Ek avatal lance prayog mein aata hai

  1. आंवला के फायदे, गुण, लाभ, नुकसान
  2. अश्वगंधा के फायदे, नुकसान व सेवन कैसे करें
  3. अशोकारिष्ट के फायदे, उपयोग, मात्रा और नुकसान
  4. Anusvaar, अनुस्वार Examples, Definition, Use, Rules
  5. रुद्राक्ष माला पहनने के फायदे


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आंवला के फायदे, गुण, लाभ, नुकसान

आंवला क्या है? भारत में हर कोई आंवला से परिचित है एवं यह सबसे प्राचीन आयुर्वेदिक औषधियों में से एक मानाजाताहै। भारत में शायद ही ऐसा कोई व्‍यक्‍ति होगा जिसने अपने जीवन में कभी आंवले का नाम न सुना हो। अपने औषधीय गुणों के कारण वैश्विक स्‍तर पर भी आंवला लोकप्रिय है। आयुर्वेदिक चिकित्‍सकों का कहना है कि आंवला आंवला के बारे में तथ्‍य: • वानस्‍पतिक नाम: फिलैंथस एंबैलिका • वंश: फिलैंथेसी • सामान्‍य नाम: भारतीय गूज़बैरी, आमलकी • संस्‍कृत नाम: धत्री, अृमता, अमृतफल • उपयोगी भाग: फल (ताजा और सूखा दोनों), बीज, छाल, पत्तियां, फूल • भौगोलिक विवरण: भारत के अलावा चीन और मलेशिया में पाया जाता है। • गुण: आंवलों को शरीर में त्रिदोष ( (और पढ़ें - • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • लिवर न केवल मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है, बल्कि यह काफी महत्वपूर्ण भी है। यदि मानव शरीर में यह ठीक तरह से कार्य न करे तो अध्यनो के अनुसार आँवले का नियमित रूप से सेवन करने से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही आँवले का उपयोगअधिक शराब का सेवन करने के कारणलिवर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को भी कम कर सकता है। (और पढ़ें – बुढ़ापा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे कोई रोक नहीं सकता परंतु आँवला इस प्रतिक्रिया की गति को मंद अवश्य कर सकता है। आँवला को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से यौवन को बनाए रखने(maintaining youth)में सहायता मिलती है। इस फार्मूले को व्यापक रूप से वैदिक काल में इस्तेमाल किया जाता था। उम्र बढ़ने का एक कारण मुक्त कणों से होने वालीक्षति भीहै। आँवलाविटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स में समृद्ध होते हैं।जो त्वचा की बनावट को पुनर्जीवित करने के साथइसे नई और चमकदार बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका न...

आटा

इसमहँगाईमेंमकानबनाओगेतोआटे-दालकाभावमालूमहोजायेगा | आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे से संबंधित प्रश्न आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ बताएं आटा-दाल का भाव मालूम होना का अर्थ है आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरा का अर्थ आटा-दाल का भाव मालूम होना का अर्थ क्या है आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का सही अर्थ है आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ बताओ आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ है आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ होगा आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ एवं वाक्य प्रयोग आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य आटा-दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग आटा-दाल का भाव मालूम होना का वाक्य आटा-दाल का भाव मालूम होना वाक्य में प्रयोग कीजिए आटा-दाल का भाव मालूम होना वाक्य बनाओ aata daal ka bhav maloom hona muhavare aata daal ka bhav maloom hona in english aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth in hindi aata daal ka bhav maloom hona ka muhavara aata daal ka bhav maloom hona ka muhavare aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth likho aata daal ka bhav maloom hona iska muhavra kya hoga aata daal ka bhav maloom hona in Hindi aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth kya hoga aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth aata daal ka bhav maloom hona muhavre ka arth bataye aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka sahi arth kya hai aata daal ka bhav maloom hona muhavare ka prayog aata daal k...

अश्वगंधा के फायदे, नुकसान व सेवन कैसे करें

Contents • 1 अश्‍वगंधा का परिचय (Introduction of Ashwagandha) • 2 अश्‍वगंधा क्या है? (What is Ashwagandha?) • 2.1 छोटी असगंध (अश्वगंधा) • 2.2 बड़ी या देशी असगंध (अश्वगंधा) • 2.3 बाहरी आकृति • 3 अनेक भाषाओं में अश्‍वगंधा के नाम (Ashwagandha Called in Different Languages) • 4 अश्‍वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits and Uses in Hindi) • 4.1 सफेद बाल की समस्या में अश्वगंधा के फायदे (Use Ashwagandha Powder to Stop Gray Hair Problem in Hindi) • 4.2 आंखों की ज्‍योति बढ़ाए अश्‍वगंधा (Ashwagandha Benefits in Increasing Eyesight in Hindi) • 4.3 गले के रोग (गलगंड) में अश्वगंधा के पत्ते के फायदे (Ashwagandha Uses to Cure Goiter in Hindi) • 4.4 टीबी रोग में अश्वगंधा चूर्ण के उपयोग (Ashwagandha Benefits in Tuberculosis (T.B.) Treatment in Hindi) • 4.5 अश्वगंधा के इस्तेमाल से खांसी का इलाज (Ashwagandha Uses in Getting Relief from Cough in Hindi) • 4.6 छाती के दर्द में अश्वगंधा के लाभ (Ashwagandha Powder Helps getting Relief from Chest Pain in Hindi) • 4.7 पेट की बीमारी में अश्वगंधा चूर्ण के उपयोग (Ashwagandha Churna Cures Abdominal or Intestinal Worms in Hindi) • 4.8 अश्‍वगंधा चूर्ण के उपयोग से कब्‍ज की समस्या का इलाज (Ashwagandha Powder Benefits in Fighting with Constipation in Hindi) • 4.9 गर्भधारण करने में अश्‍वगंधा के प्रयोग से लाभ (Ashwagandha Churna Helps in Pregnancy Problem in Hindi) • 4.10 ल्यूकोरिया के इलाज में अश्‍वगंधा से फायदा (Ashwagandha Root Benefits to Cure Leukorrhea in Hindi) • 4.11 इंद्रिय दुर्बलता (लिंग की कमजोरी) दूर करता है अश्‍वगंधा का प्रयोग (Ashwagandha Powder ...

अशोकारिष्ट के फायदे, उपयोग, मात्रा और नुकसान

अशोकारिष्ट स्त्रियों में होने वाली सभी रोगों की दवा है। इसका उपयोग • अशोकारिष्ट, एमेनोरीया (amenorrhea: absence or suppression of normal menstrual flow), मासिक का न होना, में भी असरदायक है। • जो महिलायें इनफर्टिलिटी की समस्या से ग्रसित हैं, उन्हें कुछ महीने अशोकारिष्ट का सेवन अवश्य करना चाहिए। • अशोकारिष्ट का सेवन त्रिदोष नाशक है और वात, पित्त और कफ तीनों को ही संतुलित करता है। अशोकारिष्ट, का मुख्य घटक अशोक पेड़ की छाल है। अशोक के पेड़ की छाल का प्रयोग मासिक धर्म से जुड़े सभी विकार का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह गर्भाशय को उत्तेजित करता है लेकिन संकुचन के बिना। यह गर्भ से अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है। घटक Ingredients of Ashokarishta 1 Ashoka /अशोक Saraca asoca Stem bark 4.8 kg 2 Jal पानी for decoction Water 49.152 l reduced to 12.288 l 3 Guda गुड Jaggery 9.6 kg Prakshepa Dravya: 4 Dhataki धातकी Woodfordia fruticosa Flower 768 g 5 Ajaji (shveta Jiraka) सफ़ेद Cuminum cyminum Fruit 48 g 6 Mustaka (Musta) मोथा Cyperus rotundus Rhizome 48 g 7 shunthi सूखा अदरक पाउडर Zingiber officinale Rhizome 48 g 8 Darvi (Daruharidra) दारू हल्दी Berberis aristata Stem 48 g 9 Utpala उत्पल Nymphaea stellata Fl. 48 g 10 Haritaki हरड़ Terminalia chebula Pericarp 48 g 11 Bibhitaka बहेड़ा Terminalia belerica Pericarp 48 g 12 Amalaki Emblica officinalis Pericarp 48 g 13 Amrasthi (Amra) आम की गुठली Mangifera indica। Endosperm (Beeja Majja) 48 g 14 Jiraka (shveta Jiraka) सफ़ेद जीरा Cuminum cyminum Fruit 48 g 15 Vasa Adhatoda vasica Root 48 g 16 Candana (shveta Candana)...

Anusvaar, अनुस्वार Examples, Definition, Use, Rules

बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर करें: हमारे SuccessCDs कक्षा 10 हिंदी कोर्स के साथ! Click here Anusvaar Definition, Use, Rules, Examples अनुस्वार की परिभाषा, अनुस्वार के उदाहरण • • • • • Anusvaar (अनुस्वार): इस लेख में हम अनुस्वार के बारे में जानेंगे। इस लेख में हम, अनुस्वार किसे कहते हैं? अनुस्वार का प्रयोग कहाँ किया जाता है? अनुस्वार को पंचम वर्ण में बदलने का क्या नियम है? और अनुस्वार का प्रयोग करते हुए हमें किन-किन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है? इन सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से जानेंगे Anuswar Meaning, Definition, Use, Rules, Examples for Class 9 & 10 Hindi Grammar See Video Top दूसरे शब्दों में – अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला व्यञ्जन है। इसकी ध्वनि नाक से निकलती है। हिंदी भाषा की लिपि में अनुस्वार का चिह्न बिंदु (.) के रूप में विभिन्न जगहों पर प्रयोग किया जाता है। Top Class 10 Hindi Grammar Lessons अनुस्वार का प्रयोग अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म ये पंचाक्षर कहलाए जाते हैं) के स्थान पर किया जाता है। जैसे – गङ्गा = गंगा चञ्चल = चंचल डण्डा = डंडा गन्दा = गंदा कम्पन = कंपन अब हम ये तो जान गए हैं कि अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म) के स्थान पर किया जाता है। परन्तु ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि प्रत्येक पंचाक्षर के स्थान पर (ं) अनुस्वार का प्रयोग एक समान है। ऐसे में हमें कैसे पता चले कि कौन सा अनुस्वार (ं) किस पंचाक्षर का उच्चारण कर रहा है? इसके लिए एक नियम को जानना अति आवश्यक है। अनुस्वार को पंचाक्षर में बदलने का नियम अनुस्वार के चिह्न के प्रयोग के बाद आने वाला वर्ण जिस वर्ग का होगा अनुस्वार का चिह्न उसी वर्ग के पंच...

रुद्राक्ष माला पहनने के फायदे

रुद्राक्ष क्या है? रुद्राक्ष ‘इलाओकार्पस गैनिट्रस’ पेड़ का बीज है और यह एक आध्यात्मिक साधक के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सद्‌गुरु विभिन्न तरह के मनकों और उनके लाभ के बारे में बता रहे हैं, जिनमें पंचमुखी और एकमुखी रुद्राक्ष शामिल हैं। सदगुरु: रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ का बीज है। ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय में पाए जाते हैं। अफसोस की बात यह है लंबे समय से इन पेड़ों की लकड़ियों का रेल की पटरी के नीचे बिछाने में इस्तेमाल होने की वजह से, आज देश में बहुत कम रुद्राक्ष के पेड़ बचे हैं। आज ज्यादातर रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट के कुछ इलाकों में भी ये पेड़ हैं, लेकिन सबसे अच्छी गुणवत्ता के रुद्राक्ष हिमालय में एक ऊंचाई के बाद मिलते हैं क्योंकि मिट्टी, वातावरण और हर चीज का प्रभाव इस पर पड़ता है। इन बीजों में एक बहुत विशिष्ट स्पंदन होता है। आपको कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए? एकमुखी, पंचमुखी, या और अधिक मुख वाले रुद्राक्ष? किसी मनके में एक मुख से लेकर 21 मुख तक हो सकते हैं। वे अलग-अलग उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, तो किसी दुकान से कैसा भी रुद्राक्ष खरीदकर शरीर पर धारण करना ठीक नहीं होगा। गलत तरह का रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन में खलल पैदा कर सकता है। बहुत से लोग एकमुखी को, जिसमें सिर्फ एक मुख होता है, पहनते हैं क्योंकि वह बहुत शक्तिशाली होता है। आपके खुद के कई चेहरे होते हैं। जब आपके कई चेहरे हों, और आप एकमुखी पहनते हैं तो आप मुसीबत को बुला रहे हैं। पंचमुखी रुद्राक्ष सुरक्षित होता है और यह पुरुषों, महिलाओं और बच्चों, हर किसी के लिए अच्छा है। जानिए एक मुखी रुद्...