर के पूजन स...

Diwali 2022 सोमवार को मनाएं दीपावली जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्य ग्रहण से पूर्व करें विसर्जन

Diwali 2022: सोमवार को मनाएं दीपावली, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, सूर्य ग्रहण से पूर्व करें विसर्जन Diwali 2022 झारखंड समेत देश के तमाम राज्यों में दीपावली सोमवार को लोग मनाएंगे। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त कब है। पूजा सामग्री में क्या रखना जरूरी है। पूजा सामग्री का विसर्जन कब तक करना जरूरी है। रांची, डिजिटल डेस्क। Diwali on Monday 24 October इस वर्ष सोमवार 24 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं, 23 अक्टूबर को झारखंड में लोग छोटी दीपावली मना रहे हैं। 24 अक्टूबर को शाम 5.4 बजे से अमावस्या प्रारंभ हो रहा है जो अगले दिन 25 अक्टूबर तक शाम 4.35 बजे तक रहेगा। यानी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा 24 अक्टूबर को होगी। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी का पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न और स्थिर नवमांश में ही करना चाहिए। इस वर्ष दिवाकाल का श्रेष्ठ समय इस प्रकार से है। अमृत का चौघड़िया काल सुबह 6.35 बजे प्रारंभ होगा और सुबह 7.59 बजे समाप्त होगा। इसी तरह शुभ का चौघड़िया काल सुबह 9.23 बजे से शुरू होगा और सुबह 10.47 बजे तक रहेगा। वहीं, चर लाभ अमृत का चौघड़िया काल दोपहर 1.35 बजे प्रारंभ होगा और शाम 5.47 बजे तक रहेगर। इसी तरह अभिजीत मुहूर्त काल सुबह 11.48 बजे प्रारंभ होगा और दोपहर 12.33 बजे तक रहेगा। साथ ही प्रदोष लग्न काल शाम 5.48 बजे प्रारंभ होगा और रात 8.22 बजे समाप्त होगा। रात के समय जानिए कब कब शुभ काल दीपावली के दिन रात के समय शुभ काल की बात करें तो चर का चौघड़िया काल शाम 5.47 बजे प्रारंभ होगा और शाम 7.23 बजे समाप्त होगा। यदि लाभ के चौघड़िया काल की बात करें तो रात 10.35 बजे से यह प्रारंभ होने वाला है। यह रात 12.11 बजे समाप्त होगा...