एकादशी कब की है 2023

  1. Devshayani Ekadashi 2023:कब है देवशयनी एकादशी? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
  2. Nirjala Ekadashi 2023 Puja Vidhi and Shubh Muhurat: कब है निर्जला एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
  3. Devshayani Ekadashi 2023 Date: जानें कब है देवशयनी एकादशी? जानें समय, तिथि और महत्व
  4. When is Nirjala Ekadashi 30 or 31 May Know the exact date and shubh muhurat
  5. Ekadashi 2023 List साल 2023 में पड़ रही है कुल 26 एकादशियां देखें पूरी लिस्ट


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Devshayani Ekadashi 2023:कब है देवशयनी एकादशी? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

Devshayani Ekadashi 2023 Date: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी कहते हैं। इस साल देवशयनी एकादशी तिथि 29 जून 2023, गुरुवार के दिन है। वैसे तो साल की सभी एकादशियां भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए खास होती हैं, लेकिन देवशयनी एकादशी को सभी एकादशियों में विशेष माना गया है। मान्यता है कि इस दिन से सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु का चार महीनों के लिए निद्रा काल शुरू हो जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन से ही विष्णु जी के निद्राकाल के साथ चतुर्मास शुरू हो जाता है। इसके बाद सारे शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। इसके बाद चार माह की निद्रा के बाद कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से उठते हैं। इसके बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं देवशयनी एकादशी की शुभ और पूजा विधि के बारे में... देवशयनी एकादशी पूजा विधि • देवशयनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु का स्मरण कर उन्हें प्रणाम करें। • फिर मन ही मन 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। • इसके बाद पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें और हो सके तो पीले वस्त्र धारण करें। • इसके बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें। • पूजा में फल, फूल, दूध, दही, पंचामृत का भोग लगाएं और श्री हरि विष्णु की आरती उतारें। • दिन भर उपवास रखें और शाम के समय एक बार फिर से भगवान की पूजा कर उनकी आरती करें। व्रत कथा जरूर सुनें। • भगवान को पीली वस्तुओं का भोग लगाएं। इसके बाद फलाहार करें।

Nirjala Ekadashi 2023 Puja Vidhi and Shubh Muhurat: कब है निर्जला एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि निर्जला एकादशी का व्रत पालन करने से वैवाहिक जीवन हमेशा सुख, समृद्धि और संपन्नता से भरा रहता है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। कब है निर्जला एकादशी 2023 (Nirjala Ekadashi Kab Hai 2023) • ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 मई, दिन मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर होगा। • ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 31 मई, दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर होगा। • ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को रखा जाएगा। यह भी पढ़ें: निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi Shubh Muhurat) • निर्जला एकादशी यानी कि 31 मई के दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 6 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। • ऐसे में निर्जला एकादशी के दिन पूजा (पूजा-पाठ के नियम) के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजे से 6 बजे तक रहने वाला है। • इसके अलावा, दूसरा पूजा मुहूर्त सुबह 7 बजकर 45 मिनट से 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। निर्जला एकादशी पूजा विधि 2023 (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi 2023) • सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण पहनें। • भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए निर्जला एकादशी के व्रत का संकल्प लें। • फिर घर के मंदिर के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं। • एक चौकी लें और उस चौकी को गंगाजल से शुद्ध करें। • फिर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़ा स्वच्छ होना चाहिए। • भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति चौकी पर स्थापित करें। • भगवान विष्णु को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र धारण कराएं। • भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और माला चढ़ाएं। • इसके बाद भगवान विष्णु क...

Devshayani Ekadashi 2023 Date: जानें कब है देवशयनी एकादशी? जानें समय, तिथि और महत्व

Devshayani Ekadashi 2023 Date: हिंदू धर्म में हर एक एकादशी का विशेष महत्व है। हर साल 24 एकादशी पड़ती है जिसमें से हर मास 2 एकादशी पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) कहा जाता है। इसके अलावा इसे आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से ही भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचार भगवान शिव को देते हैं। इसी के साथ सावन शुरू हो जाते हैं। जानिए देवशयनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व। भगवान विष्णु के योगनिद्रा में जाने वाले चार मास को चातुर्मास कहते हैं। लेकिन इस साल अधिक मास पड़ने के कारण चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 माह के पड़ रहे हैं। इस दौरान मांगलिक और शुभ कामों को करने का मनाही होती है। पांच माह बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जाग जाएंगे और फिर सृष्टि का संचार करने लगेंगे। देवशयनी एकादशी व्रत का पारण (Devshayani Ekadashi 2023 Paran Time) व्रत पारण का समय- 30 जून को दोपहर 1 बजकर 48 मिनट से 4 बजकर 36 मिनट तक देवशयनी एकादशी 2023 महत्व (Devshayani Ekadashi 2023 Signification) हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन से अगले चार मास के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही मांगलिक और शुभ कार्यों में पाबंदी लग जाती है। हालांकि, पूजा-अनुष्ठान के अलावा गृह प्रवेश, वाहन-ज्वैलरी खरीदने की मनाही नहीं होती है। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर संकट दूर हो जाते हैं और पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही मोक्ष क...

When is Nirjala Ekadashi 30 or 31 May Know the exact date and shubh muhurat

Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी कब है 30 या 31 मई? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त Nirjala Ekadashi 2023: इस व्रत में एकादशी के सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल और अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. निर्जला एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है. Nirjala Ekadashi 2023 निर्जला एकादशी को सबसे शुभ और फलदायी एकादशी माना जाता है. इसे सभी 24 एकादशियों में सबसे कठिन माना जाता है. इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत को करने से वर्ष में आने वाली सभी एकादशियों के व्रत का फल मिलता है. इस दिन सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक निर्जला व्रत रखने की प्रथा है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है. निर्जला एकादशी व्रत पूजा विधि जो भक्त वर्ष में सभी एकादशियों का व्रत नहीं रख पाते हैं उन्हें निर्जला एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए. इस दिन व्रत करने से सभी एकादशियों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत में एकादशी के सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल और अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. इस व्रत से दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और समस्त पापों का नाश होता है. निर्जला एकादशी पर दान का महत्व इस एकादशी का व्रत करके अन्न, जल, वस्त्र, आसन, जूते, छाता, कम्बल और फल आदि का दान अवश्य करना चाहिए. जो भक्त इस दिन जल कलश का दान करते हैं, उन्हें वर्ष की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है. इस एकादशी का व्रत करने से अन्य सभी एकादशियों को भोजन करने के पाप से मुक्ति मिलती है और सभी एकादशियों के पुण्य का लाभ मिलता है. (Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जा...

Ekadashi 2023 List साल 2023 में पड़ रही है कुल 26 एकादशियां देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली, Ekadashi Vrat 2023 List: हिंदू कैलेंडर के अनुसार नया साल हिंदू धर्म के लिए काफी खास होने वाला है। क्योंकि इस साल की शुरुआत रविवार से हो रही है।ऐसे में सूर्य का आधिपत्य अधिक होगा। वहीं व्रत त्योहारों की बात करें, तो कई खास पर्वों के साथ एकादशी का पर्व हर साल मनाया जाता है।हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह पड़ता है जिसे अधिक मास के नाम से जानते हैं। इसी कारण इस साल 24 के बदले 26 एकादशी पड़ रही है। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में 24 एकादशियां पड़ती है। हर मास में 2 एकादशी पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को रखने के साथ विधिवत पूजा करने से सभी पापों, समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साल 2023 की पहली एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी 2 जनवरी को पड़ रही है। माना जाता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से श्री हरि विष्णु वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। साल 2023 की बात करें तो पूरी 26 एकादशी पड़ रही है। आइए जानते हैं साल 2023 में कब और कितनी एकादशी पड़ रही है। 1 फरवरी 2023, बुधवार- जया एकादशी 16 फरवरी 2023, बृहस्पतिवार- विजया एकादशी 17 फरवरी, 2023, शुक्रवार- वैष्णव विजया एकादशी 3 मार्च, 2023, शुक्रवार- आमलकी एकादशी 18 मार्च , 2023, शनिवार- पापमोचिनी एकादशी 1 अप्रैल, 2023, शनिवार- कामदा एकादशी 2 अप्रैल 2023, रविवार- वैष्णव कामदा एकादशी 16 अप्रैल 2023, रविवार- बरूथिनी एकादशी 1 मई 2023, सोमवार- मोहिनी एकादशी 15 मई 2023, सोमवार- अपरा एकादशी 31 मई 2023, बुधवार- निर्जला एकादशी 14 जून 2023, बुधवार- योगिनी एकादशी 29 जून 2023, बृहस्पतिवा...