दिल्ली के सन्दर्भ में अरावली के पथरीली ज़मीन के छोर क्या हैं

  1. [Solved] अरावली पर्वत किस प्रकार का पर्वत है?
  2. कौन जाए 'ज़ौक़' पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर
  3. [Solved] भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के सन्दर्भ मे�
  4. दिल्ली के बारे में 41 रोचक तथ्य
  5. दिल्ली के स्मारक
  6. Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 2
  7. ये पहाड़ियां न होतीं तो जीना होता मुहाल जानें


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[Solved] अरावली पर्वत किस प्रकार का पर्वत है?

सही उत्तर अवशिष्टपर्वत है । Mistake Points • अरावली पर्वतमाला, प्राचीन पर्वतों का एक कटा हुआ ठूंठ, भारत में तह पर्वतों की सबसे पुरानी श्रेणी है। • अरावली रेंज का प्राकृतिक इतिहास मुख्य भूमि यूरेशियन प्लेट के साथ पूर्व-भारतीय उपमहाद्वीप की टक्कर का है। • अब इसे अवशेष पर्वत की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है जिसे अवशेष पर्वत के रूप में भी जाना जाता है। Key Points • भारत में अरावली श्रेणीविश्वकी सबसे पुरानी अवशिष्ट पर्वत श्रृंखला है। • अवशिष्ट भू-आकृतियाँ, जिसे अवशिष्ट स्थलाकृतिभी कहा जाता है, एक स्थलाकृतिहै जिसे एक प्राचीन परिदृश्य के अवशेषों के रूप में उत्पादित किया गया था, जो वर्तमान परिदृश्य के हिस्से के रूप में रहने के लिए दफन या विनाश से बच गया था। • अवशिष्ट भू-आकृतियाँ अक्सर बदली हुई जलवायु परिस्थितियों का परिणाम होती हैं, लेकिन वे ज्वालामुखी या क्रस्टल उत्थान और नीचे अनियमताके कारण हो सकती हैं। • परिवेष्टक- अपरदनजन्य या रिलीक्ट या अवशिष्ट पर्वत (भारत में अरावली, रूस में उरल्स) पुराने वलितपहाड़ों के अवशेष हैं जो अनाच्छादन (आवरण की पट्टी) के परिणामस्वरूप प्राप्त हुए हैं। • अवशिष्ट पर्वत उन पठारों से भी विकसित हो सकते हैं जिन्हें नदियों द्वारा पहाड़ियों और घाटियों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अरावली एक अवशिष्टपर्वत है। Important Points • पर्वत 4 प्रकार के होते हैं। • वलितपर्वत • भ्रंशपर्वत • गुंबद पर्वत और • ज्वालामुखी पर्वत। • वलित पर्वत • यह पवर्तननामक एक प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित होताहै। एक पवर्तन परिघटना को एक वलित पर्वतका निर्माण करनेमें कई वर्षलगते हैं। जब किसी विवर्तनीप्लेट पर दो तरफ से दाबपड़ता है तो वह मुड़ जाती है। इसके अंशों की संख...

कौन जाए 'ज़ौक़' पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर

हमारे महकमे में एक देहाती कहावत चलन में है। वह यह कि ‘ख़ूबसूरत ज़नानी और अमीर मानस को बैरी बनाने की ज़रूरत नहीं होती’। कहने से मुराद यह है कि इन ख़ूबियों के मालिकों की ज़िंदगी की कामयाबी का इनहिसार उनके डिप्लोमेटिक और पोलिटिकल बैलेंस वाले बर्ताव पर होता है। समझाता हूँ, किसी ख़ूबसूरत मोहतरमा ने अगर किसी को ज़रा सी भी ठेस पहुंचाई (मेरा मक़सद बोलचाल तक महदूद है। मज़ीद तख़य्युल मुझ जैसे लोगों के लिए ममनूअ है ) तो उसके कैरेक्टर को मशहूर करने में देर नहीं लगती और वैसे ही अमीर आदमी को लूटने, वरग़लाने के लिए परायों से ज़ियादा उसके अपने ही तैयार रहते हैं। अगर वह न लुटे और पिटे तो अपने और पराए उसके दुश्मन हो जाते हैं। लेकिन हज़रात किसी शे’र का यह मिसरा ए सानी भी एक मुहावरे के तौर पर ख़ूब मशहूर नहीं है क्या? कि ‘ख़ुदा जब हुस्न देता है नज़ाकत आ ही जाती है’ इतनी लंबी तमहीद बांधने से मेरी मुराद उन्नीस बरस की कमसिनी में ख़ाकानी-ए-हिन्द ख़िताब से नवाज़े जाने वाले ‘हज़रते शेख़ इब्राहीम #ज़ौक़ साहब पर ‘कुछ’ लिखने से है। मुझ जैसा तालिबे इल्म, मलिकुल शूरा ज़ौक़ जैसी अज़ीम मीनारे सुख़न पर ‘कुछ’ लिखने की जुर्रत कर सकता है। उनकी शायरी, कलाम की ख़ुसूसियात, ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव आपको इंटरनेट-सर्फ़िंग करने पर स्कॉलर्स के दानिशवराना मिलकियत के टैग्स वाले रिसर्च पेपर्स में मिल ही जाएंगे। मैं सिर्फ़ एक तिफ़्ले अदब की हैसियत से हज़रते ज़ौक़ के तअल्लुक़ से बस अपने एहसासात आपसे शेयर कर रहा हूँ। लेकिन इस कमसिनी में बादशाहे दिल्ली अकबर सानी से खाक़ानीए हिन्द ख़िताब का मिलना ज़ौक़ के उस्ताद के हसद का बाईस बन गया। उन्होंने इस्लाह के नाम पर अपने इस क़ाबिल शागिर्द को बहुत बार ज़लील किया। मैं यहाँ आपको तमहीद में लिखी देसी कहावत याद दिला रहा हूँ। थोड़ा वक़...

[Solved] भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के सन्दर्भ मे�

Question Download Solution PDF भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. प्रत्येक एम.एल.ए. के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है। 2. लोक सभा के सदस्यों के वोट का मूल्य राज्य सभा के सदस्यों के वोट के मूल्य से अधिक होता है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? सही उत्तर केवल 1 है। • भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में लोकसभा, राज्यसभा, राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली एवंपुदुचेरी के केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाएँ शामिल होती हैं। • उन्हें एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चयनित कियाजाता है। • भारत कासंविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, राष्ट्रपति पद का चुनाव कराने का अधिकार भारत के चुनाव आयोग में निहित है। • प्रत्येक एम.एल.ए. के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है, क्योंकि यह जनसंख्या के मापदंड पर आधारित है और प्रत्येक राज्य की जनसंख्या अलग-अलग होती है। (अतः कथन 1 सही है।) • हालांकि, सभी सांसदों के वोटों का मूल्य चाहे इसेलोकसभा या राज्यसभा के सन्दर्भ में देखा जाएं तो यह समानही होता है। (अतः कथन 2 सही नहींहै। )

दिल्ली के बारे में 41 रोचक तथ्य

दिल्ली के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts On Delhi In Hindi ‘दिल्ली’ अथवा ‘दिल्लिका’ शब्द सर्वप्रथम उदयपुर से प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया। इस शिलालेख को सन् 1170 का समझा जाता है। ऐसा आकलन है कि वर्तमान में हम जिसे दिल्ली कहते हैं वह पहले सात बार उजाड़ी व विभिन्न स्थानों पर बसायी जा चुकी है। वैसे मौर्यकाल (300 वर्ष ईसापूर्व) से इस क्षेत्र में एक नगर का विकास करना प्रारम्भ किया गया। दिल्ली की जीवन-रेखा यमुनानदी दिल्ली के पूर्वी क्षेत्रों को विलग करती है, ये क्षेत्र यमुनापार कहलाते हैं जो कि नयी दिल्ली के अनेक सेतुओं द्वारा परस्पर जुड़े हुए हैं, दिल्ली मेट्रो भी दो सेतुओं द्वारा नदी पार कराती है। आइये अब दिल्ली से सम्बन्धित 41 रोचक तथ्यों को पढ़ते हैं.. New Delhi 1. दिल्ली का आधिकारिक नाम – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली जो कि यमुना नदीतट पर बसी है। 2. दिल्ली का मूल नाम – इतिहासविदों का मानना है कि दिल्ली का मूल नाम योगिनीपुर (योगिनियों का नगर) था, यहाँ दुर्गादेवी के एक रूप ‘योगमाया देवी’ को समर्पित एक मंदिर हुआ करता था जो अब भी मेहरौली में कुतुब मीनार के पास स्थित है। 3. दिल्ली का भौगोलिक विवरण – दिल्ली समुद्रतल से 700-1000 फ़ीट्स ऊँचाई पर है जो कि हिमालय से 160 किलोमीटर्स दक्षिण में यमुनानदीतट पर है। उत्तर, पश्चिम व दक्षिण तीन ओर से हरियाणा से एवं पूर्व में दिल्ली के भूगोल के दो प्रधान अंग हैं.. यमुना-सिंचित समतल व दिल्ली रिज (पहाड़ी)। दिल्ली के पूर्वी ओर अपेक्षाकृत निचले क्षेत्र की मैदानी उपत्यका (घाटी) में कृषि हेतु उपयुक्त भूमि है किन्तु ये बाढ़-संभावित क्षेत्र रहे हैं। पश्चिमी ओर रिज क्षेत्र की अधिकतम ऊँचाई 1043 फ़ीट्स (318 मीटर्स) तक है, ये क्षेत्र दक्षिण में अरावल...

दिल्ली के स्मारक

दिल्ली दुनिया के महान शहरों में से एक है। इस प्राचीन भूमि की एक परंपरा है जो लगभग 3,000 साल पहले महाभारत महाकाव्य की पौराणिक युग में याद आती है। यहाँ की संस्कृति आधुनिक सभ्यता से बहुत पहले उच्च बिंदु तक पहुँच गई। दिल्ली रणनीतिक रूप से अरावली पहाड़ियों और जुम्ना नदी के बीच स्थित है। एक विशाल प्रवासन दर के कारण, दिल्ली में एक महानगरीय सेटिंग है। इस शहर की विरासत वास्तव में बहुत बड़ी है जो भव्य मुगल किलों से लेकर विशाल मंदिरों तक उत्तम वास्तुकला को दर्शाती है। यूरोपीय शैली में बने भव्य औपनिवेशिक भवनों को मध्य दिल्ली क्षेत्र को बिताते हुए पाया जा सकता है। दिल्ली के स्मारक अपनी भव्य वास्तुकला और शानदार नक्काशी के लिए जाने जाते हैं। यह दिल्ली सल्तनत के उदय के बाद था, यह शहर भारत के एक प्रमुख सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ। दिल्ली में कई प्राचीन और मध्यकालीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल हैं। दिल्ली में कई प्रसिद्ध किले, मस्जिद और अन्य ऐतिहासिक स्मारक हैं, जो स्पष्ट रूप से भारत के समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं। दिल्ली में राजसी लाल किला, हुमायूँ का मकबरा और कुतुब मीनार हैं जिन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। पुराना किला दिल्ली के प्राचीन स्मारकों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि `पांडवों` ने पुराने किले के इस स्थान पर अपनी राजधानी इंद्रप्रस्थ का निर्माण किया था। यह किला, अब खंडहर में, कई बादशाहों के लिए प्रशासन का स्थान था। यह भी कहा जाता है कि पौराणिक पृथ्वीराज चौहान ने यहां से शासन किया था। इसे मध्यकालीन सैन्य वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण भी कहा जाता है। दिल्ली का एक और सबसे लोकप्रिय स्थल कुतुब मीनार है। इसे 1199 ईस्वी में ...

Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 2

Download Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 2 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 9 Hindi B board exam and Score More marks. Here we have given Hindi B Sample Paper for Class 9 Solved Set 2. Board – Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in Subject – CBSE Class 9 Hindi B Year of Examination – 2019. Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 2 हल सहित सामान्य निर्देश : • इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ । • चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। • यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए | खण्ड ‘क’ : अपठित बोध 1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएप्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शय्या त्यागकर खुली हवा में भ्रमण करने से शरीर का अंगअंग खुलता है। इस समय उपवन, वन, खेत या नदी तट की सैर मन को अपार आनंद प्रदान करती है। शीतल ताज़ी हवा के शरीर में प्रवेश करने वाली ऑक्सीजन साँसों को ताज़गी देती है। प्रात:काल सूर्य की सुनहरी किरणें मानो स्वर्गीय संदेश लेकर धरती पर आती हैं। उनसे समस्त सृष्टि में नई चेतना का संचार होता है। इस समय वन-उपवन में पुष्प विकसित होते हैं, तड़ागों में कमल मुसकाते हैं, पेड़ों पर पक्षी चहचहाते हैं। धीमी-धीमी, शीतल, सुगंधमय पवन के झोंके हृदय में हिलोर उठाते हैं। ऐसी मोहक प्रकृति से दूर सोए रहने वाले अभागे हैं। उनका भाग्य भी उन्हीं की तरह सोया रहता है, ऐसे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। (क) समस्त सृष्टि में नई चेतना का संचार किस प्रकार होता है? (ख) ‘...

ये पहाड़ियां न होतीं तो जीना होता मुहाल जानें

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]।देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के प्रमुख शहरों को रिहायश ही नहीं बल्कि वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। पर्यावरणविद् स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती बताते हैं कि दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र में खुशहाली का कारण यह नहीं है कि यह राष्ट्रीय राजधानी है और यहां समग्र विकास हुआ है। बल्कि इसका कारण यह है कि यहां मानव के अनुकूल सभी प्राकृतिक संपदाएं भी अनुकूल हैं। दिल्ली से यमुना गुजरती है इसलिए यहां पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। राजस्थान के नजदीक होने के बावजूद भी दिल्ली में कभी रेगिस्तान की आंधियां तबाही नहीं करती क्योंकि इन धूल भरी आंधियों से बचाव करने को प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला यहां है। अरावली की हरियाली ही दिल्ली और आसपास के शहरों जैसे गुरुग्राम,फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद को भरपूर मात्रा में आक्सीजन मिलती है। स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती के अनुसार दिल्ली के विकास में अरावली का यह योगदान एक दिन का नहीं है बल्कि अंग्रेजों ने अरावली बचाने को एक ऐसा कानून बनाया हुआ है, जिसके कारण भू-माफिया की नजर कभी अरावली पर नहीं पड़ी। यह कानून है पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए)-1900, इसमें अरावली में न तो निर्माण करने और न ही पेड़ कटाई की अनुमति मिलती थी। सेव अरावली संस्था के प्रवक्ता जीतेंद्र भड़ाना बताते हैं कि हरियाणा सरकार ने विधानसभा में पीएलपीए-1900 की धारा 2,3,4,5,6 में बदलाव का संशोधन विधेयक 27 फरवरी को पारित किया है। हालांकि इस पर एक मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है बावजूद इसके सवाल यह उठता है कि 100 साल पुराने इस कानून में बदलाव क्यों किया जा रहा है। भड़ाना के अनुसार अरावली में पेड़ कटाई और निर्माण की अनुमति वाल...