मानव मूल्य और पर्यावरण अध्ययन

  1. पर्यावरणीय मनोविज्ञान
  2. पर्यावरण से संबंधित नैतिकता एवं मूल्य
  3. पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर निबंध: environment and human health essay in hindi
  4. पर्यावरण मूल्य क्या है? – ElegantAnswer.com


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पर्यावरणीय मनोविज्ञान

पर्यावरणीय मनोविज्ञान (Environmental psychology) मानव एवं उसके पर्यावरण के अन्तर्सम्बन्धों के अध्ययन पर केन्द्रित एक बहुविषयी क्षेत्र है। यहाँ पर पर्यावरण (environment) शब्द की वृहद परिभाषा में प्राकृतिक पर्यावरण, सामाजिक पर्यावरण, निर्मित पर्यावरण, शैक्षिक पर्यावरण तथा सूचना-पर्यावरण सब समाहित हैं। विगत वर्षों में पर्यावरण के विभिन्न पक्षों को लेकर व्यापक शोध कार्य हुए हैं और यह विषय क्रमशः एक समृद्धि अध्ययन क्षेत्र बनता जा रहा है इस विषय में अध्ययन में अनेक विषयों का योगदान रहा है। इसके अध्ययन क्षेत्र के अन्तर्गत वातावरण के प्रकार, उनके, प्रति मनुष्य की अभिवृत्ति, संस्कृति के प्रभाव, पर्यावरण की संरचना और अभिकल्प इत्यादि का विस्तृति विश्लेषण किया जा रहा है। ‘‘पर्यावरण’’ के साथ सरोकार मनोवैज्ञानिक अध्ययनों की एक विविशता है अन्यथा मनोवैज्ञानिक परिवर्त्य केवल आंतरिक मानसिक प्रक्रमों को ही संबोधित करते रहेंगे और इस तरह सदैव परोक्ष या आदृश्य ही बने रहेंगे। आन्तरिक प्रक्रियाओं पर से रहस्य का आवरण हटाने के लिए और वास्तविक जगत के साथ सार्थक संवाद स्थापित करने के लिए पर्यावरण को उद्दीपक के रूप में संदर्भ के रूप में या प्रत्यक्षीकरण के रूप में, अपने अध्ययन में शामिल करना आवश्यक हो जाता है। आरंभ में पर्यावरण मनोविज्ञान को ज्यादातर भौतिक पर्यावरण पर केन्द्रित अध्ययन के रूप में लिया गया और बाद में उसके सामाजिक तथा सांस्कृतिक पक्षों को भी जोड़ा गया। परिचय [ ] पर्यावरण मनोविज्ञान में इस समय तीन प्रमुख सैद्धान्तिक उपागम प्रचलित हैं- • अनुकूलन, • अवसर की संरचना तथा • सामाजिक-सांस्कृतिक प्रतिमान। अनुकूलन का उपागम पर्यावरण को उसकी भौतिक विशेषताओं के रूप में ग्रहण करता है और व्यक्ति को एक ज...

पर्यावरण से संबंधित नैतिकता एवं मूल्य

पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने के उपाय-: पर्यावरण से संबंधित नैतिकता एवं मूल्य अध्ययन की दृष्टि से पर्यावरणीय नैतिकता व्यावहारिक दर्शनशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत इस बात का अध्ययन किया जाता है कि- नैतिकता के आलोक में मानव का, पर्यावरण के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए? जैसे-: क्या आर्थिक विकास के लिए पेड़ काटना चाहिए या नहीं, मानव की सुरक्षा के लिए वन्य जीव को मारना चाहिए या नहीं आदि। व्यवहारिक दृष्टि से पर्यावरणीय नैतिकता का तात्पर्य- पर्यावरण को अपना पूरक मानते हुए, पर्यावरण के साथ नैतिक या उचित व्यवहार करने से है। जैसे-: वन्य जीवो के प्रति दया का भाव रखते हुए उनका संरक्षण करना। पर्यावरणीय नैतिकता के दृष्टिकोण-: • मानव केंद्रित दृष्टिकोण • जीव केंद्रित दृष्टिकोण • पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण मानव केंद्रित दृष्टिकोण- वह दृष्टिकोण जिसके अंतर्गत मानव को केंद्र में रखकर पर्यावरणीय नैतिकता का विश्लेषण किया जाता है उसे मानव केंद्रित दृष्टिकोण कहते हैं इस दृष्टिकोण के अनुसार मानव अपने विकास के लिए प्रकृति में उपलब्ध संसाधनों का दोहन एवं कुछ आवश्यक परिवर्तन कर सकता है। जीव केंद्रित दृष्टिकोण वह दृष्टिकोण जिसके अंतर्गत पर्यावरण की सभी जीव जंतु को केंद्र में रखकर पर्यावरणीय नैतिकता का विश्लेषण किया जाता है उसे जीव केंद्रित दृष्टिकोण कहते हैं। इस दृष्टिकोण के अनुसार मानव के समान ही प्रकृति के अन्य सभी जीव जंतु तथा पौधों को जीवन जीने का अधिकार है अतः मानव को अपने विकास के लिए अन्य जीव-जंतुओं या पादपों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण इस दृष्टिकोण के अंतर्गत संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को केंद्र में रखकर पर्यावरण नैतिकता का विश्लेषण किया जाता ह...

पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर निबंध: environment and human health essay in hindi

विषय-सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पर्यावरणऔरमानवस्वास्थ्यपरनिबंध, environment and human health essay in hindi (200 शब्द) प्रस्तावना: मानवस्वास्थ्यकोमानवस्थितिकेमानसिक, शारीरिकऔरसामाजिकपहलुओंकेसंबंधमेंकल्याणकीस्थितिकेरूपमेंपरिभाषितकियागयाहै।बीमारीकीअनुपस्थितिकेकारणकिसीव्यक्तिकोकेवलस्वस्थनहींकहाजासकताहै; वहयावहवास्तवमेंस्वस्थहोनेकेलिएसभीतरहसेअच्छाकरनेकीजरूरतहै। कईकारकहमारेस्वास्थ्यकानिर्धारणकरनेमेंभूमिकानिभातेहैं–जैविक, पोषण, मनोवैज्ञानिकऔररासायनिक।येकारकआंतरिकऔरबाहरीस्थितियोंसेप्रभावितहोसकतेहैं।बाह्यरूपसे, हमारेस्वास्थ्यकोप्रभावितकरनेवालासबसेबड़ाकारकहमारापर्यावरणहै। पर्यावरणऔरमानवस्वास्थ्य: हमारापर्यावरणकेवलउसहवामेंनहींहैजिसेहमसांसलेतेहैं, हालांकियहएकप्रमुखघटकहै; यहउसपानीसेहोताहैजिसेहमपीतेहैं, यहउसमिटटीमेंहोताहैजिसेहमअपनेआसपासपातेहैंएवंउसभोजनमेंहोताहैजिसेहमखातेहै।प्रत्येकभागहमेंप्रभावितकरताहैऔरइसप्रकारहमारेस्वास्थ्यकोप्रभावितकरताहै। वाहनों, कारखानोंऔरआगसेउत्सर्जनकेसाथ, हमारीवायुआपूर्तिविषाक्तरसायनोंसेभरीहुईहैजोफेफड़ोंकेकैंसर, हृदयरोगऔरअस्थमाकाखतरापेशकरतीहै।हमजोभोजनकरतेहैं, वहकीटनाशकोंमेंशामिलहोताहैजोमिट्टीकोकमउपजाऊबनाताहैऔरहमारेलिएकैंसरकारीहोसकताहै।मानवशरीरकोजीवितरहनेकेलिएपानीकीआवश्यकताहोतीहैलेकिनहमारेजलस्रोतमानवऔरऔद्योगिककचरेसेभरेहोतेहैंजोगंभीरस्वास्थ्यमुद्दोंकोपैदाकरतेहैं। निष्कर्ष: हमेंयहयादरखनेकीजरूरतहैकिहमेंअपनेपर्यावरणकेसाथतालमेलमेंरहनाहोगा।हमइसमेंजोडालेंगेवहहमारेपासवापसआजाएगा।जबतकहमकुछनहींकरेंगे, पृथ्वीबहुतजल्दएकरहनेकेलिएयोग्यहोजायेगी। पर्यावरणऔरमानवस्वास्थ्यपरनिबंध, environment and human health essay in hindi (400 शब्द) प्रस्तावना: डब्ल्यूएचओद्वा...

पर्यावरण मूल्य क्या है? – ElegantAnswer.com

पर्यावरण मूल्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंपर्यावरणीय मूल्य दर्शनशास्त्र का वह भाग है जो मनुष्य और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच नैतिक संबंध बनाए रखता है। हमें प्रकृति, सभी जीवित प्राणियों का सम्मान करना सीखना चाहिए, यह याद रखना चाहिए। प्रकृति और पर्यावरण को ऋग्वेदीय काल के बाद से ही महत्व दिया गया है। पर्यावरण नैतिकता क्या है? इसे सुनेंरोकेंक्या है पर्यावरणीय नैतिकता? पर्यावरणीय नीतिशास्त्र व्यावहारिक दर्शनशास्त्र की एक शाखा है जिसके अंतर्गत आस-पास के पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित नैतिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। अर्थात् मनुष्य एवं पर्यावरण के आपसी संबंधों का नैतिकता के सिद्धांतों एवं नैतिक मूल्यों के आलोक में अध्ययन किया जाता है। निर्णय पर्यावरण क्या है? इसे सुनेंरोकेंपर्यावरणीय नीति पर्यावरणीय दर्शन का वह खंड है जो नीतिशास्त्र की पारंपरिक सीमाओं को मनुष्यों के दायरे से बढ़ा कर अन्य जीव जंतुओं को भी शामिल करता है। हम लोग पर्यावरण से सम्बंधित कई नैतिक निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए: क्या हमें मानव उपभोग के लिए जंगलों को काटते रहना चाहिए? पर्यावरणीय संकट क्या है इनके नियन्त्रण हेतु विद्यालयों की भूमिका की विवेचना कीजिये? इसे सुनेंरोकेंविद्यालय में पर्यावरण संकट के नियंत्रण हेतु विद्यार्थियों को निम्नलिखित उपाय करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। पाठशाला आने के लिए विद्यार्थी साइकिल का प्रयोग करें । ईंधन का उपयोग जरूरत के अनुसार करे। विद्यार्थी दिवाली में पटाखे जलाकर वातावरण दूषित न करे तथा वे अपने आस पास भी लोगो को पटाखे न जलाने के लिए प्रेरणा दें। मानव और पर्यावरण का घनिष्ठ संबंध कैसे हैं? इसे सुनेंरोकेंप्रकृति मानव की सहचारी है। सृष्टि के जीवों में मानव एक मात्र प्राणी है...